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Friday, May 22, 2020

May 22, 2020

यदि आपका बच्चा निजी स्कुल जाता है तो ये आपके लिए जरुरी है

निचे पढने से पहले अभिभावक व रिटार्ड अधिकारी की बात जरुर सुने

स्पेशल रिपोर्ट (संजय) यदि आप अभिभावक और आपका बच्चा निजी स्कुल मे पढता है तो ये खबर आपके काम की है क्योकि आज कोरोना काल मे देश के वितीय हालात व हर घर के वितीय हालात डगमगा गये है, लेकिन बावजूद इसके हर माता पिता चाहता है कि मेरे बच्चे अच्छे से अच्छे स्कुल मे पढ़े व जीवन मे आगे पढ़े | चाहे इसके लिए माता-पिता को किसी भी हद तक संघर्ष क्यों न करना पड़े |

देश का गरीब से गरीब व अमीर से अमीर माता-पिता अपनी हैसियत से ज्यादा अच्छे स्कुल मे शिक्षा दिलवाना चाहते है, लेकिन अचानक आए कोरोना काल ने हर किसी के वितीय हालातों को हिला दिया है | इसलिए हम सबको उम्मीद बंधी की इन हालातों मे निजी संस्थान हमारी समस्या को समझेगे या सरकार समस्या को समझ कोई उचित कदम उठाएगी | लेकिन अब तक उठाए गये कदम ऊट के मुह मे जीरे समान तो है ही लेकिन वो कदम भी जमीनी स्तर पर होते नजर नही आ रहे |

अधिकारी ही बनते है निजी स्कूलों के प्रवक्ता 

यदि आपने ऊपर दी गई ऑडियो को पूरा सुना है तो इस बात मे कोई दो राय नही होनी चाहिय कि आज निजी स्कूलों के प्रवक्ता नेता या अधिकारी बने हुए नजर आते है | जिसका जवाब देने के लिए जरुरी है कि हम सब एक हो समस्या के स्थाई समाधान के लिए प्रयास करे तो निसंदेह हम बदलाव कर पाएगे | कुछ ऐसा ही जगह जगह देखने को आपको मिला होगा लेकिन ताजा अनुभव ये भी है

पंचकूला के सेंट ज़ेवियर स्कूल द्वारा फीस बढ़ाये जाने पर पेरेंट्स ने किया हंगामा

हम कर ही क्या सकते है 

जब भी कही इस समस्या के समाधान करने की बात आती है तो हर कोई यही कहता है कि आखिर हम कर ही क्या सकते है, लेकिन हम सबकुछ कर सकते है उसके लिए हम केवल पिछले एक महीने से प्रयास कर रहे है और आज हम इस नतीजे पर पहुचे है कि हम इस समस्या का स्थाई समाधान निकाल सकते है या निकाल रहे है या निकलता हुआ हमे नजर आ रहा है |

यदि समाधान है तो हमसे भी साँझा करे 

जब हम समाधान की बात करते है तो कहोगे की समाधान हमसे साँझा करो तो आप निचे दिए गये दो लिंक पर क्लिक करके पढ़े और यदि समझा पाए या इसके समाधान मे अपना रोल अदा करना चाहते है तो हमसे जरुर जुड़े ताकि समस्या का स्थाई समाधान किया जा सके |

नियम न मानने वाले हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ पोल-खोल अभियान -हरियाणा बुलेटिन न्यूज़

हमने किया है ये यज्ञ शरू, आप भी आहुति डालो

निजी शिक्षण संस्थान समाजसेवा या निज हित व्यवसाय


बाकि पूरी डिटेल के साथ समाधान हम अगले दस दिन मे आपसे साँझा करेगे

Saturday, May 2, 2020

May 02, 2020

यह कैसा मौसम, बसंत या पतझड़ लेखक : डॉ. गणेश कौशिक

लेखक : डॉ. गणेश कौशिक
यह कैसा मौसम,
बसंत या पतझड़
सूखे पेड़ जमीन पे ,
धाराशायी  पत्ते 
एक-एक कर गिर गए 
ये  लाशें पतझड़ की
 टूटी हुई टहनियां
 गाने की जगह रोती हैं
 जगह-जगह बिखरा रक्त 
यह बसंत या पतझड़ 
कोख  उजाड़ने वालों ।
देखो कुछ तो संबंध होते होंगे तुमसे
सम्बंध नहीं तो भाई का संबंध तो
भाई का सम्बंध तो अवश्य होगा तुमसे
 एक ही मिट्टी में जन्मे हैं हम
 एक ही आसमा की छत मिली है हमें
 एक ही सूर्य की तपन
 एक ही चंद्रमा की शीतलता मिली है
 जननी एक ही है 
फिर उजाड़ ते क्यों हो कोख
यह कैसा मौसम है ?
 पतझड़ या बसंत ।

लेखक :(  डॉ. गणेश कौशिक )
May 02, 2020

लॉकडाउन के दौरान कर्मचारीओ को वेतन पूरा मिलना चाहिय या 50 % - आपकी क्या राय है ?

लॉकडाउन के दौरान कर्मचारीओ को वेतन पूरा मिलना चाहिय या 50 % - इस विषय पर उद्योगों के संगठन सुप्रीम कोर्ट भी गये है | इसी संदर्भ मे लेखक ने निजी विचार व्यक्त किये है जो निजी कम्पनी से 23 साल से काम रहे , इन्होने यह लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजे है, आपसे भी इस विचारो को पढ़िए और राय दीजिए आखिर क्या होना चाहिय ताकि कर्मचारी और व्यापारी मे ताल मेल बना रहे -
गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020, स्थापना के लॉकडाउन के कारण बंद की वजह से अनुपस्थित के कारणकर्मचारियों को वेतन में बिना कटौती भुगतान करने के संदर्भ में 

 श्रीमान जी,  
गृहमंत्रालय (एमएचए) आदेश  दिनांक 29.03.2020 के खंड (iii) केअनुसार, "सभी नियोक्ता उद्योग, दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में हों, अपने श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान, उनके कार्य स्थान पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे, जिस अवधि के दौरान उनके प्रतिष्ठान लॉकडाउन के दौरान बंद हैं ” इसके संदर्भ में दिनांक 31 मार्च 2020 को गृहमंत्रालय (एमएचए) केआदेश दिनांक 29.03.2020 की समीक्षा करने के लिए ट्विटर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा ग्रह मंत्रीअमित शाह जी से अनुरोध किया था ! COVID 19 के कारण तथा अन्य कारणों से अर्थव्यवस्था धीमा है, और सभी उद्योग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने कर्मचारियों को पूरी मजदूरी देना संकट के समय मुमकिन तथा उचित नहीं है जहां उद्योग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैंइसके अलावा कर्मचारी / श्रमिकों अपने मूल स्थान पर जा रहे है क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें काम किए बिना पूरी मजदूरी मिल जाएगी, कर्मचारी उन उद्योगों में अपनी नौकरी में भाग नहीं ले रहे हैं जो लॉकडाउन अवधि के दौरान चल रहे हैं, जो गैर- को जन्म देते हैं। श्रम की उपलब्धता। कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने से वित्तीय संकट और श्रमकर्मचारी / श्रमिकों की अनुपलब्धता के कारण उद्योगों को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा, जिससे पूरे देश में बेरोजगारी उत्पन्न होगी जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का पतन होगा।  औद्योगिक संगठन के एसोसिएशन ने गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय सरकार को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह में जवाब देना है। यह स्थिति को और अधिक नाजुक बना देगा क्योंकि नियोक्ता कर्मचारियों को मजदूरी का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं, कई संगठनों ने भी मार्च 2020 के महीने के लिए पूर्ण वेतन का भुगतान नहीं किया है! और बिना किसी उत्पादकता के पूर्ण मजदूरी भुगतान उचित नहीं है, नियोक्ताओं द्वारा यह लॉकडाउन वित्तीय संकट के कारण स्थायी रूप से हो सकता है यदि यह लॉकडाउन नियोक्ताओं द्वारा स्थायी रूप से होगया तो क्याहोगा? एक कहानी है, मुर्गी से रोज एक अंडा मिलता है और मुर्गी का गला कभी नहीं काटता।  यदि मजदूरी भुगतान उद्योगों द्वारा किया जाता है जो वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है, तो उद्योग स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे और यदि कर्मचारियों को मजदूरी नहीं दी जाती है, तो कर्मचारियों को परेशानी होगी इसलिए तालाडाउन अवधि के लिए कर्मचारियों को वेतन @ 50% करने के आदेश करना बेहतर है।  कर्मचारी संघ अपनी आवाज भी उठाए गा यदि कोई निर्णय उनके खिलाफ आता है कर्मचारियों को मजदूरी नहीं दी जाती है, और संगठनों में काम करने के लिए भुगतान किए बिना प्रवासी श्रमिक काम पर नहीं लौटेंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों को वेतन नहीं देने के कारण संगठनों में औद्योगिक संबंध (आईआर) मुद्दे होंगे जो देश की उत्पादकता को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा, आईडीअधिनियम, 1947 की धारा 2KKK के अनुसार, छंटनी का प्रावधानहै, जो प्राकृतिक आपदा या अन्यथा के कारण रोजगार प्रदान करने में असमर्थता के कारण अपने कर्मचारियों को @ 50% वेतन बनाने की शर्त रखता है। उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए,  आपसे अनुरोध है कि गृहमंत्रालय (एमएचए) के आदेश दिनांक 29.03.2020 की समीक्षा करें और अप्रैल 2020  के महीने के लिए मजदूरी 50%  करने के लिए तुरंत संशोधित आदेश जारी करें !
सादर,
डॉक्टर आकाश तंवर 
(लेखक 23 वर्ष के अनुभव के साथ निजी कम्पनी मे कॉर्पोरेट मानव संसाधन पेशेवर है)

यदि आप लेखक, कवि या साहित्यकार है तो हमसे जुड़ने के लिए  हमे ईमेल करे hr@haryanabulletinnews.com