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Monday, April 11, 2022

April 11, 2022

गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में की बढ़ोतरी और उत्पादन में की कटौती- हुड्डा

गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में की बढ़ोतरी और उत्पादन में की कटौती- हुड्डा

With the onset of summer, the government increased electricity rates and cut production - Hooda
लंबे-लंबे पावर कट से आम आदमी परेशान, सब्जी उत्पादक किसानों को झेलना पड़ रहा है नुकसान- हुड्डा
प्रदेश के पावर प्लांट ठप कर निजी कंपनियों से महंगे रेट में बिजली खरीद रही है सरकार- हुड्डा 
हमारी सरकार बनने पर गरीब परिवारों को मुफ्त व मध्यम वर्ग को रियायती दरों पर मिलेगी बिजली- हुड्डा 

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी और उत्पादन में कटौती कर दी है। जिससे पूरे हरियाणा के लोग भारी बिजली संकट झेल रहे हैं। लंबे-लंबे पावर कट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेदड़, पानीपत, झाड़ली और यमुनानगर में 4 पावर प्लांट बनवाए थे। जबकि बीजेपी या बीजेपी-जेजेपी सरकार में एक भी प्लांट नहीं लगाया गया। ऊपर से खेदड़, पानीपत और झाड़ली पावर प्लांट की 3 इकाइयों में उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया गया। आज प्रदेश में क्षमता से बेहद कम या कहें कि नाममात्र का बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को लंबे-लंबे पावर कट और बिजली की महंगी दरों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। निजी कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर आम उपभोक्ता को ऊंचे रेट पर बेची जा रही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पावर कट की वजह से ना सिर्फ आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बल्कि लोगों के व्यापार धंधों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। किसानों को भी बिजली कटौती की वजह से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। खास तौर पर सब्जी उत्पादक किसानों को इस सीजन में बिजली की आवश्यकता होती है, ताकि वक्त पर फसलों की सिंचाई की जा सके। लगातार 2 साल से कोरोना महामारी के चलते सब्जी उत्पादक किसान भारी घाटा झेल रहे हैं। इस बार बिजली के अनियमित शेड्यूल के चलते उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए एमएसपी पर कम से कम ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग की। हुड्डा का कहना है कि इस बार पहले बेमौसम बारिश और फिर गर्मी के जल्दी आगमन की वजह से गेहूं उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस बार गेहूं का दाना लगभग 10% छोटा हुआ और उत्पादन में करीब 5 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ की कमी भी आई है। ऊपर से डीजल, पेट्रोल, खाद, दवाई, बीज और अन्य चीज़ों की महंगाई के चलते किसानी की लागत बहुत ज्यादा बढ़ी है। इसलिए किसानों को सरकारी मदद की दरकार है। किसानों को ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देकर कुछ हद तक उसके नुकसान की भरपाई हो सकती है।

हुड्डा ने कहा कि किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार को एग्रीकल्चर या हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ अधिकारियों से सलाह लेकर बिजली का शेड्यूल तय करना चाहिए। साथ ही किसानों के लिए बिजली आपूर्ति को 8 से बढ़ाकर 10 घंटे किया जाना चाहिए। अपने बयान में हुड्डा ने दोहराया कि भविष्य में कांग्रेस सरकार बनने पर गरीब परिवारों को मुफ्त व मध्यम वर्ग को रियायती दरों पर बिजली दी जाएगी।
April 11, 2022

हरियाणा, दिल्ली- NCR के लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार, इस दिन बारिश की संभावना !

हरियाणा, दिल्ली- NCR के लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार, इस दिन बारिश की संभावना 

नारनौल :  हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी अप्रैल के पहले पखवाड़े में ही लोगों को जमकर परेशान करने लगी है। अनेकों स्थानों पर अधिकतम तापमान 45.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही चल रहा है। दोहपर के समय लू चलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगा है। गर्मी के कारण पावर कट भी लोगों को जमकर परेशान कर रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी एग्रीकल्चर फील्ड में बिजली की डिमांड नहीं है। यह डिमांड शुरू होने के बाद गर्मी के मौसम में लोगों को पावर कटों का ज्यादा सामना करना पड़ेगा। 12 अप्रैल की रात से बदलेगा मौसम राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डाक्टर चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले दो दिनों में ये पसीना और उमस भरी गर्मी का सिलसिला जारी रहेगा। उसके बाद हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव और बढ़े हुए तापमान से राहत मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। 12 अप्रैल की रात से हिमालयी क्षेत्र में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावनाएं बन रही हैं जिसकी वजह से पश्चिमी पाकिस्तान और पंजाब पर एक प्रेरित चक्रवातीय सर्कुलेशन बनने जा रहा है। इस कारण हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और पंजाब के साथ ही उत्तरी हरियाणा में पंचकूला, कालका, यमुनानगर, चंडीगढ़ और अम्बाला आदि के सिमित स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना बन रही हैं और हवाओं की दिशा दक्षिणी पूर्वी यानि विपरीत पवनों के मेल से शेष हरियाणा में अधिकतर स्थानों पर आंशिक बादलवाही देखने को मिलेगी। कुछ स्थानों पर इस दौरान 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ कुछ स्थानों पर अंधड़ आंधी चलने की संभावना बन रही है।  सबसे राहत की बात यह है कि राजस्थान और गुजरात पर बना प्रति चक्रवातीय सर्कुलेशन कमजोर पड़ने की संभावना बन रही है, जिसकी वजह से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में ( आंशिक रूप से ) कुछ समय के लिए आफ़त वाली प्रचंड गर्मी और हीट वेव से राहत मिलती नजर आ रही है और दिन और रात के तापमान में 3.0 डिग्री सेल्सियस से 4.0 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज की जाएगी‌। प्रति चक्रवातीय सर्कुलेशन से सम्पूर्ण इलाके में नमी नदारद थी उसमें भी चक्रवात से बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। रविवार को भी सूबे में दिन भर हीट वेव लू और भीषण आग उगलती गर्मी का अहसास और आलम आमजन को रहा। इसके अलावा पश्चिमी दक्षिणी और दक्षिणी पूर्वी हरियाणा के अधिकतर स्थानों पर भीषण और प्रचण्ड गर्मी का तांडव के साथ गंभीर और तीव्र हीट वेव लू का कहर और प्रभाव देखने को मिला जिसकी वजह से भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही इन इलाकों में रैड और ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी जारी कर दी थी। इसके अलावा रविवार को अनेकों स्थानों पर दिन और रात के तापमानों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पानीपत में न्यूनतम तापमान यानि रात्रि का तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि सोनीपत का दिन का यानि अधिकतम तापमान 46.0 दर्ज किया गया।  हीट स्ट्रोक का खतरा डाक्टरों के अनुसार इस मौसम में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। लू की चपेट में आकर लोग बीमार हो जाते हैं। ऐसे में लोगों के लिए सावधानी बरतना जरूरी होता है। ड्राई हीट के दौरान लोगों को व्यायाम करने से बचना चाहिए। अत्यंत आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय छाता साथ रखें। अधिक से अधिक पानी पीकर घर से बाहर निकलें। इससे डी-हाईड्रेशन की स्थिति से बचा जा सकता है। उल्टी या चक्कर आने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अत्यधिक बुखार को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। 
रविवार को हरियाणा के जिलों का तापतान सोनीपत 46.0°c, हिसार 45.3°c, फरीदाबाद 45.2°c, सिरसा 44.9°c, बालसमंद 44.0°c, गुड़गांव 43.8°c, नारनौल 43.6°c, सिरसा 43.2°c, जींद 43.0°c, महेंद्रगढ़ 42.9°c, मानेसर 42.6°c, हिसार 42.5°c, झज्जर 42.4°c, रोहतक 41.9°c, कैथल 41.1°c, अंबाला 40.6°c, चंडीगढ़ 40.1°c, पंचकुला 39.4°c स्त्रोत भारतीय मौसम विभाग

Sunday, April 10, 2022

April 10, 2022

MSP से ज्यादा रेट पर गेहूं खरीद रहे आढ़ती, सरसों भी कर रही मौज, जानिए नए दाम

MSP से ज्यादा रेट पर गेहूं खरीद रहे आढ़ती, सरसों भी कर रही मौज, जानिए नए दाम
 रेवाड़ी : किसानाें की फसल कटते ही अनाज मंडी में गेहूं की आवक होने लगी है। परंतु ओपन मार्केट में रेट ज्यादा होने के कारण सरकारी एजेंसियों को गेहूं का एक दाना भी नहीं मिल रहा। आढ़ती प्रति क्विंटल एमएसपी से 55 रुपये ज्यादा में गेहूं की खरीद कर रहे हैं। अच्छा दाम मिलने के कारण किसानों को गेहूं की बिक्री में ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। वहीं सरसों भी 66 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है। अभी तक मंडी में गेहूं की आवक रफ्तार नहीं पकड़ पाई थी। शनिवार को आवक तेज हो गई। सोमवार से गेहूं की आवक और बढ़ने की उम्मीद है। मार्केट रेट कम होने का नाम नहीं ले रहे, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। ऐसा माना जा रहा था कि गेहूं की आवक बढ़ने के बाद इसके मार्केट रेट में कमी आ सकती है, परंतु फिलहाल ऐसा नजर नहीं आ रहा। गेहूं के मार्केट रेट 2080 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं। गेहूं की गांवों में ही बिक्री ज्यादा हो रही है। परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार भी खेतों में ही किसानों का गेहूं एमएसपी या इससे अधिक रेट पर खरीद रहे हैं। इससे किसानों को मंडी तक गेहूं ले जाने के झंझट से छुटकारा मिल रहा है। इससे उनका खर्च भी कम हो रहा है।  फसल निकालने पर जोर गेहूं की कटाई का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। तापमान बढ़ने के कारण फसल कटाई के साथ ही गेहूं निकालने के लायक जल्द हो जाता है। किसानों ने अब गेहूं निकालने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है, जिससे गेहूं की आवक भी बढ़ने लगी है। अगले दो-तीन दिनों में मंडियों की आवक काफी बढ़ने की संभावनाएं हैं। सरसों में भी नरमी नहीं मंडी में सरसों के दामों में भी कमी नहीं आ रही है। सरसों 66 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है, जिससे सरसों उत्पादक किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। गांवों में बड़े किसानों ने सरसों का भंडारण करना शुरू किया हुआ है। उन्हें उम्मीद है कि गत वर्ष की तरह इस बार भी दिवाली के आसपास सरसों के भाव बढ़ेंगे।
April 10, 2022

70 किसानों की 150 एकड़ गेहूं की फसल राख:जींद के गांव कालवन में खेतों में लगी भयंकर आग, दमकल विभाग की 2 गाड़ियों ने पाया काबू

70 किसानों की 150 एकड़ गेहूं की फसल राख:जींद के गांव कालवन में खेतों में लगी भयंकर आग, दमकल विभाग की 2 गाड़ियों ने पाया काबू

जींद : हरियाणा के जींद में नरवाना के गांव कालवन में रविवार को गेहूं के खेतों में आग लग गई। इसकी सूचना मिलते ही टोहाना से दमकल विभाग की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 70 किसानों की 150 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल राख हो चुकी थी।
गेहूं के खेतों में लगी आग।

गांव कालवन में रविवार दोपहर को खेतों में गेहूं की खड़ी फसल में आग लग गई। हवा की गति तेज होने के कारण आग फसल में फैलती चली गई और विकराल रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने आग लगे होने की सूचना दमकल विभाग तथा पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही टोहाना से दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कुछ देर बाद आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी। 70 किसानों की 150 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल स्वाह हो गई थी।

Tuesday, April 5, 2022

April 05, 2022

तालु सिवाड़ा माइनर टूटी:अब 45 दिन बाद मिलेगा खेतों को पानी, 6 गांवों की 457 हेक्टेयर खेती रह गई प्यासी

तालु सिवाड़ा माइनर टूटी:अब 45 दिन बाद मिलेगा खेतों को पानी, 6 गांवों की 457 हेक्टेयर खेती रह गई प्यासी

Palau Siwara Minor broken: Now after 45 days the fields will get water, 457 hectares of cultivation of 6 villages left thirsty
तालु सिवाड़ा माइनर टूटी
हिसार : सुंदर ब्रांच नहर से निकली तालु-सिवाड़ा लिंक माइनर ओवरफ्लो हो कर कुंगड़ तालु के बीच तालु के खेतों में टूट गई। माइनर सुंदर ब्रांच नहर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर टूटी है। सुबह खेत संभालने के लिए एक किसान खेत में गया तो माइनर टूटी देख अन्य किसानों को इसकी जानकारी दी और समय रहते किसानों ने सूझबूझ दिखाते हुए तालु-सिवाड़ा लिंक माइनर का पानी सुंदर ब्रांच नहर से शटर डाउन कर बंद कर दिया। इसके बावजूद मात्र एक घंटे में रामचंद्र, अमन, रामफल शर्मा, सोनू, सत्यवान, रामफल, सोनू प्रकाश, राजा, रामपाल व रामबीर की 25 एकड़ गेहूं की फसल पानी में डूब गई।

पानी में डूबी गेहूं की फसल दिन में हवा चलने से बिछ गई है। ऐसे में किसानों को अब गेहूं खराबे का डर भी सताने लगा है। वहीं माइनर टूटने की जानकारी किसानों ने विभाग के अधिकारियों को रात को ही दे दी थी। मगर किसानों के अनुसार मौके पर विभाग का कोई अधिकारी नहीं आया। विभाग ने मजदूरों को भेज कर तालु सिवाड़ा लिंक माइनर की दस फीट की दरार को पाटने का काम शुरू किया।
दरार पाट कर दोपहर पौने एक बजे सुंदर ब्रांच नहर से माइनर में पानी को छोड़ दिया गया है। तालु सिवाड़ा लिंक माइनर से सिंचाई के लिए कुंगड़, सिवाड़ा, पुर, तालु, जाटू लोहरी व मंढाणा की लगभग 3200 हेक्टेयर कृषि भूमि जुड़ी हुई है। ऐसे में इन गांवों के किसान सरसों के खेत को खाली कर कपास की बिजाई के लिए नहरी पानी का इंतजार कर रहे थे। मगर कुंगड़ में माइनर टूटने से सैंकड़ों किसानों को 40 दिन बाद मिलने वाला नहरी पानी नहीं मिला, जिस कारण उनकी खेती प्यासी रह गई।

*पानी ना मिलने से कपास बिजाई पर पड़ेगा असर*

किसानों ने बताया कि तालु सिवाड़ा लिंक माइनर में 40 दिन बाद 24 मार्च को पानी आया था। माइनर टूटने के कारण रात दस बजे से दोपहर 1:00 बजे तक माइनर में पानी बंद रहा। इससे गांव कुंगड़, सिवाड़ा, तालु, पुर, जाटू लोहरी व मंढ़ाणा के सैंकड़ा किसानों की करीब 457 हेक्टेयर खेती सिंचाई से वांछित रह गई है। इन खेतों को पानी न मिलने के कारण इसका सीधा असर कपास बिजाई पर पड़ेगा। माइनर में पानी एक सप्ताह के लिए ही छोड़ा गया है। इसके बाद 40 दिन बाद यानि मई माह का आधा महीना निकलने के बाद इस माइनर में पानी छोड़ा जाएगा।

*साढ़ेे 5 घंटे करते रहे विभाग का इंतजार*

खासकर सिवाड़ा, तालु, पुर, जाटू लोहरी व मंढ़ाणा के किसान कुंगड़ में पहुंच कर साढ़े 5 घंटे सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों का इंतजार करते रहे। किसान राम्मेहर, निवासा, कपूरा, सतपाल ने कहा कि उन्हें इस वक्त खेत में सिंचाई के लिए नहरी पानी की आवश्यकता है। क्योंकि नहरी पानी के दम पर ही वे कपास बिजाई की उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस बार समय पर नहर में पानी आया है तो व समय रहते कपास की बिजाई कर सकेंगे। मगर माइनर टूटने के साथ साथ उनकी उम्मीदें भी टूटी हैं। अगर विभाग सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंच माइनर को पाट इसमें पानी छोड़ देता तो बहूत से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता।

*माइनर का जलस्तर बढ़ गया था*

सिंचाई विभाग के एसडीओ जोगेंद्र सिंह ने बताया कि तालु सिवाड़ लिंक माइनर टूटने की जानकारी उन्हें मिल गई थी। सुंदर ब्रांच नहर में 900 क्यूसेक की बजाए सवा 1100 क्यूसेक पानी होने से तालु सिवाड़ा लिंक माइनर के पानी का स्तर भी बढ़ गया था, चूहों के बिल से बने रिसाव के कारण जिस कारण माइनर टूट गई थी। उन्होनें मजदूरों को भेज कर माइनर में आई दरार का भरार को भरवा दिया है।

*रामचंद्र के खेत में दूसरी बार टूटी माइनर*

किसान रामचन्द्र ने बताया कि विभाग की लापरवाही के कारण उसके खेत में दूसरी बार माइनर टूटी है। एक साल पहले भी यहीं से इस माइनर में दरार आ गई थी, जिसे विभाग का इंतजार कर खूद ही पाटने का काम किया था। ऐसे में अब फीर से उसी जगह से ये माइनर दोबारा टूटी है, जिससे 10 एकड़ गेहूं की फसल में तीन फीट तक पानी भर गया है। रामचंद्र ने बताया कि इसकी जानकारी सुबह आठ बजे ही विभाग को दे दी थी। मगर विभाग का दस्ता माइनर को पटने के लिए 11 बजे के करीब पहुंचा। इस नुकसान की भरपाई के लिए रामचंद्र व अन्य किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग उठाई है।

Friday, November 19, 2021

November 19, 2021

मोदी ने अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए लिया कृषि बिल वापसी का फैसला

मोदी ने अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए लिया कृषि बिल वापसी का फैसला:- कमांडो रामेश्वर श्योराण पश्चिमी जोन संगठन मंत्री और प्रवक्ता आप हरियाणा

हिसार : पिछले लगभग एक साल से किसान दिल्ली बॉर्डर के चारों तरफ सडकों पर अपने हकों की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे है।  आज सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल वापिस लेने का ऐलान कर दिया किसानों से माफी मांगी और इसी महीने के अंत में होने वाले शीत कालीन सदन में इनको वापिस वापिस कर लेंगे।    किसान आंदोलन में लगातार संघर्ष करने वाले कमांडो श्योराण ने कहा कि जब किसान अपनी मांग के लिए दिल्ली की तरफ चले तो केंद्र सरकार ने किसानों पर बड़े हत्याचार किए थे। जो माफी लायक नहीं है।
किसानों को आतंकवादी, पाकिस्तानी,जैसे शब्दों की संज्ञा दी गई तो कभी आन्दोलनजीवी कहा गया केंद्र सरकार और हरियाणा की गठबंधन सरकार ने हमेशा किसानों के साथ हठधर्मिता से निर्णय लिया, लेकिन हम अन्नदाता अपना बड़ा दिल दिखाते हुए मोदी को माफ करेंगे। लेकिन जब तक कृषि बिल वापसी का नोटिफिकेशन जारी नहीं होता है। और MSP गारंटी कानून नहीं बनता है। साथ ही किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापिस नहीं होते हैं। हम घर वापसी नहीं करेंगे। आम आदमी पार्टी हमेशा अन्याय के विरोध में आम जनता के साथ खड़ी है।

Friday, July 9, 2021

July 09, 2021

कृषि-किसानों के लिए CM खट्टर का बड़ा ऐलान, देखें क्या फैसला लिया?

कृषि-किसानों के लिए CM खट्टर का बड़ा ऐलान, देखें क्या फैसला लिया?

चंडीगढ़ : इस बार झमाझम मानसूनी बारिश में देरी हो रही है| गर्मी से बेहाल लोग आकाश की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि कब बदरा बरसेंगे| वहीं, सबसे ज्यादा दिक्कत ऐसे में किसानों को है धान की बुहाई का समय है और बारिश धोखा दे रही है| बरहाल, इस बीच हरियाणा सरकार ने अपने प्रदेश के किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उन्हें बड़ी राहत दे दी है| सीएम खट्टर ने ऐलान किया है कि प्रदेश के किसानों को मानसूनी बारिश आने तक बिजली 8 घंटे की जगह 10 घंटे दी जाएगी| यानि अब रोजाना कृषि के लिए किसानों को दो घंटे अतरिक्त बिजली मिलेगी|
*गन्नौर में 550 एकड़ में सबसे बड़ी मंडी…..*
इधर, हरियाणा में गन्नौर में 550 एकड़ में सबसे बड़ी मंडी बनने जा रही है। प्रदेश कृषि मंत्री जे. पी. दलाल ने कहा कि हम हरियाणा के गन्नौर में 550 एकड़ में एशिया की सबसे बड़ी मंडी बनाने जा रहे हैं जिसमें हजारो करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा। मंडियां समाप्त करने का एक दुष्प्रचार है। सवाल ही नहीं पैदा होता की कोई मंडी बंद हो जाए।

Friday, June 4, 2021

June 04, 2021

सरकार माने या ना माने लेकिन 2024 में किसानों को नहीं करना पड़ेगा आंदोलन-राकेश टिकैत

-सरकार माने या ना माने लेकिन 2024 में किसानों को नहीं करना पड़ेगा आंदोलन-राकेश टिकैत

-भाजपा वालों की आत्मा व जमीर दोनों मर चुके हैं-गुरनाम सिंह चढूनी

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के समझाने पर उझाना गांव के किसान ने समाप्त किया अपना तप



जींद /नरवाना ( संजय कुमार ) भारतीय जनता पार्टी को जो हाल पश्चिम बंगाल में हुआ वहीं हाल उत्तर प्रदेश भी होगा। क्योंकि जब चुनाव होगा तो किसान प्रत्यासियों के पास जाएगें। जो प्रत्यासी सरकार के पक्ष में रहेगा वो किसान व मजदूरों से जाएगा और किसानों के पक्ष में होगा किसान आंदोलन की ताकत उसके साथ होगी। इसलिए जिस भी पार्टी के घोषणा पत्र में तीनों नए कृषि कानूनों को सही ठहराया जाएगा, किसान उसका सुपड़ा साफ करने का काम करेगें। यह चेतावनी संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उझाना गांव में आयोजित सम्मान समारोह के  दौरान दी। उन्होंने कहा कि जो नेता हमसे डरे हुए हैं। हमें उनके पिछे नहीं भागना है। लेकिन जब वे अपनी राजनीति चमकाने का काम करें तो उसका विरोध भी जरूरी है। टिकैत ने कहा कि यूपी के पंचायतों के चुनाव में जो हाल भाजपा वालों का हुआ है। उससे भी बुरा हाल विधानसभा चुनाव में होगा। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने रणनीति तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि रहीं आंदोलन की सफलता की बात तो किसान सफल होने तक आंदोलन करेगें और हमें विश्वास है कि 2024 के बाद किसान आंदोलन नहीं करेगें, क्योंकि तब तक तीनों नए कृषि कानून रद्द होगें और एमएसपी पर गांरटी कानून बनकर तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि उझाना गांव में पिछले 6 दिनों से आग के दूनों के बीच बैठकर तप रहा था। जिसे मनाने संयुक्त किसान मार्चा के सदस्य उझाना गांव में पहुंचे थे और किसान नेताओं ने तपस्वी किसान को मना भी लिया। इसके बाद रामभज के हौंसले की मिशाल दी और उन्हे पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। इससे पहले तपस्वी किसान को कंधों पर बैठाकर तप स्थल से मंच तक लाया गया। किसान रामभज ने कहा कि हम किसान शांति से आंदोलन चला रहे हैं लेकिन सरकार हमें कदम कदम पर तंग करती है। जिससे तंग आकर उसने तप शुरू किया था। लेकिन किसान आंदोलन के चलते संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश का पालन करना मेरे के लिए सर्वोपरी है। इस मौके पर उझाना खाप के पदाधिकारियों सहित आसपास गांवों के लोग उपस्थित रहे। किसान नेता सत्यवान नैन, आजाद पालवां, सिक्किम, राजेश अम्बरसर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। उझाना गांव के लोगों द्वारा समारोह में पहुंचे सभी नेताओं को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।

-हरियाणा निभा रहा छोटे भाई की भूमिका- दलेवल

आंदोलन में हरियाणा निभा रहा है छोटे भाई की जिम्मेदारी:-किसान नेता जगजीत दलेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन जब पंजाब से शुरू हुआ तो हरियाणा के रास्ते दिल्ली की तरफ बढा तो पंजाब व दिल्ली के बीच बसे हरियाणा के किसान मजदूरों ने पंजाब के छोटे भाई जिम्मेदारी निभाते हुए पंजाब के साथ दिल्ली कूच किया और रास्ते में आने वाली हर बाधा को हटाने का काम किया। दलेवाल ने कहा कि हरियाणा के लोग गुस्से में जल्दी आते हैं। इसिलिए नेता जानबूझ हरियाणा के किसानों इलाकों में आकर किसानों को उकसाते हैं। लेकिन हमें धैर्य नहीं खोना है क्योंकि हमारी गुस्से का फायदा सरकार उठा सकती है। इसलिए जिस तरह 6 महिने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला आगे भी इसी प्रकार चलाते रहें।

-भाजपा का जमीर व आत्मा मर चुकी है- गुरनाम सिंह चढूनी 

 किसान आंदोलन के चलते हमारे 100-100 साल के बुजुर्गों पर सरकार द्वारा लाठियां बरसाकर उन्हे लहुलुहान किया जा रहा है। जिससे साफ हो जाता है कि भाजपा की आत्मा व जमीर दोनों मर चुके हैं। लेकिन हमारे बुजुर्गों का इतना हौंसला है कि वे सरकार को अपने लठ से जवाब दे सकती है। लेकिन आंदोलन के अनुशासन के लिए किसान सरकार की लाठियां खाने के लिए भी तैयार है और सरकार को भी ये पता चल चुका है कि किसान लाठी से डरने वाला नहीं है। इसे किसी दूसरी चाल से तोड़ा जाए। चूढनी ने कहा कि सरकार के हर हथकंडे को हमें समझना पड़ेगा और उसका तोड़ निकालकर उसे तहस नहस करना पडेगा, तभी इस आंदोलन में हमारी जीत होगी।
-बदोवाल टोल प्लाजा पर भी पहुंचे राकेश टिकैत:-बदोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि हमें चुनाव के दौरान अपनी पावर दिखानी होगी। क्योंकि अब यूपी, पंजाब, उतराखंड क ई प्रदेशों में चुनाव होने वाले है। सरकार चुनाव की तैयारी करेगी दूसरी तरफ हम सरकार को सबक सिखाने की तैयारी करेगें। उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों के हितों की रक्षा करने की जिम्मेवारी हरियाणा, पंजाब व यूपी की है। इसलिए हमें हर मोर्चे पर सरकार को नाकाम साबित करना है। और मौजूदा व भविष्य में आने वाली सरकार को ये बताना है कि जो किसानों का नहीं वो कहीं का भी नहीं। टोल पर पहुंचने पर धरना कमेटी द्वारा उन्हे सम्मानित किया गया और ये आश्वासन दिया गया कि दिल्ली संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आदेश जारी करेगा हम किसान आधी रात को ही उसे पूरा करेगें।
June 04, 2021

किसानों की रिहाई को लेकर फतेहाबाद में प्रदर्शन

किसानों की रिहाई को लेकर फतेहाबाद में प्रदर्शन, विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला फूंका


फतेहाबाद : टोहाना के विधायक देवेन्द्र सिंह बबली के निवास का घेराव करने जा रहे किसानों की गिरफ्तारी से खफा किसानों ने आज फतेहाबाद में लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया और प्रशासन पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी भी की। किसानों ने विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला भी फूंका।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता मनदीप सिंह नथवान व कल्याण सिंह धांगड़ ने कहा कि किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जानबूझ कर किसानों को उकसाने का काम कर रही है। जब किसानों ने किसी भी कार्यक्रम में भाजपा व जजपा नेताओं का विरोध करने की घोषणा कर रखी है तो इन दलों के नेता जानबूझ किसानों से टकराने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक देवेन्द्र बबली ने जिस तरह से किसानों से गाली-गलौच किया गया, यह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता। देवेन्द्र बबली को किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
किसान नेताओं ने बताया कि बढ़ईखेड़ा में गत दिवस विधायक निवास का घेराव करने जा रहे 26 किसानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें फतेहाबाद के सदर थाने में लाया गया था। इसकी सूचना मिलते ही काफी संख्या में किसान सदर थाने में पहुंच गए और धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी और गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग की। इस पर रात को ही एडीसी व डीएसपी थाने में पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उक्त अधिकारियों ने किसानों को रिहा करने का आश्वासन देते हुए उन्हें सदर थाना परिसर को खाली करने को कहा।
अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान थाने के बाहर आ गए। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार 26 में से 23 किसानों को तो रिहा कर दिया जबकि तीन किसानों विकास सीसर, रवि आजाद और प्रदीप समैण को नहीं छोड़ा गया। इस पर सुबह करीब 5 बजे किसानों ने सदर थाने का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी और पुलिस कर्मचारियों न तो बाहर आने दिया और न ही अंदर जाने दिया। जब किसानों को विकास व रवि आजाद को जेल भेजे जाने व तीसरे किसान बारे कोई सूचना न देने पर रोष फैल गया और किसानों ने प्रशासन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला फूंका। सूचना मिलते ही संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के 9 सदस्यीय मैम्बर अभिमन्यु कोहाड़ भी फतेहाबाद पहुंचे और किसानों की रिहाई की मांग की। किसानों ने कहा कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ है। संयुक्त किसान मोर्चा आगे जो भी फैसला लेगा, उसी अनुसार आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस प्रदर्शन में प्रहलाद भारूखेड़ा सिरसा, ओमप्रकाश हसंगा, रविन्द्र हिजरावां, भगवंत पाल अहरवां, संदीप सिवाच, सतीश सिधानी, कर्मजीत सालमखेड़ा सहित काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
विधायक निवास घेराव मामले में इन किसानों पर हुई कार्रवाई : गांव बढ़ईखेड़ा में विधायक देवेन्द्र बबली आवास का घेराव करने के मामले में फतेहाबाद पुलिस ने 26 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में पुलिस ने विकास कुमार सीसर निवासी सिसर जिला हिसार, सतीश कुमार निवासी सिधानी, जाखल, जसपाल सिंह साधनवास, सोमवीर सिंह कन्हड़ी, मोनू गंदली खुर्द, हर्षदीप सिंह मोठ जिला हिसार, साहिल निवासी भगाना, धर्मबीर जांडली खुर्द, दीपू निवासी उमरा हिसार, जगतार तलवाड़ा, नरेश निवासी ब्याना खेड़ा हिसार, पत्रकार पवन गिल समैण, राजेन्द्र निवासी शिमला जिला कैथल, सुनील निवासी रामगढ़ पड़वा जिला कैथल, अमित निवासी श्यामसुख, रवि ब्यानाखेड़ा, दशरथ निवासी धापड़ जिला हिसार, मनदीप मलिक निवासी उमरा जिला हिसार, अमित निवासी जांडली खुर्द, सुधीर निवासी सिगवान खास, काला निवासी कनोह जिला हिसार, कुलदीप निवासी खरड़, प्रदीप निवासी समैण, अमित निवासी खेड़ी जालम, रवि आजाद निवासी बहल जिला भिवानी, दिनेश निवासी खैरमपुर जिला हिसार के खिलाफ 107/151 के तहत कार्रवाई की गई है।

Thursday, June 3, 2021

June 03, 2021

केंद्र सरकार की दिल्ली से हरियाणा में आंदोलन को शिफ्ट करवाने की चाल: राकेश टिकैत

केंद्र सरकार की दिल्ली से हरियाणा में आंदोलन को शिफ्ट करवाने की चाल: राकेश टिकैत

कहा : जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होते जारी रहेगा आंदोलन
जींद / उचाना : संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को जींद के आस-पास शिफ्ट करवाना चाहती है। दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहा किसानों का धरना वहीं पर जारी रहेगा। जो केंद्र सरकार की चाल है उसको कामयाब नहीं होने देंगे। हम दिल्ली को किसी सूरत में नहीं छोड़ेंगे। हरियाणा में आंदोलन चल रहा है। टोलों के पास आंदोलन किसान धरना देकर चला रहे है जो जारी रहेगा लेकिन दिल्ली के बॉर्डरों पर जो धरने किसान आंदोलन के चल रहे है वो यहां शिफ्ट नहीं होने देंगे।
किसानों पर दर्ज मामलों पर टिकैत ने कहा कि ये ही चाल है। ये 10 हजार किसानों पर भी मामले दर्ज कर सकते है। हम आंदोलन का मूवमेंट यहां शिफ्ट नहीं करेंगे। आंदोलन यहां पर भी चलेगा और आंदोलन वहां पर भी चलेगा। आंदोलन दिल्ली से उठ कर यहां नहीं आएगा जो केंद्र सरकार की मंशा है। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल कम से कम एक काम तो कर सकते है कि केंद्र सरकार को एक चिट्ठी तो भेज ही सकते कि हरियाणा की जनता की आवाज है जो तीनों कृषि कानून रद्द करवाना चाहती है।  
टोहाना पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि जो पकड़े गए वो हमारे ही बच्चे है वो विधायक के आवास का घेराव करने चले गए होंगे। सब आंदोलन का ही हिस्सा है वो हमारे है हम उन्हें समझाएंगे। 2022 में होने वाले यूपी के चुनाव पर टिकैत ने कहा कि कुछ माह पहले यूपी में चुनाव पंचायत के 3050 सीट पर थे इसमें से 642 सीटों पर बीजेपी जीती। जब इन्होंने कोई काम किया ही नहीं हारेंगे तो ही। गन्ने की उत्तर प्रदेश में मुख्य फसल है आज भी 23 हजार करोड़ रुपए बकाया है। 5 जून को पूरे देश में तीनों कृषि कानूनों को बने एक साल होने पर भाजपा एवं उनके सहयोगी दलों के सांसदों, विधायकों, मंत्रियों के आवास के बाहर प्रतियां तीनों कानूनों की किसान जला कर रोष प्रकट करेंगे। इस मौके पर सतबीर पहलवान, बिजेंद्र सिंधु, जयप्रकाश, हरिकेश मौजूद रहे।

Wednesday, June 2, 2021

June 02, 2021

JJP विधायक के काफिले पर किसानों ने बोला हमला

JJP विधायक के काफिले पर किसानों ने बोला हमला, निजी सचिव घायल; नेता ने पहले गाालियां निकाली फिर सफाई दी

फतेहाबाद : कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों के बीच में ही अब कुछ हिंसक लोग भी सामने आ रहे हैं। टोहाना इलाके में शाहरी चौक के पास प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों में से किसी ने विधायक देवेंद्र बबली पर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया और विधायक के निजी सचिव राधे बिश्नोई को चोट आई। मामला बढ़ने के बाद विधायक को गाड़ी से नीचे उतरना पड़ा और आपसी बहस भी हुई। इसी बीच आंदोलनकारी आक्रोशित हो गए और विधायक की तरफ बढ़ने लगे।
इसी दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों में बीच आपसी झड़प भी भी हो गई। जिसमें प्रदर्शन कर रहे तीन लोग घायल हो गए। घायलों को भी नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर मामले काे शांत करवाया। वहीं घायल को नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि शीशा टूटने के कारण विधायक के निजी सचिव को सिर में चोट लगी है। इस घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी टोहाना रोड पर इकट्ठा हो गए और जमा लगा दिया।
जानकारी के अनुसार जिले में मंगलवार को दिव्यांगों को वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम शुरू किया गया। टोहाना के नागरिक अस्पताल में मुख्यातिथि के रूप में विधायक देवेंद्र बबली को पहुंचना था। इसकी खबर आंदोलनकारियों को लग गई। किसान अस्पताल के बाहर खड़े हो गए। जब विधायक आए तो किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। वहीं बताया जा रहा है कि जब विधायक अपनी गाड़ी से वापस आ रहे थे तो एक जिप्सी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। इस दौरान किसी ने विधायक पर जानलेवा हमला कर दिया और गाड़ी पर कोई चीज दे मारी। जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया।

विधायक की अगली सीट पर बैठे निजी सचिव राधे बिश्नोई को चोट लगी जिससे विधायक भड़क गए और गाड़ी से नीचे उतरकर किसानों के साथ आपसी कहासुनी भी हुई। इसी दौरान प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और विधायक की तरफ बढ़े। जिस पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। जिससे तीन लोग घायल हो गए। घायलों को नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामला बढ़ता देख डीएसपी बिरम सिंह व पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को अलग किया।

*किसान संगठनों ने दिया धरना*
विधायक व किसानों के बीच आपसी कहासूनी की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में किसान टोहाना रोड पर पहुंच गए। उन्होंने जाम लगा दिया। विधायक के खिलाफ रोष जताया। किसानों ने कहा कि जब तक विधायक उनसे माफी नहीं मांगते तो उनके उनका धरना जारी रहेगा। वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी कारण के ही डंडे मारे है। किसानों ने कहा कि जब तक विधायक माफी नहीं मांगते और जिन्होंने डंडे मारे है उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं होगा जब तक वो धरना देंगे।

*विधायक पहले ले चुके हैं किसानों का पक्ष*
पिछले दिनों जब आंदोलनकारी धरने पर बैठे थे तो विधानसभा में विधायक देवेंद्र बबली किसानों का समर्थन कर चुके है। किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कानून रद नहीं होता है तो भाजपा व जजपा के विधायकों का गांवों व शहर में जाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन अब आंदोलनकारियों में से किसी ने उन पर हमला बोल दिया।

*ये कहना है विधायक का*
विधायक देवेंद्र बबली ने कहा कि वो कार्यक्रम में गए थे। जब वो वापस आ रहे थे जो एक जिप्सी उसके आगे लगा दी और उनकी गाड़ी को टक्कर मारी। टक्कर मारने वाले किसान नहीं हो सकते बल्कि इन किसानों को बरगलाने वाले है जिन्होंने मेरी गाड़ी को टक्कर मारी है। जिसकी शिकायत पुलिस को दी है। जिप्सी में कौन थे उन्हें कुछ पता नहीं है। वहीं किसी ने गाड़ी पर कोई चीज मारी है जिससे उसका निजी सचिव घायल हो गया।

Saturday, May 29, 2021

May 29, 2021

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन

BKU के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन, कहा- SKM की मदद करेगा नया संगठन

सोनीपत : भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया है। आज सोनीपत में बैठक के बाद किसान नेता ने संयुक्त किसान मोर्चा से इतर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाया है। इस फेडरेशन में पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि के 38 संगठनों के शामिल होने का दावा किया गया है। चढ़ूनी ने कहा कि किसान-मजदूर फेडरेशन के जरिए देशभर के सभी किसानों व संगठनों को आंदोलन से जोड़ने की कवायद की जा रही है।
बता दें कि देश में तीन नए खेती कानूनों के विरोध में दिल्ली-NCR के तीनों बॉर्डर टीकरी, सिंघु और गाजीपुर पर 28 नवंबर से लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। बुधवार को ही किसान आंदोनल को 6 महीने पूरे हुए हैं, वहीं गुरुवार दोपहर में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सोनीपत के राई में स्थित GT रोड के किनारे गोल्डन हट ढाबे में हुई बैठक में शामिल हुए। उन्होंने लंबे समय से चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा से हटकर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाने का फैसला लिया है।
*संचालन के लिए बनेगी 5 सदस्यीय कमेटी*
उन्होंने कहा कि इस फेडरेशन के जरिये देशभर के सभी किसानों व संगठनों को आंदोलन से जोड़ा जाएगा। संचालन के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाएंगे, वहीं फेडरेशन में पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि के 38 संगठन शामिल होंगे। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने यह भी दावा किया है कि किसान-मजदूर फेडरेशन असल में संयुक्त किसान मोर्चे का सहयोगी होगा। किसान-मजदूर फेडरेशन का काम स्थायी होगा। इस आंदोलन के अलावा भी किसी राज्य में कोई संगठन आंदोलन करता है तो उसका भी सहयोग किया जाएगा।
उधर, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के सही तरीके से नहीं चलने की बात उठाई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर वहां भी आंदोलन तेज करने की अपील जाएगी। बैठक में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने भी इस बैठक में शिरकत की। गुरनाम सिंह चढूनी के फैसलों पर सहमति भी जताई। दूसरी ओर यह बात भी ध्यान देने वाली है कि उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच कई बार खटपट हो चुकी है।

Tuesday, May 25, 2021

May 25, 2021

किसान बोले- इनके समर्थकों से भी नहीं करेंगे शादी-ब्याह, सब रिश्ते खत्म

BJP और JJP का अब घर-घर बहिष्कार! किसान बोले- इनके समर्थकों से भी नहीं करेंगे शादी-ब्याह, सब रिश्ते खत्म

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) कोई ये नहीं समझे कि किसान आंदोलन अब समाप्त हो चुका है। केंद्र की मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन अब भी जारी है और मोदी सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा भी अभी तक जारी है।
किसान संगठन अब भी अपने पूरे स्टैंड पर कायम हैं। जब तक मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ये अलग बात है कि कोरोना की दूसरी लहर में मीडिया के कैमरे अभी किसान आंदोलन से दूर है।
इसी आंदोलन के क्रम में हरियाणा के किसानों ने एक अनोखा फैसला ले लिया है। किसानों का स्पष्ट रुप से कहना है कि अब वो किसी भी घर में अपने बेटे या बेटी की शादी नहीं करेंगे जिनका संबंध भाजपा या जजपा से होगा।
हरियाणा के जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों ने यह ऐलान किया कि अब हम जब भी किसी भी घर में अपने बेटे या बेटी के रिश्ते की बात चलाएंगे, वहां सबसे पहले ये सवाल पूछेंग कि आपका परिवार कहीं भाजपा या दुष्यंत चैटाला की पार्टी जजपा का समर्थक तो नहीं!
अगर ऐसा होगा तो हम अपने बच्चों की शादी वैसे घर में नहीं करेंगे या और नहीं किसी भी प्रकार का कोई भी रिश्ता रखेंगे।
यह फैसला रविवार को हुआ। इस दौरान खटकड़ टोल प्लाजा पर खेड़ा खाप के प्रधान एवं संयुक्म किसान मोरचा के सदस्य सतबीर सिंह पहलवान ने लोगों कें बीच अपनी बात रखते हुए यह प्रस्ताव दिया और वहां मौजूद सभी लोगों से उनकी राय मांगी।
वहां लोगों ने सर्वसम्मति से सतबीर पहलवान के प्रस्ताव का समर्थन किया और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए गए।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आजाद पालवां ने बताया कि पहले हम लोगों ने ही निर्णय लिया था कि किसी भी हाल में भाजपा और जजपा के नेताओं को अपने गांव में घुसने नहीं देंगे।
इस निर्णय पर आज भी हम सब अडिग हैं। हमारे गांवों में भाजपा और जजपा के नेता नहीं घुस सकते। इसके अलावा जहां भी भाजपा और जजपा के नेता जाएंगे, उनका विरोध होगा।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करो और एमएसपी की गारंटी देनी होगी अन्यथा भाजपा जजपा के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा।
जिस प्रकार जिस व्यक्ति का हुक्का पानी बंद हो जाता है, उससे गांव का कोई भी व्यक्ति रिश्ता नहीं रखता, ठीक वैसे ही भाजपा और जजपा समर्थकों के साथ भी कोई भी रिश्ता नहीं रखा जाएगा।
May 25, 2021

हिसार में किसान आंदोलन में एक किसान की मौत, हार्ट अटैक की बताई जा रही है वजह

हिसार में किसान आंदोलन में एक किसान की मौत, हार्ट अटैक की बताई जा रही है वजह


हिसार : हरियाणा के हिसार में किसान आंदोलन के दौरान एक किसान की मौत हो गई है। मृतक किसान आज आंदोलन में आया हुआ था और हिसार के क्रांतिमान पार्क पर पहुंचा हुआ था। किसान की पहचान हिसार के उगालन गांव के रहने वाले रामचंद्र खरब के रुप में हुई है।
बताया जा रहा है कि किसान रामचंद्र आज हिसार में किसान आंदोलन में पहुंचा था। हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित होने के बाद हार्ट अटैक की वजह से किसान रामचंद्र खरब की मौत हो गई है।

हिसार में किसानों के प्रदर्शन के बाद केस दर्ज करने के मामले में आज अलग अलग जगहों से भारी संख्या में किसान प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। किसानों ने हाल ही में 300 से ज्यादा किसानों पर दर्ज हुए केस वापस लेने की मांग की है।
आपको बता दें कि पिछले रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने सीएम का विरोध करना चाहा था जिसमें किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी हिसार पहुंच चुके हैं। सभी किसान हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हो रहे हैं। हरियाणा के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में किसान यहां पर पहुंचे हुए हैं। वहीं यहां से ही हिसार कमिश्नर के कार्यालय के घेराव के लिए किसान रवाना होंगे।
 
इस मामले में पहले दिन तो आपस में बैठक समझौता हो गया था, लेकिन एक दिन छोड़कर अगले दिन किसानों पर केस दर्ज करवाए गए। इसी से नाराज किसानों ने आज हिसार में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

इधर जिला प्रशासन ने छह जिलों से अलग अलग पुलिस के जवान और RPF की टुकड़ियां बुलाई है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पर पुख्ता बंदोबस्त किये गए हैं।

गांव में शामिल होने के लिए मुंढाल से 500, खेदड़ से 55 ट्रैक्टर सरसोद से 28 ट्रैक्टर भदावड़ से 58 ट्रैक्टर बिचपड़ी से 27 ट्रैक्टर सिवानी बोरान से 55 ट्रैक्टर बिठमड़ा से 48 ट्रैक्टर डाटा से 60 ट्रैक्टर सिसाय से 75 ट्रैक्टर धनानासे 82 ट्रैक्टर समेत अन्य बड़े-बड़े गांवों से सैकड़ों की संख्या में और भी ट्रैक्टर ट्राली हिसार के लिए रवाना हो चुकी हैं।
May 25, 2021

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

नई दिल्ली : 26 मई को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो जाएंगे। किसान संगठनों द्वारा इस मौके को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सभी किसान संगठनों से इस मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को अपने गांव के चौराहों पर आकर मोदी सरकार का पुतला दहन करने और काले झंडे लगाने की बात भी कही है।
आज हरियाणा के हिसार में खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर किए गए मुक़दमे खारिज करवाने के लिए किसान एकजुट हुए थे। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर के बाद अब हिसार में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
जब तक किसानों पर किए गए मुकदमे खारिज नहीं किए जाते। भले ही उन्हें यहां पर महीने लग जाए या फिर साल। किसान हिसार से वापस नहीं जाएंगे।
किसान नेता राकेश ने तो यहां तक कह दिया है कि वह इस किसान आंदोलन को साल 2024 तक चलाने के लिए भी तैयार है। उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। यह आंदोलन चलता रहेगा। प्रशासन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उनके साथ झूठ बोला गया है। इसलिए हम यहीं पर बैठे रहेंगे। बता दें, हिसार में सैंकड़ों किसान एकजुट हुए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है कि कोरोना काल में भीड़ इकट्ठे ना हो। इसके लिए पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार है।
दरअसल बीते 16 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिसार में एक कोविड-19 का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।
जहां पर किसानों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस और किसानों में झड़प होने की खबरें भी आई थी। इस झड़प के बाद 350 किसानों पर आईपीसी की 11 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।

Monday, May 24, 2021

May 24, 2021

हिसार में हजारों की संख्या में पहुंचे किसान, भारी पुलिस बल और RPF की टुकड़ियां तैनात

हिसार में हजारों की संख्या में पहुंचे किसान, भारी पुलिस बल और RPF की टुकड़ियां तैनात
हिसार : हरियाणा के हिसार में आज किसानों का प्रदर्शन है। आज अलग अलग जगहों से हजारों की संख्या में किसान हिसार पहुंचे हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं।
हिसार में किसानों के प्रदर्शन के बाद केस दर्ज करने के मामले में आज अलग अलग जगहों से भारी संख्या में किसान प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। किसानों ने हाल ही में 300 से ज्यादा किसानों पर दर्ज हुए केस वापस लेने की मांग की है।

आपको बता दें कि पिछले रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने सीएम का विरोध करना चाहा था जिसमें किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी हिसार पहुंच चुके हैं। सभी किसान हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हो रहे हैं। हरियाणा के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में किसान यहां पर पहुंचे हुए हैं। वहीं यहां से ही हिसार कमिश्नर के कार्यालय के घेराव के लिए किसान रवाना होंगे।

https://youtu.be/YHZ6jgtIQ5U

इस मामले में पहले दिन तो आपस में बैठक समझौता हो गया था, लेकिन एक दिन छोड़कर अगले दिन किसानों पर केस दर्ज करवाए गए। इसी से नाराज किसानों ने आज हिसार में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

इधर जिला प्रशासन ने छह जिलों से अलग अलग पुलिस के जवान और RPF की टुकड़ियां बुलाई है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पर पुख्ता बंदोबस्त किये गए हैं।

गांव में शामिल होने के लिए मुंढाल से 500, खेदड़ से 55 ट्रैक्टर सरसोद से 28 ट्रैक्टर भदावड़ से 58 ट्रैक्टर बिचपड़ी से 27 ट्रैक्टर सिवानी बोरान से 55 ट्रैक्टर बिठमड़ा से 48 ट्रैक्टर डाटा से 60 ट्रैक्टर सिसाय से 75 ट्रैक्टर धनाना से 82 ट्रैक्टर समेत अन्य बड़े-बड़े गांवों से सैकड़ों की संख्या में और भी ट्रैक्टर ट्राली हिसार के लिए रवाना हो चुकी हैं।
May 24, 2021

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला 

जींद :  हिसार कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने के लिए जींद जिले से भी काफी संख्या में किसान जाएंगे। पुलिस प्रशासन ने ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ मीटिंग कर कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए हिसार घेराव में शामिल ना होने के लिए कहा था। लेकिन किसान नेताओं ने अधिकारियों की अपील को मानने से इंकार कर दिया।
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने बताया कि 24 मई को हिसार कमिश्रर ऑफिस का घेराव करने के लिए किसान हिसार पहुंचेंगे। उनका घेराव शांतिपूर्वक होगा। अगर पुलिस उनके साथ ज्यादती करती है, तो वे भी कड़े कदम उठाएंगे। जैसा व्यवहार प्रशासन का होगा, वैसा ही उनका होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपने वायदे से मुकरे हिसार प्रशासन के खिलाफ कमिश्नर ऑफिस का घेराव किसान और मजदूर करेंगे। जो किसानों के साथ बातचीत हुई थी, उस बातचीत में हुए समझौते के बाद भी प्रशासन ने विभिन्न धाराओं के तहत किसानों पर मामले दर्ज किए। अगर सोमवार को कमिश्नर कार्यालय के घेराव के बावजूद भी किसानों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए, तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
किसान घेराव के लिए चंडीगढ़ जा सकते हैं। प्रदेशभर में थानों का घेराव करने व विधायक और सांसदों के आवासों का घेराव करने का भी फैसला लिया जा सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जो फैसला लेंगे, उसी के अनुसार किसान आगे बढ़ेंगे। खटकड़ टोल पर रविवार को किसान नेताओं ने घेराव को लेकर रणनीति बनाई और फैसला लिया गया कि उचाना के हर गांव से किसान गाड़ियों से हिसार जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हिसार में सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम पूरी तरह से किसान, जवान को लड़वाने का षड्यंत्र था। सीएम हिसार से जा चुके थे। लेकिन सीएम के जाने के बाद भी वहां पर बैरिकेडिंग की गई थी, जैसे सीएम अभी गए नहीं हो। प्रशासन किसानों को ये समझाने में फेल रहा कि सीएम जा चुके है। किसानों को सीएम का विरोध करना था। इसलिए किसान हिसार गए थे। प्रशासन ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले फैंके। महिलाओं पर लाठीचार्ज किया।
 

Saturday, May 22, 2021

May 22, 2021

किसान को थमा दिए 10-10 रुपए के 17 हजार के सिक्के

किसान को थमा दिए 10-10 रुपए के 17 हजार के सिक्के 

पहले जमा कराने को कहा, अब खड़े कर दिए हाथ


जींद / सफीदों : बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा एक अजीबोगरीब कारनामा किया गया है। मामला हरियाणा में जींद जिले के सफीदों में सामने आया। शहर में महात्मा गांधी रोड पर बैंक की शाखा है। जहां एक किसान को 10-10 रुपए के 17 हजार रुपए के सिक्के थमा दिए गए और अब वापस जमा करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। पीड़ित किसान ने प्रशासन और बैंक अधिकारियों को मामले की शिकायत देकर इंसाफ देने और कार्रवाई करने की मांग की है।

पीड़ित किसान गांव मलार निवासी वजीर ने बताया कि उसकी फसल की करीब एक लाख रुपए की पेमेंट बैंक में आई थी। वह पेमेंट निकलवाने गया तो बैंक ने उसे 17 हजार रुपए के 10-10 रुपए के सिक्के थमा दिए। उसने कहा कि वह इनका क्या करेगा तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अभी ले जाए। अगर नहीं चलते तो बैंक में वापस जमा कर देना।
काफी कोशिशों के बाद भी इतने सिक्के किसी ने नहीं लिए तो वह बैंक में जमा कराने आया। लेकिन बैंक कर्मियों ने कहा कि वह एक साथ इतने सिक्के जमा नहीं कर सकते। हर रोज 1000 के सिक्के जमा कराएं। उसने कहा कि कोरोना काल चल रहा है और सख्ती के कारण रोज आना-जाना संभव नहीं। हर रोज 1000 जमा कराने यानी उसे लगातार 17 दिन आना पड़ेगा।
किसान ने बताया कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है और न ही बैंक में कोई सहयोग कर रहा है। इसलिए उसने अधिकारियों को मामले की शिकायत दी है।