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Tuesday, May 25, 2021

May 25, 2021

क्या सुशील कुमार को रेलवे की नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा?

क्या सुशील कुमार को रेलवे की नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा?

नई दिल्ली :  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से रविवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी से गिरफ्तार किए गए दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के लिए मुसीबत और भी बढ़ गई है, क्योंकि भारतीय रेलवे में उनकी नौकरी भी अब अधर में लटकी हुई है। सुशील कुमार, भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं और छत्रसाल स्टेडियम में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के तौर पर तैनात हैं, जहां अभ्यास करने वाले एक पहलवान की हत्या होने के बाद विवाद पैदा हो गया था।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, दिल्ली सरकार से पत्र मिलने के बाद हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
सुशील कुमार को उसके सहयोगी अजय कुमार के साथ रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया था, जो चार मई को यहां छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के बाद पहलवान सागर धनखड़ की मौत के बाद कई राज्यों में 18 दिनों से फरार चल रहे थे।
धनखड़ ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, कुमार को पकड़ने के लिए पुलिस पूरा जो लगा रही थी और इन 18 दिनों के दौरान सुशील ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की यात्रा की थी।
आखिरकार रविवार सुबह दिल्ली के मुंडका इलाके से उसे गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह कुछ नकदी लेने आया था और राष्ट्रीय स्तर के एक खिलाड़ी से स्कूटी भी ली थी। दिल्ली पुलिस ने कुमार पर एक लाख रुपये और उसके सहयोगी अजय पर 50,000 रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी।
स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक, कुमार ने शहर में कुश्ती जगत के पहलवानों को डराने के लिए मोबाइल फोन पर धनखड़ की पिटाई की रिकॉडिर्ंग भी करवाई थी। कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने छह दिन की हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि कुमार ने अपने दोस्त प्रिंस से धनखड़ की पिटाई का वीडियो बनाने को कहा था। पुलिस ने अदालत को सूचित किया, वह दिल्ली में कुश्ती समुदाय में डर पैदा करना चाहता था।
कुमार ने 18 मई को नई दिल्ली की रोहिणी अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
4 मई को छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों के दो समूह आपस में भिड़ गए थे, जिससे 23 वर्षीय धनखड़ की मौत हो गई, क्योंकि वह विवाद के दौरान घायल हो गया था। दिल्ली की अदालत ने कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) भी जारी किया था।
दिल्ली पुलिस ने कुमार के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया था, जिन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में 66 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता था।
May 25, 2021

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

नई दिल्ली : 26 मई को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो जाएंगे। किसान संगठनों द्वारा इस मौके को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सभी किसान संगठनों से इस मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को अपने गांव के चौराहों पर आकर मोदी सरकार का पुतला दहन करने और काले झंडे लगाने की बात भी कही है।
आज हरियाणा के हिसार में खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर किए गए मुक़दमे खारिज करवाने के लिए किसान एकजुट हुए थे। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर के बाद अब हिसार में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
जब तक किसानों पर किए गए मुकदमे खारिज नहीं किए जाते। भले ही उन्हें यहां पर महीने लग जाए या फिर साल। किसान हिसार से वापस नहीं जाएंगे।
किसान नेता राकेश ने तो यहां तक कह दिया है कि वह इस किसान आंदोलन को साल 2024 तक चलाने के लिए भी तैयार है। उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। यह आंदोलन चलता रहेगा। प्रशासन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उनके साथ झूठ बोला गया है। इसलिए हम यहीं पर बैठे रहेंगे। बता दें, हिसार में सैंकड़ों किसान एकजुट हुए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है कि कोरोना काल में भीड़ इकट्ठे ना हो। इसके लिए पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार है।
दरअसल बीते 16 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिसार में एक कोविड-19 का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।
जहां पर किसानों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस और किसानों में झड़प होने की खबरें भी आई थी। इस झड़प के बाद 350 किसानों पर आईपीसी की 11 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।

Sunday, May 23, 2021

May 23, 2021

अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ बोलकर फंसे रामदेव! IMA ने कहा- नफ़रत फैला रहे हैं, इनपर केस दर्ज हो

अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ बोलकर फंसे रामदेव! IMA ने कहा- नफ़रत फैला रहे हैं, इनपर केस दर्ज हो

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से लड़ने में स्वास्थ्य विभाग हर संभव तरीके से लगा हुआ है। देश के तमाम डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स सीमित संसाधनों और भारी-भरकम मानसिक दबाव के बीच काम कर रहे हैं।
ऐसे में रामदेव ने एलोपैथी के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों के मनोबल को तोड़ने वाला बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है।
रामदेव इस वीडियो में साफ साफ कहते नजर आ रहे हैं कि,
“लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। जितने लोगों की मौत हॉस्पिटल ना जाने की वजह से हुई है, ऑक्सीजन ना मिलने के वजह से हुई है, उससे ज्यादा मौतें एलोपैथी की दवाइयां खाने से हुई हैं।”
बाबा रामदेव के इस बयान के आने के बाद से डॉक्टरों के मन में जायज़ गुस्सा है।
नई दिल्ली के VMMC और सफदरजंग हॉस्पिटल के रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसियेशन ने बाबा रामदेव के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए उनके बयानों को मद्देनजर रखते हुए महामारी रोग अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने की मांग की है।
रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसियेशन के बयान में लिखा गया है कि एलोपैथी चिकित्सा शैली पर इस तरह की टिप्पणी विज्ञान का तिरस्कार है।
बाबा रामदेव जैसे प्रसिद्ध व्यकतित्व से जब इस तरह के बयान सामने आते हैं तो संभव है कि समाज के कुछ हिस्सों में इससे नफरत भड़क उठे।
एक तरफ एलोपैथी के सभी कर्मचारी पूरी जान लगा कर कोविड19 के खिलाफ अपनी परवाह किए बिना दिन रात लड़ रहे हैं, दूसरी तरफ बाबा रामदेव के इस तरह आपत्तिजनक बयान सामने आ रहे।
इससे फ्रंटलाइन पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों के मनोबल औऱ ऊर्जा को हानि पहुंचेगी।
डॉक्टरों के इस संयुक्त ने बाबा रामदेव की टिप्पणी को हेट स्पीच की श्रेणी में रखकर कार्यवाही करने की मांग की गई है। बाबा रामदेव निशचित तौर पर आयुर्वेद के समर्थक हैं और अपने ब्रांड पतंजलि से भी इसका प्रचार करते नहीं थकते हैं।
साथ ही कोरोना महामारी के फैलने के बाद उन्होंने कोरोनिल किट लॉन्च की। कोरोनिल किट कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कितनी कारगर है इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन फिर भी टीवी पर चलने वाले प्रचारों के वजह से ग्रामीणों में इसे लेकर भ्रम बना हुआ है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार की नाकामी किसी से छुपी नहीं है, लेकिन फिर भी रामदेव बाबा ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर सवाल खड़ा किया।
बाबा रामदेव का बयान पूरी स्वास्थ्य प्रणाली और लाखों की तादाद में दिन रात काम कर रहे स्वास्थ कर्मियों की नीयत पर सवाल खड़ा करने के समान है।
अब देखना ये है कि क्या इस तरह के लापरवाही भरे और नफरत भड़काने वाले बयान पर उन पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी या नहीं।
May 23, 2021

पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान होंगे सिद्धू?

पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान होंगे सिद्धू? 

चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में अंदर की उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। कहीं न कहीं अब पंजाब में कांग्रेस विभाजित होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव की स्थिति किस मोड़ पर जाकर क्या परिणाम देगी?..कुछ नहीं कहा जा सकता| वहीं, खबर यह भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अन्य पार्टी नेताओं में भी कैप्टन से नाराजगी का माहौल है। इस बीच यह चर्चा भी खूब जोरों पर है कि पार्टी में शांति कायम करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया प्रधान बनाया जा सकता है।
बतादें कि, अभी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ हैं और अब उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने की बात उछल रही है। कहा जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू लोगों के बीच एक मशहूर चेहरा हैं और वह अपने जरिये चुनाव में कांग्रेस को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। फिलहाल, पार्टी में कई नेताओं का यह भी मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी को ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। सिद्धू सिर्फ अमृतसर तक ही सीमित हैं…उनके तिरछे चलने से पार्टी की फिजा पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ।
सिद्धू सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
इन नेताओं का कहना है कि पंजाब में पार्टी के पास अभी कैप्टन से बड़ा चेहरा नहीं है। पार्टी कैप्टन को नजरअंदाज करती है, तो उसके लिए जीत आसान नहीं होगी। इधर, पार्टी भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंजाब पार्टी नेतृत्व कैप्टन पर दबाव डालने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है । ऐसे में पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ना होगा।
पार्टी हाईकमान को भी लगता है कि कैप्टन ही पंजाब में उसकी नैया को पार लगा सकते हैं। कांग्रेस मानती है कि किसान आंदोलन के बाद भाजपा को पंजाब चुनाव में बहुत ज्यादा कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में तमाम नाराजगी के बावजूद सिद्धू कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ेंगे और कैप्टन के सहारे ही पंजाब में कांग्रेस की दोबारा वापसी हो सकेगी। लेकिन पार्टी हाईकमान सिद्धू वाली टेंशन को भी दूर करने में जुटी हुई है। पार्टी हाईकमान को डर है कि यहां कांग्रेस में यह आपसी कलह चुनाव में कहीं न कहीं तो नुकसान पहुंचाने का काम कर ही सकती है । ऐसे में पार्टी हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
बतादें कि, इससे पहले चर्चा चली थी नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस छोड़कर दोबारा भाजपा में जायेंगे।लेकिन इसी बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बनकर आये उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सिद्धू को मनाने की पुरजोर कोशिश की और वह एक पल इसमें सफल होते हुए भी नजर आये। सिद्धू जो कैप्टन से दूरी बनाकर रखे हुए थे। दोनों ने साथ बैठकर लंच किया और बाद में भी काफी दिन साथ-साथ दिखे। परन्तु यह सब ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर फिर बदल गए। अब देखना तो यह होगा कि सिद्धू के तेवर ठीक करने के लिए कांग्रेस क्या करती है और जैसे कि यह चर्चा जोरों पर है कि उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया जा सकता है तो क्या ऐसा होगा…?

Tuesday, May 18, 2021

May 18, 2021

राहुल का हमला, कहा- सरकार ना सिर्फ कोरोना संकट बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी विफल रही

राहुल का हमला, कहा- सरकार ना सिर्फ कोरोना संकट बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी विफल रही

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के विफल होने के बावजूद लगातार लोगों की सेवा करने वाले नायकों की सराहना करता हूं। राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, जहां भारत सरकार न केवल कोविड संकट के प्रबंधन में बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी विफल रही है, वहीं हर रोज ताकत और परोपकार की कई व्यक्तिगत कहानियां हैं। दूसरों की सेवा करने और दुनिया को यह दिखाने के लिए समर्पित इन नायकों के प्रति अपार कृतज्ञता। भारत वास्तव में खड़ा है।
राहुल गांधी ने पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यह कहते हुए आलोचना की कि पीएम केयर्स द्वारा प्रदान किए गए वेंटिलेटर काम नहीं करते हैं और पीएम और इन वेंटिलेटर के बीच बहुत कुछ समान है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, पीएम केयर्स वेंटिलेटर और खुद पीएम के बीच बहुत कुछ सामान्य है बहुत ज्यादा झूठा पीआर, अपना काम न करें और जरूरत पड़ने पर कहीं नजर न आएं।
उनकी टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए वेंटिलेटर की स्थापना और संचालन के ‘तत्काल’ ऑडिट के आदेश के दो दिन बाद आई है।
सरकार के अनुसार, पीएम केयर फंड ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों में 50,000 वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
May 18, 2021

ट्विटर पर अचानक छाईं मायावती! कुछ ही घण्टों में 1 लाख से ज्यादा ट्वीट, लिखा- #NationWantsBahenji

ट्विटर पर अचानक छाईं मायावती! कुछ ही घण्टों में 1 लाख से ज्यादा ट्वीट, लिखा- #NationWantsBahenji

नई दिल्ली : भले ही बहुजन समाज पार्टी इस देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हो मगर उसका अपना कोई अधिकारिक सोशल मीडिया अकॉउंट और कोई आईटी सेल नहीं है, इसलिए माना जाता है कि ये पार्टी सोशल मीडिया पर कमजोर नज़र आती है।
मगर कल अचानक से चले एक ट्वीटर ट्रेंड के जरिए हजारों लोगों ने सबको हैरत में डाल दिया। कुछ ही घंटों के अंदर #NationWantsBahenji हैश टैग के साथ एक लाख से ज्यादा ट्वीट कर दिया।
वैसे तो सोशल मीडिया पर अक्सर किसी न किसी के समर्थन में इस तरह की मुहिम चलाई जाती है मगर इस बार हैरानी की बात थी कि ऐसी पार्टी की नेता के समर्थन में एक लाख से ज्यादा प्रतिक्रियाएं आ गई जिसका न कोई आईटी सेल है और न ही उस पार्टी का कोई अधिकारिक टि्वटर हैंडल। हां, बसपा प्रमुख मायावती ट्विटर पर जरूर मौजूद हैं।
बहुजन समाज के अधिकतर नौजवानों का मायावती के प्रति उत्साह देखकर चंद्रशेखर रावण जैसे नए नेताओं की प्रासंगिकता पर सवाल उठता है
क्योंकि सोशल मीडिया पर सक्रिय नौजवानों में पकड़ ही उनकी एकमात्र पहचान है, जमीनी संगठन के मामले में तो आजाद समाज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच में सैकड़ों गुना का अंतर है।
इस ट्रेंड में बसपा कार्यकर्ताओं और मायावती के समर्थकों के अलावा तमाम अधिकारिक व्यक्तियों ने भी भागीदारी दिखाई।
जैसे कि लोकसभा में बसपा के नेता सदन रितेश पांडे और पार्टी के एकमात्र आधिकारिक प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया।
इस टि्वटर स्टॉर्म के बारे में जब हमने बसपा के अधिकारिक प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया से पूछा तो उन्होंने कहा ‘हमारी पार्टी का कोई अधिकारिक आईटी सेल नहीं है, इसे स्वतःस्फूर्त नौजवानों ने ट्रेंड कराया है।
ये उनका उत्साह है, ये उनकी आस्था है, ये उनकी उम्मीद है। इससे पता चलता है कि नौजवानों की बीच में बहन जी की लोकप्रियता बनी हुई है।
जिससे साफ हो जाता है की उनके नेतृत्व के सामने अभी नए-नए दावेदारों की कोई जमीन नहीं है।’

Sunday, May 16, 2021

May 16, 2021

दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी! पोस्टर लगाकर PM मोदी से किया सवाल तो 12 लोगों को किया गिरफ्तार

   दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी! पोस्टर लगाकर PM मोदी से किया सवाल तो 12 लोगों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली : देश में पहली कोरोना महामारी के चलते लोगों में अब मोदी सरकार के खिलाफ रोष साफ तौर पर दिखना शुरू हो चुका है। खास तौर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निभाई जा रही भूमिका पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार के कुप्रबंधन की जमकर आलोचना कर रहे हैं। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने राजधानी से पीएम मोदी की आलोचना भरे पोस्टर लगाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
निजी चैंनल की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो कि कोरोना महासंकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाई जा रही नीतियों की जमकर आलोचना कर रहे थे।
दरअसल बीते कुछ दिनों से दिल्ली के कई इलाकों में ऐसे पोस्टर लगाए गए थे। जिस में सवाल किया गया था कि मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया ?
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 13 एफआईआर दर्ज की है। इन पोस्टरों को लगाने वाले लोगों को पुलिस ने चार अलग-अलग डिवीजन से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों से करीब 800 पोस्टर और बैनर बरामद किए गए हैं।
आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वजह से स्थिति काफी खराब चल रही है।
ऑक्सीजन और वैक्सीन की किल्लत की वजह से भारी तादाद में अस्पतालों में भर्ती लोग दम तोड़ रहे हैं।
ऐसे में केजरीवाल सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार भी लोगों के निशाने पर आ गई है। हैरानीजनक बात यह है कि इस दुख की घड़ी में कई नेता लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
जोकि कोरोना मरीजों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। इन नेताओं की हौसला अफजाई करने की जगह मोदी सरकार इन पर पुलिसिया कार्रवाई कर रही है।