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Saturday, October 17, 2020

October 17, 2020

भाजपा नेता बोले- उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा- योगेश्वर दत्त

भाजपा नेता बोले-उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे,बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा- योगेश्वर दत्त 

भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने नामांकन पत्र भरा

गोहाना : भारतीय जनता पार्टी के बरोदा विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने आज अपना नामांकन पत्र भरा। इससे पूर्व भाजपा के बरोदा रोड स्थित कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भारी जनसमूह ने पार्टी प्रत्याशी योगेश्वर दत्त का स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कार्यकर्ताओं के जनसमूह को चार्ज करते हुए आह्वान किया कि हमें इस उपचुनाव में इतिहास रचते हुए रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करनी है। मंच पर भाजपा के बरोदा प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त,केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान,प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़,करनाल से सांसद संजय भाटिया,कृषि मंत्री जेपी दलाल, जिला अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, रामविलास शर्मा, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, दादा बलजीत मलिक, सांसद धर्मवीर, कृष्ण लाल पंवार,विधायक कमलेश ढांडा,कैलाशो सैनी पूर्व सांसद कुरुक्षेत्र, पूर्व विधायक कविता जैन,गोहाना नगर परिषद की चेयरमैन रजनी विरमानी, डॉ बनवारी लाल व विधायक डॉ कृष्ण लाल के साथ-साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री बालियान ने दिया योगेश्वर दत्त को आशीर्वाद

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि मैं केवल और केवल पहलवान योगेश्वर दत्त को आशीर्वाद देने यहां आया हूं।अगर आलाकमान आज बरोदा के प्रत्याशी के रूप में पहलवान को टिकट नहीं देती,शायद मैं आज यहां नहीं आता। पहलवान योगेश्वर ने हमारे देश का नाम देश के साथ-साथ विदेशों में भी ऊंचा किया है। देश में कुश्ती को अगर किसी ने जिंदा किया है तो वह केवल और केवल योगेश्वर दत्त हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की झूठी चौधर के चक्कर में बरोदा हल्का विकास से अछूता रहा है। ओलंपिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी,युवा और ईमानदार योगेश्वर दत्त को बरोदा की महान जनता ने जाती-पाती के भेद से ऊपर उठकर अपना लिया है। पहलवान की अपनी कोई जाति नहीं होती,36 बिरादरी का घी पी पीकर,योगेश्वर पहलवान बने हैं। मैं बरोदा की जनता से आह्वान करूंगा कि वह कमल के निशान वाला बटन दबाकर पहलवान योगेश्वर दत्त को विजयी बनाएं।

कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे- ओमप्रकाश धनखड़

नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने मंच पर खड़े होकर कहा की एक खिलाड़ी अपने दम पर देश का नाम पूरे विश्व में करवा सकता तो फिर अपने हलके के लिए विकास कार्य भी करवा सकता है।पहलवान ने हल्के की सेवा के लिए डीएसपी के पद से इस्तीफा दे दिया तो आप लोगों ने भी उसको सेवा का एक मौका देना चाहिए। आज कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे चल रही है। झूठ के सहारे किसानों में भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति को वह जिंदा रखे हुए है। लेकिन,सच यह है कि कांग्रेस का झूठ नहीं बिकेगा । आज कांग्रेस में केवल विचार बदलू लोग बचे हुए हैं। कांग्रेस ने अपने ही घोषणापत्र और अपनी ही बनाई रिपोर्टों को दरकिनार कर केवल विरोध के नाम पर विरोध करना शुरू कर दिया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि पार्टी सत्ता में आने पर कृषि उपज मंडी समितियों के कानून में संशोधन करेगी। इसके साथ कृषि उपज के निर्यात और दूसरे राज्यों में व्यापार पर लगे सभी प्रतिबंधो को  समाप्त किया जाएगा,पर जब आज ये काम हो रहे हैं तो इनका विरोध कर रही है। कांग्रेस द्वारा एक माहौल बनाया जा रहा है कि मंडियां बंद हो जाएंगी, एमएसपी को खत्म कर देंगे, किसान की जमीन को बड़े बड़े कारपोरेट घरानों को बेच देंगे।जबकि, ऐसा कुछ नहीं होना है। मंडियां पहले की तरह रहेंगी, फसलों का एमएसपी पहले की तरह ही मिलेगा। किसानों को गुमराह होने की जरूरत नहीं, वे कांग्रेस के भ्रम में ना आएं। उन्होंने कहा कि किसानों को पीछे रखना कांग्रेस की फितरत है। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि देश का किसान भी खुशहाल हो समृद्ध हो। और अंत में कहा कि वक्त के हिसाब से बदलाव भी जरूरी है इसलिए बरोदा में बदलाव आप ही ला सकते हैं।

विकास के लिए चुनाव लड़ रहा हूं- योगेश्वर दत्त

नामांकन भर लोगों के बीच आशीर्वाद लेने  पहुंचे योगेश्वर दत्त ने कहा,मैं केवल आप लोगों के विकास के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मेरा केवल एक ही मकसद है कि बरोदा हलके का विकास करवाना। मैं आप लोगों से केवल 4 साल मांगने आया हूं। अगर मैं आपको दिए हुए वादों पर खरा नहीं उतरता हूं तो आप मुझे दोबारा मौका मत देना। मैंने अपना डीएसपी का पद केवल और केवल आप लोगों की सेवा करने के लिए ही त्यागा है। अब अगर आप अपना आशीर्वाद मुझ दोगे तो मैं बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा।

राज में हिस्सा करना सीख लो तभी तुम्हारा विकास संभव

डॉ केसी बांगड़ ने मंच से भाजपा और जजपा के गठबंधन को इस उपचुनाव के लिए काफी अहम बताया। बांगड़ ने कहा कि हमारा गठबंधन तो भाजपा से काफी पुराना है। दुष्यंत चौटाला ने तो केवल रीत को आगे बढ़ाया है। दुष्यंत चौटाला से पहले अजय चौटाला,चौधरी ओमप्रकाश चौटाला सभी ने गठबंधन से सरकार बनाई है। इस उपचुनाव को गठबंधन लड़ेगा और भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ा जाएगा। डॉक्टर बांगड़ ने कहा कि बिना किसी के बहकावे में आए गठबंधन के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा वोट देकर विजयी बनाएं। जाते-जाते उन्होंने एक काफी महत्वपूर्ण बात कह डाली। उन्होंने छोटूराम की उन पंक्तियों का जिक्र किया जो आज के समय बरोदावासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बांगड़ ने कहा कि चौधरी छोटूराम हमेशा से एक बात कहते थे की प्रदेशवासियों "राज में हिस्सा करना सीख लो तभी तुम्हारा विकास संभव है"।

योगेश्वर को आप भी एक मौका दें- रामबिलास शर्मा

पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट मिलने पर आशीर्वाद देने आए रामविलास शर्मा ने कहा कि आज आप लोगों का प्यार देखकर ऐसा लग रहा है,जैसे योगेश्वर कोई मेडल ले आया हो। गठबंधन के प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट मिलने पर रामविलास शर्मा ने कहां कि जब योगेश्वर दत्त कुश्ती जीत के आता था तो गांव के और आसपास के जमीदार इनाम में दूध,घी व दही दे देते थे यह उस दूध,घी और दही का ही परिणाम है कि योगेश्वर पहलवान खेल में नाम चमकाने के बाद अब राजनीति में अपना नाम चमकाने जा रहा है। योगेश्वर दत्त ने जनता की सेवा के लिए अपने डीएसपी पद से भी इस्तीफा दे दिया था ताकि वह आप लोगों के बीच में रहकर आप की सेवा कर सके। अब आप का भी फर्ज बनता है कि आप भी उन्हें एक मौका दें ताकि वह बरोदा की तस्वीर बदलने में कामयाब हो।

Friday, October 16, 2020

October 16, 2020

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

हिसार :  बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने सरकार द्वारा बनाए गए चेयरमैन पद ग्रहण करने से इन्कार कर दिया है। तीन विधेयक को लेकर उन्हाेंने कहा विधेयक सही नहीं है तो कैसे सरकारी पद ग्रहण करू। जब तक तीन अध्यादेशों को ठीक नहीं किया जाता तब तक कोई सरकारी पद का लाभ नहीं लेंगे। 
उन्होंने तीनों अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है। इस दौरान उन्होंने कहा अगर बरवाला की जनता कहेंगी तो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मेरी रात को बात हुई थी और मैंने उनका आभार जताते हुए जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया और कहा कि आपने गलत समय में जिम्मेदारी दे दी जो मुझे स्वीकार नहीं है। उन्होंने ने कहा अगर बरोदा चुनाव के लिए अगर ड्यूटी लगाई गई तो प्रचार के लिए जाऊंगा। 

विधायक सिहाग को जेजेपी कोटे से चेयरमैन बनाया गया था। सिहाग की नियुक्त की बड़ी वजह सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी को कम करना था। सिहाग की नाराजगी को देखते उपमुख्यमंत्री एवं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला व भाजपा सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। 
सिहाग का राजनीतिक सफरनामा
जोगीराम सिहाग की पहचान समाजसेवी के रूप में थी। सिहाग समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति में भी उतरने की इच्छा थी। इसे देखते राजनीति में भी दो-दो हाथ करने के मकसद से वर्ष 2000 में जोगीराम सिहाग ने नगर पार्षद का चुनाव लड़ा और वे पार्षद निर्वाचित हुए। वर्ष 2005 में घिराय विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सिहाग चुनाव हार गए। वर्ष 2009 में सिहाग ने परिसीमन के बाद घिराय हलका टूटने पर बरवाला हलके को अपना चुनाव क्षेत्र बनाया। बरवाला से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर ही चुनाव लड़ा और 11500 वोट प्राप्त किए। बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2014 में भाजपा ने सिहाग की बरवाला से टिकट काट दी। इस बात से सिहाग नाराज भी हुए, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने किसी तरह इन्हें मना लिया और प्रदेश में पहली बार मनोहर सरकार बनने के बाद जोगीराम सिहाग को हरियाणा राज्य हाऊसिंग कॉपरेटिव फैडरेशन का चेयरमैन बनाया गया। सिहाग वर्ष 2019 में बरवाला से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने टिकट काट दिया। इससे नाराज सिहाग ने जेजेपी में शामिल होते हुए बरवाला से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
October 16, 2020

बरोदा से कांग्रेस व् इनेलो ने प्रत्याशी घोषित किये, इन नेताओं को बनाया उमीदवार

बरोदा से कांग्रेस व् इनेलो ने प्रत्याशी घोषित किये, इन नेताओं को बनाया उमीदवार

चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद सुपुत्र दीपेंद्र हुड्डा अपने खासमखास कार्यकर्ता इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को बरोदा से कांग्रेस का टिकट दिलाने में कामयाब हो गए है । ज्ञात रहे अर्थ प्रकाश ने पहले ही बरोदा सीट को लेकर स्पष्ट क्र दिया था की कांग्रेस ने काफी माथापच्ची के बाद बरोदा से इंदुराज नरवाल उर्फ भालू को अपना कैंडिडेट बनाने का फैसला किया है।
आपको इंदुराज नरवाल उर्फ भालू के बारे में बताते चले की ये पूर्व जिला पार्षद हैं और रिंढाणा गांव निवासी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा समेत अनेक कोंग्रेसी नेता इंदुराज नरवाल का नामांकन दाखिल करने गुहाना पहुंच चुके है । जबकि इनेलो ने बरोदा से जोगिंदर सिंह मालिक को प्रत्याशी घोषित किया है उनका नामांकन दाखिल करने के लिए अभय चौटाला गोहाना पहुंच गए है। दूसरी ओर पता चला है की डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल पंचायती उमीदवार के तोर पर पर्चा दाखिल करेंगे । ज्ञात रहे भाजपा पहले ही पूर्व प्रत्याशी योगेश्वर दत्त शर्मा को पुनः प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।


फिलहाल इस खबर से जुड़ी जितनी जानकरी हमारे पास थी हमने आप तक पहुंचाई………अगर इस खबर से जुड़ा कोई अपडेट हमें मिलता है तो हम तक जरूर और जल्द से जल्द पहुंचाएंगे…

October 16, 2020

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में भाजपा से फिर योगेश्वर लड़ेंगे, गुटबाजी से कांग्रेस के ऐलान में देरी

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में भाजपा से फिर योगेश्वर लड़ेंगे, गुटबाजी से कांग्रेस के ऐलान में देरी

चंडीगढ़ :बरोदा उप चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन का अंतिम दिन है। देर रात भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। फिर से पहलवान योगेश्वर दत्त पर पार्टी ने विश्वास जताया है। पार्टी ने दिन में अपने स्टार प्रचारकों का भी ऐलान कर दिया था। लेकिन कांग्रेस में टिकट गुटबाजी के कारण रुकी हुई है। वहीं इनेलो को इंतजार है कि भाजपा और कांग्रेस किसे टिकट देती हैं।
भाजपा से चुनाव लड़ चुके पहलवान योगेश्वर दत्त हलके के लोगों और पहलवानों के साथ सीएम मनोहर लाल से मिले थे और टिकट के लिए बात की। जिस पर सीएम ने उन्हें कहा था कि जाओ और अपनी तैयारी करो। इसलिए दिन में योगेश्वर ने तैयारी पूरी कर ली थी। सुबह 11 बजे गोहाना राजघराना पैलेस में भाजपा कार्यालय में कार्यक्रम है, जहां से वे नामांकन के लिए जाएंगे।
योगेश्वर को टिकट क्यों ?

योगेश्वर भैंसवाल कलां गांव के रहने वाले हैं, जो बरोदा हलके का बड़ा गांव हैं।

2019 में डीएसपी पद से त्यागपत्र देकर यहीं से भाजपा के लिए चुनाव लड़ चुके हैं।

कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा को 42566 व योगेश्वर को 37726 वोट मिले थे।

कांग्रेस में गुटबाजी ऐसी

दिल्ली में कांग्रेस की कई दौर की मीटिंग के बाद भी गुटबाजी चलती रही। भूपेन्द्र हुड्डा की तरफ से कपूर नरवाल का नाम फाइनल है और वो उन्हीं के लिए जोर लगाते रहे।

कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष सैलजा समेत कई नेता मिलकर स्व. विधायक कृष्ण हुड्डा की पुत्रवधू गायत्री हुड्डा के लिए जोर लगा रहे हैं।

*इनेलो को इंतजार*

इनेलो दिनभर ऐसे नेताओं से संपर्क बनाती रही जिन नेताओं की भाजपा या कांग्रेस से टिकट कट सकती है। सूत्रों के अनुसार पूर्व विधायक कृष्ण हुड्डा के बेटे से भी इनेलो संपर्क बनाए हुए है। वहीं इनेलो ने शुक्रवार सुबह 10 बजे पूर्व विधायक कृष्ण हुड्डा के कार्यालय के पास अपने कार्यालय उद्घाटन का कार्यक्रम रखा है।
October 16, 2020

गठबंधन सरकार के 14 नेता एडजस्ट:भाजपा के 8, जजपा के 5 नेता और एक निर्दलीय को बनाया चेयरमैन; बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बराला, बबीता समेत आठ को मिले पद

गठबंधन सरकार के 14 नेता एडजस्ट:भाजपा के 8, जजपा के 5 नेता और एक निर्दलीय को बनाया चेयरमैन; बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बराला, बबीता समेत आठ को मिले पद

चंडीगढ़ : बरोदा उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने 14 नेताओं को बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी दी है, वहीं एक को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा विधायकों, चुनाव हारने वालों और टिकट न मिलने वालों को जिम्मेदारी दी गई हैं। चेयरमैन बनने वालों में आठ नेता भाजपा के हैं, जबकि गठबंधन की सहयोगी जजपा के भी 5 नेताओं को जगह मिली है।
चेयरमैन बनने वालों में बड़े नामों की बात करें तो इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और हाल ही में खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद छोड़ने वाली ओलिंपियन बबीता फौगाट का नाम शामिल है। जजपा लगातार अपने विधायकों को एडजस्ट करने का दबाव भाजपा पर बना रही थी।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और अनूप धानक पहले ही मंत्री हैं। ऐसे में दस में से तीन विधायक बाकी रह गए हैं। इनमें दुष्यंत की मां नैना चौटाला, रामकुमार गौतम और देवेंद्र बबली हैं। वहीं, सरकार को समर्थन देने वाले बादहशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को भी सरकार ने चेयरमैनी दी है। छह निर्दलीय को पद मिल चुके हैं।

जानिए किसके कोटे से किसे क्या और क्याें मिला

भाजपा के इन नेताओं को ओहदा
1. सुभाष बराला : सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो
क्योंकि: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सीएम के करीबी हैं। चर्चा यह भी थी कि सीएम उन्हें अध्यक्ष बनवाए रखना चाहते थे।
2. कैलाश भगत : हैफेड
क्योंकि: कैलाश कैथल से हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा में आए थे, लेकिन लीलाराम को टिकट मिला था।
3. निर्मल बैरागी: पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम
क्योंकि: ये सीएम सिटी करनाल से हैं और सीएम से नजदीकी भी हैं। भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष भी हैं।
4. रामनिवास गर्ग : व्यापारी कल्याण बोर्ड
क्योंकि: ये यमुनानगर से हैं। इसी बोर्ड के सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे और टिकट नहीं मिली थी, इसलिए यह जिम्मेदारी दी गई है।
5. अरविंद यादव : हरको बैंक
क्योंकि: ये रेवाड़ी से हैं और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष बदले तो इनकी किस्मत चमक गई।
6. मुकेश गौड़ : हरियाणा युवा आयोग
क्योंकि: भिवानी से हैं और युवा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। अभी प्रदेश सचिव हैं। तोशाम से टिकट के दावेदार थे।
7. जगदीश नैय्यर: भूमि सुविधा व विकास निगम
क्योंकि: होडल से विधायक हैं। मंत्रिमंडल का गठन हुआ तब चर्चा में थे, लेकिन नहीं बन पाए थे। इसलिए अब चेयरमैन बनाया है।
8. बबीता फौगाट : महिला विकास निगम
क्योंकि: भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री हैं। सोशल मीडिया पर खुलकर पक्ष रखती हैं।
9. धूमन किरमच: सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपप्रधान
क्योंकि: भाजपा के कुरुक्षेत्र जिला अध्यक्ष रहे हैं। लाेकसभा चुनाव के लिए टिकट चाह रहे थे, नहीं मिली। अब संतुष्ट किए गए।
जेजेपी : विरोध और भारोसे के चलते पांच को मिली चेयरमैनी
1. जोगीराम सिहाग : हाउसिंग बोर्ड हरियाणा
क्योंकि: बरवाला से विधायक हैं। नाराजगी भी जाहिर कर चुके थे। कृषि बिलों को लेकर किसानों के प्रदर्शन में भी समर्थन देने गए थे।
2. रामकरण काला : शुगरफैड
क्योंकि:शाहबाद विधायक हैं। पार्टी के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं।
3. रामनिवास सुरजाखेड़ा : खादी-ग्रामोद्योग
क्योंकि:नरवाना से विधायक हैं। कर्मचारी नेता भी रहे हैं। जींद पर पार्टी का फोकस रहता है, इसलिए जिम्मेदारी मिलनी तय थी।
4. रणधीर सिंह : हरियाणा डेयरी विकास संघ
क्योंकि: गुहला-चीका से विधायक डॉ. ईश्वर सिंह के बेटे हैं। ईश्वर विधायक दल के उपनेता हैं।
5. पवन खरखौदा: अनु. जाति वित्त विकास निगम
क्योंकि: 2019 में जेजेपी टिकट पर खरखौदा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे और पार्टी के विश्वसनीय नेता हैं।

Thursday, October 15, 2020

October 15, 2020

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

नई दिल्ली : बरोदा उपचुनाव के लिए नामांकन करने के दो दिन ही शेष हैं। टिकट को लेकर दावेदारों की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। अभी तक प्रत्याशियों की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है, लेकिन गुरूवार 15 अक्टूबर को तीनों बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर देंगी। लेकिन इससे पहले कई बड़े उल्ट फेर देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि तीनो ही पार्टियां अपनों की बजाए दूसरे दलों के नेताओं पर ज्यादा विश्वास दिखा रही हैं। ऐसे में टिकट की स्थिति के अनुसार कुछ नेता इन दो दिनों में अचानक दल बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस ने अपने दो-दो नाम फाइनल कर लिए हैं लेकिन दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं।
जिससे देख सकें कि सामने वाली पार्टी ने किस जाति का उम्मीदवार उतारा है और उसी के अनुसार वो अपने जातीय समीकरण साध सकें। इस उपचुनाव में सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में इनकी तरफ से चुनाव में पूरा जोर लगाया जाएगा इसलिए मैदान में प्रत्याशी जाने-माने और पुराने चेहरे ही होंगे लेकिन उनका झंडा दूसरा हो सकता है।

कांग्रेस: गुटबाजी में फंसा टिकट का खेल

1. अंदरूनी नेता: कांग्रेस का एक गुट चाहता है कि पार्टी अपने अंदर के ही किसी पुराने नेता को टिकट दे। प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला आदि चाहते हैं कि यहां से विधायक रहे स्व. कृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा को टिकट मिले।
2. बाहरी नेता: चर्चा है कि 2019 चुनाव से ठीक पहले जेजेपी से भाजपा में आए कपूर नरवाल पिछले कुछ समय से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से नजदीकी बनाए हुए हैं और भाजपा के कार्यक्रमों से दूर हैं। वो पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। भूपेन्द्र हुड्डा उनको टिकट दिलाने का मन बना चुके हैं और उनका नाम ऊपर भेजा भी गया है।
क्यों जातीय समीकरण जरूरी
बरोदा हलका जाट बहुल क्षेत्र है। हलके में करीब 178250 मतदाता हैं। करीब 94 हजार जाट मतदाता हैं। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव मैदान में उतारा था। बड़ा चेहरा होने और मुकाबला त्रिकोणीय हाेने से कांग्रेस जीत गई।

भाजपा: जाट-नॉन जाट में उलझी पार्टी

1. जाट : पार्टी का मन किसी जाट उम्मीदवार को उतारने का है। ऐसे में पिछली बार यहां जेजेपी से चुनाव लड़े भूपेंद्र मलिक को पार्टी टिकट दे सकती है। भाजपा पहले उसे अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहती है। भाजपा ने भूपेंद्र से बात भी की है। जेजेपी नेता इस बात पर कम सहमत हैं कि भूपेन्द्र भाजपा ज्वाइन करे, ऐसे में विकल्प के लिए महेंद्र मलिक का नाम पैनल में रखा है। 2. योगेश्वर दत्त: अगर नॉन जाट उम्मीदवार उतारती है तो पहलवान योगेश्वर दत्त का मैदान में उतरना तय है। 2019 विधानसभा चुनाव में भी वो भाजपा की तरफ से मैदान में थे। लेकिन भाजपा अभी इंतजार कर रही है कि कांग्रेस जाट को उम्मीदवार बनाती है या किसी नॉन जाट नेता को।

भाजपा ने पहले रोहतक फिर दिल्ली में की चर्चा

भाजपा ने बुधवार रात दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के साथ बैठक की। इससे पहले दिन में रोहतक सर्किट हाउस में वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग हुई। इसमें जजपा से केसी बांगड़ा व भूपेंद्र मलिक और भाजपा की ओर से महेंद्र मलिक और रणधीर लठवाल को लेकर बनाए गए पैनल के नामाें पर चर्चा हुई।

Wednesday, October 14, 2020

October 14, 2020

वीआईपी कल्चर रिटर्न्स:तीन साल पहले लालबत्ती हटाने का मोदी सरकार ने लिया था फैसला, अब हरियाणा सरकार ने विधायकों की गाड़ी पर लगाने के लिए झंडी लॉन्च कर दी

वीआईपी कल्चर रिटर्न्स:तीन साल पहले लालबत्ती हटाने का मोदी सरकार ने लिया था फैसला, अब हरियाणा सरकार ने विधायकों की गाड़ी पर लगाने के लिए झंडी लॉन्च कर दी

चंडीगढ़ :  पीएम मोदी ने भले वीआईपी कल्चर रोकने का प्रयास किया। मई 2017 से नेताओं की गाड़ियों से लालबत्ती व झंडियां हटवा दीं। लेकिन अब उन्हीं की पार्टी की हरियाणा सरकार ने इसका तोड़ निकाला है। मंगलवार को सीएम मनोहर लाल, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर ने विधायकों की गाड़ियों पर लगाने के लिए विधानसभा के लोगो की मैरून रंग की झंडी लाॅन्च कर दी। झंडी जल्द सभी विधायकों को दी जाएंगी।
इसे लेकर विधायक भी खुश हैं, क्योंकि झंडी से अब विधायकों की गाड़ी दूर से ही पहचानी जाएगी। न कोई टोल पर रोकेगा, न पुलिस हाथ देगी। स्पीकर से लेकर विधायक तक झंडी को वीआईपी कल्चर नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि यह विधायक की पहचान के लिए है। इसे लेकर परिवहन, गृह विभाग व सीएम से भी अनुमति ली गई है। कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई। उधर, सीएम ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में भगवान श्रीकृष्ण के रथ व भगवद् गीता के चित्र का अनावरण किया।

विधायकों ने पहचान के लिए रखी थी मांग

गाड़ियों पर झंडी की मांग विधायकों ने ही विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के सामने रखी थी। ज्यादातर ने यही कहा था कि उनकी कोई पहचान होनी चाहिए। क्योंकि टोल बूथों पर उन्हें रोक लिया जाता है। जब एमएलए का कार्ड दिखाते हैं, तो उसे मान्य तक नहीं करते। रास्ते में कहीं भी पुलिस कर्मचारी रोक लेते हैं। इससे उन्हें दिक्कत होती है। इसके बाद स्पीकर ने इस पर सलाह करके आखिरी फैसला लिया।

मौजूदा विधायक ही कर सकेंगे इसका इस्तेमाल: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा विधायक ही इस झंडी का इस्तेमाल अपने उन वाहनों पर कर सकेंगे, जो उनके नाम पर पंजीकृत हैं। यदि मौजूदा विधायक के पास अपने नाम से पंजीकृत कोई वाहन नहीं है, तो झंडी का इस्तेमाल निजी या किराए के वाहनों पर किया जा सकता है। झंडी के इस्तेमाल के लिए परिवहन आयुक्त की ओर से पत्र जारी किया जाएगा। यह पत्र हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने या मौजूदा विधायक के विधानसभा का सदस्य रहने तक वैध रहेगा।
पक्ष-विपक्ष सब खुश, लेकिन गाड़ी में विधायक नहीं होंगे तो झंडी कवर रहेगी

गाड़ी में यदि विधायक नहीं हैं और कोई दूसरा व्यक्ति गाड़ी लेकर जाता है तो उसे झंडी को कवर करना होगा।

झंडी के गलत इस्तेमाल और ऐसी दूसरी नकली झंडी बनाने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि झंडी लगने से समय की बचत होगी।

जजपा विधायक देवेंद्र बबली बोले कि बिना पहचान के लिए कई बार विधायक के प्रॉटोकाॅल में दिक्कत आती है।

कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल का कहना है कि भाजपा सरकार को अब समझ आया है कि पहले झंडी लगाने वाले गलत नहीं थे।

सीधी बात (ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर) अफसर झंडी लगा रहे, विधायक उनसे ऊपर
Q. विधायकों की गाड़ियों पर झंडी की जरूरत क्यों हुई।
A. अनेक विधायकों ने पहचान के लिए झंडी की बात रखी थी। उनका कहना था कि पहचान के बिना काफी दिक्कतें आती हैं।
Q. क्या झंडी से वीआईपी कल्चर को बढ़ावा नहीं मिलेगा।
A. ऐसा नहीं है। जो चुना हुआ व्यक्ति है, उसकी पोजिशन की पहचान होनी चाहिए। प्रोटोकॉल में विधायक सीएस से भी ऊपर है। जबकि सीएस से लेकर एसीएस और डीसी तक झंडी लगा रहे हैं।