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Sunday, November 8, 2020

November 08, 2020

राज्य सरकार का बड़ा फैसला:मेडिकल कॉलेजों की फीस 20 गुना बढ़ाई, एमबीबीएस के लिए सालाना फीस 54 हजार से बढ़ा 10 लाख रु. की

राज्य सरकार का बड़ा फैसला:मेडिकल कॉलेजों की फीस 20 गुना बढ़ाई, एमबीबीएस के लिए सालाना फीस 54 हजार से बढ़ा 10 लाख रु. की

चंडीगढ़ : प्रदेश में एमबीबीएस के लिए सालाना 10 लाख रु. का बॉन्ड देना होगा। साढ़े 4 साल के कोर्स के लिए कुल 40 लाख बॉन्ड देना होगा। पहले सालाना 54 हजार रु. फीस थी। फीस के लिए सरकार ने लोन की व्यवस्था का प्रावधान भी किया है। एमबीबीएस में यह प्रावधान चालू शैक्षणिक सत्र से ही लागू कर दिया है। पीजी कोर्स के लिए भी फीस तय की गई है। लेकिन यह अगले सत्र यानी 2021-22 से लागू होगी।
इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह पॉलिसी एनआरआई पर लागू नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि फीस को लेकर किए गए नए प्रावधानों से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज खुश नहीं हैं। बताया गया है कि इस मामले में उनकी सीएम से भी चर्चा हुई थी। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 800 सीटें हैं।

ऐसे समझिए फीस और बाॅन्ड का गणित

एमबीबीएस: दाखिले के वक्त 10 लाख रुपए का बाॅन्ड देना होगा। इसमें 80 हजार रु. फीस होगी। हर साल फीस में 10% की बढ़ोतरी होगी। दूसरे साल भी 10 लाख का बाॅड देना होगा। जिसमें 88 हजार रु. फीस के होंगे। इसी प्रकार अगले 2 साल भी 10-10 लाख का बाॅन्ड देना होगा। इसमें थर्ड-ईयर की फीस 96,800 रु. व लास्ट ईयर की फीस 1,06,480 रु. होगी।
पीजी कोर्स:* इस साल फर्स्ट ईयर के लिए 1.25 लाख, सेकंड ईयर के लिए 1.50 लाख व थर्ड-ईयर के लिए 1.75 लाख रु. फीस तय की है।

ऐसे चुकाया जाएगा लोन

नौकरी मिलने पर: जो स्टूडेंटस दाखिला लेगा, उसे सरकार अपनी गारंटी पर हर साल 10 लाख रु. का लोन दिलाएगी। यदि सरकारी नौकरी मिली तो उसका भुगतान सरकार खुद करेगी। यदि वह 7 साल से पहले नौकरी छोड़ता है तो उसी तारीख से आगे का बकाया लोन संबंधित को जमा कराना होगा।
*नौकरी नहीं मिलने पर:* जिन्हें नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें पैसा खुद किस्तो में जमा कराना होगा। पढ़ाई के बाद एक साल बाद तक लोन चुकाने से छूट रहेगी। इसके बाद 7 साल में पैसा चुकाना होगा।
November 08, 2020

हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद से नहीं मिलेगा लाखों लोगों को अनाज, जानें क्या है वजह

हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद से नहीं मिलेगा लाखों लोगों को अनाज, जानें क्या है वजह

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार अपनी हर उस कोशिश को अंजाम देने में लगी रहती है, जिससे की सभी को समय पर और प्रचूर मात्रा में अनाज उपलब्ध कराया जा सके, लेकिन इस कड़ी में सरकार अपनी हर उस कोशिश को भी अंजाम देती है, जिससे कि कोई फर्जीवाड़ा उभरकर सामने न आ जाए। अब इसी बीच सरकार ने एक ऐसा ही कदम उठाया है, जिसमें अब तक 43 लाख लोगों के राशन कार्ड को फर्जी बताकर रद्द कर दिया गया है। अब यह लोग राशन लेने से वंचित रह जाएंगे।

प्राप्त सूचना के अनुसार भारत की केंद्र सरकार 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना पर भी तेजी से काम कर रही है। जिसका उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को सरकारी सब्सिडी दर पर राशन देना है। लेकिन इस योजना में बहुत बड़े फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है जिसकी वजह से सरकार की तरफ से लाखों राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया है। सरकार की तरफ से पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम से 43 लाख 90 हजार फर्जी और अवैध राशन कार्ड को रद्द कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य योग्य लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी वाला अनाज वितरित करवाना था। लेकिन इस योजना में लाखों फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए थे।

इसे पहले साल 2013 से बड़ी संख्या में फर्जी और डुप्लीकेट राशन कार्ड मिले थे। जिसके बाद 2019 में सरकार राशन कार्ड में धोखाधड़ी को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस सम्बन्ध में खाद्य मंत्रालय मानता है कि डुप्लीकेट कार्ड को चिन्हित करना जरूरी है। चर्चा है  कि राशन कार्डों के डिजिटलीकरण अभियान ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शी बनाने और दक्षता में सुधार लाने में मदद की है।

उन्होंने कहा, 'अयोग्य राशन कार्डों को हटाते समय, हम प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिभाषिति कवरेज के भीतर नये लाभार्थियों को जोड़ते रहते हैं। बता दें कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत करीब देश की आबादी के लगभग दो-तिहाई हिस्सा को इसका फायदा मिल रहा है है। करीब 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना के तहत हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज मिल रहा है। इस योजना की शुरुआत कोरोना महामारी से दौरान लगे लॉकडाउन में की गई थी। 
November 08, 2020

बदलाव:नए नियम के तहत अब जिले में 128 महिलाएं बनेंगी सरपंच, पंचायत समिति व जिप के वार्ड नहीं हुए फाइनल

बदलाव:नए नियम के तहत अब जिले में 128 महिलाएं बनेंगी सरपंच, पंचायत समिति व जिप के वार्ड नहीं हुए फाइनल

फतेहाबाद : राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को विधानसभा में लाए गए पंचायती राज संशोधन एक्ट के बाद अब जिले की पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी गई है। जिसके तहत अब जिले की 257 ग्राम पंचायतों में से 128 गांवों मेंं महिलाएं ही सरपंच बनेंगी। ठीक इसी प्रकार 50 फीसदी भागीदारी का यह नियम पंचायत वार्डों, ब्लॉक समिति व जिला परिषद के वार्डों पर भी लागू होगा।
जिले में अभी तक पंचायत समितियों व जिला परिषद के वार्ड फाइनल नहीं हुए हैं। क्योंकि पिछले पांच सालों में जिले में जहां एक नया ब्लॉक बनाया गया हैं वहीं जाखल ग्राम पंचायत अब नगर पालिका बन गई है। नागपुर के नया ब्लॉक बनने व जाखल के नगर पालिका बनने के बाद से जिले में पंचायत समितियों व जिला परिषद के वार्डों में वोटों की एडजस्टमेंट की जानी है। इसके बाद ही तय होगा की उक्त दोनों पंचायती संस्थाओं के कितने वार्ड होंगे।

फतेहाबाद व रतिया के 34 गांवों से बना था नागपुर ब्लॉक

जिले में नागपुर के ब्लॉक बनने के बाद अब ब्लॉकों की संख्या 7 हो गई है। रतिया व फतेहाबाद के मध्य बनाए गए नागपुर ब्लॉक में कुल 34 गांव शामिल किए हुए हैं। इसमें 17 गांव फतेहाबाद तथा 17 गांव रतिया के शामिल हैं। ऐसा होने से अब रतिया, फतेहाबाद व नागपुर तीनों खंडों की पंचायत समितियों के वार्ड दोबारा से तय होने हैं।

पिछले प्लान में 43% थी महिलाओं की भागीदारी

इससे पहले पंचायती राज एक्ट के तहत चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण था। लेकिन ओपन वार्ड या पंचायत में भी महिलाएं चुनाव लड़ सकती थी। जिसके चलते पिछले प्लान 43 फीसदी यानि 110 महिलाएं सरपंच बनी थी।

पांच हजार वोटों पर होती है पंचायत समिति

नागपुर के ब्लॉक बनने व जाखल के पंचायत रहते जिले में कुल 138 पंचायत समितियां व जिला परिषद के 18 वार्ड थे। एक पंचायत समिति वार्ड 4 से 5 हजार वोटों पर बनाया जाता है। वार्ड बनाने का यह कार्य पंचायत विभाग के मुख्यालय फाइनल होता है कि कितने वार्ड बनाए जाने हैं।

मुख्यालय को भेजी है रिपोर्ट: डीडीपीओ

नागपुर के नया ब्लॉक बनने व जाखल नगर पालिका बनने के बाद अब पंचायत समितियों व जिला परिषद के वार्डों में संशोधन किया जाना है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर अनुमति के लिए मुख्यालय को भेजी हुई है। जल्द ही नए वार्ड बन जाएंगे।- बलजीत चहल, डीडीपीओ।
November 08, 2020

गाँव में काम ना करने पर सरपंच को हटा सकेंगे लोग , जानिए क्या है राईट टू रिकॉल बिल ?

गाँव में काम ना करने पर सरपंच को हटा सकेंगे लोग , जानिए क्या है राईट टू रिकॉल बिल ?

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा के इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण बिल पारित हुए और इनमें से एक शुक्रवार को ग्राम पंचायतों के लिए 'राइट टू रीकॉल' बिल भी पटल पर रखा गया जिसे माननीय सदस्यों ने पास कर दिया। इस बिल के लागू होने से काम ना करने वाले सरपंच को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटाने का अधिकार ग्रामीणों को मिल गया है।

  विधानसभा में आज पास हुए 'राइट टू रीकॉल' बिल के बारे में डिप्टी सीएम ने बताया कि सरपंच को हटाने के लिए गांव के 33 प्रतिशत मतदाता अविश्वास लिखित में शिकायत संबंधित अधिकारी को देंगे। यह प्रस्ताव खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा सीईओ के पास जाएगा। इसके बाद ग्राम सभा की बैठक बुलाकर 2 घंटे के लिए चर्चा करवाई जाएगी।

इस बैठक के तुरंत बाद गुप्त मतदान करवाया जाएगा और अगर 67 प्रतिशत ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ मतदान किया तो सरपंच पदमुक्त हो जाएगा। सरपंच चुने जाने के एक साल बाद ही इस नियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अगर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरपंच के विरोध में निर्धारित दो तिहाई मत नहीं पड़ते हैं तो आने वाले एक साल तक दोबारा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इस तरह 'राइट टू रीकॉल' एक साल में सिर्फ एक बार ही लाया जा सकेगा।

किन राज्यों में है राईट टू रिकॉल कानून ?

1. उत्तर प्रदेश
2. उत्तराखंड
3. बिहार
4. झारखंड
5. मध्य प्रदेश
6. छत्तीसगढ़
7. महाराष्ट्र
8. हिमाचल प्रदेश

क्या है राईट टू रिकॉल की प्रक्रिया ?

सरपंच पर रिकॉल (जनता द्वारा वापस बुलाने की प्रक्रिया) की प्रक्रिया 2 चरणों की प्रक्रिया है जिसको नागरिक स्वयं शुरू कर सकते हैं । राज्य अनुसार 1-2 वर्ष के सुरक्षित (लॉक-इन) अवधि के बाद, ग्राम सभा के सदस्यों की अमुक संख्या को अपने हस्ताक्षर अथवा अंगूठे के छाप याचिका के रूप में जिला के कलेक्टर के दफ्तर में देना होता है । हस्ताक्षरों की जांच के बाद, ग्राम सभा के सदस्यों की बैठक का आयोजन किया जायेगा और यदि उस बैठक में बहुमत ग्राम सभा के सदस्य, अपने सरपंच को हटाने के लिए मांग करते हैं, तो उस सरपंच को हटाया जायेगा ।

क्या है राईट टू रिकॉल का इतिहास ?

निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार का इतिहास काफी पुराना है । प्राचीन काल में एंथेनियन लोकतंत्र से ही यह कानून चलन में था । बाद में कई देशों ने इस रिकॉल को अपने संविधान में शामिल किया । वैसे इतिहास यह है कि इस कानून की उत्पत्ति स्विटजरलैंड से हुई पर यह अमेरिकी राज्यों में चलन में आया । 1903 में अमेरिका के लास एंजिल्स की नगर पालिका (म्यूनिसपैलिटी), 1908 में मिशिगन और ओरेगान में पहली बार राइट टू रिकाल राज्य के अधिकारियों के लिए लागू किया गया ।
आधुनिक भारत में, सचिंद्रनाथ सान्याल ने सबसे पहले जनसेवकों को बदलने के अधिकार की मांग की थी। सचिंद्रनाथ सान्याल ने दिसम्बर 1924 में `हिंदुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन` का घोषणा पत्र लिखा था। उस घोषणा पत्र में सचिंद्रनाथ सान्याल लिखा है कि "इस गणराज्य में, मतदाताओं के पास अपने जनसेवकों के ऊपर राईट टू रिकॉल (हटाने का प्रावधान) होगा, यदि मतदाता चाहें तो, नहीं तो लोकतंत्र एक मजाक बन जायेगा ।

चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर रिकॉल का भारतीय लोकतंत्र में बहस का काफी लंबा इतिहास है; इस मुद्दे पर संविधान-सभा में भी बहस हुई थी। ये बहस इस धारणा पर केंद्रित थी कि मतदआतों के पास चुनाव के अधिकार होने के साथ-साथ हाताने (राईट टू रिकॉल) का अधिकार भी होना चाहिए और यदि कुछ गडबडी हो जाये तो, मतदाताओं के पास कोई उपाय होना चाहिए, लेकिन डा. बी.आर. आंबेडकर ने संविधान के इस प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार नहीं किया।
18 जुलाई 1947 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा था जब वे संविधान-सभा के बहस में जनता के जनसेवकों को हटाने के अधिकार (रिकॉल) के प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा कर रहे थे – "यदि कुछ बिरले लोग या कुछ काली भेड़े हैं जिन्होंने अपने चुनाव-क्षेत्र का विश्वास खो दिया है और फिर भी संसद में उस चुनाव-क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, तो उन कुछ बुरे लोगों के लिए हमें अपने चुनाव-क्षेत्र (की व्यवस्था) को बिगाडना नहीं चाहिए। हमें उसे वर्तमान अवस्था में ही रहने देना चाहिए और सम्बंधित सदस्यों के सही समझ पर छोड़ देना चाहिए |"

फिर भी, उसी समय कुछ सदस्यों को डर था कि बिना अविश्वास प्रस्ताव या रिकॉल के ग्राम या नगर पालिका की इकाइयां निरंकुश हो जाएँगी |
भारत में सबसे पहला रिकॉल (जनता का जनसेवक को वापस भुलाने का अधिकार) उत्तर प्रदेश में सरपंच पर ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के रूप में आया ।

Saturday, November 7, 2020

November 07, 2020

गुरमीत राम रहीम को 1 दिन की पैरोल देने के मामले पर हरियाणा के जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कही ये बात

गुरमीत राम रहीम को 1 दिन की पैरोल देने के मामले पर हरियाणा के जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कही ये बात

चंडीगढ़ : डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बीती 24 अक्टूबर को 1 दिन के पैरोल देने पर बिजली एवं जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह  ने कहा कि बीमार मां से मिलने के लिए 1 दिन की पैरोल दी गई थी और जेल मैनुअल के अनुसार 1 दिन की पैरोल  देने का अधिकार जिला जेल के अधीक्षक के पास है। 
उन्होंने जोड़ा कि गुरमीत सिंह के केस को देखते हुए ज्यादा समय के लिए पैरोल देने का अधिकार कोर्ट और सरकार के पास है। बरोदा उपचुनाव पर बोलते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि मुकाबला कड़ा है लेकिन बीजेपी की जीत निश्चित है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के सवाल पर मंत्री ने कहा कि किसान कृषि कानूनों को समझ नहीं पा रहे हैं कोई किसी की जमीन बिना सहमति के कैसे ले सकता है साथ ही उन्होंने कहा कि यह विरोध आढ़तियों व कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। 
November 07, 2020

गुपचुप बाहर आया था राम रहीम: बाबा को खट्टर सरकार ने एक दिन की पैरोल दिलाई, 300 जवानों की सुरक्षा में गुड़गांव भेजा गया

गुपचुप बाहर आया था राम रहीम: बाबा को खट्टर सरकार ने एक दिन की पैरोल दिलाई, 300 जवानों की सुरक्षा में गुड़गांव भेजा गया

चंडीगढ़ / रोहतक : दुष्कर्म और हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक दिन की पैरोल पर बाहर आया था। राम रहीम को 24 अक्टूबर को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल दी गई थी। सरकार और जेल प्रशासन ने मीडिया तक को भी इसकी भनक नहीं लगने दी। पैरोल के बाद राम रहीम गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती अपनी मां से मिलकर आया। उसे सुनारियां जेल से गुड़गांव के अस्पताल तक बख्तरबंद गाड़ी में ले जाया और फिर लाया गया।
राम रहीम 25 अगस्त 2017 से रोहतक जेल में बंद है। डेरे की पूर्व साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया गया था। पैरोल मिलने का मामला सामने आने के बाद जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इस पर कहा है कि बाबा को पैरोल नियमों के हिसाब से दी गई है। हालांकि, उसने पहले भी कई बार पैरोल के लिए अर्जी लगाई , लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली।

राम रहीम की सुरक्षा में पुलिस की तीन टुकड़ी

राम रहीम 24 अक्टूबर को शाम तक अपनी बीमार मां के साथ रहा। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी तैनात थी। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान थे। यानी 250 से 300 जवानों की तैनाती की गई थी। डेरा चीफ को जेल से बख्तरबंद गाड़ी में लाया गया। गुड़गांव में पुलिस ने अस्पताल के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की। जिस फ्लोर में उसकी मां का इलाज चल रहा था, उसे पूरा खाली कराया गया था।
इस मामले की पुष्टि रोहतक एसपी राहुल शर्मा ने की है। उन्होंने बताया कि उन्हें जेल सुपरिंटेंडेंट से राम रहीम के गुड़गांव दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था का निवेदन मिला था। 24 अक्टूबर को सुबह से लेकर शाम ढलने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। सब कुछ शांति से हुआ। दूसरी ओर शनिवार दोपहर इस मामले पर प्रदेश के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने भी अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि राम रहीम को सारे नियम को ध्यान में रखते हुए पैरोल दी गई थी।

राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई है

2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद परिजनों ने मामला दर्ज कराया था और बाद में इसे CBI को सौंप दिया गया था। CBI ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। इससे पहले 28 अगस्त 2017 में CBI की विशेष कोर्ट ने दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।
November 07, 2020

पूर्व सीएम ओपी चौटाला को हाईकोर्ट से झटका , पुश्तैनी कोठी में पोतों की शादी पर रोक

पूर्व सीएम ओपी चौटाला को हाईकोर्ट से झटका , पुश्तैनी कोठी में पोतों की शादी पर रोक

चंडीगढ़ : हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने चौटाला के तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी में उनके पोतों की शादी की अनुमति पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह व जस्टिस राजेश भारद्वाज पर आधारित पीठ ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए जारी किया।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला व अन्य प्रतिवादी पक्ष को 11 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील अरविंद मौदगिल ने बेंच को बताया कि पिछले साल ओमप्रकाश चौटाला की तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अटैच कर लिया था।

नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में ओमप्रकाश चौटाला के दो पौत्रों करण चौटाला व अर्जुन चौटाला के विवाह हैं। दोनों अभय सिंह चौटाला के पुत्र हैं। इसके लिए ओमप्रकाश चौटाला की तरफ से अटैच तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी को विवाह के लिए प्रयोग करने की मांग की गई।

चौटाला परिवार सात दिसंबर को यह कोठी दोबारा प्रवर्तन निदेशालय को वापस कर देगा। प्रवर्तन निदेशालय ने अपीलय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद करने की मांग करते हुए कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने किसी संपति को अटैच किया हुआ हो और ट्रायल जारी हो तो कैसे संपति को छोड़ा जा सकता है। प्रापर्टी प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 8 (4) के तहत यह संपति प्रवर्तन निदेशालय के कब्जे में है।

भ्रष्टाचार का मामला प्रवर्तन निदेशालय ने कन्फर्म कर दिया है। ऐसे में किसी अटैच संपति आरोपित को नहीं दी जा सकती। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अपीलीय ट्रिब्यूनल ने छह नवंबर से पहले कोठी चौटाला को देने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाते हुए ओम प्रकाश चौटाला से जवाब तलब किया है।
 
November 07, 2020

प्रदेश के सभी केंद्रीय सहकारी बैंक होंगे डिजीटल

प्रदेश के सभी केंद्रीय सहकारी बैंक होंगे डिजीटल

 रेवाड़ी : ( पंकज कुमार )  हरको बैंक हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक रविवार को शहर के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता हरको बैंक के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव  ने की। मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें विशेषतौर से प्रदेश की सभी पैक्स को कंप्यूटराइजेशन करना एवं जिलों के बैंकों का स्वरूप कॉर्मिशियल बैंक में बदलने पर विशेष फोकस किया गया।
चेयरमैन अरविंद यादव ने स्पष्ट तौर से कहा कि अभी तक जिला स्तर पर सेवाएं दे रहे केंद्रीय सहकारी बैंक एवं पैक्स को पॉलीटिक्ल बैंक के नजर से देखा जाता था। इस मानसिकता को हर हालत में खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास युवा बैंक अधिकारियों की टीम है। सबसे बड़ी बात हरियाणा में ग्रामीण पृष्ठभूमि का हमारा सबसे बड़ा नेटवर्क है जिसकी ताकत को समझना होगा।

उन्होंने कहा कि हम पैक्स की कार्यशैली को बदलने जा रहे हैं। जिस तरह देश के बड़े बैकों में उपभोक्ताओं के लिए लॉकर , एटीएम, डिजीटल लेन देन की सुविधाएं हैं। वहीं हम पैक्स स्तर पर यह सेवाएं देंगे। चेयरमैन ने कहा कि वे काम करने में यकीन करते हैं। इसलिए हमने हर कार्य के लिए समय सीमा रखी है। मीटिंग में जितने भी मुद्दों पर चर्चा हुई है उसे हम 31 मार्च 2021 तक पूरा करेंगे।
इसके लिए सभी जिला महाप्रंबधक की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास के विजन को हमें अपनी वर्क स्टाइल में लाना चाहिए। हमारा बैंक देश में एक मॉडल के तौर पर नजर आए इसके लिए हर बैंक एवं पैक्स को हर लिहाज से बेहतर बनाना होगा। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आत्मनिर्भर भारत और हरियाणा के विजन को भी हम अपनी अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से पूरा करेंगे।

Friday, November 6, 2020

November 06, 2020

देश में पहली बार:हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण मिलेगा, विधेयक में फायदे के साथ कानूनी झोल भी

देश में पहली बार:हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण मिलेगा, विधेयक में फायदे के साथ कानूनी झोल भी

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा ने प्राइवेट सेक्टर में 75% नौकरियां हरियाणा के मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव पास किया है। देश में पहली बार प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है। हरियाणा विधानसभा ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इस विधेयक में सहूलियत के साथ कुछ झोल भी हैं।
इस प्रस्ताव में तमाम कानूनी अड़चन आ सकती है। हरियाणा में काम कर रहीं कंपनियां इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगी तो कोर्ट इस पर रोक लगा सकती है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बिल पास होने के बाद पत्रकारों से कहा कि हरियाणा के युवाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है।
उन्होंने कहा कि अब भविष्य में हरियाणा में जो भी नई फैक्ट्रियां अथवा पहले स्थापित कंपनी में नई भर्तियां होंगी, उसमें हरियाणा के युवाओं की 75% नियुक्तियां जरूरी होंगी। बता दें, जजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में हरियाणा के लोगों को आरक्षण का वादा किया था।

अभी बाहरियों की नौकरी नहीं जाएगी

डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। आगे होने वाली नियुक्तियां इसी नियम से होंगी।

हरियाणा के इन लोगों को मिलेगा फायदा

हरियाणा सरकार का यह विधेयक 50 हजार रुपए मासिक सैलरी तक ही लागू होगा। इससे ज्यादा वेतन वालों पर इसका असर नहीं होगा। इसका लाभ लेने के लिए हरियाणा का निवास प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा। साथ ही जिस पद के लिए वह आवेदन कर रहे हैं, उससे संबंधित योग्यता भी पूरी करनी होगी।

ये कंपनियां आएंगी जद में

राज्य में चल रही उन कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म पर यह नियम लागू होगा, जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं। सभी कंपनियों को 3 महीने में सरकार के पोर्टल पर बताना होगा कि उनके यहां 50 हजार तक की तनख्वाह वाले कितने पद हैं और इन पर काम करने वाले कितने लोग हरियाणा के निवासी हैं।
डाटा अपलोड करने तक कंपनियां नए लोगों को नौकरी पर नहीं रख सकती। प्रस्ताव में यह प्रावधान भी है कि कंपनी प्रबंधन चाहे तो एक जिले से 10% से ज्यादा कर्मचारी रखने पर रोक लगा सकते हैं। हर कंपनी को हर तीन महीने में इस कानून को लागू करने की स्टेटस रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
*नियम तोड़ने पर जुर्माना और सब्सिडी रद्द होगी*
कानून का पालन ना करने वाली कम्पनियों पर इस बिल के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी। इसमें अर्थदंड और सब्सिडी रद्द की जा सकती है। यह कानून अगले 10 साल तक लागू रहेगा।

विधेयक में यह झोल भी है

विधेयक के अनुसार- किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी ना मिलने पर आरक्षण कानून में छूट दी जा सकती है। इस बारे में निर्णय जिला उपायुक्त या उससे उच्च स्तर के अधिकारी लेंगे। SDM या इससे उच्च स्तर के अधिकारी कानून लागू कराने की जांच के लिए डाटा ले सकेंगे और कंपनी परिसर में भी जा सकेंगे। इसमें झोल यह है कि कंपनी प्रबंधन अफसरों से मिलीभगत करके स्किल्ड आवेदक न मिलने का बहाना करके गैर हरियाणवियों को जॉब दे सकती है।

गुरुग्राम-फरीदाबाद में क्या होगा

हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे दिल्ली से लगे जिलों में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के प्लांट हैं। इनमें देश-दुनिया के लाखों लोग नौकरी करते हैं। इस विधेयक से सबसे ज्यादा फर्क इन कंपनियों पर पड़ेगा। यह इलाके हरियाणा का हिस्सा होने के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर का भी अंग हैं। ऐसे में यहां यह नियम हरियाणा सरकार कैसे लागू कराएगी, यह भी बड़ा सवाल है।
November 06, 2020

विधानसभा सत्र:अभय बोले- 32 शहरों में 30 हजार रजिस्ट्रियां गलत हुईं, दुष्यंत का जवाब- एक नहीं, तीन साल की करा रहे जांच

विधानसभा सत्र:अभय बोले- 32 शहरों में 30 हजार रजिस्ट्रियां गलत हुईं, दुष्यंत का जवाब- एक नहीं, तीन साल की करा रहे जांच

चंडीगढ़ : विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने रजिस्ट्री घोटाले से लेकर ओवरलोडिंग और केंद्रीय कृषि कानूनों पर सरकार को घेरा। रजिस्ट्री घोटाले पर चाचा अभय चौटाला और भतीजे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला में तीखे तीर चले। इनेलो विधायक अभय ने ध्यानाकार्षण प्रस्ताव में आरोप लगाया कि प्रदेश के 32 शहरों में 30 हजार से ज्यादा गलत रजिस्ट्रियां हुईं।
डिप्टी सीएम ने लिखित जवाब में एक जगह गड़बड़ी नहीं होने तो दूसरी जगह 7-ए के तहत गड़बड़ी भी स्वीकार कर रहे हैं। अधिकारी भी मान रहे हैं कि पैसा ऊपर तक देना पड़ता है। अधिकारी कहते हैं कि मंत्री ने तो यहां तक कहा है कि जब उनका आदेश न आए तब तक रजिस्ट्री नहीं करनी है। पंचकूला में ऐसा मामला आया है। सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
जवाब में दुष्यंत चौटाला ने कहा- वे दूसरों की बात करते हैं। यदि गलत रजिस्ट्री का ठेका लेकर घूमते हैं तो निंदा करनी चाहिए। सरकार ने बदलाव किए हैं और इससे कई सदस्यों को दुख हो रहा है। कांग्रेस से किरण चौधरी, वरुण चौधरी, बिशनलाल सैनी आदि ने भी रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी के मामले उठाए। उन्होंने भी इसकी जांच कराने की मांग की। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कई अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की है। अभी 2017 से अब तक हुई रजिस्ट्रियों की जांच करा रहें हैं। पिछले साल अक्टूबर की बजाए इस साल राज्य रेवन्यू मिला है।

जींद में होगी पशुओं की सर्जरी, एक्सरे मशीन भी लगेगी

लाला लाजपतराय पशु विश्वविद्यालय द्वारा जींद में पशु विज्ञान सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर में पशुओं के उपचार के साथ-साथ उनकी सर्जरी भी हो सकेगी। इस सेंटर में एक्स-रे मशीन भी उपलब्ध रहेगी। जींद विधायक डॉ़ कृष्ण लाल मिढ्ढा ने प्रश्नकाल के दौरान पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जयप्रकाश दलाल के सामने यह मुद्दा उठाया।
बर्खास्त पीटीआई और एमबीबीएस की फीस बढ़ने के मामले में भी गूंजे
सदन में बर्खास्त पीटीआई का मामला भी उठा। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस को बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने के प्रस्ताव का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसे तो गरीब परिवारों के बच्चे डॉक्टर नहीं बन पाएंगे।

कृषि कानूनों पर हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट

केंद्रीय कृषि कानूनों पर 15 मिनट के लिए कांग्रेस ने वाॅकआउट किया। आखिर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि इस पर शुक्रवार को चर्चा की जाएगी। विपक्ष ने सत्र की अवधि को लेकर सवाल उठाए तो गुप्ता ने कहा कि बिजनेस ही कम है। संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि विपक्ष ने कृषि कानूनों पर किसानों को बहकाने का काम किया है।

आंध्रप्रदेश की स्टडी करेंगे, फिर पुरी की तर्ज पर गड़ेंगे खंभे

हरियाणा में तेज आंधी और तूफान से बिजली के खंभों को गिरने और तारों के टूटने की स्टडी कराई जाएगी। चूंकि आंध्र प्रदेश के पुरी में काफी तेज तूफान आता है। खंभों के गिरने और बिजली की तारें टूटने की काफी कम घटनाएं हैं। प्रदेश के बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों का एक दल पुरी में जाकर स्टडी करेगा। बिजली मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में ही तूफान व आंधी की वजह से 71 हजार 185 खंभे गिरे हैं।

ओवरलोडिंग-स्टोन क्रेशर के मामले में कार्रवाई पर पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक

सदन में विपक्ष ने सरकार को ओवरलोडिंग वाहनों और स्टोन क्रशर को लेकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई पर घेरा। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि इसमें बड़ा खेल हो रहा है। उन्होंने बताया पिछले वित्त वर्ष 28 हजार 199 ओवरलोड वाहनों के चालान किए 104 करोड़ 34 लाख रुपए जुर्माना वसूला। 164 एफआईआर भी दर्ज की हैं। जब मंत्री जवाब नहीं दे पाए तो मोर्चा सीएम मनोहर लाल ने संभाला। उन्होंने कहा कि आपके पास कोई नाम हैं तो बता दें। एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस पर हुड्‌डा ने कहा कि सरकार को घोटाले में शामिल अधिकारियों के नाम बताने में परेशानी ही क्या है।

खेलो इंडिया को लेकर कोई फीस नहीं: संदीप सिंह

खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा कि पंचकूला में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया-2021 गेम्स को लेकर किसी खिलाड़ी से सरकार द्वारा किसी प्रकार की कोई फीस नहीं ली जा रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खेल विभाग द्वारा खेलो हरियाणा मोबाइल एप शुरू किया जाएगा। खिलाड़ी डाउनलोड कर देख सकेंगे कि उनके आसपास कौन सा स्टेडियम है।

Tuesday, November 3, 2020

November 03, 2020

बरोदा उपचुनाव:जींद के एसपी, बबीता फौगाट और डीएसओ के खिलाफ दी शिकायत

बरोदा उपचुनाव:जींद के एसपी, बबीता फौगाट और डीएसओ के खिलाफ दी शिकायत

गोहाना/रोहतक : कांग्रेस नेता सोमवार को लघु सचिवालय में बरोदा उपचुनाव के ऑब्जर्वर और बरोदा विधानसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन निर्वाचन अधिकारी एवं तहसीलदार से मिले। उन्होंने ऑर्ब्जवर को जींद के एसपी ओपी नरवाल, हरियाणा महिला विकास कारपोरशन की चेयरपर्सन बबीता फौगाट, जिला खेल अधिकारी (डीएसओ) रमेश हुड्डा और एक गैस एजेंसी संचालक के खिलाफ शिकायत दी।
कांग्रेस नेताओं ने इन अधिकारी, गैस संचालक पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और भाजपा केप्रत्याशी योगेश्वर दत्त के पक्ष में प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की।
कांग्रेस के रोहतक से विधायक भारत भूषण बतरा, सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, पूर्व ललित नागर व अन्य नेता सोमवार उपमंडलीय परिसर में पहुंचे। आरोप लगाया कि एसपी ओपी नरवाल गांव कथूरा में है। वे ग्रामीणों पर भाजपा के पक्ष में मतदान करने का दबाव बनवा रहे हैं।
इसी तरह से बबीता फौगाट भी उच्च पद कार्यरत है। वहीं, जिला खेल अधिकारी रमेश हुड्डा पर आरोप है कि 26 अक्टूबर को खेल मंत्री संदीप सिंह आए तो उन्होंने खेल प्रशिक्षकों को कार्यक्रम में आने के आदेश दिए थे। एसपी ओपी नरवाल ने कहा कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। इधर, रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बरोदा में भाजपा की ओर से फ्री सिलेंडर बांटकर आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। कई गांवों से शराब और रुपए बांटने की खबरें आ रही हैं। हुड्डा ने कहा कि खुद भाजपा उम्मीदवार ने लोगों में सिलेंडर बांटने की बात कबूल की है। इसलिए चुनाव आयोग को शिकायत दी है।
November 03, 2020

हुड्डा का आरोप:बराेदा में लोगों को बांटे जा रहे सिलेंडर, शराब और रुपए, चुनाव आयोग करे कार्रवाई

हुड्डा का आरोप:बराेदा में लोगों को बांटे जा रहे सिलेंडर, शराब और रुपए, चुनाव आयोग करे कार्रवाई

रोहतक : बीजेपी-जेजेपी ने बरोदा उप-चुनाव में वोटिंग से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। इसीलिए वो वोट हासिल करने के लिए सरेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हैं।
ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। बरोदा में कई जगह सिलेंडर, शराब और रुपये बांटने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बरोदा में पक्की हार सामने देखकर बीजेपी ऐसे ओछे हथकंडे अपना रही है।
सरकारी संरक्षण में शराब, रुपये और गैस सिलेंडर बांटे जा रहे हैं। ख़ुद बीजेपी उम्मीदवार ने लोगों में सिलेंडर बांटने की बात मानी है।
ऐसे में चुनाव आयोग को मौन तोड़ते हुए तुरन्त कार्रवाई करनी चाहिए। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि उपचुनाव में बरोदा की जनता किसी सरकारी प्रलोभन में फंसे बिना मुद्दों के आधार पर वोट करेगी। उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत का दावा किया।

Saturday, October 24, 2020

October 24, 2020

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में हुड्‌डा-चाैटाला की इमोशनल राजनीति, विपक्ष ने एमएसपी पर घेरा तो भाजपा ने नौकरियों से रिझाया

बरोदा उपचुनाव:बरोदा में हुड्‌डा-चाैटाला की इमोशनल राजनीति, विपक्ष ने एमएसपी पर घेरा तो भाजपा ने नौकरियों से रिझाया

गोहाना : बरोदा में वोटरों को रिझाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को कोई कसर नहीं छोड़ रहे। शुक्रवार को हलके में अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे दो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और ओपी चौटाला ने इमोशनल कार्ड खेला तो रोहतक से भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने योग्यता के आधार पर मिली सरकारी नौकरियों की बात रखी।
हुड्‌डा ने भावुक होते हुए उपचुनाव की हार-जीत को जनता की हार-जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव से मेरी नहीं, बल्कि जनता की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। बता दें कि सीएम मनोहर लाल ने बरोदा सीट से हुड्डा की प्रतिष्ठा जुड़ी होना कहा था। इसका जवाब देते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा जनता के साथ जुड़ी है। अब जनता ही भाजपा को इसका जवाब देगी।
वहीं, पूर्व सीएम एवं इनेलो सप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की जुबां पर लंबे समय से सत्ता से दूर होने का दर्द सामने आया। चौटाला ने कहा कि इनेलो सत्ता से बाहर रहकर 15 वर्ष का बनवास काट चुकी है। इस उपचुनाव में इनेलो जीतती है तो प्रदेश में मध्यावति चुनाव होंगे, जिससे इनेलो सत्ता में वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि इन 15 सालों में जनता का जो नुकसान हुआ है, इनेलो सत्ता में आने पर भरपाई करेगी। वहीं, भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा सरकार ने 6 सालों में बिना पर्ची व खर्ची के 85 हजार युवाओं को नौकरियां दी है। इनमें से बरोदा हलके के योग्य युवाओं ने 700 से ज्यादा नौकरियां प्राप्त की हैं। सरकार कहती है कि योग्य युवाओं ने सरकारी नौकरियां ली।

*भाजपा आजादी से पहले की व्यवस्था बना रही, तब एमएसपी नहीं था: हुड्‌डा*

हुड्‌डा ने कृषि के तीन बिलों पर कहा कि नए अध्यादेश लाकर भाजपा आजादी से पहले की व्यवस्था कर रही है। तब फसलों का एमएसपी नहीं मिलता था। अब सरकार ने नए कानून लागू करके दो मंडी बना रही है। एक मंडी में सरकार फसल एमएसपी मिलने की बात कह रही है। दूसरी मंडी बाहर होगी, जहां पर बड़ी कंपनियां मनमाफिक रेट पर फसल खरीदेंगी। दोनों ही मंडियों में किसानों को कम रेट में फसल बेचने को मजबूत होना पड़ेगा।
*खिड़की से समस्याओं का समाधान करना ढकोसला था, खिड़की बंद पड़ी : चौटाला*
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने सीएम विंडो को लेकर कहा कि लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए जो खिड़की खोली थी, वह बंद पड़ी हुई है। यह केवल ढकोसला था और लोगों को गुमराह करने के लिए किया था। आज गांवों में पेयजल समस्या है। सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही। किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जा रही है। बस में सवार चौटाला ने शामड़ी, मुंडलाना, सिरसाढ़ का दौरा किया।

*उपचुनाव न होता तो विपक्षी नेता करते कृषि कानूनों का समर्थन: अरविंद*

भाजपा सांसद डॉ.अरविंद शर्मा ने कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर बरोदा हलका के साथ भेदभाव और विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हुड्‌डा बरोदा हलके को अपना घर बताता है, लेकिन जब विकास करने की बात आई तो रोहतक ही याद रहा। सांसद डॉ. शर्मा ने कृषि कानूनों का विरोध किसान नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता कर रहे हैं। यदि उपचुनाव नहीं होता तो सभी विपक्षी पार्टियों के नेता कानूनों का समर्थन करते। पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाने के लागू किए हैं, लेकिन विपक्ष इस पर भी राजनीति कर रहा है। सांसद ने कहा कि भाजपा बरोदा हलके का विकास करा रही है तो विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है। जब विपक्षी पार्टियां सत्ता में थी, तब हलके का विकास नहीं कराया, अब भाजपा करा रही है तो उसे भी नहीं कराने दे रही। कांग्रेस और इनेलो नेता इन्हें चुनावी घोषणाएं बता रहे हैं।

Monday, October 19, 2020

October 19, 2020

दलेल कुंडू बने इनेलो के जिला प्रेसपर्वकता

दलेल कुंडू बने इनेलो के जिला प्रेसपर्वकता 

जींद : ( संजय तिरँगाधारी )  इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, प्रधान महासचिव चौधरी अभय सिंह चौटाला व् पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी नफे सिंह राठी जी से विचार विमर्श करके जिला प्रधान रामफल कुंडू जी ने दलेल कुंडू को अपनी जींद कार्यकारिणी में जिला इनेलो  प्रेस पर्वक्ता जींद नियुक्त किया है।  अपनी इस नियुक्ति पर दलेल कुंडू ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेवारी दी है उस पर वे पार्टी की नीतियों का अनुसरण करेंगे व् पार्टी को और अधिक मजबूत करेंगे। उन्होंने चौधरी ओमप्रकाश चौटाला , प्रधान महासचिव चौधरी अभय सिंह चौटाला व् पार्टी प्रदेश अध्यक्ष व् जिला प्रधान रामफल कुंडू जी का आभार व्यक्त किया।

Sunday, October 18, 2020

October 18, 2020

बरोदा उपचुनाव:नरवाल गोत्र से दो प्रत्याशी मैदान में होने से रोचक हुआ मुकाबला, तीनों मुख्य दलों ने तेज किया प्रचार

बरोदा उपचुनाव:नरवाल गोत्र से दो प्रत्याशी मैदान में होने से रोचक हुआ मुकाबला, तीनों मुख्य दलों ने तेज किया प्रचार

गोहाना : बरोदा उपचुनाव के लिए जमा हुए 24 नामांकन पत्र की जांच की गई। निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन पत्र जमा करने वाले पिता-पुत्र के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए। पुत्र की आयु 25 साल से कम थी तो पिता के नामांकन में सत्यापित मतदाता सूची और नियमानुसार शपथ संग्लन नहीं था। कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल का नामांकन सही मिलने पर कवरिंग के तौर पर पत्नी द्वारा भरा गया नामांकन भी रद्द कर दिया गया है।
अब 17 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में रह गए हैं। कोई भी प्रत्याशी 19 अक्टूबर को दोपहर बाद तीन बजे तक नामांकन पत्र वापस ले सकता है। बरोदा उपचुनाव मैदान में उतरने के लिए 21 प्रत्याशियों ने 24 आवेदन जमा कराएं थे। इनमें से भाजपा प्रत्याशी योगेश्वरदत्त, कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल और निर्दलीय प्रत्याशी दीक्षित खत्री ने दो-दो नामांकन पत्र जमा कराए गए थे। बरोदा निर्वाचन अधिकारी आशीष वशिष्ठ ने कहा कि नामांकन पत्र जमा कराने के अंतिम दिन तक 21 प्रत्याशियों ने 24 नामांकन पत्र जमा कराएं थे। जांच करने के बाद सात नामांकन पत्र को रद्द कर दिया गया है। 17 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र ठीक मिले हैं। 19 अक्टूबर को दोपहर बाद तीन बजे तक कोई भी प्रत्याशी नामांकन पत्र वापस ले सकता है। इसके बाद चुनाव चिन्ह अलॉट कर दिया जाएगा।

सिर्फ कागजों में घोषणाएं करती थी कांग्रेस: दलाल

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि भाजपा ने कागजों में घोषणाएं नहीं की हैं, जो की हैं, उनके टेंडर लगाकर कार्य शुरू कराए हैं। युवाओं को रोजगार देने के लिए आईएमटी विकसित की जाएगी। वहीं, कांग्रेस सरकार द्वारा कागजों में घोषणा करके जनता को गुमराह किया जाता था। चाहे फसल खराब होने पर मुआवजा राशि बढ़ाने की बात हो या फिर लाठ-जौली में रेलकोच फैक्ट्री लगाने की।
कृषि मंत्री दलाल शनिवार को भाजपा कार्यालय में प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के साथ संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। योगेश्वर ने कहा कि भाजपा ने बरोदा हलके के विकास के लिए जो कार्य शुरू कराएं हैं, विकास की यह गति अगले चार साल तक निरंतर बनी रहेगी। हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं, क्योंकि एक सीट न तो सरकार पलटने वाली है और न विपक्षी पार्टी की सरकार बनने वाली है। हम यहां विकास के लिए आए हैं।

बरोदा का परिणाम चंडीगढ़ में कुर्सी हिलाएगा: दीपेंद्र

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस उपचुनाव में भाजपा सरकार की नाकामी, 6 साल बरोदा की अनदेखी, प्रदेश के भविष्य और सरकार के खिलाफ जनमत का मुद्दा लेकर जनता के बीच जाएगी। कांग्रेस ने आम परिवार के बेटे इंदुराज नरवाल को प्रत्याशी बनाया है। बरोदा उपचुनाव का परिणाम सिर्फ हलके तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि चंडीगढ़ की कुर्सी को हिलाने का काम करेगा। इसीलिए भाजपा ने आम परिवार के एक बेटे से मुकाबला करने के लिए करीब 100 स्टार प्रचारकों, दूसरे राज्यों के नेताओं और पूरी सरकार को बरोदा में उतार दिया है। बरोदा की जनता पहले ही भाजपा सरकार को सबक सिखाने का मन बना चुकी है। सरकार को लेकर इतना अधिक रोष है कि सत्ताधारी नेताओं को जनता के बीच में जाने के लिए भी पुलिस बल का सहारा लेना पड़ रहा है।

Saturday, October 17, 2020

October 17, 2020

हरियाणा से बड़ी खबर कर्मचारियों की बॉडी पर लगेंगे कैमरे सरकार का बड़ा ऐलान

हरियाणा से बड़ी खबर कर्मचारियों की बॉडी पर लगेंगे कैमरे सरकार का बड़ा ऐलान

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनता को नवरात्रों की बधाई देने के साथ ही कुछ बड़े ऐलान किये जिसमे उन्होंने बताया की परिवहन विभाग के आरटीए दफ्तर में सुधार की योजना बनाई गयी है । जिसमे आरटीए की रेड टीम के अधिकारियों व् कर्मचारियों के शरीर पर अब बॉडी कैमरे लगेंगे ताकि सारी बात की रिकॉर्डिंग की जा सके और किसी तरह का घपलेबाजी न हो सके । 
हरियाणा के परिवहन विभाग में बढ़ते करप्शन पर अंकुश लगाने के लिए मनोहर सरकार ने बड़े कदम उठाते हुए आर टी ए का नाम बदलकर डी टी ओ कर दिया गया है जिसमे अब क्लास वन अधिकारी को जिम्मेवारी दी गयी है जिसके तहत 22 लोगों की नियुक्ति आज हो जाने का ऐलान किया गया है । दूसरी ओर सेक्रेटरी आरटीए के लिए अब जिले का एक अलग से अधिकारी इस पद को संभालेगा किसी को भी अब एडिशनल चार्ज नहीं दिया जाएगा ।
इस फेर बदल के पीछे का मुख्य कारण बिचौलियों को खत्म करना है। जिसपर करवाई करते हुए बिचौलियों की एक सूची तैयार तैयार कर ली गयी है । जो कुछ समय में अधिकारियों को दे दी जाएगी ताकि इनकी अप्रोच दफ्तर में न हो पाए और इनकी सूची अगर दफ्तरों के बाहर भी लगानी पड़े तो अवश्य लगाई जाएगी ।
सूचियों का विवरण देते हुए मुख्यमंत्री ने 250 लोग जो बिचौलियों का काम करते है उनपर डंडा चलने की बात कही है । कई व्हाट्सएप ग्रुपों का भी जिक्र किया जिनमे ट्रांसपोर्टर, बिचौलिए, दफ्तर के कर्मचारी शामिल हैं जो रेड्स की जानकारी साझा कर देते है उनपर भी करवाई करने की बात कही है ।  इसके साथ ही 150 करोड़ रूपये से 6 सेंटर प्रदेश के अलग अलग इलाकों में बनाए जायेंगे जिनके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा ।
भविष्य में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वालों के लिए बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे जिसमे ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक बनाये जाएंगे ताकि लाइसेंस सही तरीके से मिले। ओवरलोड गाड़ियों के लिए भी नया नियम बनाया जायेगा जैसे पहले कहीं भी धर्मकांटे पर वजन करा लिया जाता था अब ऑटमैटिक पोर्टेबल स्केल सड़क पर रख दिया जाएगा जिससे वाहन का एक्चुअल भार निकल जाया करेगा और इस बात का वाहन चालक को पता भी नहीं चलेगा । हरियाणा में फ़िलहाल 45 स्केल खरीद लिए गए हैं ।
माइनिंग की बड़ी वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए माइनिंग का ई रवना सॉफ्टवेयर और वाहन सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन कर दिया जाएगा ताकि जितना भार वाहन ले के चलेगा वही आंकड़ा आगे मिल सकेगा । वहीँ सरकार की ओर से वाहन धारकों के लिए वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी अब डीटीओ की होगी । हरियाणा में सवा लाख कमर्शियल वाहन हैं उनकी जिम्मेदारी विभाग की है । उनकी शिकायतों को निपटाने के लिए एक डेडिकेटेड हेल्प लाइन दी जाएगी।
October 17, 2020

हरियाणा मंत्रीसमूह की बैठक, विधवा महिला व अविवाहिता को मिलेगी ऑनलाइन तबादला नीति में छूट

हरियाणा मंत्रीसमूह की बैठक, विधवा महिला व अविवाहिता को मिलेगी ऑनलाइन तबादला नीति में छूट

चंडीगढ़ : शुक्रवार को हरियाणा सचिवालय में देर शाम को मंत्रीसमूह की अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद में खुद मुख्यमंत्री ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। राज्य के एकमात्र आनलाइन तबादले वाले विभाग की आनलाइन तबादला नीति में थोड़ा बदलाव कर दिया गया है।
जिसके तहत विधवा महिला और अविवाहित को तरजीह मिलेगी। मंत्री समूह ने अन्य भी कईं विभागों से संबंधित फैसले लिए हैं, जिसमें दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा सात सौ करोड़ का ऋण लिया गया है, इसकी गारंटी राज्य सरकार की ओर से दी गई है।
हरियाणा सचिवालय में मंत्रीसमूह की मीटिंग के बाद में सीएम ने ने बताया कि राज्य में वाटर ऑथिरिटी को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिसके तहत अलग से स्टेट वाटर अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। इसके पहले तक पहले सेंट्रल वाटर अथॉरिटी के फैसले ही माने जाते थे। अब से पहले 8 राज्यों की ओर से अथॉरिर्टी का गठन कर लिया गया है।

मंत्री समूह में यह भी फैसला लिया गया कि यूटी (चंडीगढ़) की ओऱ से जो भी सीटीयू चलेंगी उन पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा। इन बसों के संचालन से पंचकूला शहर और आसपास के आम लोगों, बुजुर्गों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। मीटिंग के दौरान हरियाणा बिजली वितरण निगम की रिपोर्ट पेश की गई। अहम स्कीम उदय को लेकर कुछ शर्तें लगाई गईं थी, जिसमें बदलाव कर कमी की है।
8 हजार 670 करोड़ की बचत पिछले पांच वर्षों में हुई है। इस दौरान बताया गया कि 4525 गांवों में म्हारा गावं जगमग गांव स्कीम के तहत 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओऱ से सात सौ करोड़ का ऋण लिया गया है औऱ राज्य सरकार ने इसके लिए गारंटी दी गई है।

रोहतक में मेगा फूड प्रोजेक्ट को लेकर 55 करोड़ कर्ज को लेकर भी गारंटी दी गई है। राज्य सरकार के एकमात्र शिक्षा विभाग में तबादला नीति लागू हुई है, बाकी विभागों में फिलहाल लागू नहीं हो सकी है। लेकिन आनलाइन तबादला नीति में संशोधन किया गया है। जिसके तहत अविवाहित और विधवा शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

हाउसिंग बोर्ड का काम हुआ व्यापक, अब हाउसिंग फार आल

हाउसिंग बोर्ड के नाम में परिवर्तन कर दिया गया है। पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए हाउसिंग फार आल नाम देते हुए इसका काम भी व्यापक कर दिया गया है। पूर्व में इसका काम बेहद ही छोटे दायरे तक सीमित था लेकिन अब हाउसिंग से सभी योजनाएं शामिल कर ली जाएंगी। एमएसएमई को ज्यादा मजबूत करने के लिए इस काम को तीन जगह वांट दिया गया है। बरौदा में जनता कॉलेज बुटाना को यूनिवर्सटी बनाए जाने के फैसले को आचार सहिंता लागू होने औऱ उपचुनाव होने के कारण आगे विचार के लिए लंबित रख लिया गया है।

विधानसभा का सत्र दोबारा बुलाने पर भी मुहर

कोविड के कारण विधानसभा सत्र की पिछली बार स्थगित हुई कार्रवाई को दोबारा चलाने को लेकर भी फैसला लिया गया है। इस तरह से नवंबर प्रथम सप्ताह में सत्र को दोबारा से संचालित किया जाएगा। इस संबंध में विधानसभा अध्य़क्ष से एक बार फिर पिछले सत्र को दोबारा से चलाने के लिए सिफारिश की जाएगी। अब एक बार फिर से स्पीकर से चर्चा के बाद सत्र को दोबारा शुरू करने और तारीख निश्चित कर दी जाएगी। बतााया जा रहा है कि 3 नवंबर या 10 नवम्बर के बाद सत्र की कार्रवाई दोबारा शुरू हो सकती है।

75 फीसदी आरक्षण मामला

राज्य में निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवा वर्ग को 75 फीसदी आरक्षण मामले में भी अध्यादेश को वापस लेने के लिए राज्यपाल से अपील की गई है। एक बार फिर से इस मुद्दे पर विधानसभा में बिल लाया जाएगा। जिसके लिए तैयारी की जा रही है। यहां पर याद दिला दें कि जजपा द्वारा इस तरह का वायदा युवा वर्ग से किया गया था लेकिन राज्यपाल ने इस पर अपनी मुहर नहीं लगाई साथ ही देश के राष्ट्रपति के पास में भेज दिया था। कुल मिलाकर अभी मामला ठंडे बस्ते में है।
October 17, 2020

बरोदा उपचुनाव:कांग्रेस में बरोदा के टिकट के लिए रातभर ड्रामा, दिन में बिना घोषणा के ही सीधे कराया नामांकन

बरोदा उपचुनाव:कांग्रेस में बरोदा के टिकट के लिए रातभर ड्रामा, दिन में बिना घोषणा के ही सीधे कराया नामांकन

गोहाना : बरोदा उपचुनाव के लिए भाजपा ने जहां गुरुवार देर रात उम्मीदवार खिलाड़ी योगेश्वर दत्त की घोषणा कर दी थी। वहीं, कांग्रेस में टिकट को लेकर रातभर ड्रामा चलता रहा। रात भर नए-नए नाम सामने आते रहे। पार्टी में गुटबाजी के कारण कोई नाम फाइनल नहीं हो रहा था। भूपेन्द्र हुड्डा शुरू से कपूर नरवाल के नाम को फाइनल करवाने के लिए जोर लगाए रहा थे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा अड़ी थी कि पार्टी के बाहर से किसी आदमी को टिकट न दी जाए।
अंत में प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने हुड्डा और शैलजा में बीच-बचाव कराया। उन्होंने तय किया कि जिसे टिकट मिलेगी वो पार्टी का ही कार्यकर्ता होगा, लेकिन बरोदा हुड्डा का गढ़ है, इसलिए उनकी पसंद का होगा। ऐसे में रात 2 बजे के बाद भूपेंद्र हुड्डा की नजदीकी इंदुराज नरवाल का नाम फाइनल कर हाईकमान को दिया गया, लेकिन पार्टी की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई। सीधे इंदुराज को कहा गया कि आप नामांकन की तैयारी करें। इसके बाद दिन में सीधे दिल्ली से आकर भूपेन्द्र हुड्डा, दीपेंद्र और कुमारी शैलजा ने उनका आवेदन जमा कराया।
टिकट कटने से नाराज कपूर ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा, समर्थन में पहुंचे विधायक कुंडू के खिलाफ नारेबाजी
कृषि कानून के बाद डॉ. कपूर नरवाल भाजपा से दूरी बनाए थे, लेकिन भाजपा को नहीं छोड़ा था। इस बीच हुड्डा के साथ 4 मीटिंग कर चुके थे। उनका नाम तय माना जा रहा था, लेकिन अंतिम क्षणों में कट गया। इससे नाराज डॉ. नरवाल ने निर्दलीय पर्चा भरा है। उनके नामांकन में आए विधायक बलराज कुंडू के खिलाफ कांग्रेस समर्थकों ने नारेबाजी कर दी। उनका आरोप है कि विधायक ने पंचायती उम्मीदवार को लड़ाने की बात कही थी। अब डॉ. नरवाल को लड़वा रहे हैं। विधायक को अपनी बात पर रहना चाहिए था। कूपर ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी ने उसे बलि का बकरा बनाया है।

हुड्डा ने मेरी मदद की : कपूर

डॉ. कपूर ने कहा कि कृषि बिलों के कारण भाजपा से जाने का मन बना लिया था। मेरी कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ मीटिंगें भी हुईं। उन्होंने मेरी मदद भी की, लेकिन कांग्रेस में ऊपरी स्तर पर गुटबाजी है। मुझे मोहरा बनाया गया है।

पार्टी कार्यकर्ता को उतारा: शैलजा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी के नाम पर चर्चा देर रात तक होती रही। पार्टी कार्यकर्ता को ही चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी, जिसके कारण देरी हुई। कपूर नरवाल के आरोप गलत हैं और वो तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं हैं।
October 17, 2020

मनोहर कैबिनेट की अहम फैसले:निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय को नौकरी का ऑर्डिनेंस वापस होगा, सरकार विधानसभा में लाएगी बिल, स्थानांतरण नीति में संशोधन को भी मंजूरी

मनोहर कैबिनेट की अहम फैसले:निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय को नौकरी का ऑर्डिनेंस वापस होगा, सरकार विधानसभा में लाएगी बिल, स्थानांतरण नीति में संशोधन को भी मंजूरी

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय को 75% आरक्षण के अपने ऑर्डिनेंस को वापस लेगी। सरकार अब इसके लिए विधानसभा में बिल लेकर आएगी। सत्र 3 नवंबर के बाद कभी भी बुलाया जा सकता है। मनोहर कैबिनेट की जुलाई में हुई मीटिंग में नौकरियों में आरक्षण को लेकर ऑर्डिनेंस लाया गया था। इसे राज्यपाल के पास भी भेजा। लेकिन ऑर्डिनेंस की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
ऐसे में शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में ऑर्डिनेंस वापस लेने का फैसला लिया गया। इसके अलावा शिक्षा विभाग में शिक्षकों की ऑन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव किया गया। जिसमें 40 साल से अधिक उम्र की विधवा, तलाकशुदा अविवाहिता, सैनिकों और अर्द्ध सैनिकों की पत्नियों को तबादला नीति में 10 अंक अलग से देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा पानी से संबंधित फैसले लेने के लिए वाटर अथॉरिटी बनाने का फैसला लिया गया है।

ट्रांसफर पॉलिसी में ऐसे लागू होगा 10 अंकों का संशोधन

कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के लिए अध्यापक स्थानांतरण नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। ट्रांसफर ड्राइव के बाद, नवविवाहिता, तलाकशुदा महिला कर्मचारियों को अनुरोध पर खाली पदों पर पंसदीदा स्थान दिया जाएगा। हालांकि, उन्हें अगले स्थानांतरण अभियान में भाग लेना होगा और उन्हें उस समय उपलब्ध रिक्त पदों के विरुद्ध उनके तीन विकल्पों में से किसी एक में समायोजित किया जाएगा।
संशोधन के अनुसार 40 वर्ष से अधिक आयु की विधवा, तलाकशुदा, अविवाहित महिला शिक्षक, राज्य के बाहर काम करने वाले सेवारत सैनिक और अर्धसैनिक बलों के शिक्षक पति या पत्नी को मौका मिलेगा। इस कैटेगिरी शिक्षकों को ट्रांसफर में 10 अंक दिए जाएंगे। कैंसर मरीजों और कमजोर करने वाले रोगों के लिए एम्स (हरियाणा में इसकी शाखाओं समेत), पीजीआई रोहतक, पीजीआई खानपुर कलां, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, पीजीआई चंडीगढ़ या विधिवत रूप से गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र ही वैध होगा। मेवात काडर को छोड़कर बाकि हरियाणा के अध्यापक मेवात जिले में भी अपनी पोस्टिंग चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे।
October 17, 2020

भाजपा नेता बोले- उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा- योगेश्वर दत्त

भाजपा नेता बोले-उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे,बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा- योगेश्वर दत्त 

भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने नामांकन पत्र भरा

गोहाना : भारतीय जनता पार्टी के बरोदा विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी योगेश्वर दत्त ने आज अपना नामांकन पत्र भरा। इससे पूर्व भाजपा के बरोदा रोड स्थित कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भारी जनसमूह ने पार्टी प्रत्याशी योगेश्वर दत्त का स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कार्यकर्ताओं के जनसमूह को चार्ज करते हुए आह्वान किया कि हमें इस उपचुनाव में इतिहास रचते हुए रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करनी है। मंच पर भाजपा के बरोदा प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त,केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान,प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़,करनाल से सांसद संजय भाटिया,कृषि मंत्री जेपी दलाल, जिला अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, रामविलास शर्मा, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, दादा बलजीत मलिक, सांसद धर्मवीर, कृष्ण लाल पंवार,विधायक कमलेश ढांडा,कैलाशो सैनी पूर्व सांसद कुरुक्षेत्र, पूर्व विधायक कविता जैन,गोहाना नगर परिषद की चेयरमैन रजनी विरमानी, डॉ बनवारी लाल व विधायक डॉ कृष्ण लाल के साथ-साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री बालियान ने दिया योगेश्वर दत्त को आशीर्वाद

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि मैं केवल और केवल पहलवान योगेश्वर दत्त को आशीर्वाद देने यहां आया हूं।अगर आलाकमान आज बरोदा के प्रत्याशी के रूप में पहलवान को टिकट नहीं देती,शायद मैं आज यहां नहीं आता। पहलवान योगेश्वर ने हमारे देश का नाम देश के साथ-साथ विदेशों में भी ऊंचा किया है। देश में कुश्ती को अगर किसी ने जिंदा किया है तो वह केवल और केवल योगेश्वर दत्त हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की झूठी चौधर के चक्कर में बरोदा हल्का विकास से अछूता रहा है। ओलंपिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी,युवा और ईमानदार योगेश्वर दत्त को बरोदा की महान जनता ने जाती-पाती के भेद से ऊपर उठकर अपना लिया है। पहलवान की अपनी कोई जाति नहीं होती,36 बिरादरी का घी पी पीकर,योगेश्वर पहलवान बने हैं। मैं बरोदा की जनता से आह्वान करूंगा कि वह कमल के निशान वाला बटन दबाकर पहलवान योगेश्वर दत्त को विजयी बनाएं।

कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे- ओमप्रकाश धनखड़

नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने मंच पर खड़े होकर कहा की एक खिलाड़ी अपने दम पर देश का नाम पूरे विश्व में करवा सकता तो फिर अपने हलके के लिए विकास कार्य भी करवा सकता है।पहलवान ने हल्के की सेवा के लिए डीएसपी के पद से इस्तीफा दे दिया तो आप लोगों ने भी उसको सेवा का एक मौका देना चाहिए। आज कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे चल रही है। झूठ के सहारे किसानों में भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति को वह जिंदा रखे हुए है। लेकिन,सच यह है कि कांग्रेस का झूठ नहीं बिकेगा । आज कांग्रेस में केवल विचार बदलू लोग बचे हुए हैं। कांग्रेस ने अपने ही घोषणापत्र और अपनी ही बनाई रिपोर्टों को दरकिनार कर केवल विरोध के नाम पर विरोध करना शुरू कर दिया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि पार्टी सत्ता में आने पर कृषि उपज मंडी समितियों के कानून में संशोधन करेगी। इसके साथ कृषि उपज के निर्यात और दूसरे राज्यों में व्यापार पर लगे सभी प्रतिबंधो को  समाप्त किया जाएगा,पर जब आज ये काम हो रहे हैं तो इनका विरोध कर रही है। कांग्रेस द्वारा एक माहौल बनाया जा रहा है कि मंडियां बंद हो जाएंगी, एमएसपी को खत्म कर देंगे, किसान की जमीन को बड़े बड़े कारपोरेट घरानों को बेच देंगे।जबकि, ऐसा कुछ नहीं होना है। मंडियां पहले की तरह रहेंगी, फसलों का एमएसपी पहले की तरह ही मिलेगा। किसानों को गुमराह होने की जरूरत नहीं, वे कांग्रेस के भ्रम में ना आएं। उन्होंने कहा कि किसानों को पीछे रखना कांग्रेस की फितरत है। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि देश का किसान भी खुशहाल हो समृद्ध हो। और अंत में कहा कि वक्त के हिसाब से बदलाव भी जरूरी है इसलिए बरोदा में बदलाव आप ही ला सकते हैं।

विकास के लिए चुनाव लड़ रहा हूं- योगेश्वर दत्त

नामांकन भर लोगों के बीच आशीर्वाद लेने  पहुंचे योगेश्वर दत्त ने कहा,मैं केवल आप लोगों के विकास के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मेरा केवल एक ही मकसद है कि बरोदा हलके का विकास करवाना। मैं आप लोगों से केवल 4 साल मांगने आया हूं। अगर मैं आपको दिए हुए वादों पर खरा नहीं उतरता हूं तो आप मुझे दोबारा मौका मत देना। मैंने अपना डीएसपी का पद केवल और केवल आप लोगों की सेवा करने के लिए ही त्यागा है। अब अगर आप अपना आशीर्वाद मुझ दोगे तो मैं बरोदा हलके की तस्वीर बदल दूंगा।

राज में हिस्सा करना सीख लो तभी तुम्हारा विकास संभव

डॉ केसी बांगड़ ने मंच से भाजपा और जजपा के गठबंधन को इस उपचुनाव के लिए काफी अहम बताया। बांगड़ ने कहा कि हमारा गठबंधन तो भाजपा से काफी पुराना है। दुष्यंत चौटाला ने तो केवल रीत को आगे बढ़ाया है। दुष्यंत चौटाला से पहले अजय चौटाला,चौधरी ओमप्रकाश चौटाला सभी ने गठबंधन से सरकार बनाई है। इस उपचुनाव को गठबंधन लड़ेगा और भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ा जाएगा। डॉक्टर बांगड़ ने कहा कि बिना किसी के बहकावे में आए गठबंधन के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा वोट देकर विजयी बनाएं। जाते-जाते उन्होंने एक काफी महत्वपूर्ण बात कह डाली। उन्होंने छोटूराम की उन पंक्तियों का जिक्र किया जो आज के समय बरोदावासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बांगड़ ने कहा कि चौधरी छोटूराम हमेशा से एक बात कहते थे की प्रदेशवासियों "राज में हिस्सा करना सीख लो तभी तुम्हारा विकास संभव है"।

योगेश्वर को आप भी एक मौका दें- रामबिलास शर्मा

पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट मिलने पर आशीर्वाद देने आए रामविलास शर्मा ने कहा कि आज आप लोगों का प्यार देखकर ऐसा लग रहा है,जैसे योगेश्वर कोई मेडल ले आया हो। गठबंधन के प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट मिलने पर रामविलास शर्मा ने कहां कि जब योगेश्वर दत्त कुश्ती जीत के आता था तो गांव के और आसपास के जमीदार इनाम में दूध,घी व दही दे देते थे यह उस दूध,घी और दही का ही परिणाम है कि योगेश्वर पहलवान खेल में नाम चमकाने के बाद अब राजनीति में अपना नाम चमकाने जा रहा है। योगेश्वर दत्त ने जनता की सेवा के लिए अपने डीएसपी पद से भी इस्तीफा दे दिया था ताकि वह आप लोगों के बीच में रहकर आप की सेवा कर सके। अब आप का भी फर्ज बनता है कि आप भी उन्हें एक मौका दें ताकि वह बरोदा की तस्वीर बदलने में कामयाब हो।