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Tuesday, January 10, 2023

January 10, 2023

हरियाणा सरकार खसरा और रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध

हरियाणा सरकार खसरा और रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध

चंडीगढ़- हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी. अनुपमा ने कहा कि भारत सरकार के निदेशानुसार प्रदेश सरकार सभी जिलों में दिसंबर 2023 तक खसरा और रूबेला के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ जी अनुपमा ने यह बात आज खसरा उन्मूलन लक्ष्य की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 की लक्ष्य तिथि से पहले केवल 12 महीने के साथ, केंद्र सरकार ने खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके अनुसार, सभी बच्चों को 24 महीने की उम्र तक खसरा रूबेला टीका की 2 खुराक देनी होगी और सभी जिलों को इस बारे में संवेदनशील बनाए रखना होगा तथा खसरा और रूबेला के मामलों का पता लगाने के लिए वैश्विक निगरानी बेंचमार्क के प्रति रश सर्वेक्षण बेंचमार्क अपनाना होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि सभी नागरिक सर्जनों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि सभी फ्रंटलाइन श्रमिक एएनएम, एडब्ल्यूडब्ल्यू और आशा को स्वास्थ्य के 3 आवश्यक घटकों टीकाकरण, एनीमिया और पोषण पर जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सिविल सर्जन अपने-अपने जिलों में नव निर्वाचित सरपचों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देकर उनके माध्यम से जागरूक करने का काम करे।  
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक डॉ प्रभजोत सिंह ने कहा कि ‘सभी जिलों को जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक जिला टास्क फोर्स बनाये जाने के लिए निर्देश दिए और तीसरी तिमाही तक उन्मूलन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मासिक आधार पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के साथ एक्शन प्लान की बारीकी से समीक्षा की जानी चाहिए।  
 प्रभजोत सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार के नूंह और पलवल जिले समेत देश के विभिन्न राज्यों से खसरा मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सभी को अतिरिक्त खुराक प्रशासित करने के लिए खसरा और रूबेला कैच-अप अभियान आयोजित करने का फैसला किया गया है और इस बीमारी के संचरण को रोकने के लिए 9 महीने से 15 साल के बच्चों को अतिरिक्त खुराक दी जाएगी।
बैठक में बताया गया है कि शिक्षा विभाग को रैलियों आदि के माध्यम से टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए निर्देश दिए गए हैं । इसके अलावा, स्कूल प्रवेश के समय टीकाकरण जांच को बढ़ावा देने सहित अन्य जिलों में उनके क्षेत्रों में शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीकाकरण ड्राइव भी आयोजित किए जाएंगें। महिला और बाल विकास, पंचायती राज, शिक्षा, आईएमए और आईएपी के विभागों को खसरा और रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में अभियान को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने और सहयोग को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अपना भरपूर सहयोग बढ़ाने के लिए बैठक में निर्देश दिए है।
बैठक में पंचायती राज विभाग के महानिदेशक संजय जून, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ सोनिया त्रिखा, डीजीएमएच, डॉ वी के बंसल, एसईपीआईओ डा वीएस अहलावत, आईएमए, आईएपी, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि, पीजीआई चंडीगढ़ और रोहतक के विशेषज्ञों सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
January 10, 2023

इंटर विलेज कनेक्टिविटी विकास का मुख्य आधार : दुष्यंत चौटाला

इंटर विलेज कनेक्टिविटी विकास का मुख्य आधार : दुष्यंत चौटाला

- उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गांव बुडौली में जनसभा को किया संबोधित
रेवाड़ी -हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि बेहतरीन "इंटर विलेज कनेक्टिविटी" विकास का मुख्य आधार है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस कनेक्टिविटी को और अधिक बेहतर बनाएंगे ताकि ग्रामीण परिवेश में आमजन को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध हो सके।
 उपमुख्यमंत्री आज रेवाड़ी जिला के गांव बुडौली में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न आधारभूत अवसंरचनाओं के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने तथा उनकी आय में वृद्धि करने हेतु आधारभूत अवसंरचना को बेहतर करना आवश्यक है। प्रदेश में फॉर लेन इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को भी बेहतर किया गया है , क्योंकि बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमी की बैकबोन होती है।  प्रदेश सरकार ने विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवेज निर्मित कराए हैं तथा प्रदेश को अन्य राज्यों से जोड़ने का कार्य किया है। तय समय पर एक्सप्रेस-वे पूर्ण किए गए। प्रदेश में एक्सप्रेस-वे के साथ इंटर स्टेट कनेक्टिविटी एवं हाईवे का बेहतर जाल बिछाया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में पढ़ी लिखी पंचायतें बनी हैं। ऐसे में शिक्षाप्रद पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए ग्रामीण परिवेश में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पंचायतें सरकार की सहभागी बनेंगी। सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ते सरकार के कदम में अब पंचायती स्तर पर विकास की नई तस्वीर सामने आएगी।
January 10, 2023

पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण - मुख्यमंत्री

पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण - मुख्यमंत्री

2 लाख रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति अपने स्तर पर कर सकेंगे सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के चेयरमैन

इन कार्यों के लिए किसी प्रकार का कोई टेंडर नहीं होगा
चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर उन्हें और अधिक स्वायत्ता प्रदान करते हुए घोषणा की कि अब से पंचायती राज संस्थाओं की अपनी आय में से होने वाले 2 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति चुने हुए जन प्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर ही दी जाएगी। सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के चेयरमैन द्वारा यह स्वीकृति प्रदान की जाएगी। 2 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा और इन कार्यों के लिए किसी प्रकार का कोई टेंडर नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 2 लाख से 25 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एसडीओ देगा। इन कार्यों के लिए हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के माध्यम से अल्पावधि के टेंडर किये जाएंगे। 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा। एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति अधीक्षक अभियंता तथा 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की फिक्स्ड डिपोजिट भी होती है। गांवों में विकास कार्यों के लिए यदि धन की आवश्यकता होती है तो इस डिपोजिट में से एक साल में 50 लाख रुपये तक या कुल डिपोजिट की 10 प्रतिशत राशि, जो भी अधिक हो, जिला उपायुक्त रिलीज कर सकता है। इससे अधिक राशि के लिए जिला उपायुक्त इस विषय को राज्य सरकार को भेजेंगे।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए यदि राशि कम पड़ती है और पंचायती राज संस्थाओं की मांग पर राज्य सरकार अतिरिक्त बजट प्रदान करती है, तो 25 लाख रुपये से कम काम के लिए राशि सीधे उन्हें दे दी जाएगी। 25 लाख रुपये से ज्यादा के काम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाएंगे। इसके लिए 25 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग के निदेशक द्वारा दी जाएगी और इस कार्य की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा। एक  करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक प्रशासनिक स्वीकृति प्रशासनिक सचिव तथा तकनीकि स्वीकृति अधीक्षक अभियंता देगा। 2.5 से 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित मंत्री तथा तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा। दस करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मुख्यमंत्री स्तर पर होगी तथा तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर द्वारा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पहले कार्य करवाने के लिए तकनीकी स्वीकृतियों में ही बहुत लंबा समय लगता था, लेकिन अब उनके स्तर पर स्वीकृतियां होने से यह कार्य जल्दी होंगे और कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी।

 मनोहर लाल ने कहा कि सरकार अपने राजस्व से गांवों व शहरों में आबादी के अनुसार विकास कार्यों के लिए 7 प्रतिशत धनराशि आवंटित करती है। 2 प्रतिशत राशि रिजर्व में रखी जाती है, ताकि वित्तीय रूप से कमजोर पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों को अतिरिक्त फंड मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल एवं विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया भी उपस्थित थे।
January 10, 2023

शिक्षा व कृषि विकास पर है सरकार का फोकस : दुष्यन्त

शिक्षा व कृषि विकास पर है सरकार का फोकस : दुष्यन्त

- दीनबन्धु छोटूराम की सोच को सार्थक कर रही है प्रदेश सरकार
चंडीगढ़ - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार दीनबन्धु सर छोटूराम व राजा नाहर सिंह की सोच को मूर्त रूप देते हुए जनसेवा की भावना से कार्य कर रही है। आज राज्य में शिक्षा व कृषि को आगे ले जाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम बढ़ाए जा रहे हैं।उपमुख्यमंत्री रेवाड़ी शहर में नवनिर्मित जाट धर्मशाला के शुभारम्भ समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में उपमुख्यमंत्री ने दीनबन्धु सर छोटूराम व महाराजा नाहर सिंह की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। उन्होंने जाट धर्मशाला के उद्घाटन पर समाज के सभी वर्गों को बधाई दी और कहा कि सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु यह धर्मशाला भाईचारे की मिसाल बनेगी।उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा कि आज राज्य सरकार शिक्षा पर फ़ोकस रखते हुए किसानों को भी तकनीकी रूप से सक्षम करने में भागीदारी निभा रही है।
       उन्होंने सरकार की जनहितैषी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि अंत्योदय की भावना के साथ परिवार पहचान पत्र के अंतर्गत 1 लाख 80 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश में ठेकेदारी प्रथा को खत्म करते हुए पीपीपी से जुड़े जरूरतमंद व पात्र लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। आज ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ते हुए लाभान्वित किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार जनसेवा को समर्पित होकर विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। सकारात्मक परिवर्तन के साथ सरकार जनहितकारी कल्याणकारी योजनाओं से सभी वर्गों को लाभ पहुंचा रही है।
January 10, 2023

स्वास्थ्य विभाग में अब अधिकारी व कर्मचारी की बायोमीट्रिक हाजिरी ही लगेगी-विज

स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 घंटे दी जाने वाले सेवाओं के निरीक्षण के लिए गठित होगी डिटैक्टिव टीम - स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

इन सेवाओं में कोताही होने पर होगी सख्त कार्रवाई , किसी भी सूरत में ऊपर तक किसी को बख्शा नहीं जाएगा- अनिल विज

स्वास्थ्य विभाग में अब अधिकारी व कर्मचारी की बायोमीट्रिक हाजिरी ही लगेगी-विज
चंडीगढ़ - हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार दिन‘-रात अर्थात 24 घंटे दी जाने वाले सेवाओं के निरीक्षण के लिए डिटैक्टिव टीम गठित की जाएगी जो इन सेवाओं का निरीक्षण करेगी। यदि इन सेवाओं में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की ओर से कोई कोताही बरती गई तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी सूरत में ऊपर तक किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह टीम 24 घंटें दी जाने वाली सेवा का कभी भी निरीक्षण कर सकती है।

 विज आज यहां राज्य के सभी सिविल सर्जन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से जुडे और आईएमआर (शिशु मृत्यु दर), एमएमआर (मातृ मत्यु दर) तथा लिंगानुपात सुधार के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
मैं स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण करूंगा - विज

स्वास्थ्य मंत्री ने आज कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अब किसी भी अधिकारी व कर्मचारी की बायोमीट्रिक हाजिरी ही लगेगी, यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी ने बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगाई तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा। 
विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में बायोमीट्रिक के अलावा कोई फिजीकल हाजिरी नहीं मानी जाएगी। विज ने कहा कि मैं स्वयं अस्पतालों को निरीक्षण करूंगा, इसके लिए सभी सिविज सर्जन अधिकारियों को सात दिन का समय दिया जाता है ताकि अपने-अपने अधीन क्षेत्र में आने वाले अस्पतालों व संस्थानों में आवश्यक सुधार कर लिए जाएं । श्री विज ने कहा कि इसके बाद किसी भी कोताही के लिए किसी भी हालत में किसी को बख्शा नहीं जाएगा । उन्होंने सिविल सर्जन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि रेण्डम चैकिंग के लिए अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में टीमों का गठन किया जाए।
वर्किंग टाइम के दौरान स्वास्थ्य सेवा बंद मिली तो सिविल सर्जन के खिलाफ होगी कार्रवाई -विज

 विज ने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि वर्किंग समय के दौरान यदि कोई स्वास्थ्य सेवा बंद पाई जाती है तो कार्रवाई सिविल सर्जन के खिलाफ होगी, सिविल सर्जन अपने अधीन सभी सेवाओं की प्रतिदिन निगरानी करेगा ।
आईएमआर, एमएमआर और लिंगानुपात के आंकडों में सुधार के लिए विकसित होगा डैशबोर्ड- विज

 विज ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एमएमआर, आईएमआर और लिंगानुपात के संबंध में बनाए गए कैलेंडर के तहत यदि कोई अधिकारी व कर्मचारी कार्य नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाए। विज ने कहा कि आईएमआर व एमएमआर (चाहे बच्चे या माता की मृत्यु) के तहत हर मृत्यु के लिए जिम्मेदारी फिक्स की जाएगी और कोताही बरतने वाले को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा, एमएमआर, आईएमआर व लिंगानुपात के संबंध में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारियों की डयूटी फिक्स की जाए कि कौन अधिकारी किस आंकडे या चीज की जांच करेगा।
शिशु व मातृ मृत्यु का होगा आडिट- विज

उन्होंने कहा कि आईएमआर, एमएमआर और लिंगानुपात के आंकडों में सुधार लाना है, इसलिए एक डैशबोर्ड विकसित किया जाएगा ताकि प्रत्येक मृत्यु के संबंध में जानकारी हासिल हो सके। इसके अलावा, ऐसी हर शिशु व मातृ मृत्यु का आडिट भी करवाया जाएगा और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय पर प्रतिदिन सांझा की जाएगी। ऐसे ही, निजी अस्पतालों में एमएमआर/आईएमआर के तहत होने वाली मृत्यु का भी आडिट करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड के दौरान हमने लडाई लडी उसी प्रकार अब हम सभी को आईएमआर, एमएमआर और लिंगानुपात के आंकडों में सुधार लाने के लिए एकजुट होकर लडना होगा।
अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जांच के लिए टीमों के गठन के निर्देश

 विज ने लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने अधीन क्षेत्र में पड़ने वाले अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जांच टीम बनाकर करें और इसके लिए आवश्यकता हुई तो पुलिस सहायता भी मुहैया करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त सभी फील्ड कार्यालयों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की डयूटी लगाई जाए तथा सभी एंबुलेंस इत्यादि उपकरणों काी जांच समय-समय पर की जानी चाहिए।  
शिशु पैदा होने पर उपहार लेने वाले कर्मियों पर होगी भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई -विज

 विज ने सख्त लहजे में सिविल सर्जन से कहा कि यदि कोई डाक्टर या अन्य कर्मी शिशु के पैदा होने पर किसी भी प्रकार की बधाई या उपहार की मांग करता है तो उसके खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और ऐसे कर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी । स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सिविल सर्जन अधिकारियों से कहा कि अगर किसी चीज की कमी है तो मांग रखी जाए और हर जरूरी वस्तु/चीज को मुहैया करवाया जाएगा। विज ने कहा कि हरियाणा को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सारे देश में एक अग्रणी राज्य के रूप में देखा जाता है इसलिए हमें आज से ही आईएमआर, एमएमआर और लिंगानुपात के आंकडों को सुधारना है क्योंकि किसी भी देश व प्रदेश की तरक्की का आंकलन वहां की स्वास्थ्य सेवाओं के आंकडों से लगाया जाता है। विज ने कहा कि ‘‘मेरे स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद से हमने आईएमआर/एमएमआर/लिंगानुपात में बहुत सुधार किया है और जब आईएमआर व एमएमआर सुधरते हैं तब सारी स्वास्थ्य प्रणाली सुधरती है।    

इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी. अनुपमा, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक श्रीमती सोनिया त्रिखा खुल्लर, मिशन निदेशक डा. प्रभजोत सिंह व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Friday, October 7, 2022

October 07, 2022

जिन्‍होंने दिए सिक्‍खों के '5 ककार', जानें गुरु गोबिंद सिंह के बारे में 10 महत्‍वपूर्ण बातें

जिन्‍होंने दिए सिक्‍खों के '5 ककार', जानें गुरु गोबिंद सिंह के बारे में 10 महत्‍वपूर्ण बातें 

Guru Gobind Singh: वर्ष 1699 में, गुरु गोबिंद सिंह ने 'खालसा वाणी' की स्थापना की - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह". उन्होंने अपने सभी अनुयायियों का नाम 'सिंह' रख दिया जिसका अर्थ है शेर । उन्होंने खालसा के '5 ककार'  या सिद्धांतों की भी स्थापना की. ये हैं- केश, कंघा, कच्‍छा, कड़ा, कृपाण। 

सिखों के 10वें और अंतिम गुरु 'गुरु गोबिंद सिंह' का जन्म 22 दिसंबर 1666 को हुआ । उनके बचपन का नाम गोबिंद राय था। उन्होंने संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषाएं सीखीं। इसके साथ ही उन्‍होंनें धनुष-बाण, तलवार, भाला चलाने की कला भी सीखी। एक आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ वह एक निर्भीक योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे। उनकी शिक्षाओं ने सिख समुदाय और अन्य लोगों को कई पीढ़ियों से प्रेरित किया है। आज ही के दिन वर्ष 1708 में, महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित श्री हुजूर साहिब में उन्‍होंने अपने प्राणों का त्याग किया था। आइये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें। 
- गोबिंद राय का जन्‍म सिख धर्म के 9वें गुरु, गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के घर तख्त श्री पटना साहिब (अब पटना) में हुआ था। - वह केवल 9 वर्ष की आयु के थे, जब 10वें सिख गुरू बने।  - अपने पिता गुरु तेग बहादुर के मुगल सम्राट औरंगजेब के हाथों शहादत स्वीकार करने के बाद वह कश्मीरी हिंदुओं की रक्षा के लिए आगे आए। - अपने बचपन में ही, बालक गोबिंद ने संस्कृत, उर्दू, हिंदी, ब्रज, गुरुमुखी और फारसी सहित कई भाषाएं सीखीं। उन्होंने युद्ध में निपुण होने के लिए मार्शल आर्ट भी सीखा। - वह दक्षिण सिरमुर, हिमाचल प्रदेश में यमुना नदी के किनारे एक शहर पांवटा गए। यहां उन्होंने पांवटा साहिब गुरुद्वारा की स्थापना की और सिख सिद्धांतों के बारे में प्रचार किया। पांवटा साहिब आज भी सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां उन्‍होंने 3 वर्ष बिताए, जिस दौरान कई ग्रंथ लिखे और अपने अनुयायियों की पर्याप्त संख्या भी एकत्र की। - सितंबर 1688 में, 19 साल की उम्र में, गुरु गोबिंद सिंह ने भीम चंद, गढ़वाल के राजा फतेह खान और शिवालिक पहाड़ियों के अन्य स्थानीय राजाओं की एक संयुक्‍त सेना के खिलाफ भंगानी की लड़ाई लड़ी। लड़ाई एक दिन तक चली और हजारों लोगों की जान चली गई। गुरू गोबिंद सिंह ने संयुक्‍त सेना को हराया। - बिलासपुर की रानी के निमंत्रण पर गुरु गोबिंद नवंबर 1688 में आनंदपुर लौट आए, जो चक नानकी के नाम से जाना जाने लगा है। - 30 मार्च 1699 को, गुरु गोबिंद सिंह ने अपने अनुयायियों को आनंदपुर में अपने घर पर इकट्ठा किया। उन्‍होंने एक स्वयंसेवक से अपने भाइयों के लिए अपना सिर बलिदान करने के लिए कहा। एक अनुयायी दया राम फौरन इसके लिए राजी हो गया। गुरु उन्हें एक तंबू के अंदर ले गए और एक खूनी तलवार के साथ बाहर निकले। उन्होंने फिर से एक स्वयंसेवक को बुलाया और फिर ऐसा ही किया। 5 बार ऐसा करने के बाद, अंत में गुरु पांच स्वयंसेवकों के साथ तम्बू से निकले और तम्बू में पांच सिर कटी बकरियां मिलीं। इन पांच सिख स्वयंसेवकों को गुरु ने 'पंज प्यारे' या 'पांच प्यारे' के रूप में नामित किया. - 1699 की सभा में, गुरु गोबिंद सिंह ने 'खालसा वाणी' की स्थापना की - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह". उन्होंने अपने सभी अनुयायियों का नाम 'सिंह' रख दिया जिसका अर्थ है शेर। उन्होंने खालसा के '5 ककार'  या सिद्धांतों की भी स्थापना की. ये हैं- केश, कंघा, कच्‍छा, कड़ा, कृपाण. - गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा और सिखों के धार्मिक ग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' को ही सिखों के अगले गुरु के रूप में नामित किया। उन्होंने 07 अक्टूबर 1708 को अपना शरीर छोड़ दिया।

Wednesday, October 5, 2022

October 05, 2022

WhatsApp का बड़ा कदम: अब व्हाट्सएप पर नहीं ले पाएंगे स्क्रीनशॉट्स, जारी हुआ नया सुरक्षा फीचर

WhatsApp का बड़ा कदम: अब व्हाट्सएप पर नहीं ले पाएंगे स्क्रीनशॉट्स, जारी हुआ नया सुरक्षा फीचर

इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (Whatsapp) ने यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक और नए फीचर्स को जारी कर दिया है। व्हाट्सएप में अब व्यू वन्स मैसेज से किए गए मैसेज का स्क्रीनशॉट्स नहीं लिया जा सकेगा। इस फीचर्स के बाद अब यूजर्स की चैट और अधिक सुरक्षित हो जाएगी। बता दें कि पिछली साल अगस्त में व्हाट्सएप ने यूजर्स की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए व्यू वन्स मैसेज फीचर जारी किया था। इसके एक साल बाद यानी अगस्त 2022 में मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने व्यू वन्स मैसेज में स्क्रीनशॉट लेने की सुविधा को बंद करने का एलान किया था।
मार्क जुकरबर्ग ने कई सिक्योरिटी फीचर जारी करते हुए कहा था कि वे WhatsApp की सिक्योरिटी को अब और मजबूत करने जा रहे हैं। इसके लिए हम व्यू वन्स मैसेज (View Once Messages) फीचर में एक और नए फीचर को शामिल कर रहे हैं, इससे व्हाट्सएप यूजर्स की चैट को और अधिक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस फीचर में व्यू वन्स मैसेज से किए गए मैसेज का स्क्रीनशॉट्स नहीं लिया जा सकेगा।
व्हाट्सएप का यह स्क्रीनशॉट्स ब्लॉकिंग फीचर्स गूगल-पे और फोन-पे की तरह काम करता है, जो यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर स्क्रीनशॉट्स लेने की अनुमति नहीं देता है। ऐसे ही अब व्हाट्सएप पर भी व्यू वन्स मैसेज से किए गए मैसेज का स्क्रीनशॉट्स नहीं लिया जा सकेगा
*ऐसे करता है काम*

इस फीचर की मदद से आप अपनी चैट को सेफ रख सकते हैं। इससे पहले व्यू वन्स मैसेज फीचर को भी यूजर्स की प्रायवेसी को ध्यान में रखकर लाया गया था, इस फीचर से किए गए मैसेज को केवल एक बाद ही देखा जा सकता था। व्हाट्सएप के इस फीचर के बाद यूजर्स की प्रायवेसी को और अधिक सुरक्षित रखा जा सकता है। नए फीचर्स के बाद व्यू वन्स मैसेज (View Once Messages) से किए गए मैसेज को व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट्स के लिए ब्लॉक कर देता है, फिर अन्य यूजर उसको सिर्फ एक बार देख सकता है। अन्य यूजर उस मैसेज को न सेव कर सकता है और न उसका स्क्रीनशॉट्स ले सकता है। साथ ही यूजर्स व्यू वन्स मैसेज से किए गए मैसेज को स्क्रीन रिकॉर्ड के जरिए भी रिकॉर्ड नहीं किया जा पाएगा।