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Saturday, September 26, 2020

September 26, 2020

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

चंडीगढ़ : प्रदेश के को-एजुकेशन वाले चार हजार से ज्यादा स्कूलों में महिला शिक्षकों के न होने की वजह से राज्य सरकार ट्रांसफर पॉलिसी में कोई बदलाव कर सकती है। पॉलिसी में महिला होने पर ट्रांसफर में 10 अंक मिलते हैं। इसके साथ ही मिडिल और सेकंडरी स्कूलों में टीजीटी टीचर ही पढ़ाते हैं। ऐसे में दस अंक का फायदा मिलने पर ज्यादातर वे सेकंडरी स्कूलों में पढ़ाना ज्यादा पसंद करती हैं।
ऐसे में राज्य में 4283 को-एजुकेशन स्कूलों में महिला शिक्षक ही नहीं है। इस मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ने पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी थी। साथ ही सिफारिश की थी कि इन सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए। ताकि बेटियों को कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि व्यवस्था कराई जाए। बता दें कि पिछले साल हिसार के एक स्कूल का मामला सामने आने के बाद आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने शिक्षा विभाग से स्कूलों में महिला शिक्षकों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। करीब 14 हजार स्कूलों में 4200 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जहां महिला शिक्षक नहीं है। इनमें 3872 मिडिल और प्राइमरी स्कूल हैं।
हां, इस मामले पर काम शुरू किया है। सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की व्यवस्था हो, इसका कोई विकल्प जरूर तलाश जाएगा। -कंवरपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री

Friday, September 25, 2020

September 25, 2020

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

अम्बाला.:-  मंडल में ऑल इंडिया एसी-एसटी रेलवे इम्पलाइज एसोसिएशन ने वीरवार काे मंडल के 14 स्टेशनों पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ स्टेशन पहले ही 99 साल के लिए निजी हाथों में बेच दिया गया है और अब अम्बाला स्टेशन को भी बेचा जा रहा है। डीआरएम कांप्लेक्स के समक्ष एसोसिएशन के मंडल सचिव कमल कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

पदाधिकारियों ने कहा कि रेलवे में पहले कर्मचारियों का बड़ा वर्ग काम करता था, मगर अब रेलवे के हर विभाग में ठेकेदार के माध्यम से कर्मचारियों को लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन बिछाने का काम टाटा को दिया गया है, गुड्स ट्रेन चलाने का काम अदानी ग्रुप को। रेलवे में काम कर रहे कर्मचारियों को 50-55 उम्र के बाद रिटायर किया जा रहा है।

एसोसिएशन द्वारा अम्बाला के अलावा बठिंडा, सहारनपुर, चंडीगढ़ व कालका आदि स्टेशनों पर भी विरोध जताया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान मॉस्क पहन व सोशल डिस्टेंस को फॉलो किया गया। माैके पर मंडल सचिव ईशम सिंह, मंडल कार्यकारिणी अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, मुकेश चंद्रा, राजरानी, देवेन्द्र कुमार, विक्रम सिंह, वेदपाल रंगा, राजेश बाबू, सुखराम, राजन लाल, महेन्द्र सिंह, विकास कुमार, पवन मेहरा व पुलेन्द्र मौजूद रहे।

Wednesday, September 23, 2020

September 23, 2020

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

भिवानी: प्रदेश में छह  महीने  बाद खुले स्कूलों में लगातार दूसरे दिन भी विद्यार्थी आए। हैरानी की बात ये रही कि पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन विद्यार्थियों की संख्या आधी  रह गई। भिवानी में जहां पहले दिन 133 बच्चे स्कूल पहुंच थे वहीं दूसरे दिन मात्र 67 बच्चों ही पहुंचे यानि की बच्चों की स्ट्रैंथ आधी रह गई। स्कूलाें में मास्टर जी बच्चों का इंतजार करते रहे, लेकिन प्रदेश में जहां-जहां स्कूली छात्र पहुंचे, वहां शिक्षकों ने पूरी सतर्कता बरती। मंगलवार को भी स्कूल में बच्चों की एंट्री करवाने से पहले उनका थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान जांचा, हाथो को स्निटाइज किया गया उसके बाद स्कूल में एंट्री करवाई।

सोनीपत में शिवा शिक्षा सदन में स्कूल में दो दिनों में 162 विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूल पहुंचे। इनमें सोमवार को जहां 76 विद्यार्थी स्कूल में आए, वहीं मंगलवार को 86 विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंधन किए गए थे।
स्क्रीनिंग और हैंड सेनिटाइजिंग कर किया प्रवेश

उचाना। शिक्षा निदेशक डा. जितेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे संस्थान को हपले सेनिटाइज करवाया गया है। कार्यवाहक प्राचार्य रणधीर शास्त्री ने बताया कि सभी विद्यार्थियों, स्कूल स्टॉफ को फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। सभी विद्यार्थियों को घर से पानी की बोतल लाने के निर्देश दिए गए है। समय-समय पर हैंडवॉश करने के लिए सेनिटाइजर एवं साबुन की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेसिंग का विशेष रूप से पालन किया जा रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के दिखे स्कूलों में व्यापक प्रबंध

बढ़ती महामारी को देखते हुए अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जहां डर है, उसका मंगलवार को भी असर देखने को मिला। अभिभावकों ने बच्चों को कम स्कूल भेजने में कम ही रूचि दिखाई, परिणाम यह रहा कि बच्चे विद्यालयों में पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रबंध किए हुए थे। ताकि अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाए। स्कूल प्रबंधन की ओर से पहले दिन किए व्यापक सुरक्षा के प्रबंध दूसरे दिन कम असरदार दिखे। परिणाम यह रहा कि दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या घटकर आधी रह गई। 
September 23, 2020

शिक्षा को पटरी पर लाने की तैयारी:कोरोना काल में सप्ताह में तीन घंटे की कक्षाएं लगा सकेंगे विवि-कॉलेज के स्टूडेंट्स, डीएचई ने शेड्यूल तैयार कर मांगे सुझाव

शिक्षा को पटरी पर लाने की तैयारी:कोरोना काल में सप्ताह में तीन घंटे की कक्षाएं लगा सकेंगे विवि-कॉलेज के स्टूडेंट्स, डीएचई ने शेड्यूल तैयार कर मांगे सुझाव

रोहतक : कोराेना काल में स्कूलों के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग ने विवि और कॉलेजों को खोलने का मन बना लिया है। इसके लिए शिक्षकों से रायशुमारी मांगी है कि कॉलेज व विवि को खोलने के लिए किस तरह का पैटर्न प्रयोग किया जाए। फिलहाल कॉलेजों व विवि में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। फाइनल की परीक्षा कराना बड़ी चुनौती है। अब स्कूलों की तर्ज पर विवि व कॉलेज खोलने की भी तैयारी की जा रही है।
इसके लिए 25 सितंबर तक सभी विवि के रजिस्ट्रार, कॉलेजों के प्रिंसीपल व निजी विवि से भी रायशुमारी मांगी गई है। इसी के आधार पर अब आगामी शेड्यूल तैयार किया जाएगा। ऐसे में 26 सितंबर को सुझाव के मुताबिक ट्रायल भी करवाया जा सकता है। फिलहाल उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने अपनी ओर से एक शेड्यूल बनाकर सभी विवि व कॉलेजों के मुखियाओं को भेजा है कि यदि सप्ताह में दो कक्षा को सिर्फ दो ही दिन लगाया जाए तो इसका किस तरह का असर रहेगा। चूंकि विवि व कॉलेजों में स्टूडेंट्स को सिर्फ सवालों के समाधान के लिए ही बुलाया जाएगा। जबकि पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही चलती रहेगी।

फ्रेश बैच की 1 नवंबर से कक्षाएं

केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक 30 सितंबर तक सभी शैक्षिक संस्थान में पढ़ाई संबंधी गतिविधियों को बंद किया है। राज्य सरकार ने तय किया कि यूजी के पहले और दूसरे वर्ष की कक्षाओं के अलावा पीजी पहले वर्ष की कक्षाओं को निर्धारित टाइम टेबल पर लगाया जाए। फ्रेश बैच के लिए 1 नवंबर से कक्षाएं लगाने की सलाह दी है।

कॉलेज खोलना छात्र हित में

हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दयानंद मलिक कहते हैं कि विवि व कॉलेज को खोलना स्टूडेंट्स के हित में रहेगा। चूंकि कई विषयों के न्यूमेरिकल हो या अन्य तरह के सवालों को बच्चा ऑनलाइन नहीं समझ पाता है। यह कक्षाओं में ही संभव है। प्रिंसीपल को नियमों की पालना अनिवार्य तौर पर करानी होगी।
अभी डीएचई ने तैयार किया यह शेड्यूल

कक्षा समय दिन बीए प्रथम वर्ष सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सोमवार-मंगलवार बीकॉम और बीएससी प्रथम वर्ष दोपहर 12:30 बजे से 3:30 बजे तक सोमवार-मंगलवार बीएड वर्ष सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक बुधवार-गुरुवार बीकॉम द्वितीय और बीएससी द्वितीय वर्ष दोपहर 12.30 बजे से 3.30 बजे तक बुधवार-गुरुवार बीए द्वितीय वर्ष और पीजी प्रथम वर्ष सुबह 9 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक शुक्रवार शनिवार बीकॉम तृतीय, बीएससी तृतीय और पीजी दोपहर 12.30 बजे से 3.30 बजे तक शुक्रवार शनिवार

स्टूडेंट्स यूनियन भी चाहती हैं कॉलेज खुले, पर सभी तैयारी पहले पूरी हो जाएं

प्रदेश में विवि-कॉलेजों को खोलना स्टूडेंट्स के हित में हैं, लेकिन विवि व कॉलेजों को पहले तैयारी कर लेनी चाहिए। फिर 50 किमी दूर यानि बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल भी खोले जाने चाहिए। परीक्षाओं में हॉस्टल की सुविधा नहीं दी गई। -प्रदीप देशवाल, प्रदेशाध्यक्ष, इनसो।

जब स्कूल खोले जा सकते हैं तो विवि और कॉलेज क्यों नहीं : एनएसयूआई

जब स्कूल खोले जा सकते हैं तो प्रदेश के विवि-कॉलेज को भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगवाने के साथ खोला जा सकता है। हॉस्टल लेने वाले स्टूडेंट का कोविड-19 का पहले टेस्ट करवाया जाए। इसके बाद ही हॉस्टल का रूम दिया जाए। -अमन वशिष्ठ, राज्य प्रवक्ता, एनएसयूआई।

Tuesday, September 22, 2020

September 22, 2020

183 दिन बाद खुले स्कूल, अभिभावकों के संग पहुंचे बच्चे

183 दिन बाद खुले स्कूल, अभिभावकों के संग पहुंचे बच्चे

क्लास न लगाकर अध्यापकों ने एक-एक बच्चों से मुलाकात कर उनकी प्राब्लम दूर की

रेवाड़ी, 21 सितम्बर ( पंकज कुमार ): कोरोना संक्रमण को लेकर करीब 6 माह से बंद स्कूलों को प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोमवार से कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक बच्चों के लिए खोले गए। 183 दिनों के बाद खुले स्कूलों में मात्र कुछ छात्र ही अपने अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचे। अध्यापकों ने कक्षाएं न लगाकर एक-एक बच्चे से मुलाकात की और उनकी परेशानियों दूर किया। जिसके बाद बच्चे अपने घरों को लौट गए। वहीं स्कूलों में फीस जमा करने को लेकर भी अभिभावक पहुंचे।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा मार्च माह से ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया था। जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया, स्कूलों को बंद रखने का फैसला भी बढ़ता गया। देश व प्रदेश अनलॉक होने के साथ-साथ जरूरत की प्रतिष्ठान खुलने लगे। इस दौरान प्रदेश सरकार ने बड़ी कक्षाओं को लेकर स्कूल खोलने का निर्णय लिया। लेकिन अभी बच्चों को केवल परामर्श, सुझाव व पढ़ाई को लेकर आ रही कठिनाइयों को लेकर चर्चा की जा रही है। सोमवार को जिला में 278 के आसपास स्कूलों में बच्चे पहुंचे। दूर-दराज से आने वाले बच्चों के लिए स्कूल की ओर से बसें भी भेजी गई। स्कूल खोलने को लेकर स्कूल मैनेजमेंट व एसोसिएशन द्वारा दो दिन पूर्व ही तैयारी शुरू कर दी थी। शनिवार व रविवार को सभी स्कूलों के अध्यापकों व स्टाफ का कोरोना टेस्ट भी किए गए और जिनकी रिपोर्ट नैगेटिव आई, केवल उन्हीं स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई।

स्कूल में प्रवेश से पूर्व विद्यार्थियों व अभिभावकों का तापमान नामा गया और सेनिटाइजर से हाथ धोकर ही स्कूल में प्रवेश करने दिया गया। स्कूल खुलने के पहले दिन बहुत ही कम मात्रा में विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का विशेष ध्यान रखा गया। बच्चों के साथ स्कूल पहुंचे अभिभावकों ने दाखिला व फीस प्रक्रिया में भाग लिया।

हरियाणा प्राइवेट प्राइवेट स्कूल के जिला अध्यक्ष रामपाल यादव ने कहा कि करीब 276 स्कूलों में बच्चे पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर अध्यापक एक-एक बच्चों से मिलकर उनकी परेशानियों को दूर किया गया। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को बुलाया गया। दूर-दराज के बच्चों के लिए स्कूल बस का भी प्रबंध किया गया। सभी स्कूलों में कोरोना के पुख्ता इंतजाम किये गए थे।

Friday, September 18, 2020

September 18, 2020

MDU कर्मचारियों ने कहा- बरोदा का उप-चुनाव करवाया गया तो हम भी इलेक्शन के लिए अड़ेंगे

रोहतक : काेविड-19 की वजह प्रदेश में सभी पंजीकृत संस्थाओं के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। लेकिन महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय  गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के पूर्व पदाधिकारी कह रहे हैं कि अगर सरकार ने बरौदा विधानसभा का चुनाव करवाया तो फिर उनकी एसोसिएशन का चुनाव भी हर हाल में करवाना पड़ेगा।
कर्मचारियों का कहना है कि जब विधानसभा का चुनाव करवाया जा सकता है तो गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का क्यों नहीं। मालूम हो कि राज्य सरकार ने लगातार फैल रही महामारी के कारण सभी पंजीकृत संस्थाओं के चुनाव न करवाने का निर्णय लिया है। मदवि के कर्मचारी अब इसका विरोध करने लगे हैं। इनका कहना है कि प्रदेश के सभी दल बरौदा विधानसभा चुनाव की तैयारियां में लगे हुए हैं। लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार संस्थाओं के चुनाव करवाने में असमर्थता जाहिर कर रही है। कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश में केवल महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय गैर शिक्षक संघ ऐसी यूनियन है, जो विधानसभा से स्वीकृत है। कोविड-19 के दौरान अगर विधानसभा के चुनाव करवाए जा रहे हैं तो मदवि गैर शिक्षक संघ के चुनाव पर सरकार को बिल्कुल भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। 

*संविधान में हर साल चुनाव करने का प्रावधान*

संघ के संविधान में प्रत्येक वर्ष चुनाव करवाए जाने का प्रावधान है। इसलिए सरकार चुनाव को स्थगित नहीं कर सकती है। विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था है। इसलिए राज्य सरकार के सभी नियम लागू नहीं होते हैं। अगर बरौदा विधानसभा का चुनाव करवाया गया तो हम चुनाव करवाने के लिए कहेंगे। - सुरेश कौशिक, महा सचिव महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक

तो हम भी हर हाल में गैर शिक्षक संघ का चुनाव करवाएंगे

बरौदा विधानसभा का उप चुनाव अगर सरकार ने करवाया तो हम भी हर हाल में गैर शिक्षक संघ का चुनाव करवाएंगे। क्योंकि यह हमारा अधिकार है। ऐसा नहीं हो सकता है कि सरकार चाहे वह चुनाव करवाए जाएं। और न चाहे वह इलेक्शन न हो।- फूल कुमार बोहत, पूर्व प्रधान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक

बरौदा हलके में नहीं कोरोना

गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का गठन हरियाणा विधानसभा की संस्तुति के आधार हुआ है। इसलिए सरकार बरौदा उप चुनाव करवा सकती है तो मदवि कर्मचारी एसोसिएशन क्यों नहीं। कोरोना का प्रकोप क्या बरौदा हलके में नहीं है। सुमेर सिंह अहलावत, पूर्व प्रधान, मदवि रोहतक

वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 अक्टूबर को हो रहा पूरा

फुल कुमार गुट से पूर्व प्रधान रणधीर सिंह कटारिया, कुलवंत मलिक से राजकुमार शर्मा और एसडीओ निरंजन उर्फ निन्नी चुनाव लड़ेंगे। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 अक्टूबर को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में चुनाव उससे पहले करवाने अनिवार्य हैं। लेकिन यह तभी सम्भव है, जब कोविड-19 को लेकर स्थिति सामान्य रहती है। अगर महामारी बढ़ती है तो चुनाव स्थगित भी किया जा सकता है। लेकिन वर्तमान कार्यकारिणी काम नहीं करेगी। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने के बाद संघ की आगामी गतिविधियां चलाने के लिए एक कमेटी का गठन पूर्व प्रधान करते हैं।

ऐसे समझें मामले को

गत 17 अगस्त को जाट सभा की वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल संपन्न हो गया। इससे पूर्व सभा ने चुनाव प्रक्रिया शुरू करवाने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी। काफी दिनों तक प्रशासन ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसके बाद जिला साेसायटी रजिस्ट्रार की तरफ से गत 27 अगस्त को जाट सभा को पत्र भेजा। जिसमें बताया गया कि कोविड-19 की वजह से जाट सभा का चुनाव नहीं करवाया जा सकता है। और बताया गया कि सभा अपना प्रशासनिक कामकाज करने के लिए तदर्थ कमेटी का गठन करे। 

संघ ने की बैठक

सरकार द्वारा चुनाव स्थगित करने की जानकारी बृहस्पतिवार को जब संघ की वर्तमान कार्यकारिणी को मिली तो दोपहर को बैठक का आयोजन किया गया। इसमें संघ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की है कि 31 अक्टूबर तक नई कार्यकारिणी के चुनाव करवाएं जाएं। क्योंकि संघ के संविधान में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है। प्रधान कुलवंत मलिक ने मीटिंग में कहा कि हम तय समय पर ही चुनाव करवाने के पक्ष में हैं।
September 18, 2020

रोष:पीटीआई और आशा वर्कर्स ने किया डिप्टी सीएम के आवास का घेराव, पुलिस ने गेट से दूर ही रोके रखा

रोष:पीटीआई और आशा वर्कर्स ने किया डिप्टी सीएम के आवास का घेराव, पुलिस ने गेट से दूर ही रोके रखा

पिछले एक सप्ताह के दौरान किसान, पीटीआई और मजदूर और आशा वर्करों के प्रदर्शन की गति ने तेजी पकड़ ली है। तीनों ही वर्ग से रोजाना कभी डिप्टी सीएम तो कभी बिजली मंत्री के आवास का घेराव करके प्रदर्शन और नारेबाजी की जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर आशा वर्कर और पीटीआई अपनी मांग को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की कोठी पर पहुंचे और घेराव करके नारेबाजी की। करीब 50 मिनट तक प्रदर्शन चलता रहा। इस दैारान कोठी की सुरक्षा में भारी पुलिसबल तैनात रहा। प्रदर्शन लंबा ना चले इसके लिए एसडीएम जयवीर यादव ज्ञापन दिलाने के लिए पहुंचे हुए थे।

मगर पीटीआई और आशा वर्कर ने जेजेपी नेताओं को ज्ञापन नहीं दिया। आखिर में उन्होंने एसडीएम जयवीर यादव को ही ज्ञापन सौंपा और प्रदर्शन खत्म किया। डिप्टी सीएम के आवास आगे जब दोपहर को धरना देकर प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान कड़ी धूप पड़ रही थी। गर्मी के चलते कुछ महिलाएं जिनमें आशा और पीटीआई शामिल थी। वे डिप्टी सीएम की कोठी के दीवार के पास आकर बैठ गई। भीड़ को कोठी की ओर बढ़ती देख महिला पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला और उन्हें वहां से खड़ा करना शुरू कर दिया। इस पर कुछ महिलाओं ने पुलिस को खरी खोटी भी सुनाई।

विरोध में इन संगठनों ने दिखाई एकता

घेराव करने वालों में आशा यूनियन, मिड डे मिल यूनियन, आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर यूनियन, बिजली यूनियन, रोडवेज यूनियन, रिटायरमेंट कर्मचारी संघ, सुपरवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन, नगर पालिका, फायर यूनियन, अध्यापक संघ सहित अन्य संगठनों के कर्मचारी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीटीआई नेता कुलवंत सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान मदन लाल खोथ व जिला सचिव राजेश भाकर ने संयुक्त रूप
से की।

सीएम से वार्ता के लिए आशा वर्कर्स ने भी सौंपा ज्ञापन

अपनी मांगों को लेकर पिछले 7 अगस्त से हड़ताल पर चल रही आशा वर्कर्स ने गुरुवार को सीएम से वार्ता करवाने के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नाम एक ज्ञापन सौंपा। डिप्टी सीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंची जिला प्रधान कलावती माखोसरानी व जिला सचिव सिलोचना ने बताया कि 7 अगस्त से लगातार उनका धरना चल रहा है, लेकिन अभी तक सरकार ने कर्मचारियों से बातचीत करना मुनासिब नहीं समझा है। उनकी जायज मांगों को भी सरकार मानने को तैयार नहीं है।