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Sunday, October 11, 2020

October 11, 2020

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

चण्डीगढ़ : हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा  ने कहा कि प्रदेश में कामकाजी महिलाओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 500 क्रेच केन्द्र खोले जाएंगे। आज यहां जारी एक वक्तव्य में उन्होंने बताया कि यह योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में पहले से ही चल रहे 182 क्रेच केन्द्रों को सुदृढ़ व मूलभुत सुविधाएं प्रदान कर बेहतर तरीके से चलाने की योजना है।
इसी प्रकार, दूसरे चरण में शेष 318 नए क्रेच केन्द्र कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों पर खोले जाएंगे, जहां पर ज्यादा संख्या में महिलाएं कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि क्रेच केन्द्रों के प्रशिक्षण, पाठय सामग्री तथा बेहतर संचालन के लिए भी समझौता भी किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश अभी कोविड-19 संक्रमण काल से गुजर रहा है जिसके चलते सभी आंगनवाड़ी केन्द्र  बंद हैं तथा बच्चे इन केन्द्रों में आने में असमर्थ हैं। बच्चों के लिए आवंटित पूरक पोषण उनके घरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
परंतु आंगनवाड़ी केन्द्रों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए निर्धारित स्कूल पूर्व शिक्षा प्रभावित हुई हैं। इसी के मदेनजर विभाग ने निर्णय लिया है कि 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए विशेष वर्कशीट, विभिन्न प्रकार के रंग व अन्य सामग्री उनके घरों में ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
मंत्री ढांडा ने बताया कि प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके अधीन क्षेत्र में समय-समय पर बच्चों द्वारा इन वर्कशीटों पर किए कार्य का मूल्यांकन करेगी तथा उनके अभिभावकों को इस संबंध में जानकारी देगी ताकि वे घरों में बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा पर ध्यान दें सकें।

Friday, October 9, 2020

October 09, 2020

विवाद:112 मॉडल संस्कृति स्कूलों में हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेने का शिक्षक संगठनों ने जताया

विवाद:112 मॉडल संस्कृति स्कूलों में हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेने का शिक्षक संगठनों ने जताया विरोध, 11 अक्टूबर को जींद में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी बनाएंगे रणनीति

रोहतक :  प्रदेश में खाेले जा रहे 112 राजकीय माॅडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूल खाेलने पर विवाद गहराने लगा है। पहली से 12वीं कक्षा के इन सरकारी स्कूलाें में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हाेगी। प्रदेश सरकार इन स्कूलों को हरियाणा बोर्ड की जगह सीबीएसई से मान्यता लेना चाहती है। इस पर सबसे ज्यादा विवाद है। शिक्षक संगठनों का विरोध है कि सरकार हरियाणा बोर्ड को कमजोर साबित करके स्कूलों को निजीकरण की राह पर धकेल रही है, जबकि विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि सीबीएसई बोर्ड में नंबर ज्यादा आते हैं। अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की ओर लुभाने के लिए सीबीएसई से मान्यता ली जा रही है।
हरियाणा के छात्रों को आगे आती हैं दिक्कतें (नंद किशोर, असिस्टेंट डायरेक्टर, एकेडमिक सेल, स्कूल शिक्षा निदेशालय)

सीबीएसई 10वीं-12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों को खुलकर नंबर देता है, जबकि एचबीएसई की मार्किंग सख्त है। अभिभावकों का भी मानना है कि एचबीएसई की तुलना में सीबीएसई में नंबर अच्छे आते हैं।

एचबीएसई बोर्ड से पढ़े हुए विद्यार्थी को राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने के दौरान दिक्कत आती है, क्योंकि बमुश्किल ही 90 फीसदी अंक वह ले पाते हैं, जबकि सीबीएसई में 95 फीसदी से अधिक अंक लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा रहती है।

अभिभावक को बच्चे के लिए सीबीएसई का ही सर्टिफिकेट चाहिए तो उसे इसके लिए लाखों रुपए की फीस निजी स्कूलाें में देनी होती है, जबकि सीबीएसई से मान्यता लेने वाले राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में नाममात्र की फीस देकर यह सर्टिफिकेट ले सकता है।

फर्क सिर्फ एनसीईआरटी व हरियाणा बोर्ड लिखने का (जगबीर सिंह, हरियाणा बोर्ड चेयरमैन ने असिस्टेंट डायरेक्टर)

पेपरों की मार्किंग हरियाणा बोर्ड नहीं करता। यह शिक्षा विभाग के अध्यापक ही करते हैं। काफी बच्चों के 99 से लेकर 100 प्रतिशत तक नंबर आते हैं। ऐसा नहीं है कि हरियाणा बोर्ड में नंबर कम आते हैं।

एचबीएसई में 9वीं से 12वीं कक्षा का जो पाठ्यक्रम है, वह सीबीएसई के पाठ्यक्रम की तर्ज पर ही है। इन्हीं में से प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्न पत्र आता है। फर्क बस इतना है कि एनसीईआरटी की जगह हरियाणा बोर्ड लिखा होता है।

अभिभावकों को समझना होगा कि हरियाणा बोर्ड में कोई कमी नहीं है। यहां मुफ्त और अच्छी शिक्षा मिलती है। बुधवार को सुपर-100 के जिन 25 विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया है, वह सभी हरियाणा बोर्ड के सरकारी स्कूलों से ही पढ़े हैं।

सरकार अपने ही बोर्ड से संतुष्ट क्यों नहीं : बिजेंद्र
संस्कृति मॉडल स्कूलों से पहले भी प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल संस्कृति स्कूल चल रहा है, जो एचबीएसई से संबंद्ध है। इनमें हिंदी-इंग्लिश मीडियम दोनों हैं। प्रदेश के पास खुद का बोर्ड है तो सीबीएसई से मान्यता की जरूरत क्या है। इसका मतलब सरकार अपने ही बोर्ड से संतुष्ट नहीं है। - बिजेंद्र हुड्‌डा, प्रदेशाध्यक्ष, हरियाणा स्कूल एजुकेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन।

Thursday, October 8, 2020

October 08, 2020

स्कूलों के लिए राहत की खबर:20 दिन में निपटाई जाएंगी प्राइवेट स्कूलों की पेंडिंग फाइल, निदेशालय ने जारी किया आदेश

स्कूलों के लिए राहत की खबर:20 दिन में निपटाई जाएंगी प्राइवेट स्कूलों की पेंडिंग फाइल, निदेशालय ने जारी किया आदेश

चंडीगढ़ : उन प्राइवेट स्कूलों के लिए राहत की खबर है, जिनके मान्यता, परमिशन और एनओसी की फाइलें शिक्षा विभाग में अटकी हैं। अब निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों का सख्त लहजे में प्राइवेट स्कूलों की सभी पेंडिंग फाइलों को 20 दिन में निपटाने के लिए कहा है। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। ऐसे में स्कूलों को भी राहत मिलेगी। प्राइवेट स्कूल संगठन कई बार फाइलों के आगे न बढ़ने का मामला कई बार उठा चुके हैं।
कुछ दिन पहले ही निदेशक की अध्यक्षता में प्राइवेट स्कूलों के मामलों को लेकर मीटिंग भी हुई थी, जिसमें भी इन मामलों पर गहनता से मंथन किया गया था। आदेशों में कहा गया है कि सभी कार्य ऑनलाइन ही किया जाएगा। सभी फाइलें मैन्युअली की बजाए ऑनलाइन ही आगे बढ़ाई जाए। इससे कोई कर्मचारी या अधिकारी फाइल भी नहीं रोक पाएंगे। जहां भी फाइल रुकेगी, उसकी जानकारी निदेशालय को मिल जाएगी।
अधिकारियों को स्कूल इंस्पेक्शन की फाइलें भी ऑन लाइन ही भेजनी होगी। निदेशालय की ओर प्राइवे स्कूलों में मैनजर या मालिकों के निदेशालय और जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में जाने पर भी रोक लगा दी है। आदेशों में कहा गया है कि कोई भी मैनेजर या मालिक प्राइवेट स्कूल से संबंधित कार्य के लिए ऑन लाइन ही एप्लाई करेगा।

2007 से पहले से चल रहे स्कूल एग्जिस्टिंग स्कूलों में हों शामिल: फैडरेशन

फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि राज्य 2007 से पूर्व से चल रहे प्राइवेट स्कूलों को तुरंत एग्जिस्टिंग स्कूलों की लिस्ट में शामिल करें । साथ ही भूमि मानक और अन्य शर्तों में राहत देकर जल्द मान्यता दें ताकि ऐसे स्कूल भी शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल हो। सरकार ने दो बार एग्जिस्टिंग स्कूलों की सूची भी जारी की परंतु विभागीय अधिकारियों की कमी के कारण सैकड़ों स्कूल अनेक स्कूल सूची में शामिल नहीं हो पाए।
October 08, 2020

हरियाणा में 15 अक्टूबर से 6वीं से लेकर 10वीं तक स्कूल खोलने की तैयारी

हरियाणा  में 15 अक्टूबर से 6वीं से लेकर 10वीं तक स्कूल खोलने की तैयारी

चंडीगढ़ : केंद्र की ओर से अनलाक के तहत 15 अक्टूबर से शिक्षण संस्थाओं  को खोलने के लिए जारी एडवाइजरी को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर  का कहना है कि अभिभावकों की सहमति के साथ में फिलहाल दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों  को शिक्षक लगातार गाइड कर रहे हैं। विषयों को लेकर उनकी समस्याओं  का समाधान भी कर रहे हैं, इसी तर्ज पर अब केंद्र की एसओपी आ जाने के बाद छठी से लेकर दसवीं तक की क्लासों को 15 के बाद में सशर्त संचालित करने पर विचार किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल सिंह ने बुधवार को चंडीगढ़ में सवाल के जवाब में इस आशय की जानकारी दी। मंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही वे राज्य शिक्षा विभाग के आला अफसरों के साथ में नई गाइड लाइन को लेकर विचार मंथन करेंगे और 15 के बाद छठी से दसवीं तक की क्लास भी कोविड की सावधानी को ध्यान में रखते हुए खोलने पर विचार कर रहे हैं। सबसे बाद में पहले से लेकर पांचवीं तक की क्लासों को खोलने का विचार है। राज्य की ओर से पंद्रह से पहले इस संबंध में सही स्थिति से अवगत करा दिया जाएगा।
निजी स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है, ट्यूशन फीस की बात हमने पहले कही थी लेकिन स्कूल संचालक इसे लेकर कोर्ट में चले गए थे कोर्ट में जो निर्णय दिया था उसके तहत फीस ली गई थी स्कूलों के निश्चित खर्चों के बारे में कोर्ट का भी यह आदेश था कि जब बसें नहीं चलाई, तो फिर पैसे किस बात के लिए ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से बातचीत में भी टैक्स छोड़ने की बात कही गई थी लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई विषय है तो वह स्कूल संचालक हमसे मिलकर रखेंगे तो समाधान किया जाएगा। 

Saturday, October 3, 2020

October 03, 2020

अनलॉक-5 : स्कूल खोलने के लिए अब एसओपी का इंतजार

अनलॉक-5 : स्कूल खोलने के लिए अब एसओपी का इंतजार

बहादुरगढ़ : अनलॉक-5 में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति मिलने पर स्कूलों में तैयारी शुरू हो गई है। स्कूल प्रबंधन सरकार के एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर  का इंतजार कर रहे हैं। स्कूलों के प्रबंधन सभी कक्षाओं के लिए एक साथ स्कूल खोलने की बजाय सबसे पहले कक्षा नौवीं से 12वीं या कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों को ही बुलाने के पक्ष में हैं। स्कूलों के अनुसार बड़े बच्चों को संक्रमण से बचाव को लेकर स्कूलों की तैयारियों में ढालना आसान होगा।
स्कूल खोलने के साथ ही आनलाइन क्लास भी फिलहाल जारी रहेंगी। अभिभावकों की सहमति व अनुमति से ही छात्र स्कूल में पढ़ाई करने आएंगे। जो छात्र आनलाइन ही पढ़ना चाहेंगे, उनके लिए वर्तमान की ही तरह आनलाइन क्लास जारी रहेगी। कुछ बच्चे स्कूल व कुछ आनलाइन रहने की स्थिति में स्कूल अपनी सुविधा व बच्चों के समय के अनुरूप तैयारी करेंगे। कुछ स्कूल आधे समय के लिए स्कूल संचालित करेंगे और आधा दिन आनलाइन क्लास चलेगी। वहीं कुछ स्कूल क्लास की पढ़ाई को ही लाइव व रिकार्ड कर आनलाइन मुहैया कराएंगे।

यह रहेगी स्कूलों की तैयारी

- स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनर व परिसर में सैनिटाइजर व साबुन की व्यवस्था।
- हर छात्र को मास्क व निजी सैनिटाइजर बोतल रखना अनिवार्य।
- स्कूल आने के लिए अभिभावक की सहमति अनिवार्य।
- ऑनलाइन व फिजिकल क्लास हर दिन रहेगी जारी।
- कक्षा 10वीं-12वीं या नौवीं से 12वीं तक के छात्र बुलाए जाएंगे पहले।
- इसके बाद जूनियर कक्षाओं को बुलाने पर होगा विचार।
- आधे दिन स्कूल और आधे दिन चलेगी ऑनलाइन क्लास।
- कैंटीन रहेगी बंद, कोई सामान आपस में सांझा नहीं करेंगे छात्र।
- अभिभावकों द्वारा निजी वाहनों से स्कूल छोड़ने को दी जाएगी प्राथमिकता।
- माहौल के साथ सुरक्षित रहने की छात्रों की आदत पड़ने पर धीरे-धीरे बढ़़ेगा स्कूल का समय।
- सुरक्षित तरीके से कुछ स्कूल ट्रांसपोर्ट देंगे, वहीं कुछ नहीं देना चाह रहे।
मॉडर्न स्कूल के चेयरमैन राकेश कोच के अनुसार सरकार की एसओपी का पूर्णरूप से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। पहले बड़े बच्चों को ही बुलाएंगे, जिससे उन्हें सुरक्षित माहौल में ढाला जा सके। किसी बच्चे पर स्कूल आने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। जो आएंगे उनकी क्लास चलेगी, जो नहीं आएंगे उनका भी नुकसान नहीं होने देंगे।

Saturday, September 26, 2020

September 26, 2020

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

ट्रांसफर पॉलिसी:को-एजुकेशन वाले सभी स्कूलों में होगी महिला शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले में महिलाओं को मिलते हैं 10 अंक

चंडीगढ़ : प्रदेश के को-एजुकेशन वाले चार हजार से ज्यादा स्कूलों में महिला शिक्षकों के न होने की वजह से राज्य सरकार ट्रांसफर पॉलिसी में कोई बदलाव कर सकती है। पॉलिसी में महिला होने पर ट्रांसफर में 10 अंक मिलते हैं। इसके साथ ही मिडिल और सेकंडरी स्कूलों में टीजीटी टीचर ही पढ़ाते हैं। ऐसे में दस अंक का फायदा मिलने पर ज्यादातर वे सेकंडरी स्कूलों में पढ़ाना ज्यादा पसंद करती हैं।
ऐसे में राज्य में 4283 को-एजुकेशन स्कूलों में महिला शिक्षक ही नहीं है। इस मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ने पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी थी। साथ ही सिफारिश की थी कि इन सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए। ताकि बेटियों को कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि व्यवस्था कराई जाए। बता दें कि पिछले साल हिसार के एक स्कूल का मामला सामने आने के बाद आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने शिक्षा विभाग से स्कूलों में महिला शिक्षकों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। करीब 14 हजार स्कूलों में 4200 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जहां महिला शिक्षक नहीं है। इनमें 3872 मिडिल और प्राइमरी स्कूल हैं।
हां, इस मामले पर काम शुरू किया है। सभी स्कूलों में महिला शिक्षकों की व्यवस्था हो, इसका कोई विकल्प जरूर तलाश जाएगा। -कंवरपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री

Friday, September 25, 2020

September 25, 2020

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

रोष:रेलवे इम्पलाइज एसो. का रेलवे में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

अम्बाला.:-  मंडल में ऑल इंडिया एसी-एसटी रेलवे इम्पलाइज एसोसिएशन ने वीरवार काे मंडल के 14 स्टेशनों पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ स्टेशन पहले ही 99 साल के लिए निजी हाथों में बेच दिया गया है और अब अम्बाला स्टेशन को भी बेचा जा रहा है। डीआरएम कांप्लेक्स के समक्ष एसोसिएशन के मंडल सचिव कमल कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

पदाधिकारियों ने कहा कि रेलवे में पहले कर्मचारियों का बड़ा वर्ग काम करता था, मगर अब रेलवे के हर विभाग में ठेकेदार के माध्यम से कर्मचारियों को लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन बिछाने का काम टाटा को दिया गया है, गुड्स ट्रेन चलाने का काम अदानी ग्रुप को। रेलवे में काम कर रहे कर्मचारियों को 50-55 उम्र के बाद रिटायर किया जा रहा है।

एसोसिएशन द्वारा अम्बाला के अलावा बठिंडा, सहारनपुर, चंडीगढ़ व कालका आदि स्टेशनों पर भी विरोध जताया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान मॉस्क पहन व सोशल डिस्टेंस को फॉलो किया गया। माैके पर मंडल सचिव ईशम सिंह, मंडल कार्यकारिणी अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, मुकेश चंद्रा, राजरानी, देवेन्द्र कुमार, विक्रम सिंह, वेदपाल रंगा, राजेश बाबू, सुखराम, राजन लाल, महेन्द्र सिंह, विकास कुमार, पवन मेहरा व पुलेन्द्र मौजूद रहे।

Wednesday, September 23, 2020

September 23, 2020

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

स्कूल खुलने का दूसरा दिन बच्चों की संख्या हुई आधी

भिवानी: प्रदेश में छह  महीने  बाद खुले स्कूलों में लगातार दूसरे दिन भी विद्यार्थी आए। हैरानी की बात ये रही कि पहले दिन के मुकाबले दूसरे दिन विद्यार्थियों की संख्या आधी  रह गई। भिवानी में जहां पहले दिन 133 बच्चे स्कूल पहुंच थे वहीं दूसरे दिन मात्र 67 बच्चों ही पहुंचे यानि की बच्चों की स्ट्रैंथ आधी रह गई। स्कूलाें में मास्टर जी बच्चों का इंतजार करते रहे, लेकिन प्रदेश में जहां-जहां स्कूली छात्र पहुंचे, वहां शिक्षकों ने पूरी सतर्कता बरती। मंगलवार को भी स्कूल में बच्चों की एंट्री करवाने से पहले उनका थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान जांचा, हाथो को स्निटाइज किया गया उसके बाद स्कूल में एंट्री करवाई।

सोनीपत में शिवा शिक्षा सदन में स्कूल में दो दिनों में 162 विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूल पहुंचे। इनमें सोमवार को जहां 76 विद्यार्थी स्कूल में आए, वहीं मंगलवार को 86 विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंधन किए गए थे।
स्क्रीनिंग और हैंड सेनिटाइजिंग कर किया प्रवेश

उचाना। शिक्षा निदेशक डा. जितेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे संस्थान को हपले सेनिटाइज करवाया गया है। कार्यवाहक प्राचार्य रणधीर शास्त्री ने बताया कि सभी विद्यार्थियों, स्कूल स्टॉफ को फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। सभी विद्यार्थियों को घर से पानी की बोतल लाने के निर्देश दिए गए है। समय-समय पर हैंडवॉश करने के लिए सेनिटाइजर एवं साबुन की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेसिंग का विशेष रूप से पालन किया जा रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के दिखे स्कूलों में व्यापक प्रबंध

बढ़ती महामारी को देखते हुए अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जहां डर है, उसका मंगलवार को भी असर देखने को मिला। अभिभावकों ने बच्चों को कम स्कूल भेजने में कम ही रूचि दिखाई, परिणाम यह रहा कि बच्चे विद्यालयों में पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रबंध किए हुए थे। ताकि अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाए। स्कूल प्रबंधन की ओर से पहले दिन किए व्यापक सुरक्षा के प्रबंध दूसरे दिन कम असरदार दिखे। परिणाम यह रहा कि दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या घटकर आधी रह गई। 
September 23, 2020

शिक्षा को पटरी पर लाने की तैयारी:कोरोना काल में सप्ताह में तीन घंटे की कक्षाएं लगा सकेंगे विवि-कॉलेज के स्टूडेंट्स, डीएचई ने शेड्यूल तैयार कर मांगे सुझाव

शिक्षा को पटरी पर लाने की तैयारी:कोरोना काल में सप्ताह में तीन घंटे की कक्षाएं लगा सकेंगे विवि-कॉलेज के स्टूडेंट्स, डीएचई ने शेड्यूल तैयार कर मांगे सुझाव

रोहतक : कोराेना काल में स्कूलों के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग ने विवि और कॉलेजों को खोलने का मन बना लिया है। इसके लिए शिक्षकों से रायशुमारी मांगी है कि कॉलेज व विवि को खोलने के लिए किस तरह का पैटर्न प्रयोग किया जाए। फिलहाल कॉलेजों व विवि में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। फाइनल की परीक्षा कराना बड़ी चुनौती है। अब स्कूलों की तर्ज पर विवि व कॉलेज खोलने की भी तैयारी की जा रही है।
इसके लिए 25 सितंबर तक सभी विवि के रजिस्ट्रार, कॉलेजों के प्रिंसीपल व निजी विवि से भी रायशुमारी मांगी गई है। इसी के आधार पर अब आगामी शेड्यूल तैयार किया जाएगा। ऐसे में 26 सितंबर को सुझाव के मुताबिक ट्रायल भी करवाया जा सकता है। फिलहाल उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने अपनी ओर से एक शेड्यूल बनाकर सभी विवि व कॉलेजों के मुखियाओं को भेजा है कि यदि सप्ताह में दो कक्षा को सिर्फ दो ही दिन लगाया जाए तो इसका किस तरह का असर रहेगा। चूंकि विवि व कॉलेजों में स्टूडेंट्स को सिर्फ सवालों के समाधान के लिए ही बुलाया जाएगा। जबकि पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही चलती रहेगी।

फ्रेश बैच की 1 नवंबर से कक्षाएं

केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक 30 सितंबर तक सभी शैक्षिक संस्थान में पढ़ाई संबंधी गतिविधियों को बंद किया है। राज्य सरकार ने तय किया कि यूजी के पहले और दूसरे वर्ष की कक्षाओं के अलावा पीजी पहले वर्ष की कक्षाओं को निर्धारित टाइम टेबल पर लगाया जाए। फ्रेश बैच के लिए 1 नवंबर से कक्षाएं लगाने की सलाह दी है।

कॉलेज खोलना छात्र हित में

हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दयानंद मलिक कहते हैं कि विवि व कॉलेज को खोलना स्टूडेंट्स के हित में रहेगा। चूंकि कई विषयों के न्यूमेरिकल हो या अन्य तरह के सवालों को बच्चा ऑनलाइन नहीं समझ पाता है। यह कक्षाओं में ही संभव है। प्रिंसीपल को नियमों की पालना अनिवार्य तौर पर करानी होगी।
अभी डीएचई ने तैयार किया यह शेड्यूल

कक्षा समय दिन बीए प्रथम वर्ष सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सोमवार-मंगलवार बीकॉम और बीएससी प्रथम वर्ष दोपहर 12:30 बजे से 3:30 बजे तक सोमवार-मंगलवार बीएड वर्ष सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक बुधवार-गुरुवार बीकॉम द्वितीय और बीएससी द्वितीय वर्ष दोपहर 12.30 बजे से 3.30 बजे तक बुधवार-गुरुवार बीए द्वितीय वर्ष और पीजी प्रथम वर्ष सुबह 9 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक शुक्रवार शनिवार बीकॉम तृतीय, बीएससी तृतीय और पीजी दोपहर 12.30 बजे से 3.30 बजे तक शुक्रवार शनिवार

स्टूडेंट्स यूनियन भी चाहती हैं कॉलेज खुले, पर सभी तैयारी पहले पूरी हो जाएं

प्रदेश में विवि-कॉलेजों को खोलना स्टूडेंट्स के हित में हैं, लेकिन विवि व कॉलेजों को पहले तैयारी कर लेनी चाहिए। फिर 50 किमी दूर यानि बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल भी खोले जाने चाहिए। परीक्षाओं में हॉस्टल की सुविधा नहीं दी गई। -प्रदीप देशवाल, प्रदेशाध्यक्ष, इनसो।

जब स्कूल खोले जा सकते हैं तो विवि और कॉलेज क्यों नहीं : एनएसयूआई

जब स्कूल खोले जा सकते हैं तो प्रदेश के विवि-कॉलेज को भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगवाने के साथ खोला जा सकता है। हॉस्टल लेने वाले स्टूडेंट का कोविड-19 का पहले टेस्ट करवाया जाए। इसके बाद ही हॉस्टल का रूम दिया जाए। -अमन वशिष्ठ, राज्य प्रवक्ता, एनएसयूआई।

Tuesday, September 22, 2020

September 22, 2020

183 दिन बाद खुले स्कूल, अभिभावकों के संग पहुंचे बच्चे

183 दिन बाद खुले स्कूल, अभिभावकों के संग पहुंचे बच्चे

क्लास न लगाकर अध्यापकों ने एक-एक बच्चों से मुलाकात कर उनकी प्राब्लम दूर की

रेवाड़ी, 21 सितम्बर ( पंकज कुमार ): कोरोना संक्रमण को लेकर करीब 6 माह से बंद स्कूलों को प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोमवार से कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक बच्चों के लिए खोले गए। 183 दिनों के बाद खुले स्कूलों में मात्र कुछ छात्र ही अपने अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचे। अध्यापकों ने कक्षाएं न लगाकर एक-एक बच्चे से मुलाकात की और उनकी परेशानियों दूर किया। जिसके बाद बच्चे अपने घरों को लौट गए। वहीं स्कूलों में फीस जमा करने को लेकर भी अभिभावक पहुंचे।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा मार्च माह से ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया था। जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया, स्कूलों को बंद रखने का फैसला भी बढ़ता गया। देश व प्रदेश अनलॉक होने के साथ-साथ जरूरत की प्रतिष्ठान खुलने लगे। इस दौरान प्रदेश सरकार ने बड़ी कक्षाओं को लेकर स्कूल खोलने का निर्णय लिया। लेकिन अभी बच्चों को केवल परामर्श, सुझाव व पढ़ाई को लेकर आ रही कठिनाइयों को लेकर चर्चा की जा रही है। सोमवार को जिला में 278 के आसपास स्कूलों में बच्चे पहुंचे। दूर-दराज से आने वाले बच्चों के लिए स्कूल की ओर से बसें भी भेजी गई। स्कूल खोलने को लेकर स्कूल मैनेजमेंट व एसोसिएशन द्वारा दो दिन पूर्व ही तैयारी शुरू कर दी थी। शनिवार व रविवार को सभी स्कूलों के अध्यापकों व स्टाफ का कोरोना टेस्ट भी किए गए और जिनकी रिपोर्ट नैगेटिव आई, केवल उन्हीं स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई।

स्कूल में प्रवेश से पूर्व विद्यार्थियों व अभिभावकों का तापमान नामा गया और सेनिटाइजर से हाथ धोकर ही स्कूल में प्रवेश करने दिया गया। स्कूल खुलने के पहले दिन बहुत ही कम मात्रा में विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का विशेष ध्यान रखा गया। बच्चों के साथ स्कूल पहुंचे अभिभावकों ने दाखिला व फीस प्रक्रिया में भाग लिया।

हरियाणा प्राइवेट प्राइवेट स्कूल के जिला अध्यक्ष रामपाल यादव ने कहा कि करीब 276 स्कूलों में बच्चे पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर अध्यापक एक-एक बच्चों से मिलकर उनकी परेशानियों को दूर किया गया। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को बुलाया गया। दूर-दराज के बच्चों के लिए स्कूल बस का भी प्रबंध किया गया। सभी स्कूलों में कोरोना के पुख्ता इंतजाम किये गए थे।

Friday, September 18, 2020

September 18, 2020

MDU कर्मचारियों ने कहा- बरोदा का उप-चुनाव करवाया गया तो हम भी इलेक्शन के लिए अड़ेंगे

रोहतक : काेविड-19 की वजह प्रदेश में सभी पंजीकृत संस्थाओं के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। लेकिन महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय  गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के पूर्व पदाधिकारी कह रहे हैं कि अगर सरकार ने बरौदा विधानसभा का चुनाव करवाया तो फिर उनकी एसोसिएशन का चुनाव भी हर हाल में करवाना पड़ेगा।
कर्मचारियों का कहना है कि जब विधानसभा का चुनाव करवाया जा सकता है तो गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का क्यों नहीं। मालूम हो कि राज्य सरकार ने लगातार फैल रही महामारी के कारण सभी पंजीकृत संस्थाओं के चुनाव न करवाने का निर्णय लिया है। मदवि के कर्मचारी अब इसका विरोध करने लगे हैं। इनका कहना है कि प्रदेश के सभी दल बरौदा विधानसभा चुनाव की तैयारियां में लगे हुए हैं। लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार संस्थाओं के चुनाव करवाने में असमर्थता जाहिर कर रही है। कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश में केवल महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय गैर शिक्षक संघ ऐसी यूनियन है, जो विधानसभा से स्वीकृत है। कोविड-19 के दौरान अगर विधानसभा के चुनाव करवाए जा रहे हैं तो मदवि गैर शिक्षक संघ के चुनाव पर सरकार को बिल्कुल भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। 

*संविधान में हर साल चुनाव करने का प्रावधान*

संघ के संविधान में प्रत्येक वर्ष चुनाव करवाए जाने का प्रावधान है। इसलिए सरकार चुनाव को स्थगित नहीं कर सकती है। विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था है। इसलिए राज्य सरकार के सभी नियम लागू नहीं होते हैं। अगर बरौदा विधानसभा का चुनाव करवाया गया तो हम चुनाव करवाने के लिए कहेंगे। - सुरेश कौशिक, महा सचिव महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक

तो हम भी हर हाल में गैर शिक्षक संघ का चुनाव करवाएंगे

बरौदा विधानसभा का उप चुनाव अगर सरकार ने करवाया तो हम भी हर हाल में गैर शिक्षक संघ का चुनाव करवाएंगे। क्योंकि यह हमारा अधिकार है। ऐसा नहीं हो सकता है कि सरकार चाहे वह चुनाव करवाए जाएं। और न चाहे वह इलेक्शन न हो।- फूल कुमार बोहत, पूर्व प्रधान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक

बरौदा हलके में नहीं कोरोना

गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का गठन हरियाणा विधानसभा की संस्तुति के आधार हुआ है। इसलिए सरकार बरौदा उप चुनाव करवा सकती है तो मदवि कर्मचारी एसोसिएशन क्यों नहीं। कोरोना का प्रकोप क्या बरौदा हलके में नहीं है। सुमेर सिंह अहलावत, पूर्व प्रधान, मदवि रोहतक

वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 अक्टूबर को हो रहा पूरा

फुल कुमार गुट से पूर्व प्रधान रणधीर सिंह कटारिया, कुलवंत मलिक से राजकुमार शर्मा और एसडीओ निरंजन उर्फ निन्नी चुनाव लड़ेंगे। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 31 अक्टूबर को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में चुनाव उससे पहले करवाने अनिवार्य हैं। लेकिन यह तभी सम्भव है, जब कोविड-19 को लेकर स्थिति सामान्य रहती है। अगर महामारी बढ़ती है तो चुनाव स्थगित भी किया जा सकता है। लेकिन वर्तमान कार्यकारिणी काम नहीं करेगी। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने के बाद संघ की आगामी गतिविधियां चलाने के लिए एक कमेटी का गठन पूर्व प्रधान करते हैं।

ऐसे समझें मामले को

गत 17 अगस्त को जाट सभा की वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल संपन्न हो गया। इससे पूर्व सभा ने चुनाव प्रक्रिया शुरू करवाने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी। काफी दिनों तक प्रशासन ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसके बाद जिला साेसायटी रजिस्ट्रार की तरफ से गत 27 अगस्त को जाट सभा को पत्र भेजा। जिसमें बताया गया कि कोविड-19 की वजह से जाट सभा का चुनाव नहीं करवाया जा सकता है। और बताया गया कि सभा अपना प्रशासनिक कामकाज करने के लिए तदर्थ कमेटी का गठन करे। 

संघ ने की बैठक

सरकार द्वारा चुनाव स्थगित करने की जानकारी बृहस्पतिवार को जब संघ की वर्तमान कार्यकारिणी को मिली तो दोपहर को बैठक का आयोजन किया गया। इसमें संघ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की है कि 31 अक्टूबर तक नई कार्यकारिणी के चुनाव करवाएं जाएं। क्योंकि संघ के संविधान में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है। प्रधान कुलवंत मलिक ने मीटिंग में कहा कि हम तय समय पर ही चुनाव करवाने के पक्ष में हैं।
September 18, 2020

रोष:पीटीआई और आशा वर्कर्स ने किया डिप्टी सीएम के आवास का घेराव, पुलिस ने गेट से दूर ही रोके रखा

रोष:पीटीआई और आशा वर्कर्स ने किया डिप्टी सीएम के आवास का घेराव, पुलिस ने गेट से दूर ही रोके रखा

पिछले एक सप्ताह के दौरान किसान, पीटीआई और मजदूर और आशा वर्करों के प्रदर्शन की गति ने तेजी पकड़ ली है। तीनों ही वर्ग से रोजाना कभी डिप्टी सीएम तो कभी बिजली मंत्री के आवास का घेराव करके प्रदर्शन और नारेबाजी की जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर आशा वर्कर और पीटीआई अपनी मांग को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की कोठी पर पहुंचे और घेराव करके नारेबाजी की। करीब 50 मिनट तक प्रदर्शन चलता रहा। इस दैारान कोठी की सुरक्षा में भारी पुलिसबल तैनात रहा। प्रदर्शन लंबा ना चले इसके लिए एसडीएम जयवीर यादव ज्ञापन दिलाने के लिए पहुंचे हुए थे।

मगर पीटीआई और आशा वर्कर ने जेजेपी नेताओं को ज्ञापन नहीं दिया। आखिर में उन्होंने एसडीएम जयवीर यादव को ही ज्ञापन सौंपा और प्रदर्शन खत्म किया। डिप्टी सीएम के आवास आगे जब दोपहर को धरना देकर प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान कड़ी धूप पड़ रही थी। गर्मी के चलते कुछ महिलाएं जिनमें आशा और पीटीआई शामिल थी। वे डिप्टी सीएम की कोठी के दीवार के पास आकर बैठ गई। भीड़ को कोठी की ओर बढ़ती देख महिला पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला और उन्हें वहां से खड़ा करना शुरू कर दिया। इस पर कुछ महिलाओं ने पुलिस को खरी खोटी भी सुनाई।

विरोध में इन संगठनों ने दिखाई एकता

घेराव करने वालों में आशा यूनियन, मिड डे मिल यूनियन, आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर यूनियन, बिजली यूनियन, रोडवेज यूनियन, रिटायरमेंट कर्मचारी संघ, सुपरवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन, नगर पालिका, फायर यूनियन, अध्यापक संघ सहित अन्य संगठनों के कर्मचारी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीटीआई नेता कुलवंत सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान मदन लाल खोथ व जिला सचिव राजेश भाकर ने संयुक्त रूप
से की।

सीएम से वार्ता के लिए आशा वर्कर्स ने भी सौंपा ज्ञापन

अपनी मांगों को लेकर पिछले 7 अगस्त से हड़ताल पर चल रही आशा वर्कर्स ने गुरुवार को सीएम से वार्ता करवाने के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नाम एक ज्ञापन सौंपा। डिप्टी सीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंची जिला प्रधान कलावती माखोसरानी व जिला सचिव सिलोचना ने बताया कि 7 अगस्त से लगातार उनका धरना चल रहा है, लेकिन अभी तक सरकार ने कर्मचारियों से बातचीत करना मुनासिब नहीं समझा है। उनकी जायज मांगों को भी सरकार मानने को तैयार नहीं है।
September 18, 2020

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने आंसर शीट अपलोड करने के लिए विद्यार्थियों को दिए तकनीकी विकल्प

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने आंसर शीट अपलोड करने के लिए विद्यार्थियों को दिए तकनीकी विकल्प

कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय  द्वारा नियमित, दूरवर्ती पाठ्यक्रमों तथा प्राइवेट विद्यार्थियों  की स्नातक/ स्नातकोत्तर/इंजीनियरिंग/बी.एड. की सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाएं 10 सितम्बर से शांतिपूर्ण व सुचारु रूप से चल रही हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा  में कोई भी परेशानी ना हो इस बात के लिए कुलपति डॉक्टर नीता खन्ना तत्परता से परीक्षा संबंधी फैसले ले रही है।
इस बारे जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि कुलपति के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय द्वारा सभी कक्षाओं की डेटशीट व विद्यार्थियों के अनुक्रमांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एक ऐसा विश्वविद्यालय है जोकि इंटर-मीडिएट सेमेस्टर, प्राइवेट व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की वार्षिक परीक्षाएं सुचारु व शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवा रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के हितों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ही उक्त परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
September 18, 2020

स्कूल खोलने की अधूरी तैयारी:जिले में 3 दिन में करवाने होंगे 3 हजार शिक्षकों और कर्मियों के कोरोना टेस्ट, शिक्षा विभाग की प्लानिंग नहीं, डीसी आज लेंगे बैठक

स्कूल खोलने की अधूरी तैयारी:जिले में 3 दिन में करवाने होंगे 3 हजार शिक्षकों और कर्मियों के कोरोना टेस्ट, शिक्षा विभाग की प्लानिंग नहीं, डीसी आज लेंगे बैठक

जींद : शिक्षा विभाग 21 सितंबर से नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को परामर्श देने के लिए स्कूल खोल रहा है। स्कूल खोलने से पहले सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों व स्टाफ के कोरोना टेस्ट अनिवार्य किए गए हैं। अब तक कोरोना टेस्ट को लेकर न तो शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया है और न ही स्कूलों को कोई गाइडलाइन जारी की गई है। विभागीय अधिकारियों ने कोरोना टेस्ट कराने का जिम्मा अपने स्तर पर स्कूलों पर छोड़ दिया है।
जींद जिले में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में (9वीं से 12वीं) लगभग 3 हजार से ज्यादा शिक्षक व 700 से ज्यादा गैर शैक्षणिक स्टाफ है। स्कूल खुलने में 3 दिन का समय है, लेकिन अब तक अधिकतर स्कूलों के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट नहीं हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेभर में प्रतिदिन 800 से 900 टेस्ट किए जा रहे हैं, ऐसे में 3 दिन में सभी 3700 शिक्षक और गैर शैक्षणिक स्टाफ के कोरोना टेस्ट होना मुमकिन नहीं है। टेस्ट कराने को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं।
टेस्ट कराने के लिए अब तक सरकारी व प्राइवेट किसी स्कूल को जिला स्तर पर गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। शिक्षक अपने स्तर पर भी कोरोना टेस्ट अभी नहीं करवा रहे हैं। वह भी जिलास्तर पर विभागीय आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। 14 सितंबर तक सरकारी व निजी स्कूलों के दसवीं व बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले 18 हजार 65 छात्रों में से मात्र 2859 ने ही गूगल फार्म भरकर सहमति या असहमति प्रदान की है। अब तक 15206 अभिभावकों ने अपनी सहमति या असहमति नहीं दी है।

स्कूलों को सेनिटाइज करने का काम शुरू

21 सितंबर से स्कूल खोलने के निर्देश मिलने के बाद जिले के हाई व सीसे. स्कूलों को सेनिटाइज करने का काम शुरू कर दिया गया है। कमरों, लैब, शौचालयों, मुख्य गेट को सेनिटाइज किया जा रहा है। विभाग द्वारा सेनिटाइजर, मास्क आदि के लिए बजट जारी किया गया है। कई जगह बजट की कमी के कारण गांवों में सेनिटाइज करने के लिए मशीन उधार लेकर काम चलाया जा रहा है।

सीधी बात (मदन चोपड़ा, जिला शिक्षा अधिकारी)

Q. विभाग 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के स्कूल खोलने की तैयारी कर रहा है। उसके लिए जिलास्तर पर क्या प्रबंध किए गए हैं? A. स्कूलों को सेनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं। कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। Q. कोरोना टेस्ट के लिए क्या व्यवस्था की गई है। अब तक स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया है? A. कोरोना टेस्ट के लिए स्वास्थ्य विभाग व स्कूल अपने स्तर पर समन्वय करेंगे। हमारी तरफ से कोई संपर्क स्वास्थ्य विभाग से नहीं किया गया है। Q. स्कूल खुलने में 4 दिन शेष है? क्या सरकारी व प्राइवेट के लगभग 4 हजार शिक्षकों व गैर शैक्षणिक स्टाफ के टेस्ट हो पाएंगे? A. यह व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करनी है। उन द्वारा मुख्यालय व सीएससी स्तर पर टेस्ट किए जा रहे हैं। वह स्कूल मुखियाओं से संपर्क कर टेस्ट करें। Q. स्कूल खोलने पर सहमति अब तक कितने अभिभावकों ने दी है? A. इसकी जानकारी नहीं है। यह स्कूल स्तर का काम है।
ऐहतियातन यह उठाने होंगे कदम

*स्टूडेंट्स में कम से कम 6 फीट की दूरी होगी।*

*फेस कवर व मास्क अनिवार्य होगा।*

*कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ सैनिटाइज करना अनिवार्य।*

*छींकते व खांसते वक्त टिशु व रूमाल का प्रयोग करना होगा।*

Thursday, September 17, 2020

September 17, 2020

एग्जाम:एमए व बीए मॉस कम्युनिकेशन के चौथे व छठे सेमेस्टर की हुईं परीक्षाएं

एग्जाम:एमए व बीए मॉस कम्युनिकेशन के चौथे व छठे सेमेस्टर की हुईं परीक्षाएं

बिना थर्मल स्कैनिंक और मास्क के परीक्षा केंद्रों में नहीं मिला प्रवेश

चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एग्जाम शांतिपूर्वक तरीके से चल रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए एहतियात के तौर पर परीक्षा केंद्रों के साथ-साथ स्टूडेंट्स का भी प्रतिदिन परीक्षा से पहले थर्मल स्कैनर से तापमान चेक किया जा रहा है। सीडीएलयू में एमए मॉस कम्युनिकेशन के चौथे सेमेस्टर का ट्रेडिशनल मीडिया, क्रिएटिव राइटिंग एंड कम्युनिकेशन स्किल व बीए माॅस कम्युनिकेशन के छठे सेमेस्टर का स्पोर्ट्स जर्नालिज्म व टीवी प्रोडक्शन का पेपर हुआ। सीडीएलयू कैंपस से संबंधित कॉलेजों में कोई भी एग्जाम नहीं हुआ।

सीडीएलयू में परीक्षाओं को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। परीक्षार्थियों को बिना मास्क के एंट्री नहीं दी जा रही। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले ही स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद हाथों को सेनिटाइज किया जा रहा है। हालांकि कॉलेजों में संक्रमण को लेकर आइसोलेशन रूम भी बनाया गया है।

अगर कोई स्टूडेंट्स में कोरोना के लक्ष्ण दिखाई देते हैं तो उसका आइसोलेशन रूम में एग्जाम लिया जाएगा। फिलहाल एग्जाम दौरान ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है। बुधवार को हुई सीडीएलयू की परीक्षा दौरान उड़नदस्तों की टीमों ने निरीक्षण किया। परीक्षाओं के मद्देनजर यूनिवर्सिटी के गेटों पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। जो भी परीक्षा दौरान यूनिवर्सिटी में प्रवेश करता है तो उसकी पूरी डिटेल रजिस्टर में नोट की गई।

September 17, 2020

मिशन एडमिशन:कला संकाय में सबसे ज्यादा आवेदन, इवनिंग शिफ्ट में 250 सीटों पर 20 ही आवेदन

मिशन एडमिशन:कला संकाय में सबसे ज्यादा आवेदन, इवनिंग शिफ्ट में 250 सीटों पर 20 ही आवेदन

कॉलेजों में ऑनलाइन दाखिलों की आवेदन प्रक्रिया जारी है। ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगी। स्टूडेंट्स साइट पर डॉक्यूमेंट अपलोड करने में गलतियां कर रहे है। जहां उनके ऑब्जेक्शन प्रतिदिन लग रहे हैं। बीच-बीच में साइट न चलने से शिक्षकों को भी सर्वर पर लोड ज्यादा होने पर आवेदन करने में समस्या आ रही है।

बुधवार तक राजकीय कॉलेजों में 3400 से ज्यादा आवेदन पहुंचे। जबकि 661 डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन भी पूरी हो चुकी है। विद्यार्थियों द्वारा साइट पर डॉक्यूमेंट गलत अपलोड पर 40 ऑब्जेक्शन लगे हैं। स्टूडेंट्स को ठीक करने के लिए 48 घंटे का टाइम दिया गया है। राजकीय नेशनल कॉलेज में इवनिंग शिफ्ट में 250 सीटों पर मात्र 25 ही आवेदन आए हैं। वहीं इस बार स्टूडेंट्स मेडिकल, नॉन मेडिकल व काॅमर्स में रुचि न दिखाकर ज्यादातर आर्ट्स में आवेदन कर रहे हैं। विद्यार्थियों के डाक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन के बाद 26 सितंबर को पहली मेरिट लिस्ट लगाई जाएगी। मेरिट लिस्ट लगने के बाद विद्यार्थी अपनी फीस जमा करवा सकेंगे।

शिक्षक वर्क फ्रॉम होम से निपटा रहे सभी काम, ऑब्जेक्शन को करवा रहे ठीक


उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आवेदन करने पर सर्वर पर लोड ज्यादा होने के चलते दाखिला प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। ऐसे में शिक्षक वर्कफ्रॉम होम भी अपना काम बखूबी कर रहे हैं। लगातार स्टूडेंट्स के टच में रहकर उनके आवेदनों पर लगे ऑब्जेक्शनों को ठीक करवाने में लगे हुए हैं। ताकि दोबारा डॉक्यूमेंट्स अपलोड करते समय विद्यार्थियों को परेशानी न हो। सर्वर पर लोड ज्यादा होने के चलते विद्यार्थियों को आवेदन करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। विद्यार्थी कैफे व फोटोस्टेट दुकानों पर जाकर फार्म अपलोड करवाने में लगे हुए हैं। कैफे संचालक भी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने में गलतियां कर रहे हैं। विद्यार्थी भी अपना खुद का मोबाइल नंबर न देकर अन्य लोगों का नंबर दे रहे हैं।

3400 हुए आवेदन, 661 की हुई डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन


विद्यार्थियों के डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन ऑनलाइन ही कॉलेजों पर शिक्षकों के पास पहुंच रहे हैं। शिक्षक भी तुरंत प्रभाव से वेरिफिकेशन करने में लगे हुए हैं। राजकीय नेशनल कॉलेज में 2335 विभिन्न विषयों के आवेदन आए। जबकि राजकीय महिला कॉलेज में 1035 आवेदन छात्राओं ने किया है। डिंग मंडी कॉलेज में 110 दाखिले हुए। कॉलेजों में लगभग 40 आवेदनों पर ऑब्जेक्शन लगा है। दोनों कॉलेजों में 661 से ज्यादा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुके हैं। जबकि राजकीय नेशनल कॉलेज में इवनिंग सत्र में 250 सीटों पर मात्र 25 ही आवेदन आए हैं। जिससे शिक्षक भी चिंता में हैं।

चैटबोट पर जानकारी प्राप्त कर रहे स्टूडेंट्स


उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से स्टूडेंट्स की हेल्प के लिए 7419444449 नंबर जारी किया गया है। इस पर एडमिशन व कॉलेज से संबंधित जानकारी के लिए प्राप्त होगी। स्टूडेंट्स 10 विषयों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। डीएचई की ओर से वाट्सएप चैटबोट जारी किया है। राजकीय महिला कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया की नोडल अधिकारी शिवानी छाबड़ा ने बताया कि चैटबोट पर स्टूडेंट्स एडमिशन प्रक्रिया से संबंधित जानकारियां हासिल कर रहे हैं।

सर्वर पर लोड ज्यादा होने से प्रक्रिया धीमी


राजकीय नेशनल कॉलेज में स्टूडेंट्स ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। इस बार स्टूडेंट्स इवनिंग सत्र की सीटों में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे। इवनिंग में 250 बीए आर्ट्स की सीटें हैं, लेकिन मात्र 25 ही आवेदन अभी तक आए हैं। कॉलेज में 250 से ज्यादा वेरिफिकेशन प्राप्त हुए थे। जिन्हें वेरिफिकेशन कर दिया गया है। सर्वर पर लोड होने पर भी आवेदन प्रक्रिया धीमी चल रही है। -विवेक गोयल, नोडल अधिकारी, एडमिशन प्रक्रिया, राजकीय नेशनल कॉलेज सिरसा।

September 17, 2020

मिशन एडमिशन : गुरुग्राम विश्वविद्यालय की तीसरी मेरिट लिस्ट जारी

मिशन एडमिशन : गुरुग्राम विश्वविद्यालय की तीसरी मेरिट लिस्ट जारी

गुरुग्राम: गुरुग्राम विश्वविद्यालय  में यूजी पाठ्यक्रमों के लिए तीसरी कट ऑफ  जारी कर दी गई है। यूजी पाठ्यक्रमों में बीटेक, बीपीटी, एमबीए-5 वर्ष व एमकॉम -5 वर्ष में दाखिले के लिए दूसरी मेरिट लिस्ट में आए छात्रों द्वारा फीस  भरने के बाद तीसरी लिस्ट जारी कर दी गई है।
एमबीए 5 वर्ष के लिए ऑल इंडिया कैटगरी में 86.40 प्रतिशत पर कट ऑफ रही, हरियाणा जनरल कैटगरी में 80 प्रतिशत, एससी कैटगरी के लिए 73.60 कट ऑफ रही। एमकॉम 5 वर्ष के लिए ऑल इंडिया कैटगरी में 86.2 कट ऑफ रही, हरियाणा जनरल कैटगरी में 85.2, एससी कैटगरी के लिए 80.2 प्रतिशत पर कट ऑफ रही।
बीटेक के लिए ऑल इंडिया कैटगरी में 91.2 प्रतिशत पर कट ऑफ रही, हरियाणा जनरल कैटगरी में 87, एससी कैटगरी के लिए 80 प्रतिशत पर कट ऑफ रही। बीपीटी के लिए ऑल इंडिया कैटगरी में 80.4 प्रतिशत पर कट ऑफ रही, हरियाणा जनरल कैटगरी में 75.8 प्रतिशत पर, एससी कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत पर कट ऑफ रही।
दूसरी लिस्ट के बाद बीपीटी की 60 सीटों में से 12 सीट के लिए तीसरी लिस्ट जारी की गई है वहीं एमबीए-5 वर्ष की 40 सीटों में से 10 सीटों पर तीसरी कट ऑफ जारी की गई है। वहीं एमकॉम-5 वर्ष की 40 सीटों में से 8 सीटों पर तीसरी लिस्ट जारी की गई है। मेरिट लिस्ट गुरुग्राम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाल दी गई है। चयनित छात्र 18 सितंबर तक ऑनलाइन फीस जमा करवा सकते हैं। तीसरी लिस्ट के बाद भी अगर कोई सीट खाली रह जाती है तो ऑपन एडमिशन के आधार पर इच्छुक विद्यार्थियों के पास एडमिशन लेने का आखिरी मौका होगा। वहीं पीजी कोर्सेस के लिए एडमिशन फार्म भरने की प्रक्रिया जारी है।
September 17, 2020

एचएयू:422 ने दी स्नातकोत्तर और पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा, एक हफ्ते में आएगा रिजल्ट

एचएयू:422 ने दी स्नातकोत्तर और पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा, एक हफ्ते में आएगा रिजल्ट

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को स्नातकोत्तर व पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का चौथा व अंतिम चरण आयोजित किया। इसमें 422 परीक्षार्थी शामिल हुए और 242 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं को चार चरणों में आयोजित किया था, जिसका अंतिम चरण 16 सितंबर को संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी.आर. कंबोज ने बताया कि प्रवेश परीक्षा का आयोजन कोरोना महामारी के चलते केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करते हुए किया गया।

कोरोना का असर नजर आया

परीक्षा नियंत्रक डॉ. एसके पाहुजा ने बताया कि कोरोना के चलते इसका सीधा असर परीक्षार्थियों की संख्या पर पड़ा है। इन परीक्षाओं के लिए कुल 3468 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन कोरोना के चलते केवल 2133 विद्यार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए जबकि 1335 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे।

परीक्षा के चौथे चरण में पीएचडी के कृषि एवं व्यवसाय प्रबंधन, कृषि अभियांत्रिकी एवं मत्स्य व गृह विज्ञान कार्यक्रमों और स्नातकोत्तर के मत्स्य विज्ञान एवं समाजशास्त्र के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में 664 उम्मीदवारों को शामिल होना था, जबकि 422 उम्मीदवार ही शामिल हो पाए।

September 17, 2020

शिक्षा:केयू में अब ऑनलाइन भरे जाएंगे यूजी व पीजी के प्राइवेट फॉर्म

शिक्षा:केयू में अब ऑनलाइन भरे जाएंगे यूजी व पीजी के प्राइवेट फॉर्म

यूनिवर्सिटी में नवंबर व दिसंबर 2020 सत्र के फ्रेश प्राइवेट छात्रों के सभी यूजी एवं पीजी कोर्स के परीक्षा फार्म केवल ऑनलाइन भरे जाएंगे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने बताया कि विश्वविद्यालय में फ्रेश प्राइवेट छात्रों के ऑफलाइन फार्म अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे। प्राइवेट छात्रों के ऑनलाइन फार्म भरने के लिए पोर्टल खुलने की सूचना जल्द ही विश्वविद्यालय द्वारा जारी की जाएगी।

बता दें कि कि यूजी एवं पीजी ओड सेमेस्टर की रेगुलर और रिअपीयर परीक्षा फार्म भरने की तिथि भी केयू प्रशासन ने बढ़ा दी है। केयू के लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय ने बताया कि दिसंबर 2020 में आयोजित यूजी एवं पीजी की ओड सेमेस्टर में परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाकर 15 अक्टूबर कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति डॉ. नीता खन्ना के निर्देशानुसार यूजी एवं पीजी ओड सेमेस्टर में परीक्षा फार्म भरने की तिथि 15 अक्टूबर की गई है । इसके साथ ही प्राइवेट विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरे जाने से अब विद्यार्थियों को दूर-दराज के क्षेत्रों से यूनिवर्सिटी में आने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।
September 17, 2020

21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल? जानें सरकार ने क्या कहा

21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल? जानें सरकार ने क्या कहा

चंडीगढ़ : कोरोना महामारी की वजह से देश भर में स्कूल ,कॉलेज बंद कर दिए गए थे , हालांकि अब  स्कूल ,कॉलेज खोलने पर केंद्र तथा राज्य सरकारें विचार -विमर्श कर रही है। ऐसा मन जा रहा था कि 21 सितंबर से  स्कूल ,कॉलेज खोल दिए जायेंगे। आपको बतादे कि 21 सितंबर से शैक्षणिक संस्थाएं नहीं खुलेंगी। संस्थाओं को खोलने पर फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि अभी प्रदेश में ऑनलाइन व वर्चुअल कक्षाएं चल रही हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग कक्षा 10 व 12 के लिए दूरदर्शन यूपी और कक्षा 9 व 11 के लिए स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से कक्षाएं चला रहा है और हफ्ते कक्षाओं का टाइमटेबल तय किया जाता है। वहीं कक्षा 8 तक के लिए व्हाट्सएप ग्रुप व अन्य माध्यमों से कक्षाएं चलाई जा रही हैं। चूंकि अब यूपी में भी एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चल रहा है तो इससे संबंधित शैक्षणिक सामग्री कई रूपों में है और उसे शिक्षकों से लेकर विद्यार्थियों तक को बढ़ाया जा रहा है।
गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि अभिभावकों की चिंता को ध्यान में रखते हुए हम स्कूल खोलने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेंगे। कोरोना संक्रमण की स्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। तीन-चार दिनों में हम मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके इस पर फैसला लेंगे। केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से शैक्षणिक संस्थाओं को परामर्श के लिए खोलने का सुझाव दिया है।