Breaking

Showing posts with label haryana news. Show all posts
Showing posts with label haryana news. Show all posts

Tuesday, September 6, 2022

September 06, 2022

चौधरी बीरेन्द्र सिंह का बगावती संदेश:बोले- BJP रेजिमेंटेशन पार्टी, कांग्रेस एक मूवमेंट; काडर बेस पार्टी में एक ही सर्वेसर्वा होता

चौधरी बीरेन्द्र सिंह का बगावती संदेश:बोले- BJP रेजिमेंटेशन पार्टी, कांग्रेस एक मूवमेंट; काडर बेस पार्टी में एक ही सर्वेसर्वा होता

रेवाड़ी : भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह भी अब बगावती संदेश दे रहे हैं। चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने BJP को रेजिमेंटेशन पार्टी करार दिया। साथ ही कहा कि कांग्रेस एक मूवमेंट है। भाजपा में रहते हुए आजादी के सवाल पर चौधरी बीरेन्द्र सिंह बोले कि काडर बेस पार्टी में एक ही नेता सर्वेसर्वा होता है और जहां काडर होता है, वहां नेता नहीं उभरते।
सोमवार शाम रेवाड़ी में अपने परिचित के कार्यालय में पहुंचे चौधरी बीरेन्द्र सिंह यहीं नहीं रूके। उन्होंने कांग्रेस को लेकर भी बहुत कुछ कह दिया। उन्होंने कहा कि UP और बिहार की तरह हरियाणा में अभी कांग्रेस मरी नहीं है। मगर पार्टी ने सबकुछ भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा को सौंप दिया। उनको पूरी पावर देने से कांग्रेस उठेगी या और गिरेगी, यह पार्टी को खुद सोचना चाहिए।

बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का UP में 2 करोड़ लाभार्थियों को डेढ़ साल तक मुफ्त में राशन देना चुनाव में जातीय समीकरण पर भारी पड़ गया। देश में आज भी गरीबी, बेरोजगारी व असमानता का माहौल है।
*महत्वकांक्षाओं से आता बिखराव*

बिहार में हुई राजनीतिक उठा पटक पर चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह विपक्ष के लिए संगठित होने का एक और मौका है। उन्होंने देश में तीसरे मोर्चे की संभावना पर कहा कि 50 साल के सक्रिय राजनीतिक अनुभव से कह सकता हूं कि महत्वाकांक्षाएं ज्यादा होती हैं तो बिखराव आता ही है।
*सोनिया के अध्यक्ष बनने से बची रह सकती पार्टी*

बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। हरियाणा में इसका सबसे पहला शिकार केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह हुए और फिर वह खुद हो गए। हालात ऐसे बन गए कि कांग्रेस छोड़नी पड़ी। अगर सब कुछ ठीक होता तो गुलाम नबी आजाद और मेरे जैसे आदमी कभी कांग्रेस नहीं छोड़ते। कांग्रेस के बागी गुट G-23 को लेकर बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 23 आदमी नेतृत्व को चिट्‌ठी लिखें तो उन्हें बागी कहा जाता है। पार्टी के लिए जीवन लगाने वाले कभी बागी नहीं होते।
September 06, 2022

राेहतक डिपो ने मांगी अनुमति:25 दिन बाद दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी रोहतक रोडवेज की बसें, विभाग के पास कोई प्लानिंग नहीं, यात्री होंगे परेशान

राेहतक डिपो ने मांगी अनुमति:25 दिन बाद दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी रोहतक रोडवेज की बसें, विभाग के पास कोई प्लानिंग नहीं, यात्री होंगे परेशान

रोहतक : दिल्ली सरकार के निर्देशों के अनुसार 1 अक्टूबर से बीएस-4 इंजन वाली रोडवेज की बसें अब दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगी। ऐसे में रोहतक से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है। दिल्ली सरकार की दी गई समय सीमा काे पूरा होने में अब सिर्फ 25 दिन शेष है।
ऐसे में अभी तक राेहतक राेडवेज ने इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला। रोडवेज के पास सभी बसें बीएस 4 इंजन की हैं। इस मामले में महकमे ने दिल्ली सरकार से मोहलत मांगी है। रोडवेज की 35 बसें रोजाना दिल्ली मार्ग पर चलती हैं। यह सभी बीएस 4 इंजन की बसें हैं। जबकि दिल्ली सरकार ने तीन माह पहले से ही अल्टीमेटम दे रखा है कि 1 अक्टूबर से दिल्ली में बीएस 4 इंजन की बसें नहीं घुसने दी जाएंगी। केवल बीएस- 6 इंजन की बसों को ही चलाने की अनुमति होगी।
*नई बसें लाने की नहीं रोडवेज की मंशा, 15 बसों की 8 साल मियाद 7 को होगी पूरी*

फिलहाल रोडवेज की मंशा नई बसें लाने की नहीं है। इसकी बजाए प्राइवेट बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। नई बसों के मामले में मार्च माह में 18 नई बसें लाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन इनमें से अभी 5 बसें ही लाई जा सकीं। यह नई बसें भी कोटा, जयपुर समेत अन्य मार्गों पर लगाई गई हैं। दिल्ली के मार्ग पर फिलहाल कोई नई बस नहीं है। वहीं रोडवेज की पुरानी बसों का बेड़ा भी लगातार सिमट रहा है। वर्ष 2019 में 218 बसें थी, लेकिन अब 186 रह गई हैं।
इनमें से भी 15 बसों की आठ वर्ष की आयु 7 सितंबर को पूरी हो जाएगी। जिस पर इनकी आयु दो साल बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। विभाग के मुख्यालय नई बसें लाने की बजाए दिल्ली सरकार से पुरानी बसों पर पाबंदी लगाने के मामले में अभी दिल्ली सरकार से मोहलत मांगी है। इसमें कोई समय अवधि भी नहीं दी गई है। इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। जिससे उसका रुख साफ है कि वह समय सीमा में फिलहाल कोई बदलाव नहीं करना चाहती है।
*तीन हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर*

डिपो की मानें तो रोहतक और दिल्ली के बीच प्रतिदिन करीब 3 हजार यात्री सफर करते हैं। पुरानी बसों का संचालन बंद होने से इस मार्ग के यात्रियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। क्योंकि दिल्ली सरकार पुरानी बसों को अपनी सीमा में आने नहीं देगी और रोडवेज के पास बीएस- 6 इंजन की नई बसें हैं नहीं।
*यह मुख्यालय स्तर का मामला है*

इस मामले में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। इसमें मुख्यालय स्तर से ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। इसको लेकर डिपो में कोई आदेश नहीं आया है। - जयबीर हुडडा, डिपो इंचार्ज, रोहतक
September 06, 2022

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी:दिल्ली से वाया पानीपत टू कटरा तक दौड़ेगी हरियाणा रोडवेज की बस; टाइम टेबल जारी

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी:दिल्ली से वाया पानीपत टू कटरा तक दौड़ेगी हरियाणा रोडवेज की बस; टाइम टेबल जारी

पानीपत : मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा रोडवेज ने कटरा तक बस सेवा शुरू की है। बस का संचालन दिल्ली से वाया पानीपत होगा। हरियाणा रोडवेज ने इस बस का टाइम टेबल भी जारी किया है। हर रोज पानीपत डिपो की बस दिल्ली से शाम 7:30 बजे चलेगी और रात 9 बजे पानीपत पहुंचेगी।

इस बस के लिए दिल्ली से रिजर्वेशन होगा। अगर सीट खाली हुई तो ही सीट मिलेगी। शुरुआत में एक बस को इस रूट पर लगाया गया है। कागजी कार्रवाई पूरी होते ही 4 नई बसों को भी कटरा भेजा जाएगा। आगे पानीपत डिपो से भी सीधी कटरा के लिए बस सुविधा शुरू हो सकती है। इस प्रस्ताव पर चर्चा का दौर चल रहा है।
फिलहाल एक बस को कटरा से वापसी में 3 दिन लग जाते हैं। पिछले साल कटरा रूट पर कम आमदनी होने पर बस सेवा का बंद कर दिया गया था। अब फिर से शुरू की गई है। पानीपत रोडवेज डिपो के ट्रैफिक मैनेजर पंकज पुनिया ने बताया कि कटरा के लिए बस सुविधा शुरू की गई है। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
September 06, 2022

बेटे को दिया बर्थडे गिफ्ट 'चांद का टुकड़ा':MOON पर 2 एकड़ जमीन खरीदी, पता- लेक ऑफ हैपिनेस ट्रैक 55 पार्सल 10071

बेटे को दिया बर्थडे गिफ्ट 'चांद का टुकड़ा':MOON पर 2 एकड़ जमीन खरीदी, पता- लेक ऑफ हैपिनेस ट्रैक 55 पार्सल 10071

फतेहाबाद : हरियाणा के फतेहाबाद में एक पिता ने अपने बेटे को पहले बर्थडे पर अनोखा गिफ्ट दिया है। टोहाना के कारोबारी वरुण सैनी ने अपने बेटे लव के लिए चांद पर जमीन खरीदी है। इसके लिए उसके पास अमेरिका से इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी की तरफ से लूनर प्रॉपर्टी का रजिस्टर्ड कलेम डीड भी आ गया है। हरियाणा का यह दूसरा मामला है।
वरुण ने बताया कि उसके एक वर्ष के बेटे का जन्म दिन आ रहा था तो उसने अमेरिका में स्थित इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी को चांद पर जमीन खरीदे के लिए अप्लाई किया था। करीब डेढ़ माह के प्रोसेस के बाद आखिरकार अब उसे रजिस्ट्रेशन मिल गई है। जिसमें उसकी जमीन का नक्शा भी मिला है। करीब 2 एकड़ यह जमीन है और इस पर क्या खर्चा आया, यह वे नहीं बताना चाहते, क्योंकि उनके बेटे के लिए यह अमूल्य गिफ्ट है।

यह जमीन चांद पर लेक ऑफ हैपिनेस 1872 नॉर्थ लैटिट्यूड 502 इस्ट लांगीट्यूड ट्रैक 55 पार्सल 10071 में स्थित है। उन्होंने बताया कि अब अपनी प्रॉपर्टी पर नजर रखने के लिए वे एक टेलीस्कोप भी खरीदेंगे। साथ ही मजाक में कहा कि ऐलन मस्क का उन्हें इंतजार है कि कब वे लोगों को चांद पर ले जाएंगे, तब वे चांद पर जाएंगे।
अमेरिका से इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी की तरफ से लूनर प्रॉपर्टी का रजिस्टर्ड कलेम डीड भेजा गया।
September 06, 2022

Facebook यूजर्स को झटका! कंपनी बंद करने जा रही है ये फीचर, यूजर्स नहीं कर पाएंगे ये काम

Facebook यूजर्स को झटका! कंपनी बंद करने जा रही है ये फीचर, यूजर्स नहीं कर पाएंगे ये काम

Facebook और दूसरी टेक कंपनियां कई फीचर्स को समय-समय पर बंद करती रहती हैं। ज्यादातर कम यूज होने वाले फीचर को ही बंद किया जाता है। इस बार Facebook भी अपने एक फीचर को बंद कर रहा है. इससे कई यूजर्स प्रभावित होंगे। कंपनी ने बताया है कि फेसबुक का ये फीचर को अगले महीने से बंद हो जाएगा।
Facebook काफी ज्यादा पॉपुलर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म है। भारत में कई यूजर्स इस सोशल मीडिया नेटवर्क को यूज करते हैं। लेकिन, कंपनी यूजर्स को एक झटका देने वाली है। Facebook का एक फीचर जल्द बंद होने वाला है। जिससे यूजर्स अगले महीने ने उस फीचर को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
हम जिस फीचर की बात यहां कर रहे हैं उसका नाम Neighborhoods है। ये हाइपरलोकल फीचर है. इस फीचर को 1 अक्टूबर से बंद कर दिया जाएगा  इस फीचर की मदद से लोग अपने आसपास के लोगों के साथ कनेक्ट हो पाते थे।

इसके अलावा वो अपने एरिया में नई जगहों को भी डिस्कवर कर सकते थे। ये लोकल कम्युनिटी का हिस्सा है। इस फीचर को सबसे पहले कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में साल 2022 में रोलआउट किया गया था। इसमें यूजर्स के पास च्वॉइस थी वो सर्विस को ज्वॉइन करके सेपरेट प्रोफाइल बना सकते थे।
*भारत में नहीं आया था फीचर*

हालांकि, इस फीचर को बड़े स्तर पर जारी नहीं किया गया है. इसको लेकर बताया गया कि मेटा को इसकी अहमियत समझ नहीं आई। Neighborhoods को शट डाउन करने का डिसीजन भी यही दिखाता है। लेकिन, कंपनी ने इसको लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया है।
कंपनी अभी कॉस्ट कटिंग पर काम कर रही है। इससे कंपनी को जरूर मदद मिलेगी। इसके अलावा Neighborhoods के बंद होने से कंपनी के शेयरहोल्डर्स को भी कोई खास नुकसान नहीं होगा। इस वजह से भी कंपनी ने इसको बंद करने का फैसला किया है।
कंपनी ने एक स्टेटमेंट में बताया कि Neighborhoods को लॉन्च करने का मकसद लोकल कम्युनिटी को साथ लाना था। लेकिन, कंपनी ने सीखा है कि इसके लिए सबसे बढ़िया तरीका ग्रुप्स हैं। इसके लिए कंपनी ने कुछ गाइडलाइन्स भी तैयार किए थे। 1 अक्टूबर से ये सर्विस बंद हो जाएगी।

Friday, September 2, 2022

September 02, 2022

WhatsApp पर 24 लाख अकाउंट हुए बंद: कंपनी की बड़ी कार्रवाई, इस लिस्ट में कहीं आप तो नहीं? देख लीजिए

WhatsApp पर 24 लाख अकाउंट हुए बंद: कंपनी की बड़ी कार्रवाई, इस लिस्ट में कहीं आप तो नहीं? देख लीजिए

सोशल मीडिया के एक बेहद पॉपुलर प्लेटफार्म WhatsApp की बड़ी कार्रवाई सामने आई है| बताया जाता है कि, व्हाट्सएप ने सिर्फ एक महीने के अंदर-अंदर भारत में लगभग 24 लाख अकाउंट्स को बैन कर दिया है। यानि ये अकॉउंटस सिरे से बंद कर दिए गए हैं| इस बात की जानकारी कंपनी ने अपनी मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट में दी है।

*इन अकाउंट्स पर गतिविधि सही नहीं थी*

WhatsApp द्वारा बताया गया है कि, इन अकाउंट्स पर गतिविधि सही नहीं थी| इन अकाउंट्स की प्रोफाइल, इनका कंटेंट सही नहीं पाया गया| इसलिए इन्हें प्रोएक्टिवली प्रतिबंधित करना पड़ा| मसलन, इन अकाउंट्स को बैन करने के लिए यूजर्स से कोई रिपोर्ट भी नहीं ली गई है। इन्हें सीधा बंद ही कर दिया गया।
*23,87,000 से ज्यादा अकाउंट्स पर बैन*

दरअसल, WhatsApp की लेटेस्ट रिपोर्ट 'इंडिया मंथली रिपोर्ट अंडर द इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021' के मुताबिक, WhatsApp ने जुलाई महीनें में भारत में 23,87,000 से ज्यादा अकाउंट्स पर बैन लगाया है|
यह पढ़ें - WhatsApp पर खास सावधानी बरतें: अगर बना रखे हैं Groups और खुद हैं Admin तो ये 5 गलतियां आपको सीधा पहुंचाएंगी जेल

फिलहाल, कंपनी द्वारा लगभग 24 लाख अकाउंट्स पर बैन लगाना एक बड़ा नंबर है। बतादें कि, इससे पहले मार्च में 18 लाख अकाउंट्स पर, अप्रैल में 16 लाख अकाउंट्स पर और मई में 19 लाख अकाउंट्स पर और जून में 22 लाख अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया गया था|
*फेसबुक और इंस्टाग्राम की भी कार्रवाई*

इधर, सिर्फ WhatsApp ने ही कार्रवाई नहीं की है| इसकी साझा कम्पनी मेटा ने भी खुलासा किया है कि उसने जुलाई में फेसबुक और इंस्टाग्राम से 2.7 करोड़ से ज्यादा पोस्ट्स हटा दिए हैं। कंपनी ने हिंसक कंटेंट हटाया है| कपंनी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार के नियमों का पालन कर रहा है।
September 02, 2022

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

नई दिल्ली : संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की मांग को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी जिसमें संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की घोषणा की मांग की गई थी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि किसी भाषा को 'राष्ट्रीय' का दर्जा देना एक नीतिगत निर्णय है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है और यह अदालत द्वारा आदेशित नहीं है।
*संसद को रिट जारी नहीं की जा सकती*

पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय के दायरे में आता है और इसके लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जाने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी भाषा को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने के लिए संसद को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती है।
*याचिकाकर्ता से पूछे कई सवाल*

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि क्या आपको पता है भारत में कितने शहर संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत में एक पंक्ति का पाठ कर सकते हैं या कम से कम अपनी रिट याचिका में की गई अपील का संस्कृत में अनुवाद कर सकते हैं। यह जनहित याचिका सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और वकील केजी वंजारा ने दायर की थी।
*सरकार के पास जाने को कहा*

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि संस्कृत एक 'मातृभाषा' है जिससे अन्य भाषाओं ने प्रेरणा ली है। याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष इस तरह का अभ्यावेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र हो सकता है।
बता दें कि याचिका में केंद्र सरकार को यह कहते हुए संस्कृत को राष्ट्रभाषा के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि इस तरह के कदम से मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों में खलल नहीं पड़ेगा जो अंग्रेजी और हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं के रूप में प्रदान करते हैं।