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Monday, July 20, 2020

July 20, 2020

हरियाणा सरकार अब किराये पर लेगी ट्रैक्‍टर, किसानों को देगी ढाई हजार रुपये प्रतिदिन


हरियाणा सरकार अब किराये पर लेगी ट्रैक्‍टर,किसानों को देगी ढाई हजार रुपये प्रतिदिन

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अब किसानों के ट्रैक्‍टर किराये पर लेगी। इसके लिए वह प्रतिदिन 2500 रुपसे के हिसाब से किसानाें को किराया देगी। सरकार इन ट्रैक्‍टरों का इस्‍तेमाल टिड्डियों के हमले से बचने के लिए करेगी। राज्‍य में 22 जुलाई को नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी और चरखी दादरी जिलों में टिड्डी दलों के हमले का खतरा है।

22 को फिर टिड्डियों के दलों के हमले का खतरा
हरियाणा में टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने व्‍यापक तैयारी की है। इस तैयारी की कमान कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को सौंपी गई है। प्रदेश सरकार कीटनाशकों के हवाई स्प्रे के लिए जहां ड्रोन खरीद रही है, वहीं फिलहाल 66 फायर ब्रिगेड वाहन और 3540 ट्रैक्टर-माउंटेड स्प्रे पंप उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश सरकार पेड़ों पर इस्तेमाल करने के लिए फॉगिंग मशीनें भी लेगी।

टिड्डी दल से निपटने की तैयारियों को सरकार ने दिया अंतिम रूप
टिड्डी दल से निपटने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी है। इसलिए सरकार को इस काम के लिए बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों की जरूरत पड़ सकती है। हर ट्रैक्टर के लिए रोजाना 2500 रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें ट्रैक्टर चालक के अलावा एक सहायक भी साथ होगा। सरकार की ओर से यह राशि मुहैया कराई जाएगी। पेड़ों पर फॉगिंग करने वाली मशीनें पंजाब से खरीदने की योजना है। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा. सुरेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि  प्रशासन को 24 घंटे सतर्क रहने को कहा गया है। कपास और बाजरे की फसलों को टिड्डी दल से बड़ा खतरा माना जा रहा है। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि टिड्डी दल के संभावित हमले को ध्यान में रखते हुए कई तरह की तैयारी की गई हैं। ड्रोन खरीदे जा रहे हैं,फॉगिंग मशीन ली जाएंगी,जबकि हर ट्रैक्टर के मालिक को 2500 रुपये रोजाना स्प्रे के लिए दिए जाएंगे। दवाई का प्रबंध विभाग की ओर से होगा।
July 20, 2020

कुरुक्षेत्र :केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सड़क पर नजर आए ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर

हरियाणा:केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सड़क पर नजर आए ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर

कुरुक्षेत्र : शाहाबाद मंडी में चारों तरफ नजर आ रहे किसानों के ट्रैक्टर

प्रदेशभर में किसान यूनियन के बैनर तले हुआ विरोध प्रदर्शन

कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे में दिखा जोरदार ट्रैक्टर प्रदर्शन


हरियाणा के अलग-अलग जिलों में सोमवार को किसानों ने केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इन अध्यादेश के विरोध में किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर निकले। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद कस्बे में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इसकी अगुवाई की। सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह प्रदर्शन दोपहर 1 बजे खत्म हुआ। इस दौरान सड़क पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आए। 

केंद्र सरकार के इन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं किसान

पहले कानून के मुताबिक हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। 

अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है। 

सरकार कांट्रेक्ट फॉर्मिंग को बढावा देने की बात कह रही है।

क्या कहते हैं किसान नेता

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि किसान की फसल यदि मंडी की बजाए बाहर खरीदने की छूट मिल जाएगी तो मंडियों में व्यापारियों का होने वाल कंपीटिशन खत्म हो जाएगा। फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस कानू से जहां हरियाणा व पंजाब की मंडियां खत्म हो जाएगी, वहीं किसानों की फसल मंडीकरण से पूर्व पुराने जमाने की तरह औने-पौने दाम पर बिकेंगी। व्यापारी मनमर्जी तरीके से लूट मचाएंगे। 

कुछ खाद्य पदार्थों को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इनकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी है। चढूनी कहते हैं कि बड़े उद्योगपति व पूंजीपति लोग इनका अत्यधिक भंडारण करके इन चीजों की कालाबाजारी करेंगे। जैसे कई वर्षों पहले प्याज में किया गया था। इससे वे लोग देश की जनता का खून निचोड़ेंगे। 

कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग पर गुरनाम चढूनी का कहना है कि कंपनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। उसके सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की गाइडलाइन में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तक का कोई जिक्र नहीं है।

चढूनी बोले सरकार वापस ले अध्यादेश

गुरनाम चढूनी ने सोमवार को शाहाबाद मंडी में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश में यह प्रदर्शन सफल रहा है। सरकार को इस किसान विरोध अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। एसडीएम किरण का कहना था कि हमने ज्ञापन ले लिया है, इसे सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा। 
July 20, 2020

ओम प्रकाश धनखड़ की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से बदले समीकरण अब मंत्रिमंडल में नान जाट चेहरों को वरीयता देगा आलाकमान

ओम प्रकाश धनखड़ की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से बदले समीकरण अब मंत्रिमंडल में नान जाट चेहरों 
को वरीयता देगा आलाकमान


चंडीगढ़। हरियाणा में लंबे समय से चली आर रही खींचतान के बीच प्रदेश अध्यक्ष का फैसला हो गया है। सुभाष बराला के स्थान पर पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को आलाकमान ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। अमित शाह की पहली पसंद होने के बावजूद कैप्टन अभिमन्यु की बात नहीं बन पाई। अंदरखाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल कैप्टन अभिमन्यु को किसी कीमत पर नहीं चाह रहे थे।
इस रस्साकशी में धनखड़ के नाम पर सहमति बनी और धनखड़ की संगठन के माध्यम से हरियाणा की सक्रिय राजनीति में दमदार वापसी हुई है। बादली से चुनाव हारने के बाद से यह बात चल रही थी कि धनखड़ को एडजस्ट करना है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र होने और जेपी नड्डा के साथ नजदीकियां धनखड़ के काम आईं।
जल्द ही हरियाणा में संगठन को मजबूत करने की कवायद में धनखड़ जुटे हुए नजर आएंगे। फिलहाल जाट चेहरे को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के बाद अब मंत्रिमंडल में एडजस्टमेंट के समीकरण बदल गए हैं। 

मंत्रिमंडल में नान जाट चेहरों को प्राथमिकता
मंत्रिमंडल विस्तार में नान जाट चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। हरियाणा सरकार में फिलहाल दो मंत्री बनने हैं। जिसमें से एक पद जजपा के खाते में और एक पद भाजपा के खाते में जाएगा। ऐसे में नान परफार्मिंग मंत्रियों को किनारे कर सरकार कुछ नए चेहरों को आगे लाने की तैयारी कर रही है। दो पद पहले से ही खाली हैं। दो और नियुक्तियों पर कैंची चल सकती है। पिछली सरकार में भी दो मंत्रियों का काम संतोषजनक न होने के कारण उन्हें हटाया गया था। बहरहाल जुलाई के बाद किसी भी समय मंत्रिमंडल विस्तार संभव है।

मंत्रिमंडल विस्तार जब भी होगा बता दिया जाएगा। गठबंधन सरकार में दोनों घटक बैठ कर तय कर लेंगे कि किसे-किसे मंत्री बनाना है। जब भी निर्णय होगा बता दिया जाएगा।

July 20, 2020

बेरोजगारी दूर करने के लिए सीएम मनोहर लाल का हर हाथ को काम प्रोजेक्ट, निर्देश जारी

बेरोजगारी दूर करने के लिए सीएम मनोहर लाल का हर हाथ को काम प्रोजेक्ट, निर्देश जारी


चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने बेरोजगारी दूर करने का खाका खींच लिया है। निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरियां प्रदेश के युवाओं के लिए सुनिश्चित करने के अलावा रोजगार सृजन को लेकर सीएम मनोहर लाल ने खुद कमान संभाली है। इसके लिए उन्होंने प्रोजेक्ट 'हर हाथ को काम' तैयार किया है। सीएम ने सभी विभागों को इसे मद्देनजर रखते हुए योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम के प्रोजेक्ट के तहत जो बेरोजगार होगा, सरकार उसके द्वार पहुंचेगी। उनसे पूछा जाएगा, क्या करते हो,खाली क्यों बैठे हो, कुछ न कुछ जरूर करो। अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था तैयार करने के लिए कह दिया गया है। युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। रोजगार कार्यालयों का टारगेट ग्रुप 15 से 35 साल के युवा रहेंगे।
नौकरी तो 18 साल के बाद ही मिलेगी,लेकिन 15 से 18 साल के बीच उनका कौशल विकास किया जाएगा। यह जिम्मेदारी औद्योगिक व कौशल प्रशिक्षण विभाग के साथ लक्ष्य निर्धारित कर रोजगार कार्यालय भी उठाएंगे। जितनों को सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार मिल गया वह ठीक,जो रह जाएंगे उन तक पहुंचकर कौशल अनुसार कोई न कोई रोजगार दिलाने की कोशिश की जाएगी।
सीएम चाहते हैं कि प्रदेश का एक भी नौजवान न कहे, वह खाली है। नए रोजगार उपलब्ध कराने, निवेश और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सभी 22 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर की पहचान का काम पूरा कर लिया है।

सरकारी नौकरी युवाओं की प्राथमिकता
सीएम मनोहर लाल का कहना है कि सरकारी नौकरी युवाओं की प्राथमिकता रहती है, चाहे वह डीसी रेट पर ही क्यों न हो। अगर वह मजबूरी में निजी क्षेत्र में जाएगा तो भी उसका ध्यान सरकारी की तरफ ही रहेगा। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी योजना तैयार करें जिससे युवाओं को लगे सरकारी से निजी नौकरी अच्छी है। आत्मनिर्भर भारत के लिए युवा शक्ति का योगदान बहुत अहम है। पढ़ाई करने के दौरान विद्यार्थी का मिशन सिर्फ व्यक्तिगत न होकर सामाजिक होना चाहिए, तभी बड़ा बदलाव होगा।

युवाओं की आयु ही अपने आप में कुशलता
सीएम के अनुसार युवाओं की आयु ही अपने आप में कुशलता है। उनमें एक उत्साह होता है, कुछ कर गुजरने की लालसा होती है। पढ़ाई या सिखाने से ही कौशल नहीं आता, लग्न व श्रद्धा भी जरूरी है। युवाओं को कुछ कर गुजरने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रोत्साहित करेगी। क्योंकि,वे आयु नहीं मन के उत्साह के कारण युवा होते हैं।
July 20, 2020

सरकारी चावल में घोटाला: करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी

सरकारी चावल में घोटाला:करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी


सरकारी चावल में घोटाला:करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी,इनके पास सरकारी चावल देने के लिए धान का स्टाक ही नहीं करीब 5 लाख क्विंटल से ज्यादा करोड़ों रुपए का चावल पेंडिंग

करनाल। राइस मिलरों की करीब 27 फर्माें ने पहले जीरी लेकर सरकार काे 5 लाख क्विंटल से ज्यादा करोड़ों रुपए का चावल ले नहीं दिया था। मौजूदा हालात में मिलरों की 21 फर्मों पर और तलवार लटक गई है। इन फर्मों के पास चावल उपलब्ध करवाने के लिए स्टॉक ही नहीं है। इसलिए 16 फर्मों की प्राॅपर्टी अटैच और 5 फर्मों की प्राॅपर्टी नीलाम करने की मंजूरी मांगी गई है। यह फाइल चंडीगढ़ मुख्यालय तक पहुंच गई है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, इनको भी डिफाॅल्टर घोषित कर दिया जाएगा। सरकार को यह नुकसान पूरे सिस्टम की संलिप्तता से हो रहा है। जिले में वर्ष 2013 से 2017 तक डिफाॅल्टर हुए करीब 27 राइस मिलर्स में से आधे से ज्यादा दोबारा से नई फर्में बनाकर राइस मिल चला रहे हैं। नई फर्मों में पार्टनरों की भूमिका आगे-पीछे हो रही है। उन्हीं जगहों पर नई फर्म से राइस मिल चला रहे हैं। जो राइस मिल चलाते नहीं हैं,वह दूसरे मिलों से मिलिंग करवाते हैं।
नियमों के तहत यह गलत है और सरकार को नुकसान हो रहा है। रिकवरी करने के लिए कोई नया कदम नहीं है। प्राॅपर्टी अटैच करने की प्रकिया भी धीमी है। पुलिस एफआईआर करने तक सीमित है। वर्ष 2020 में 15 जुलाई तक अलॉट की गई धान का चावल उपलब्ध हो जाना था। लेकिन 21 राइस मिलें ऐसी मिली हैं, जिनमें स्टॉक कम है। इसकी पूर्ति होना भी मुश्किल है।

एक ही जगह पर दो मिल डिफाॅल्टर
वर्ष 2013-14 में आशीर्वाद फूड राइस मिल को 52 हजार 769 क्विंटल धान अलॉट की गई। इसमें से कुछ चावल उन्हाेंने दे दिया। 21 हजार 881 क्विंटल चावल नहीं दिया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस मिल को डिफाॅल्टर कर दिया। इसी जगह पर अगले साल अन्नपूर्णा राइस मिल चला दी गई। यह भी मिल डिफाॅल्टर हो गई। सेम जगह पर दो फर्म डिफाॅल्टर हो गई।

दो फर्म दिखाकर डबल ले गए धान
सतपाल एंड ब्रदर्स और सतपाल एंड सन्स दो फर्में एक ही राइस मिल पर हैं। इससे यह डबल धान अलॉट करवा जाते हैं। दोनों फर्मों को धान अलॉट किया हुआ है, जो एक ही राइस मिल में जा रहा है।

आढ़ती की दुकान को दिखाया मिल
कुंजपुरा में आढ़ती की दुकान है। इसको भी धान अलॉट की हुई है। ट्रेडर्स ने लिखकर दिया है कि वह राइस मिल में धान की कुटाई करके देंगे। नियमों के तहत जिसके पास मिल है,उसी को धान अलॉट हो सकती है। इनकाे भी धान अलॉट किया हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच चल रही है।

डिफॉल्टर फर्माें पर कराया केस दर्ज 
डिफाॅल्टर हो चुके राइस मिलों को धान अलॉट नहीं कर सकते। यदि किसी डिफाॅल्टर ने सेम जगह पर फर्म का नाम बदलकर राइस मिल चलाई है तो उनको चेक करवा लेते हैं। हाल ही में मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई है। जिन मिलों में स्टॉक कम मिला है,उनकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। जो फर्में डिफाॅल्टर हैं,उन पर केस दर्ज करवाया हुआ है। फर्मों के गारंटर भी इसमें जिम्मेदार है और उन पर भी कार्रवाई की गई है। 
निशांत राठी, डीएफएससी, करनाल।
July 20, 2020

पुरानी पेंशन योजना को लेकर हरकत में हरियाणा सरकार,विभागों से मांगी रिपोर्ट

पुरानी पेंशन योजना को लेकर हरकत में हरियाणा सरकार,विभागों से मांगी रिपोर्ट


चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग पर सरकार हरकत में आ गई है। मुख्य सचिव कार्यालय ने योजना के ड्राफ्ट पर परिवहन,श्रम,ऊर्जा,स्वास्थ्य व वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों व प्रधान सचिवों से डिटेल रिपोर्ट मांगी है। सर्व कर्मचारी संघ ने 3 जून को पुरानी योजना का ड्राफ्ट सरकार को सौंपा था।
सरकार के हरकत में आने से प्रदेश के करीब डेढ़ लाख एनपीएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल होने की आशा जगी है। मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र पर ऊर्जा विभाग ने अपने सभी प्रबंध निदेशकों से कर्मचारियों का ब्योरा तलब किया है। उठाए गए कदमों की प्रति संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी को भी भेजी गई है।
सुभाष लांबा ने बताया कि 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ कर्मचारी संगठनों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में संघ ने पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा उठाया था। मीटिंग में उन्हें इसका ड्राफ्ट तैयार कर देने की जिम्मेदारी दी गई थी। 3 जून को उन्होंने ड्राफ्ट भेजा था, जिस पर सरकार आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन हासिल करने के लिए एनपीएस कर्मचारियों की बजाए सभी कर्मचारियों को एकजुट होकर आंदोलन चलाना होगा।

न्यू पेंशन प्रणाली पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति:संघ

लांबा व सतीश सेठी ने कहा कि सरकार को एनपीएस से होने वाले नुकसान ओर पुरानी पेंशन लागू करने से होने वाले फायदों की गणना कर प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें जनवरी 2006 के बाद प्रदेश में नियुक्त कर्मचारियों की संख्या अनुमानत: 1.40 लाख व उनका औसत मासिक वेतन 40500 रुपये मानकर नुकसान व फायदे की पूरी गणना भेजी है। गणना के अनुसार सरकार को इन कर्मचारियों का 10 प्रतिशत के हिसाब से पेंशन शेयर 56.70 करोड़ रुपये हर महीने जमा करवाना पड़ता है। यह राशि सालाना 680.40 करोड़ रुपये बनती है। यदि इन कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन नीति लागू कर दी जाए तो सरकार के पास यह राशि सीधे रूप से बच सकती है। सर्व कर्मचारी संघ ने कहा कि वास्तव में न्यू पेंशन प्रणाली (एनपीएस) शेयर मार्केट के जरिए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति है। उम्मीद है कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली पर जल्द निर्णय लेकर कर्मचारियों के साथ न्याय करेगी।

Sunday, July 19, 2020

July 19, 2020

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का दावा, बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस की होगी जीत

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का दावा, बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस की होगी जीत

हरियाणा में कोरोना भयावह रूप से फैल रहा है लेकिन सरकार अब कोरोना से निपटने के इंतजामात को लेकर गंभीर नही है। राज्यसभा सांसद  दीपेन्द्र हुडा ने बहादुरगढ़ में ये बात कही है। दीपेन्द्र ने कोरोना को लेकर कुछ सख्ती बरते जाने की हिमायत की है। दीपेन्द्र ने लोगों से फिजिकल डिस्टैसिंग और मास्क का पालन करने की अपील की है । दीपेन्द्र ने बरोदा उपचुनाव जीतने का दावा किया और कहा कि भाजपा सरकार वोटों की गरज में अब बरोदा में काम करवा रही है। सरपंचो को बुलाकर ग्रांट का लालच भी दिया जा रहा है। दीपेन्द्र बहादुरगढ़ में रेलवे पार्क का शिलान्यास करने आए थे।
प्रदेश की जनता को शिवरात्री की शुभकामनाएं देने के साथ राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुडा ने कोरोना से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टैंसिंग, मास्क और सेनेटाईजर का इस्तेमाल करते रहने की अपील की है। दीपेन्द्र हुडा ने कोरोना से निपटने के लिए सरकार की योजना और इंतजामात को नाकाफी बताया है। दीपेन्द्र ने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना के इक्का दुक्का मामले थे तो सख्त लॉकडाउन लगा दिया लेकिन अब कोरोना भयावह रूप से फैल रहा है बावजूद इसके कहीं कोई रोकटोक नही, चैकिंग नही , टैस्टिंग और आईसोलेशन का सही इंतजाम भी नही। दीपेन्द्र हुडा ने कोरोना से निपटने के लिए कुछ सख्ती बरते जाने की हिमायत की । बॉर्डर पर चैकिंग की भी जरूरत जाहिर की है।
दीपेन्द्र हुडा बहादुरगढ़ में रेलवे लाईन के साथ बनने वाले पार्क का शिलान्यास करने आए थे। बहादुरगढ़ नगर परिषद शहर में रेलवे लाईन के साथ 6 पार्क विकसित कर रही है। रेलवे लाईन के साथ पार्क बनवाने की शुरूवात दीपेन्द्र हुडा ने लोकसभा संासद रहते हुए करवाई थी। अब 2 करोड़ की लागत से तीन पार्को का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है क्योंकि नगर परिषद बोर्ड की चेयरपर्सन कांग्रेस की शीला राठी हैं जो कांग्रेस की परियोजना को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है।
दीपेन्द्र हुडा ने बरोदा उपचुनाव जीतने का दावा भी किया। दीपेन्द्र ने मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वोटों की गरज में सरकार बरोदा में काम करवा रही है। वोटों की गरज में ही मुख्यमंत्री और मंत्री बरोदा में आ जा रहे हैं। अब सरपंचो को ग्रंाट का लालच दिया जा रहा है। जबकि पिछले 6 साल में ना तो बरोदा में मुख्यमंत्री आए और ना ही उनका कोई मंत्री। दीपेन्द्र ने कहा कि रूके हुए विकास, बेरोजगारी, आर्थिक संकट और लोगों के जीवन स्तर के मुद्धे पर चुनाव कांग्रेस लड़ेगी और जीतेगी भी।
दीपेन्द्र हुडा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को बदहाल कर दिया। लोगों की खुशहाली को बदहाली में बदल दिया जिसके कारण जनता के चेहरे की लाली तक फीकी पड़ गई है। दीपेन्द्र ने अपने सांसद कोटे से रेलवे लाईन के साथ बनने वाले पार्क के लिए 11 लाख की आर्थिक मदद की घोषणा भी की है। इस मौके पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नगर परिषद के वाईस चेयरमैन विनोद ने घर वापसी करते हुए दीपेन्द्र की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाईन भी की ।


राजस्थान में सचिन पायलट के बगावत के बाद हरियाणा कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का दर्द छलका है। दक्षिण हरियाणा के कांग्रेस नेता और लगातार छह बार विधायक रह चुके व सरकार में पावर मंत्री रह चुके कैप्टन अजय यादव का। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जब सरकार में नहीं चलती है तो दिल पर क्या बीतती है, उससे मैं अच्छी तरह से वाकिफ हूं।