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Sunday, August 30, 2020

August 30, 2020

एमडीयू यूनिवर्सिटी:यूजी स्टूडेंट्स को 1:45 घंटे में हल करने होंगे बहु विकल्पीय प्रश्न, पीजी को देने होंगे 3 प्रश्नों के विस्तृत उत्तर

एमडीयू यूनिवर्सिटी:यूजी स्टूडेंट्स को 1:45 घंटे में हल करने होंगे बहु विकल्पीय प्रश्न, पीजी को देने होंगे 3 प्रश्नों के विस्तृत उत्तर

एमडीयू में 11 सितंबर से ऑफलाइन और ऑनलाइन होगी परीक्षा, दोनों मोड में परीक्षा करवाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर बनाई गई।

रोहतक : केयू और दूसरी विवि के बाद एमडीयू ने भी फाइनल की परीक्षा कराने का प्लान तैयार किया है। एमडीयू प्रदेश के 1.36 लाख छात्रों की ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा लेगा। यह परीक्षाएं 11 सितंबर से 30 तक होंगी। डेटशीट बनाई जाना बाकी है। दोनों मोड में परीक्षा करवाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बनाई है। ऑफलाइन के लिए विवि के विभागों व कॉलेज में केंद्र बनाए जाएंगे। परीक्षार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक बेंच छोड़कर बैठाया जाएगा। बेंचों के बीच में 2 गज की दूरी बनाई जाएगी। जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन चुनेगा, उसे ऑनलाइन तरीके से ही परीक्षा दिलवाई जाएगी और ऑफलाइन वालों के लिए परीक्षा केंद्र में व्यवस्था की जाएगी। वहीं, जिन्होंने कोई भी विकल्प नहीं चुना या सर्वे में भाग नहीं लिया है तो उन्हें ऑफलाइन में ही गिना जाएगा।

यूजी के इन काेर्स में होंगे बहुविकल्पीय प्रश्न

यूजी कोर्स के छठे सेमेस्टर, दूरस्थ शिक्षा एनुअल स्कीम के बीए, बीकाम के थर्ड ईयर, बीएड सेकेंड ईयर की परीक्षा मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन यानी बहु विकल्पीय प्रश्नों के आधार पर होगी। परीक्षा दो शिफ्ट में होगी। ऑफलाइन मोड में सुबह 10 बजे से 11:45 बजे तक समय रहेगा। शाम को 2 बजे से 3:45 बजे तक होगा। ऑनलाइन परीक्षा के लिए शिफ्ट के समय में 15 मिनट अतिरिक्त मिलेंगे, ताकि पीडीएफ अपलोड कर सकें। इस बार एक ही विषय के दो या तीन अलग-अलग पेपर नहीं होंगे। एक ही विषय का एक ही पेपर होगा। एक पेपर में 50 प्रश्न होंगे।

पीजी में 3 विवरणात्मक प्रश्नाें का देना हाेगा उत्तर

पीजी फाइनल सेमेस्टर व वर्ष की 11 सितंबर से सभी कोर्स की परीक्षा होगी। इसमें पीजी कोर्स, बीबीए, बीसीए, ऑनर्स कोर्स, एमबीए की परीक्षा करवाई जाएगी। इसके लिए विवरणात्मक प्रश्नों काे हल करना हाेगा। कुल 8 या 9 प्रश्नों में से 3 प्रश्न अनिवार्य होंगे। ऑफलाइन परीक्षा के लिए 1:45 घंटे का समय होगा। ऑफलाइन में केंद्र पर उत्तरपुस्तिका मिलेगी। एक सितंबर से 10 सितंबर तक प्रैक्टिकल एग्जाम होंगे। 7 से पीएचडी व एमफिल कोर्स वर्क के पेपर होंगे।

ऑफलाइन के लिए यह होगी एसओपी


स्टूडेंट्स को मास्क लगाकर परीक्षा देनी होगी।

खुद की सैनिटाइजर बोतल साथ लानी होगी।

पीने के पानी की बोतल भी अपनी ही लेकर जाएंगे।

अन्य स्टेशनरी सामान भी अपना ही लाना होगा, किसी से कुछ लेने की छूट नहीं होगी।

ऑनलाइन में यह लागू हाेगी गाइडलाइन

स्टूडेंट्स को सुनिश्चित करना होगा कि उनके लैपटॉप, कंप्यूटर, एंड्राइड मोबाइल फोन पर सुचारु रूप से काम कर रहा कैमरा उपलब्ध हो।

कैमरे पर अपना सरकारी पहचान प्रमाण-पत्र दिखाना होगा।

सभी स्टूडेंट परीक्षा के दौरान कैमरे की निगरानी में रहेंगे।

कैमरा के जरिए निगरानी में यदि कोई स्टूडेंट्स किसी अनुचित कार्रवाई में लिप्त मिला तो उसकी परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।

एक समय पर स्क्रीन पर एक ही बहुविकल्पीय प्रश्न उपलब्ध होगा। हालांकि, किसी प्रश्न से आगे बढ़ना और पिछले प्रश्न पर वापस आने की सुविधा स्टूडेंट्स को होगी।

रायशुमारी जानकर लिया गया है फैसला

एमडीयू फाइनल ईयर व सेमेस्टर की दोनों मोड में परीक्षाएं करवाएगा। परीक्षा का मोड जानने के लिए पहली बार एमडीयू ने ही स्टूडेंट्स से रायशुमारी की। छात्र को विकल्प खुद चुनना होगा। -डॉ. बीएस सिंधु, परीक्षा नियंत्रक, एमडीयू।
August 30, 2020

7 सितंबर से चलेगी मेट्रो, स्कूलों को लेकर निर्देश, हिंदी में पढ़िये अनलॉक-4 की पूरी जानकारी

7 सितंबर से चलेगी मेट्रो, स्कूलों को लेकर निर्देश, हिंदी में पढ़िये अनलॉक-4 की पूरी जानकारी

नई दिल्ली : भारत सरकार ने अनलॉक-4 के लिए शनिवार शाम गाइडलाइन जारी कर दी। यह 30 सितंबर तक लागू रहेंगी। इसके तहत, 7 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से मेट्रो रेल शुरू करने की अनुमति होगी। 21 सितंबर से सोशल, अकादमिक, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, कल्चरल, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रम भी आयोजित हो सकेंगे। हालांकि, इसमें 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति ही होगी।
इंटर और इंट्रा स्टेट मूवमेंट पर अब कोई रोक नहीं होगी। किसी को भी देश में कहीं भी जाने के लिए अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी को राष्ट्रीय स्तर पर दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग रखना होगा। दुकानों पर ग्राहकों के बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग रखना अनिवार्य है। इस पर गृह मंत्रालय खुद निगरानी रखेगा। हम इसे लगातार अपडेट कर रहे हैं…

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में अधिक गतिविधियों को खोलने के लिए आज नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। 1 सितंबर 2020 से लागू होने वाले अनलॉक 4 में, गतिविधियों के फिर से खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। आज जारी किए गए नए दिशानिर्देश, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त फीडबैक और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ व्यापक विचार-विमर्श पर आधारित हैं।

नए दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं

MHA के परामर्श से, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MOHUA) / रेल मंत्रालय (MOR) द्वारा श्रेणीबद्ध तरीके से 7 सितंबर 2020 से मेट्रो रेल को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में, MOHUA द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जाएगी।

सामाजिक / शैक्षणिक / खेल / मनोरंजन / सांस्कृतिक / धार्मिक / राजनीतिक कार्यों और अन्य सभाओं में 21 सितंबर 2020 से 100 व्यक्तियों की छत के साथ अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस तरह के सीमित समारोहों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने के साथ आयोजित किया जा सकता है, सामाजिक गड़बड़ी, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने या सैनिटाइज़र के लिए प्रावधान।

21 सितंबर 2020 से ओपन एयर थिएटरों को खोलने की अनुमति होगी।

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 30 सितंबर 2020 तक छात्रों और नियमित कक्षा गतिविधि के लिए स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा की अनुमति दी जाएगी और जारी रहेगी प्रोत्साहित रहो। हालाँकि, निम्नलिखित अनुमति दी जाएगी केवल २१ सितंबर २०२० से प्रभावी होने पर, कंटेनर जोन के बाहर के क्षेत्रों में, जिसके लिए SOP स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय  द्वारा जारी किया जाएगा:
राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 50% तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन शिक्षण / टेली काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए एक समय में स्कूलों में बुलाया जा सकता है।

कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल कंटेनर जोन से बाहर के क्षेत्रों में अपने स्कूलों का दौरा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह उनके माता-पिता / अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा।
राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशनों या भारत सरकार या राज्य सरकारों के अन्य मंत्रालयों के साथ पंजीकृत लघु प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण की अनुमति दी जाएगी।
राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान , भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) और उनके प्रशिक्षण प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी।

उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल अनुसंधान विद्वानों (पीएचडी) और तकनीकी और व्यावसायिक कार्यक्रमों के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्रयोगशाला / प्रायोगिक कार्यों की आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा एमएचए के परामर्श से, स्थिति के आकलन के आधार पर, और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में सीओवीआईडी ​​-19 की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी जाएगी।

निम्नलिखित गतिविधियों को छोड़कर, सभी गतिविधियों को नियंत्रण क्षेत्र के बाहर अनुमति दी जाएगी:

(i) सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर (ओपन एयर थिएटर को छोड़कर) और इसी तरह के स्थान।
(ii) MHA द्वारा अनुमति के अलावा यात्रियों की अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा।
30 सितंबर, 2020 तक कंटेनर जोन में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाएगा।

ट्रांसमिशन जोन की श्रृंखला को प्रभावी ढंग से तोड़ने के उद्देश्य से MoHFW के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखने के बाद जिला स्तर पर सूक्ष्म स्तर पर कंटेनर जोन का सीमांकन किया जाएगा। इन रोकथाम क्षेत्रों में सख्त रोकथाम उपायों को लागू किया जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
नियंत्रण क्षेत्र के भीतर, सख्त परिधि नियंत्रण बनाए रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
ये कंटेनर ज़ोन संबंधित जिला कलेक्टरों की वेबसाइट पर और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे और जानकारी भी MOHFW के साथ साझा की जाएगी।

राज्यों को कंटेनर ज़ोन के बाहर किसी भी स्थानीय लॉकडाउन को लागू करने के लिए नहीं
राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार के पूर्व परामर्श के बिना, किसी भी स्थानीय लॉकडाउन (राज्य / जिला / उप-विभाग / शहर / गाँव स्तर) को, ज़ोन के बाहर नहीं लगाएंगी।

अंतर-राज्य और अंतर-राज्य आंदोलन पर कोई प्रतिबंध नहीं

व्यक्तियों और वस्तुओं के अंतर-राज्य और अंतर-राज्य आंदोलन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के आंदोलनों के लिए अलग से अनुमति / अनुमोदन / ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।

COVID-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश

COVID-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों का पूरे देश में पालन किया जाना जारी रहेगा
August 30, 2020

बदमाश ने मिष्ठान भंडार मालिक पर रिवाल्वर तान ऐसी कर दी डिमांड, जिसे जानकर आप रहे जाएंगे हैरान

बदमाश ने मिष्ठान भंडार मालिक पर रिवाल्वर तान ऐसी कर दी डिमांड, जिसे जानकर आप रहे जाएंगे हैरान

पानीपत : समालखा में लूटपाट चोरी की घटनाएं आए दिन आम हो रही है। लेकिन शनिवार को हद तो तब हो गई जब शहर के सबसे व्यस्त बाजार रेलवे रोड पर प्रसिद्ध मिष्ठान भंडार प्रेमचंद हलवाई की दुकान पर एक युवक पहुंचा और दुकान पर मौजूद दुकान मालिक कृष्ण सैनी को रिवाल्वर  दिखाकर 5 किलो देसी घी का घेवर देने के लिए कहा जिस पर दुकान पर मौजूद लड़कों ने युवक को घेवर दे दिया।
लेकिन घेवर लेने के बाद जब दुकान मालिक ने युवक से घेवर के पैसे मांगे तो उसने दोबारा फिर दुकान मालिक को रिवाल्वर दिखा दी। जिस पर दुकान मालिक ने युवक को दुकान से बाहर जाने दिया और जब वह दुकान के बाहर खड़ी गाड़ी में बैठने लगा तो पीछे से जाकर दुकान मालिक व बाजार के अन्य लोगों ने जाकर युवक को रिवाल्वर सहित दबोच लिया। युवक के साथ आए अन्य युवक गाड़ी सहित फरार हो गए।
August 30, 2020

अजीब फरमान पर अधिकारियों का यू-टर्न:शिक्षा विभाग ने टीचरों को दिए थे नशेड़ी ढूंढने के निर्देश, वापस लिए

अजीब फरमान पर अधिकारियों का यू-टर्न:शिक्षा विभाग ने टीचरों को दिए थे नशेड़ी ढूंढने के निर्देश, वापस लिए

नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक दिन पहले दिए थे आदेश

करनाल : समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर शुक्रवार को लघु सचिवालय बैठक हुई थी, जहां विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। नशा मुक्त भारत अभियान में करनाल जिला भी शामिल है। ये अभियान मार्च तक चलेगा। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि व महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए।
वे नशा करने वाले बच्चों और उनके क्षेत्र से संबंधित लोगों की सूचना जिला टास्क फोर्स कमेटी को दें, ताकि उन्हें खोजकर नशे से बचाया जा सके। इसके लिए जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय से शुक्रवार को पत्र जारी कर सभी स्कूलों के अध्यापकों की ड्यूटी लगाई कि एक सप्ताह के अंदर 40 नशा करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर सूची बनाकर जानकारी दें।
इसके लिए प्रॉफोर्मा भी भेजा गया था। यह लेटर जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर अध्यापकों के कार्य का खूब मजाक बनाया गया। शिक्षा विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया, जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय से शनिवार को अध्यापकों की ड्यूटी गांवों में नशा करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने से पत्र के आदेश को वापस ले लिया गया है।
August 30, 2020

शराब तस्करी:गैस टैंकर में शराब की जोधपुर होनी थी सप्लाई, हिसार में 781 पेटी पकड़ी, ड्राइवर को वॉट्सएप पर मिल रही थी डायरेक्शन

शराब तस्करी:गैस टैंकर में शराब की जोधपुर होनी थी सप्लाई, हिसार में 781 पेटी पकड़ी, ड्राइवर को वॉट्सएप पर मिल रही थी डायरेक्शन

हिसार में गैस टैंकर चालक काे पकड़कर अवैध शराब की पेटियां बरामद की गईं,ड्राइवर बोला- करनाल से टैंकर लिया, हिसार में दूसरे को देना था

781 पेटियों में 9372 बोतलें शराब की थीं, सभी पर हरियाणा का मार्क लगा है

हिसार : एंटी व्हीकल थेफ्ट यूनिट ने गैस के टैंकर से शराब की बड़ी खेप पकड़ी है। पुलिस ने शहर के भानू चौक पर टैंकर चालक राजस्थान के बाड़मेर वासी किशनाराम को गिरफ्तार किया है। गैस टैंकर से अंग्रेजी शराब की 781 पेटियां बरामद हुईं, जिनमें 9372 बोतलें शराब की थीं। सभी पेटियों और बोतलों पर हरियाणा मार्का लगा है, जो पानीपत के समालखा और करनाल में जुंडला से भरकर सप्लाई के लिए जोधपुर में सप्लाई होनी थी। टैंकर की नंबर प्लेट पर नागालैंड का नंबर है, लेकिन आगे व पीछे के नंबर से छेड़छाड़ की गई है।
आरोपी चालक के खिलाफ एक्साइज एक्ट और धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज कर लिया है। चालक को रविवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। बता दें कि समालखा में शराब घोटाला उजागर हो चुका है। सील गोदाम से शराब की पेटियां चोरी हुईं थीं, जिसमें पूर्व विधायक जजपा नेता सतविंद्र राणा सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। ऐसे में बरामद शराब के उक्त चोरी प्रकरण से कोई संबंध तो नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

चालक को होटल पर दिया था टैंकर

यूनिट इंचार्ज नर सिंह ने बताया कि ड्राइवर किशना राम से अहम जानकारियां हासिल हुई हैं। आरोपी ने बताया कि पानीपत और करनाल के बीच हाेटल पर उसे गैस टैंकर का स्टेयरिंग संभलवाया गया था। उसे बताया था कि तुमसे वॉट्सएप के जरिए संपर्क रहेगा। डायरेक्शन मिलती रहेगी, जिसके अनुसार टैंकर लेकर आगे बढ़ते रहना है। हिसार पहुंचने पर टैंकर को किसी होटल पर खड़ा कर दूसरे ड्राइवर को गाड़ी सौंपनी थी। जो टैंकर को जोधपुर पहुंचाने के लिए लेकर जाता।

चेन सिस्टम से सप्लाई होती है शराब

शराब माफिया एक्साइज टैक्स बचाने और मुनाफा कमाने के लिए चालबाजी करते हैं। ऐसा एक मामला चौधरीवास गांव में सामने आया था। पुलिस ने ट्रक रुकवाकर उसके चालक सोमबीर को पकड़कर 1350 अवैध शराब की पेटियों को जब्त किया था। आरोपी ने बताया था कि रायपुर से झुंपा बॉर्डर तक ट्रक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। इसके बाद दूसरा ड्राइवर उसे लेकर जाता। चेन सिस्टम से अवैध शराब की पेटियों को अरूणाचल प्रदेश पहुंचाना था। इस काम के लिए उसे महज 5 हजार रुपए मिलने थे।

करीब 3-4 साल पहले इसी तरह सीआईए टीम ने सिरसा रोड से शराब की पेटियों से लोड ट्रक जब्त किया था। इसे भी चेन सिस्टम की तर्ज पर चालक बदल-बदलकर मंजिल तक पहुंचाना था, लेकिन उससे पहले ही माल जब्त हाे गया।
August 30, 2020

नई गाइडलाइन जारी:खेल नर्सरियों में अब सीनियर खिलाड़ी भी बन सकेंगे कोच, डिग्री के साथ अनुभव को मिलेगी प्राथमिकता

नई गाइडलाइन जारी:खेल नर्सरियों में अब सीनियर खिलाड़ी भी बन सकेंगे कोच, डिग्री के साथ अनुभव को मिलेगी प्राथमिकता

खेल विभाग ने अब कोच नियुक्ति को लेकर नियमों में किया बदलाव, एनआईएस क्वालीफाई या एमपीएड व बीपीएड के साथ जूनियर अंतर राष्ट्रीय खिलाड़ी बनेंगे कोच

करनाल : खेल विभाग सरकारी व गैर सरकारी खेल नर्सरियों में अब डिग्रीधारकों के साथ सीनियर खिलाड़ी कोच बन सकेंगे। इसके लिए विभाग ने अब कोच नियुक्ति को लेकर नियमों में बदलाव कर नई गाइडलाइन जारी की है। अब एनआईएस क्वालीफाई या एमपीएड व बीपीएड के साथ जूनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, अपने खेल में नेशनल प्लेयर खिलाड़ी, जूनियर नेशनल खिलाड़ी, ग्रामीण नेशनल खिलाड़ी, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खिलाड़ी, नेशनल वूमेन स्पोर्ट्स खिलाड़ी को खेल नर्सरी में कोच बनने का मौका मिलेगा। इन खिलाड़ियों को एक निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। सीनियर इंटरनेशनल खिलाड़ी को 25 हजार और जूनियर इंटरनेशनल व नेशनल खिलाड़ी को 20 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।

अपने ही क्षेत्र के सीनियर खिलाड़ियों को कोच बनने का मिलेगा मौका

पहले नियम था कि एनआईएस पटियाला से डिप्लोमा धारक व बीपीएड, एमपीएड किए आवेदकों को ही कोच नियुक्त किया जाता था। खेल नर्सरियों में एनआईएस पटियाला से डिप्लोमा करने वाले कोच बिहार, यूपी व देश के अन्य हिस्सों से आते थे। इससे अपने ही क्षेत्र के सीनियर खिलाड़ियों को कोच बनने का मौका नहीं मिलता था। अब सीनियर खिलाड़ी अपने ही क्षेत्र की खेल नर्सरियों में युवाओं को तैयार कर सकेंगे।

नए सत्र में नई खेल नर्सरियां शुरू होने का इंतजार कर रहे खिलाड़ी

जिले में पिछले साल 51 खेल नर्सरियों में से 35 खेल नर्सरियां चल रही थी। खेल विभाग के नियमानुसार कोच प्रशिक्षण संस्थाओं में न पाना व खिलाड़ियों का मौजूद न हाेने के कारण 16 खेल नर्सरियां बंद हो चुकी हैं। कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में चल रही खेल नर्सरियां बंद पड़ी हैं। जिले के खिलाड़ी नए सत्र में नई खेल नर्सरियां शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

ऐसे होगी अब नए कोच की भर्ती प्रक्रिया

जो खिलाड़ी किसी रजिस्टर्ड संस्थान से जूनियर नेशनल खिलाड़ी, सीनियर इंटरनेशनल खिलाड़ी हो तो खेल नर्सरी शुरू होने के बाद जिला स्तर पर ऐसे अनुभवी खिलाड़ियों का इंटरव्यू लिया जाएगा। इसके बाद शारीरिक टेस्ट के बाद जिस नर्सरी के लिए संबंधित कोच ने आवेदन किया था उस नर्सरी में नियुक्त कर दिया जाएगा। इससे नए खिलाड़ियों को प्रेक्टिस कने में आसानी होगी।

पहले इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू की जाएगी

अभी विभाग की तरफ से केवल गाइडलाइन आई है। अभी जिले में खेल नर्सरियां बंद पड़ी हैं, जब नर्सरियां खुलेंगी तब पहले इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके बाद ही उन्हें कोच नियुक्त किया जा सकेगा।
दिलबाग सिंह, जिला खेल अधिकारी।
August 30, 2020

साहसिक पुरस्कार:विवादों में फंसे रेवाड़ी के माउंटेनियर का अवाॅर्ड होल्ड, नरेंद्र बोले-आरोप लगाने वालों पर केस करूंगा

साहसिक पुरस्कार:विवादों में फंसे रेवाड़ी के माउंटेनियर का अवाॅर्ड होल्ड, नरेंद्र बोले-आरोप लगाने वालों पर केस करूंगा

पर्वतारोही बोले- टीम लीडर समेत हरियाणा से भी 4-5 लोग कर रहे लेग पुलिंग, नेपाल में भी जांच शुरू,पर्वतारोही लकपा शेरपा ने नरेंद्र यादव के एवरेस्ट फतह करने के दावे को गलत करार दिया

रेवाड़ी : साहसिक पुरस्कार के लिए चयनित होते ही एवरेस्ट फतह के झूठे दावे के आरोपों से घिरे रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह का नाम सरकार ने अचानक अवाॅर्ड लिस्ट से हटा दिया। अवाॅर्ड होल्ड होने से शनिवार को बगैर सम्मान ही वापस लौटे नरेंद्र ने कहा कि आरोप लगाने वालों पर सोमवार को केस करूंगा। इधर, खेल मंत्रालय के साथ ही नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने भी जांच शुरू कर दी है। हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ने नरेंद्र से तीखे सवाल किए। पढ़िए मुख्य अंश...
सवाल . आपका अवाॅर्ड रोक दिया गया, क्यों? पर्वतारोही- अवाॅर्ड की घोषणा होते ही आरोप लगाने वाले सक्रिय हो गए। सरकार और कमेटी ने मेरा अवाॅर्ड होल्ड करने का जो निर्णय किया। मैं चाहता हूं कि मामले में निष्पक्षता से जांच हो।
सवाल. कौन चाहता है कि आपको अवाॅर्ड न मिले? पर्वतारोही- मिनिस्ट्री में मुझसे पूछा गया कि आपके टीम लीडर नावा कुमार पोकन आरोप लगा रहे हैं कि आप एवरेस्ट फतह नहीं कर पाए। मैंने वहां भी बताया कि उन्हें दुख है कि उनको अवाॅर्ड नहीं मिला। हरियाणा से भी 4-5 लोग हैं, जो लेग पुलिंग कर रहे हैं। सबके नाम कोर्ट में बताएंगे।
सवाल. आप आराेपों पर जवाब क्यों नहीं दे रहे थे? पर्वतारोही- मेरा मानना है आरोप लगाने वालों से सोशल मीडिया पर बहस के बजाय लीगल कार्रवाई करेंगे तो बेहतर जवाब होगा।
सवाल. टीम लीडर के साथ लाकवा शेरपा ने भी दावा कि आप एवरेस्ट पर असफल थे? पर्वतारोही- लाकवा शेरपा मेरा शेरपा नहीं था। यदि ये साबित हो कि वो मेरा शेरपा था तो सरकार मुझे धाराएं लगाकर जेल में डाल दें, हमें ऐतराज नहीं, वो मेरे शेरपा का नाम दावा मक्कालू या दावा मलाऊ था।
सवाल. कहा जा रहा है कि टॉप पर पहुंचने की आपकी फोटो मोर्फ्ड है? पर्वतारोही- ये केस तो हम सोशल मीडिया पर आरोप लगाने वालों पर डाल रहे हैं, वो लोग खुद फोटो एडिट कर रहे हैं। कभी दाहीने घुटने का रंग बदल देते हैं, कभी फोटो शॉप से मास्क हटा देते हैं। वहां वकील पूछेगा कि सर्टिफिकेट मैच करो, फोटो का इश्यू पुलिस देखेगी।
सवाल. एवरेस्ट फतह की सर्टिफिकेट पर सवाल उठ रहे हैं? 
A. अगर ऐसा है तो आरोप लगाने वाले नेपाल की मिनिस्ट्री पर केस डालें। मेरे पास सरकारी सर्टिफिकेट है, बड़े ऑफिसर्स के हस्ताक्षर हैं। पहले उनसे फाइट करें, बाद में मेरे पास आएं।
सवाल. कह रहे हैं आप असफल हुए तो रोये थे? 
पर्वतारोही- एवरेस्ट फतेह के लिए 2 अप्रैल 2016 को हम बेस कैंप रवाना हुए। वेदर अच्छा होता है तो हमें 8-9 दिन मिलते हैं, तो समिट के लिए निकले गए। टीम में मैं, नावा कुमार पोकन टीम लीडर व शीमा गोस्वामी थीं। 20 मई 2016 को किया हमने समिट किया। उस रात हम कैंप-2 में ठहरे। मेरे रोने की बात झूठी हैं।

मैंने नरेंद्र को ऑक्सीजन देकर कैंप लौटने में मदद की थी: लकपा शेरपा

सात बार एवरेस्ट फतह करने वाले पर्वतारोही और बचाव दल के सदस्य लकपा शेरपा ने नरेंद्र यादव के एवरेस्ट फतह करने के दावे को गलत करार दिया है। लकपा कहते हैं, 'पर्वतारोहण कालक्रम हिमालयन डेटाबेस' के अनुसार 20 मई 2016 की सुबह एवरेस्ट के शिखर पर फूकन पहुंचे थे, जो इस पर्वतारोहण दल के लीडर थे। नरेंद्र उस समय हमारे दल को महिला पर्वतारोही के साथ दक्षिणी क्षेत्र की 8400 मीटर दूर 'बालकनी' में मिले थे और इनका ऑक्सीजन खत्म हो गया था। तब मैंने फूकन को सूचित किया और हमने यादव और महिला पर्वतारोही को अपनी ऑक्सीजन की बोतलें देकर कैंप-4 में लौटने में मदद की। मैं 200 प्रतिशत सुनिश्चित हूं कि वह आदमी नरेंद्र था। मैं ही नहीं, बहुत से लोग इस बात को जानते हैं।
उन्होंने कहा, 'यादव व उनकी साथी पर्वतारोही सीमा गोस्वामी ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर सांस लेने में भारी तकलीफ महसूस कर रहे थे। ये डिंगबोचे और लोबुचे के मध्य ट्रैकिंग इलाके में थे। दोनों का अपने गाइड के साथ संपर्क भी टूट चुका था। यादव शिखर पर पहुंचने के लिए रो रहे थे। तब हमारे बचाव दल ने उन्हें सांत्वना दी थी कि यदि जीवन रहा तो उन्हें आगे भी एवरेस्ट फतह करने के मौके मिलेंगे। मुझे आश्चर्य है कि उन्हें भारत का सर्वोच्च एडवेंचर सम्मान देने के लिए चुना गया।