Thursday, November 21, 2024
हरियाणा के मुख्य सचिव ने की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा
Wednesday, November 20, 2024
*टीबी से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाने की ज़रूरत - आरती सिंह राव *
*टीबी से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाने की ज़रूरत - आरती सिंह राव *
* दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन, 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' के मंत्र पर बात*
चंडीगढ़, 20 नवंबर - हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने आज मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस के प्रबंधन के लिए नई व्यवस्था पर स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए एक कार्यशाला के उद्घाटन किया।
इस अवसर पर कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि यह कार्यशाला एमडीआर टीबी के खिलाफ प्रदेश की लड़ाई को और मजबूत करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य सेवाएं नवीनतम उपचार प्रोटोकॉल की पालना करे और रोगी के उपचार और देखभाल में बेहतरीन तरीकों को अपनाया जाए।
उन्होंने कहा कि मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (एमडीआर टीबी) से निपटने में स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। यह विषय देश में सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी के निदान, उपचार और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और विशेष रूप से दवा प्रतिरोधी संबंधित चुनौतियों पर बात की। उन्होंने निक्षय शिविर के दौरान सामुदायिक भागीदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भागीदारी टीबी मामलों को खोजने में बहुत सहायक सिद्ध होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन जारी रखेगी और एमडीआर टीबी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी।
इस अवसर पर विधायक डॉ. कृष्ण कुमार ने अपने संबोधन में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के इतिहास पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी हितधारकों से टीबी उन्मूलन के महान कार्य में सक्रिय रूप से योगदान देने की अपील की।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,श्री सुधीर राजपाल ने भी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सभी हितधारकों से टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने दोहराया कि टीबी के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक जिम्मेदारी है। बेहतर प्रशिक्षण, समय पर निदान और रोगी-केंद्रित देखभाल इस विषय की सफलता सुनिश्चित करने का मजबूत तरीका है।
हरियाणा के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा डॉ. ब्रह्मदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर टीबी की रोकथाम में बदलाव ला सकते हैं। हम टीबी के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रयासों को मजबूत कर रहे हैं और भारत के टीबी मुक्त राष्ट्र के सपने को पूरा करने में भी योगदान दे रहे हैं।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से एचईआरसी अध्यक्ष ने की भेंट, विद्युत क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा
थर्मल प्लांटों को दुरुस्त करना, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, केंद्र की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर हुआ विचार-विमर्श
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के तहत एचईआरसी राज्य सरकार को विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए देता है तकनीकी सुझाव
चंडीगढ़ 16 नवंबर - हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा ने शुक्रवार देर शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। नवनियुक्त सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत यह एचईआरसी अध्यक्ष की मुख्यमंत्री से पहली मुलाकात थी।बैठक के दौरान विद्युत क्षेत्र में सुधार, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, थर्मल पावर प्लांटों को दुरुस्त करने और विद्युत क्षेत्र से संबंधित केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कमर्शियल लॉस (एटीएंडसी) को कम करने के महत्व पर भी चर्चा की गई, जिसमें बिजली वितरण क्षमता बढ़ाने, राजस्व घाटे को कम करने और हरियाणा में अधिक विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के तहत राज्य विद्युत विनियामक आयोग राज्य सरकार को राज्य में बिजली उद्योग के पुनर्गठन, पुनर्संरचना, उत्पादन, प्रसारण और वितरण जैसे विषयों पर तकनीकी सलाह देता है। इसी के तहत एचईआरसी अध्यक्ष की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई। इस दौरान हरियाणा के थर्मल प्लांटों को दुरुस्त करने, सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने और रूफटॉप सोलर योजनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री की "हर घर सूर्य योजना" को क्रांतिकारी तरीके से लागू करने के संबंध में भी विचार-विमर्श हुआ।श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब वे सतलुज जल विद्युत निगम के सीएमडी थे, तो उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय विद्युत मंत्री के साथ मिलकर इस योजना को तैयार करवाने में अपनी भूमिका निभाई थी । उन्होंने कहा कि यह योजना भारत सरकार के 2030 तक 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी का उत्पादन करने के लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी। वर्तमान में एचईआरसी अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका विद्युत क्षेत्र में बेहतर विनियम बनाना और उनकी प्रभावी पालना सुनिश्चित करवाना है।श्री शर्मा ने "हर घर सूर्य योजना" के बारे में बताया कि यह भारत सरकार की एक योजना है, जिसके तहत घरों पर सोलर पैनल लगाकर मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को की थी। यह योजना गरीबों के जीवन में उजाला लाने का काम करेगी। अंत्योदय परिवारों को सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। इससे केंद्र सरकार को हर साल करीब 75,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, बैठक में विद्युत क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों और उनके समाधान पर भी चर्चा हुई। इस वर्ष 31 जुलाई को राज्य में बिजली की अधिकतम खपत करीब 14,662 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। वर्तमान में प्रदेश में 14,943.92 मेगावाट बिजली की स्थापित क्षमता है और बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर लगभग 81 लाख हो गई है।
क्रमांक- 2024