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Tuesday, May 16, 2023

हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि प्रदेश में अंत्योदय की तर्ज पर कहा कि.......;!

चंडीगढ़, 16 मई- हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि प्रदेश में अंत्योदय की तर्ज पर  जरूरतमंदों को विभिन्न योजनाओं का लाभ समय पर देकर उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने का काम किया जा रहा है।
श्री ओम प्रकाश यादव आज यहां अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुसूचित जाति/ विमुक्त जाति/ टपरीवास जाति के लोगों को उनकी लड़कियों की शादी हेतु 71000 रुपए अनुदान दिया जाता है। समाज के सभी वर्गों की विधवाओं/तलाकशुदा / बेसहारा औरतों व उनकी लड़कियों तथा अनाथ / बेसहारा बच्चों  की शादी हेतु 51000 रुपए अनुदान दिया जाता है। इसी तरह, सामान्य वर्ग व पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों को उनकी लड़कियों की शादी हेतु  31000 रुपए अनुदान दिया जाता है। इसके लिए उनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक होनी चाहिए। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हों तो 51000 रुपए और यदि जोड़े में से कोई एक (पति या पत्नी) दिव्यांग हों तो  31000 रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है।
इसके अलावा, किसी भी आय वर्ग की महिला खिलाड़ी को उनकी स्वयं की शादी हेतु  31000 रुपए अनुदान दिया जाता है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले समाज के सभी वर्गो को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना के अन्तर्गत मकान मरम्मत हेतु 80,000 रुपये की राशि दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिए प्रार्थी हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा उसके मकान को बने हुये कम से कम 10 वर्ष या उससे अधिक का समय हो गया हो।
उन्होंने बताया कि गैर-अनुसूचित जाति के लोगों के अत्याचारों से पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को  85000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। कानूनी सहायता अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को अदालती मुकदमों की पैरवी के लिए 22000 रुपये की कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।

 श्री ओम प्रकाश यादव ने बताया कि अनुसूचित जाति की समस्या के बारे में राज्य सरकार के विभिन्न पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर डिबेट्स एवं सेमिनार आयोजित किए जाते हैं और उन्हें पीसीआर एक्ट, 1955, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निव अधिनियम 1989 तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण नियम, 1995 के प्रावधान के बारे में भी अवगत कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु सराहनीय कार्य तथा स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी पंचायतों को 50,000 रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की जाती है।  इसी तरह, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग की संस्थाओं को सामुदायिक भवन (शैक्षणिक अथवा सामाजिक कार्यों के प्रयोग) निर्माण एवं रख रखाव तथा लाइब्रेरी, कंप्यूटर के लिए 2.00 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।

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