नर्सरी में तैयार हो रही फुटबॉल की पौध,107 बच्चों को दिया जा रहा है नि:शुल्क प्रशिक्षण|
अहीर कॉलेज का फुटबॉल मैदान, जहां हर रोज 100 से ज्यादा बच्चे अभ्यास करते मिल जाएंगे। 8 से 16 वर्ष की आयु के बच्चे सुबह के समय दो घंटे और शाम के समय 3 घंटे अभ्यास करते हैं। कॉलेज में पिछले वर्ष से खेल विभाग की ओर से फुटबॉल नर्सरी का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 25 बच्चे तो नर्सरी में और 82 बच्चे कॉलेज प्रबंधन के प्रयास से निशुल्क कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं।
मैदान पर खिलाड़ियों की सुबह-शाम भीड़ उमड़ती है। इन बच्चों को कोच विक्रम सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो खुद एक बेहतर खिलाड़ी रह चुके हैं। कोच विक्रम बच्चों को फुटबॉल के अभ्यास के साथ ही फिट रखने के लिए योगा भी कराते हैं। बता दें कि कॉलेज में वैसे तो वर्ष 1991 से फुटबॉल का सेंटर चल रहा है। कई बार अहीर कॉलेज की टीम यूनिवर्सिटी चैंपियन रह चुकी है। अब नर्सरी में छोटे बच्चों की पौध तैयार हो रही है, जो भविष्य में अच्छे खिलाड़ी बनकर निकलेंगे।
मैनेजमेंट के प्रयास ला रहे रंग
कॉलेज में फुटबॉल क्लब के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि वैसे तो कॉलेज में फुटबॉल का वर्ष 1991 से सेंटर चल रहा है। लेकिन कोरोना काल में देखरेख न होने से मैदान में बड़ी-बड़ी घास उग आई थी। तब कॉलेज प्रबंधन समिति के महासचिव राव राघवेंद्र सिंह ने मैदान की सफाई कराकर छाेटे बच्चों को फुटबॉल सिखाने के लिए प्रयास शुरू किए। प्रशिक्षण देने के लिए कोच भी लगाया और उनका प्रयास रंग लाया है। पिछले वर्ष खेल विभाग ने यहां पर फुटबॉल नर्सरी भी शुरू की है। जिसमें 25 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। जबकि 82 बच्चों को प्रबंधन द्वारा फ्री प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, ताकि बच्चे खेल में आगे बढ़ सके। कॉलेज के डायरेक्टर एवं फुटबॉल क्लब के प्रेजिडेंट डॉ. हंसराज ने भी फुटबॉल को बढ़ावा देने में हरसंभव सहयोग किया है। खिलाड़ियों को ड्रेस भी प्रबंधन ही उपलब्ध करा रहा है। मैनेजमेंट के सकारात्मक प्रयास से खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
सुब्रोतो कप में भी खेले हैं यहां के खिलाड़ी: प्रशिक्षक
कोच विक्रम सिंह ने बताया कि वर्ष 1991 में काॅलेज में फुटबॉल का सेंटर शुरू हुआ था। उस समय वर्ष 1998 में टीम एमडीयू में चैंपियन रही थी। इसके बाद भी अब तक टीम कई बार चैंपियन रह चुकी है। काॅलेज से रविंद्र कुमार सुब्रोतो कप में भी खेला है। इसके अलावा एक खिलाड़ी सतपाल यादव इंटरनेशनल खेला है। यहां से 60 से ज्यादा नेशनल में खेल चुके हैं। अब छोटे बच्चे जो 8 से 16 वर्ष की आयु के तैयार किए जा रहे हैं। इन बच्चों की प्रतिभा में भी निखार लाया जा रहा है। आसपास की कई कॉलोनियों के बच्चे फुटबॉल का प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं।
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