CBI जज परमार का भतीजा गिरफ्तार; पंचकूला कोर्ट ने ईडी को 4 दिन की रिमांड दी
सीबीआई जज सुधीर परमार का भतीजा अजय परमार।
M3M मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फिर एक बड़ी गिरफ्तारी की है। ED ने CBI जज सुधीर परमार के भतीजे और कंपनी में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्यरत अजय परमार को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद दोपहर बाद आरोपी को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से परमार की ईडी को 4 दिन की रिमांड मिल गई। ईडी के सूत्रों के अनुसार अजय परमार से पूर्व सीबीआई जज सुधीर परमार से जुड़े सवालों को लेकर पूछताछ करेगी।
निलंबित न्यायिक अधिकारी सुधीर के खिलाफ हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एक भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी M3M के प्रमोटर बसंत बंसल और उनके बेटे पंकज बंसल को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद ED ने यह कार्रवाई की है।
ED के अधिकारियों का कहना है कि अजय परमार के आवास पर कल देर शाम तलाशी अभियान चलाया गया। जहां से कुछ अहम सबूत भी मिले हैं।
17 अप्रैल को दर्ज हुई थी FIR
अजय परमार अपने चाचा और पूर्व ED/सीबीआई जज सुधीर परमार और M3M इंडिया के निदेशक रूप कुमार बंसल के साथ पंचकूला में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज 17 अप्रैल की प्राथमिकी में आरोपी है। अजय को ACB 13 जून के प्रवर्तन में नामजद किया गया है। निलंबित न्यायिक अधिकारी सुधीर परमार और गिरफ्तार एम3एम निदेशक रूप बंसल को भी ईसीआईआर में नामजद किया गया है।
भतीजे के जरिए जज ने लिया लाभ
ACB की FIR के अनुसार, ED अधिकारियों ने कहा कि M3M समूह, उसके प्रमोटर रूप बंसल और उसके भाई बसंत बंसल को IREO से धन हड़पने के मामले में पीएमएलए अदालत के सिटिंग जज के रूप में सुधीर परमार को लाभ दिया गया। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में अजय का वेतन लगभग 10 लाख रुपए प्रति वर्ष तय किया गया और अभियोजन पक्ष की शिकायत (चार्जशीट) दायर करने और मामले में अनंतिम कुर्की आदेश पारित होने के बाद उसकी सैलरी में काफी वृद्धि की गई थी।
इनकम टैक्स रिटर्न में खुलासा
ED के अनुसार, अजय परमार का वेतन अगस्त 2022 में M3M निदेशकों द्वारा लगभग दोगुना कर दिया गया था, जिससे पता चलता है कि वेतन वृद्धि का सीधा संबंध सुधीर को लाभ देना था। अजय परमार द्वारा दायर इनकम टैक्स रिटर्न में 2020-21 के वित्तीय वर्ष में 2.64 लाख रुपए से 2021-22 में 9 लाख रुपए की आय तक दिखाया गया। ED जांच में M3M निदेशकों द्वारा वेतन में बढ़ोरी को सीधे सुधीर परमार से जोड़ रहे हैं।
एक दिन पहले दो गिरफ्तारी हुई
ED इस मामले में लगातार शिकंजा कसती जा रही है। अब तक इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर बसंत बंसल के साथ एक और व्यक्ति को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले भाई रूप बंसल को ईडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। बसंत बंधुओं पर 400 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। दोनों भाइयों पर सेल कंपनियों के जरिए 400 करोड़ रुपए जुटाने का आरोप लगा है।
400 करोड़ रुपए का है पूरा खेल
अभी तक की जांच में सामने आया है कि M3M ग्रुप ने IRO ग्रुप से 400 करोड़ रुपए लिए हैं। M3M ग्रुप में ट्रांजेक्शन को डेवलपमेंट पेमेंट दिखाया गया है। ईडी इस मामले में M3M ग्रुप की करोड़ों रुपए की संपत्ति अब तक जब्त कर चुकी है। 10 दिन पहले गुरुग्राम में ED ने रियल एस्टेट कंपनी M3M के ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी करके 60 करोड़ की लग्जरी कारें और 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त की थी।
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