Breaking

Thursday, June 25, 2020

कभी राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगने वाली 68 वर्षीय कृष्णा ने पहले आधार और अब रुकी पेंशन निकलवाई

कभी राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगने वाली 68 वर्षीय कृष्णा ने पहले आधार और अब रुकी पेंशन निकलवाई

रेवाड़ी : सरकारी विभागों की लचर व्यवस्था से तंग आकर कभी राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करने वाली गांव खोरी निवासी 68 वर्षीय कृष्णा देवी पत्नी अमर सिंह ने सिस्टम के खिलाफ लड़ना सीख लिया है। इसके लिए उन्होंने कानून अधिकारों को जरिया बनाया है। पहले कोर्ट में याचिका दायर कर आधार कार्ड बनवाया था और अब अपनी 2 साल की रुकी वृद्धावस्था पेंशन हासिल की है।
समाज कल्याण विभाग ने अब उनके खाते में उनकी रुकी पेंशन 21 हजार की राशि खाते में डलवा दी है। कृष्णा देवी की कानूनी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका सामाजिक कार्यकर्ता कैलाशचंद एडवोकेट की है। जिन्होंने बिना फीस लिए अपने निजी खर्च पर कोर्ट में याचिका दायर कर हक दिलाया।

*11 बार कोशिश के बाद भी नहीं बन पाया था आधार कार्ड , तब दायर की याचिका*

सरकार ने बिना आधार के पेंशन, बीपीएल राशन, बैंक अकाउंट, सब बन्द कर दिया। इन सब सुविधाओं का हक लेने के लिए कृष्णा देवी ने आधार कार्ड बनवाने को 11 बार आधार केंद्रों पर आवेदन किया। हर बार आधार की स्लिप तो मिल जाती पर आधार कार्ड नही मिलता था। जिस कारण सब सुविधाएं बन्द हो गई। जीवन यापन मुश्किल होता देख आखिर वृद्धा देवी ने राष्ट्रपति से इच्छा मत्यु की मांग की।
इसकी सूचना जिला के सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद एडवोकेट को मिली तो वो अगले ही दिन वृद्धा के गांव पहुंचे ओर पूरी समस्या बारे जानकारी ली। जिसमे गांव के सरपंच व अन्य से जानकारी मिली कि वृद्धा उच्च अधिकारियों तक अपनी फरियाद लेकर जा चुकी है, मगर समस्या का समाधान नहीं हो सका। कैलाश चंद ने खुद सरकार व आधार केंद्र को पत्र भेजे, मगर कोई समाधान नहीं हुआ। आखिर कैलाश चंद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया।
मगर वृद्धा के पास इसकी फीस तक के पैसे नहीं थे। कैलाश ने अपने स्तर पर 9 मई 2018 को केस जिला रेवाड़ी की कोर्ट में केस दायर कर दिया। जैसे ही हरियाणा सरकार व आधार केंद्र के पास नोटिस पहुंचे तो तारीख से पहले चंडीगढ़ से पूरी टीम आई और महिला के आधार की प्रकिया की। केस की तारीख पर आधार बनाकर पेश किया।

*पेंशन शुरू हुई, मगर नहीं मिला था रुका हुआ पैसा*

एडवोकेट कैलाशचंद बताते हैं कि आधार कार्ड बनने के बाद अगली तारीख पर पेंशन, बीपीएल राशन, बैंक अकाउंट सब शुरू हो गए। लेकिन वर्ष 2017-18 की रुकी पेंशन फिर भी अटकी रही। निचली कोर्ट से इस बारे राहत नहीं मिलने के बाद 19 सितंबर 2019 को महिला के वकील ने जिला एवं सेशन कोर्ट में याचिका दायर की।
न्यायधीश दिनेश कुमार मित्तल के सख्त रुख के बाद अब समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2017-2018 की रुकी हुई पेंशन के 21 हजार रुपए कृष्णा देवी के खाते में जमा कर दिए हैं। कैलाश चंद का कहना है कि सभी को अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए।

No comments:

Post a Comment