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Monday, June 5, 2023

*नगर परिषद कभी नहीं रख पाई शौचालयों को मेंटेन:गुड़गांव-चंडीगढ़ की तर्ज पर 19 सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव करेगी वाह फाउंडेशन*

*नगर परिषद कभी नहीं रख पाई शौचालयों को मेंटेन:गुड़गांव-चंडीगढ़ की तर्ज पर 19 सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव करेगी वाह फाउंडेशन*
गुड़गांव-चंडीगढ़ की तर्ज पर 19 सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव करेगी वाह फाउंडेशन|
लंबे समय से बदहाल शहर के सार्वजनिक शौचालयों को दावों के बावजूद कभी नगर परिषद मेंटेन नहीं रख पाई। अब इन सार्वजनिक शौचालयों के हालात सुधरने की उम्मीद जगी है। शहर के सेक्टर्स व बाजारों में स्थित सभी सार्वजनिक शौचालयों की मेंटेनेंस का जिम्मा अब एक संस्था संभालेगी। खास बात है नगर परिषद को इस मेंटेनेंस के लिए उक्त संस्था को किसी तरह का शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। अपने स्तर पर ही संस्था इन सभी शौचालयों को मेंटेन करेगी। कई जगह संस्था शौचालयों की रेनोवेशन शुरू भी कर चुकी है।

अगले 15 से 20 दिन में सभी शौचालय मेंटेन करने का दावा संस्था का है। 19 शौचालयों का करेगी रखरखाव, 15 लाख से अधिक खर्च कर करेगी रेनोवेशन | शहर की वाह फाउंडेशन संस्था चंडीगढ़ व गुड़गांव जैसे बड़े शहरों की तर्ज पर शहर के 19 शौचालयों का रखरखाव करेगी। इनमें पैराकिट पिपली, सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-4, सेक्टर-5, सेक्टर-7, सेक्टर-13, द्रोणाचार्य स्टेडियम स्थित शौचालय, सेक्टर-8, थर्ड गेट ई टाॅयलेट, पुरानी सब्जी मंडी थानेसर ई-टायलेट, कृष्णा गेट थाने के बाहर शौचालय, बिरला मंदिर ई-टाॅयलेट, परशुराम चौक के नजदीक स्थित ई-टाॅयलेट, गोल बैंक चौक के नजदीक स्थित शौचालय सहित सेक्टर-17 स्थित 3 सार्वजनिक शौचालयों को संस्था पहले ही रखरखाव कर रही है।

संस्था के संस्थापक सदस्य एडवोकेट जसबीर पाहूजा, जसपाल कौर, प्रवीण मलिक, वरूण, विवेक और सुखदेव ने बताया कि शहर के 19 शौचालयों का रखरखाव सेल्फ सस्टेनेबल मोड में होगा। फिलहाल रेनोवेशन पर 15 लाख रुपए से अधिक का बजट इनपर खर्च होगा। इसके बाद सभी पर सुबह 9 बजे से रात के 9 बजे तक सफाई कर्मचारी तैनात रहेगा। सुपरवाइजर भी इन शौचालयों की निगरानी के लिए लगाए जाएंगे। साथ ही संस्था अपना मोबाइल नंबर भी अंकित करेगी, ताकि किसी तरह की परेशानी होने पर पब्लिक संस्था सदस्यों को इससे अवगत करवा सके। 25 से 30 लाख सालाना खर्चने पर भी नहीं रहे कभी मेंटेन | बता दें हुडा से सेक्टर नगर परिषद को ट्रांसफर होने के बाद सेक्टर्स की मार्केट स्थित सार्वजनिक शौचालय भी नगर परिषद थानेसर के अधीन आ गए थे। शौचालयों की सफाई के लिए नगर परिषद बाकायदा टेंडर देते थी। औसतन 2 से 3 लाख रुपए प्रति महीना इनकी मेंटेनेंस पर खर्च किया जाता था। यानी साल में 25 से 30 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी कभी सेक्टर्स व शहर के शौचालय पब्लिक के प्रयोग करने लायक नहीं रहे।

अब यह देखना होगा वाह संस्था इन शौचालयों को बेहतर ढंग से मेंटेन कर पाएगी या नहीं। हालांकि संस्था शहर के कॉमर्शियल सेक्टर-17 में सालभर से 3 शौचालयों को मेंटेन कर रही है। कर्मचारी भी संस्था ने उक्त शौचालयों पर छोड़े हुए हैं।

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