हाईकोर्ट का आदेश- सुनिश्चित करें एनएच 44 बिना किसी बाधा के खुला रहे|
हरियाणा सरकार सुनिश्चित करे हाईवे को किसी भी तरह से बाधित न किया जाए।
जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के सबसे लंबे हाईवे एनएच 44 को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा सरकार सुनिश्चित करे कि यह किसी भी तरह से बाधित न हो पाए। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल और जस्टिस मनीषा बतरा की खंडपीठ ने कहा कि हाईवे देश की जीवन रेखा है और एक सिरे से दूसरे सिरे को जोड़ने का काम करता है। ऐसे में हाईवे ट्रैफिक के लिए पूरी तरह से खुला रहना जरूरी हो जाता है। हरियाणा सरकार सुनिश्चित करे कि हाईवे को किसी भी तरह से बाधित न किया जाए।
यदि हाईवे को जाम करने के लिए भीड़ जमा हो तो स्थानीय प्रशासन अंतिम विकल्प के तौर पर फोर्स का इस्तेमाल कर सकता है। खंडपीठ ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव से इस मामले में जरुरी उपाय कर एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। 13 जून को अगली सुनवाई तय की गई है। कुरुक्षेत्र निवासी रनदीप तंवर की तरफ से अर्जी दायर कर कहा गया कि भारतीय किसान यूनियन ने सूरजमुखी की फसल की तत्काल खरीद न किए जाने पर एनएच 44 को जाम करने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी किसानों की महापंचायत में दी गई है। इस संबंध में वीडियो रिकार्डिंग पेश कर कहा गया कि प्रशासन को ट्रैफिक डायवर्ड करने की सलाह भी दी गई है।
ये है पूरा मामला...
2 जून को सरकार की तरफ से शिक्षामंत्री कंवरपाल को किसानों से बातचीत का जिम्मा दिया था। भाकियू प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। शाहाबाद एरिया में करीब 33 हजार एकड़ में सूरजमुखी है। 1 जून से पहले हैफेड की तरफ से सिर्फ 50 हजार क्विंटल सूरजमुखी खरीदने का नोटिफिकेशन हुआ था। बाद में इसे भावांतर में शामिल कर दिया। किसान भावांतर के तहत सूरजमुखी बेचने पर राजी नहीं हैं। भाकियू ने सरकार को 6 जून तक का अल्टीमेटम दिया था।
मंगलवार को अल्टीमेटम पूरा होने पर भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने महापंचायत बुलाई। इसमें अधिकारी किसानों को एमएसपी पर खरीद का भरोसा नहीं दे पाए। इसमें चढ़ूनी ने ऐलान किया कि किसान एनएच जाम करेंगे। पुलिस भी अलर्ट हो गई। पुलिस ने किसानों को रोकने के बंदोबस्त किए थे, लेकिन किसान चकमा देकर नेशनल हाईवे पर पहुंच गए और जाम लगा दिया।
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