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Friday, June 2, 2023

शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने जारी की अधिसूचना

शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने जारी की अधिसूचना
चंडीगढ़, 2 जून- हरियाणा सरकार ने राज्य के निकाय क्षेत्रों में नगर निकायों और राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली परियोजनाओं की प्राथमिकता सूची जारी की है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार सभी नगर निकाय एवं संबंधित प्राधिकरण किसी भी परियोजना की योजना बनाने या स्वीकृति के समय इस प्राथमिकता सूची के आधार पर परियोजना की प्राथमिकता पर विचार करेंगे।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा आज इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। मल्टी-लेवल पार्किंग के निर्माण और बैंक स्क्वायर, वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण जैसी राजस्व अर्जित करने वाली परियोजनाओं को नगर निकायों की राजस्व-अर्जन योजना के अनुसार क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें ऋण-आधारित निधि  प्राप्त किया जा सकता है या राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जा सकता है।

संबंधित नगर निकाय अपने पास उपलब्ध ग्रांट/फंड में से 32 परियोजनाओं को कर सकती हैं क्रियान्वित

प्रवक्ता ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार 32 परियोजनाओं को संबंधित नगर निकाय द्वारा अपने पास उपलब्ध ग्रांट/फंड में से 32 परियोजनाओं को क्रियान्वित कर सकती हैं। इनमें, सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव, नये नलकूपों का निर्माण, रैन बसेरों का निर्माण, जल आपूर्ति का रख-रखाव, सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव, सड़कों की सफाई, डोरर-टू-डोर कचरे का संग्रहण, पृथक्करण, परिवहन एवं ठोस कचरे का प्रसंस्करण से संबंधित कार्य शामिल हैं। इनके अलावा, ट्रैफिक सिग्नल की स्थापना/संचालन/रखरखाव, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत, सीवरेज/बारिश के पानी/जल घर/नलकूपों का रखरखाव (जहां पानी की आपूर्ति और सीवरेज की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है), शमशान घाटों का निर्माण,मरम्मत/रखरखाव, नगरपालिका कार्यालय भवन, सामुदायिक केंद्र की मरम्मत/रखरखाव, तालाबों का रखरखाव/सफाई, 18 मीटर तक की सड़क की चौड़ाई के साथ यूएलबी द्वारा अनुरक्षित सड़कों की प्रमुख मरम्मत, पार्कों/हरे स्थानों की मरम्मत/रखरखाव, दिव्य नगर योजना के अन्तर्गत क्रियान्वित परियोजनाओं की मरम्मत/रखरखाव, गौशाला/नंदी शाला का निर्माण, मीटर तक की सड़क की चौड़ाई के साथ यूएलबी द्वारा अनुरक्षित सड़कों की प्रमुख मरम्मत, पार्कों/हरे स्थानों की मरम्मत/रखरखाव, दिव्य नगर योजना के अन्तर्गत क्रियान्वित परियोजनाओं की मरम्मत/रखरखाव, गौशाला/नंदी शाला का निर्माण, 12 इंच तक पाइप साइज की जलापूर्ति लाइन बिछाना (जहाँ जलापूर्ति एवं सीवरेज की जिम्मेदारी नगर निगम की है), नई स्ट्रीट लाइट लगाना, नई गलियों/सड़कों का निर्माण, पार्कों का विकास, तालाबों का कायाकल्प, सामुदायिक केंद्र का निर्माण और पेड़ लगाने जैसे कुल 32 कार्य शामिल हैं।

राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित 10 प्रमुख परियोजनाएं

प्रवक्ता ने बताया कि 10 परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया गया है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली धनराशि से या राज्य सरकार की ओर से कार्यान्वित किया जाना है। इन कार्यों में नगरपालिका कार्यालय भवनों का निर्माण, प्रमुख सड़कों का निर्माण और बड़ी मरम्मत (चौड़ाई 18 मीटर से अधिक) यदि यूएलबी के पास पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है, जल उपचार संयंत्रों का निर्माण, बल्क वाटर ट्रांसमिशन सिस्टम और बूस्टिंग स्टेशनों का निर्माण, सीवरेज निस्तारण के लिए मध्यवर्ती पम्पिंग स्टेशन और एसटीपी तक मास्टर सीवरेज लाइन, एसटीपी/सीईटीपी का निर्माण, यदि यूएलबी के पास पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है तो 12 ईंच साइज के पाइप के साथ जल आपूर्ति व सीवरेज लाइनों का निर्माण, 400 मिमी व्यास से ऊपर पाइप आकार के साथ बरसाती पानी की निकासी के लिए लाइनों का निर्माण और सड़क फ्लाईओवर/आरओबी/अंडरपास का निर्माण शामिल है।

दिव्य नगर योजना के तहत परियोजनाओं को सरकार व निकायों द्वारा हिस्सेदारी आधार पर किया जाएगा

प्रवक्ता ने बताया कि दिव्य नगर योजना के तहत क्रियान्वित की जाने वाली परियोजनाओं को सरकार व निकायों द्वारा हिस्सेदारी आधार पर किया जाएगा। नगर निगम के मामले में परियोजना की हिस्सेदारी राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत और नगर निगम द्वारा 50 प्रतिशत होगी। नगर परिषद के मामले में राज्य सरकार द्वारा 65 प्रतिशत और नगर परिषद द्वारा 35 प्रतिशत तथा नगर पालिका के मामले में राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत और नगर पालिका द्वारा 25 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

दिव्य नगर योजना के तहत परियोजनाओं की सूची में पर्यटन अवसंरचना, खेल बुनियादी ढांचे का विकास, शहर के पार्क और हरित स्थान, शहर का सौंदर्यीकरण, रोड जंक्शन का नया स्वरूप और सौंदर्यीकरण, एकीकृत नियंत्रण और कमांड-आधारित बुनियादी ढांचा, सीसीएमएस के साथ एनर्जी एफिशिएंट स्मार्ट लाइट सिस्टम, बिजली/गैस शवदाह गृह, सामाजिक और सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे जैसे ऑडिटोरियम, ओपन-एयर थिएटर का विकास आदि शामिल हैं।

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