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Monday, June 5, 2023

*पंजाब CM की दोटूक- PU में हरियाणा को हिस्सा नहीं:मान बोले- ये यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत, हरियाणा CM के साथ कल होनी है मीटिंग*

*पंजाब CM की दोटूक- PU में हरियाणा को हिस्सा नहीं:मान बोले- ये यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत, हरियाणा CM के साथ कल होनी है मीटिंग*
मान बोले- ये यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत, हरियाणा CM के साथ कल होनी है मीटिंग|
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में हरियाणा को किसी भी तरह की हिस्सेदारी देने से दोटूक इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि PU पंजाब की विरासत है और उनकी सरकार राज्य के हकों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है।

मान ने कहा कि भले ही हरियाणा PU से अपने कुछ कॉलेजों की एफिलिएशन मांग रहा है लेकिन पंजाब सरकार यूनिवर्सिटी में हरियाणा की किसी भी तरह की हिस्सेदारी के पक्ष में नहीं है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह बात कल, यानि 5 जून को इसी मुद्दे पर हरियाणा CM मनोहर लाल के साथ होने वाली मीटिंग से एक दिन पहले कही। 5 जून को पंजाब गवर्नर बीएल पुरोहित की अध्यक्षता में चंडीगढ़ सिविल सेक्रेटेरिएट में दोनों मुख्यमंत्रियों की मीटिंग होनी है। इस बैठक में पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होनी है जिनमें यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाले फंड में हिस्सेदारी का विषय भी शामिल है। गौरतलब है कि पंजाब यूनिवर्सिटी आर्थिक संकट का सामना कर रही है।

इसी मुद्दे पर तीन दिन पहले हुई दोनों मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में हरियाणा CM मनोहर लाल ने कहा था कि यदि PU हरियाणा के कुछ कॉलेजों को मान्यता देती है तो बदले में उनकी सरकार यूनिवर्सिटी के कुल खर्च का 40% हिस्सा ग्रांट के रूप में दे सकती है।

CM ने फैसले के लिए मांगा समय
तीन दिन पहले दोनों CM ने मीटिंग सौहार्दपूर्ण माहौल में होने की बात कही थी लेकिन अंतिम फैसले तक पहुंचने के लिए पंजाब ने 5 जून तक का समय मांगा था। दोबारा होने वाली मीटिंग से एक दिन पहले, रविवार को ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार PU में हरियाणा को किसी प्रकार की हिस्सेदारी देने के पक्ष में नहीं है।

गवर्नर बीएल पुरोहित ने रखा अपना पक्ष
पंजाब गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज बहुत विकास हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों तक भी शिक्षा की पहुंच हो, इसके लिए सभी सरकारों को काम करना चाहिए। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों को कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी के जो विषय हैं उन पर आपसी सहमति से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा है कि हरियाणा के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता का विषय बड़ा विषय नहीं है, यह करना संभव है। हरियाणा, पंजाब के इस सहयोग से निश्चित रूप से एक अच्छी शुरुआत होगी।

हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पीयू से हो
बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल कह चुके हैं कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा राज्य का हिस्सा दिया गया था। हरियाणा के कॉलेज और क्षेत्रीय केंद्र पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध थे, लेकिन 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज के युग में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से भी राज्यों के कॉलेजों की संबद्धता हो रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि सभी शिक्षण संस्थान देश की उन्नति में सहयोग करें। सभी राज्यों का आपसी संबंध और प्रगाढ़ हों। इसलिए हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से की जाए।

केंद्र के साथ मिलकर हरियाणा पीयू को आगे बढ़ाएगी
इससे पहले मीटिंग में मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसमें हरियाणा के कॉलेज का भी एफिलिएशन होना चाहिए। केंद्र के साथ मिलकर हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाएगी ताकि विश्वविद्यालय समृद्ध बने और उसकी आवश्यकताएं भी पूरी हों।

1990 तक हरियाणा सरकार से मिली ग्रांट
बीते तीन दशक से अधिक समय से पंजाब यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार द्वारा ही ग्रांट जारी की जाती रही है। जबकि, साल 1990 तक हरियाणा सरकार द्वारा भी 40 प्रतिशत ग्रांट दी जाती रही। इसके पीछे कई प्रकार के राजनीतिक कारण रहे, लेकिन हरियाणा से ग्रांट बंद होने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए केंद्र सरकार और पंजाब सरकार द्वारा ही ग्रांट दी जाती रही है।

इससे पंजाब यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति भी कमजोर होती गई। यदि हरियाणा सरकार PU को अब दोबारा ग्रांट देनी शुरू करती है तो यूनिवर्सिटी को आर्थिक तौर पर मजबूती मिलेगी।

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