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Monday, June 5, 2023

*आईसीडीपी घोटाला:1 मालिक की 4 कंपनियों को दिया काम, किसानों को न प्रशिक्षण मिला, न हुआ काम*

*आईसीडीपी घोटाला:1 मालिक की 4 कंपनियों को दिया काम, किसानों को न प्रशिक्षण मिला, न हुआ काम*
1 मालिक की 4 कंपनियों को दिया काम, किसानों को न प्रशिक्षण मिला, न हुआ काम|
आईसीडीपी घोटाला
आईसीडीपी के घोटाले में अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर एक ही मालिक की चार कंपनियों को काम दिया। इसके बाद बिना काम कराए प्राइवेट कंपनियों के खातों में पैसा डलवाया। कंपनियों ने इस पैसे में से आईसीडीपी की तत्कालीन महाप्रबंधन अनु कौशिक और उसकी बहनों नताशा कौशिक व गुंजन कौशिक और मां रेखा के बैंक खातों में 55,29,900 रुपए रिश्वत के तौर पर डलवाए पाए गए।

एसीबी के अनुसार, पूरे खेल की मास्टरमाइंड अनु कौशिक थी। उन्होंने कंपनियों को बिना काम के पैसा दिया और फर्जी बिल तैयार कराए। कई मामलों में बिल भी नहीं मिले। अनु कौशिक ने 32,12,550 रुपए का किसानों को प्रशिक्षण न दिलाकर फर्जी बिल तैयार करके, बिना कंस्ट्रक्शन और योजना की वैधता खत्म होने के बाद 25 लाख रुपए एक प्राइवेट कंपनी के खाते में डलवाए।

उसके कुछ समय बाद कंपनी के खाते से अनु कौशिक व उनकी बहन नताशा कौशिक के खाते में 5-5 लाख रुपए और मां रेखा के दो बैंक खातों में 5-5 लाख रुपए जमा हुए, जिन चार कंपनियों को काम दिया जाता रहा। उनका मालिक भी यमुनानगर निवासी स्तालियन जीत है। अब सहकारिता विभाग अपने स्तर पर पूरे हरियाणा में ऑडिट करवा रहा है।

योजना समाप्त होने पर खाते में जमा कराए निर्माण के 25 लाख

1. एसीबी की जांच में सामने आया कि बेन्ब्रीज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को 25 लाख रुपए निर्माण के लिए दिए। रिकॉर्ड में इस फर्म का कोई बिल नहीं मिला। एसीबी ने जब तत्कालीन लेखाकार सुमित कुमार से पूछताछ की तो सामने आया कि वह उस समय रेवाड़ी का लेखाकार नहीं था। बैंक खाते में उसका मोबाइल नंबर दिया हुआ था। रिकॉर्ड में पाया गया कि वहां कोई काम ही नहीं हुआ। बजट की वैधता खत्म होने पर कंपनी के खाते में यह राशि डाली गई। कार्य टेंडर की बजाय, लेकिन इससे पहले ही फर्म के खाते में 25 लाख रुपए भेज दिए गए। इस फर्म के खाते से फिर अनु कौशिक, नताशा कौशिक के खाते में 5-5 लाख रुपए और रेखा के दो बैंक खातों में 5-5 लाख रुपए जमा हुए, जिससे साफ है कि 25 लाख रुपए गबन अनु कौशिक व कंपनी निदेशक स्तालियन जीत ने मिलीभगत करके किया।

2. बेटेंम इंडिया लिमिटेड द्वारा पैक्स सदस्यों व किसानों को योजनाओं की जानकारी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने थे। प्रशिक्षण के संबंध में कंपनी को आईसीडीपी के खाता से 32,12,550 रुपए दिया गया, जबकि सामने आया कि पैक्स में सदस्यों व किसानों का कोई प्रशिक्षण ही नहीं हुआ। इस मामले में कहा गया कि स्तालियन जीत, अनु कौशिक, सुमित अग्रवाल ने मिलीभगत करके सरकारी राशि का गबन कर दिया। बेंटम इंडिया लिमिटेड कंपनी के यमुनानगर के खाते से अनु कौशिक के खाते में एक लाख रुपए, नताशा कौशिक के एक खाते में 5 और दूसरे में 3 लाख रुपए, गुंजन कौशिक के दो खातों में 5-5 लाख रुपए जमा कराए गए।

3. कंपनी लेबाई इंडिया लिमिटेड द्वारा अनेक पैक्स में सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप दिया गया। इस फर्क को चेक के माध्यम से 24,81,938 रुपए का भुगतान किया गया, लेकिन इसी कंपनी के खाते से फिर अनु कौशिक के खाते में डेढ़ लाख और गुंजन कौशिक के खाते में 5 लाख रुपए ट्रांसफर होने पाए गए हैं।

4. कंपनी लोडलिंक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को कई पैक्स में कंप्यूटर व प्रिंटर की खरीद के बदले 10,96,928 रुपए का भुगतान किया गया, लेकिन इसी कंपनी के खाते से अनु कौशिक के खाते में 4.80 लाख रुपए बाद में ट्रांसफर हुए।

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