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Tuesday, July 11, 2023

*जीवन अस्त-व्यस्त:नदियों का पानी ओवरफ्लो होकर गांवों व शहरी कॉलोनियों के घरों में घुसा, लोगों की बढ़ी चिंता*

*जीवन अस्त-व्यस्त:नदियों का पानी ओवरफ्लो होकर गांवों व शहरी कॉलोनियों के घरों में घुसा, लोगों की बढ़ी चिंता*
नदियों का पानी ओवरफ्लो होकर गांवों व शहरी कॉलोनियों के घरों में घुसा, लोगों की बढ़ी चिंता|
घग्गर में 25 हजार तो मारकंडा में 50 हजार क्यूसिक पानी
घग्गर- सोमवार दोपहर खतरे के निशान करीब 15 फीट के पास बह रहा था। शाम तक डेढ़ फीट ऊपर बहने लगा। पानी एनएच-44 को क्रॉस कर गया। सिंचाई विभाग के मुताबिक पंजाब में टूटी कई नहरों व नदियों का पानी घग्गर तक पहुंच गया। जिससे बरसात धीमी होने के बावजूद घग्गर में जलस्तर बढ़ा।

बरसात के लिहाज से घग्गर में जितना पानी चलना चाहिए था उससे डेढ़ गुना तक पानी पहुंच गया है। पानी घग्गर से ओवरफ्लो होकर गांवों व शहरी कॉलोनियों में घुस गया है। मनमोहन नगर की गलियों में 4 से 5 फीट तक पानी पहुंच गया है। घग्गर में 25 हजार क्यूसिक से ज्यादा पानी बह रहा है। सिंचाई विभाग के मुताबिक जब बरसात बंद होगी तभी स्थिति सुधर पाएगी।

मारकंडा- शनिवार शाम से उफान पर चल रही मारकंडा नदी में सोमवार शाम तक जलस्तर 9.8 फीट तक पहुंच गया था। जबकि खतरे का निशान 13 फीट पर है। सिंचाई विभाग के मुताबिक सोमवार शाम को नदी का जल स्तर 50 क्यूसिक दर्ज किया गया। मारकंडा में आए उफान के चलते मुलाना झाडुमाजरा मार्ग पर व रोलाहेडी की पटरी टूट गई । जिस के चलते नदी का पानी गांवों की और मूड गया और गांव जलमग्न हो गए। इन गांवों का मुलाना से संपर्क कट गया । मुलाना क्षेत्र के गांव जफरपुर, धनोरा,रोलाहेडी, गोला, हेमामजरा, ब्राह्मनमाजरा, तंदवाली, तंदवाल, घेलड़ी ,दोसड़का समेत अनेक गांव बाढ़ की चपेट में है।

टांगरी- सोमवार रात 27000 क्यूसिक पानी बह रहा था। पानी इंडस्ट्रियल एरिया में घुसने के कारण यहां एनडीआरएफ की टीम को बुलाना पड़ा। एनडीआरएफ की टीम ने यहां पहुंचकर लोगों को उनके घरों व फैक्टरियों से बाहर निकाला। यहीं हाल टांगरी बंधे के पास की कॉलोनियों का था। यहां भी लोग अपने घरों से कपड़ों व जरुरी सामान से भरे बैग सिर पर उठाकर घरों से चल पड़े थे। पानी इतना ज्यादा था कि घरों के बाहर खड़े वाहन तक पानी में पूरी तरह डूब चुके थे। मवेशियों को लोगों ने टांगरी बंधे के ऊपर लाकर बांधा हुआ था। ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में जुटी रही। अम्बाला कैंट स्टेशन व बस स्टैंड के बाहर भी पानी लबालब भरा हुआ था।

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