पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत हरियाणा के 19.70 लाख किसानों के खातों में 4288 करोड़ रुपये पहुंचे
चंडीगढ़, 16 सितंबर - विगत 9 वर्षों में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश का किसान खुशहाल व समृद्ध हुआ है। राज्य सरकार किसानों को स्वाभिमानी बनाने तथा कृषि को जोखिम-फ्री व्यवसाय बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले 9 सालों में सरकार ने कृषि क्षेत्र को लाभदायक सेक्टर बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए निरंतर नई-नई योजनाएं बनाई हैं, जिनके तहत किसानों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और अनुदान राशि दी जा रही है। आज हरियाणा का किसान सरकार की कल्याणकारी नीतियों से संतुष्ट है।
किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए श्री मनोहर लाल ने एक नई पहल शुरू करते हुए किसानों को उनकी फसल का पैसा सीधा देने की कवायद शुरू की और किसानों को 72 घंटे के भीतर उनकी फसलों का भुगतान सुनिश्चित किया। पिछले 6 सीजन से अब तक फसल खरीद के 76,000 करोड़ रुपये की अदायगी सीधे किसानों के खातों में की गई है।
मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे अधिक 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। इतना ही नहीं, देश में सर्वाधिक 372 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव भी सरकार दे रही है। इसके अलावा, फसलों की ऑनलाइन बिक्री के लिए 81 मंडियों को ई नाम पोर्टल से जोड़ा है।
कृषि क्षेत्र में किया ई गवर्नेंस का उपयोग
राजकाज में आईटी का उपयोग कर आईटी गुरु माने जाने श्री मनोहर लाल ने कृषि क्षेत्र में भी ई गवर्नेंस लाने का बीड़ा उठाया। परिणामस्वरूप मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल विकसित किया गया, जिस पर लगभग 9 लाख किसान पंजीकृत हैं। इसके माध्यम से किसान फसल बेचने के साथ-साथ खाद, बीज, ऋण और कृषि उपकरणों के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ घर बैठे ही उठा रहे हैं।
कृषि एक जोखिम भरा व्यवसाय है। किसान को हमेशा ही प्राकृतिक आपदा का डर लगा रहता है, जिससे वे कभी उभर नहीं पाता। पहले किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान फसल नुकसान के मुआवजा की प्रक्रिया से किसान कभी कभी असंतुष्ट होते थे। किसानों की भावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री ने एक ओर नई पहल शुरू की और किसानों को स्वयं अपनी फसल के नुकसान की जानकारी देने की स्वतंत्रता प्रदान की। इसी दिशा में प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान की भरपाई के लिए 'ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल' शुरू किया, जिस पर किसान फसल खराबे की जानकारी दर्ज करता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को समृद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है। इसके तहत, तहत हरियाणा के 19 लाख 70 हजार किसानों के खातों में 13 किस्तों में 4288 करोड़ रुपये डाले गए हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 20 लाख से अधिक किसानों को 7071 करोड़ रुपये बीमा क्लेम के रूप में दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसानों के हित में प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की है। सरकार द्वारा किसानों को 3928 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी गई। इसके अलावा, 75 से 90 प्रतिशत अनुदान पर 56,343 सोलर पम्प लगाए गए हैं।
बागवानी के लिए प्रदेश में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित
किसानों को परंपरागत फसलों के अलावा बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए हैं। इसके अलावा, किसानों को जोखिम-फ्री बनाने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने एक अनूठी भावांतर भरपाई योजना शुरू की। इसके तहत 21 बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य निर्धारित किए गए हैं। खरीफ सीजन-2021 से बाजरे की उपज भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल की गई है। बागवानी फसलों का मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत 40 हजार रुपये प्रति एकड़ तक बीमा की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके अलावा,
सरकार ने फल एवं सब्जियों की ग्रेडिंग, भंडारण व मार्केटिंग के लिए 746 किसान उत्पादक समूहों से 1 लाख किसानों को जोड़ा है। आम, अमरूद और सिट्रस फलों के बाग लगाने पर प्रति एकड़ 20 हजार रुपये सब्सिडी, फल एवं सब्जियों के शीत भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर पर 35 प्रतिशत अनुदान तथा मशरूम की खेती के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
हरियाणा के किसान खुशनसीब हैं कि यहां मंडियों का आधारभूत ढांचा बेहद मजबूत है, इसलिए उन्हें फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है। राज्य सरकार निरंतर मंडियों के ढांचागत विकास पर ध्यान दे रही है। इसी कड़ी में गन्नौर, सोनीपत में 7000 करोड़ रुपये की लागत से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की हॉर्टिकल्चर मार्केट बनाई जा रही है। इसके अलावा, सोनीपत जिले के सेरसा में मसाला मंडी व गुरुग्राम में फूल मंडी निर्माणाधीन है। पिंजौर में अत्याधुनिक नई सेब, फल व सब्जी मंडी का कार्य पूर्ण हो गया है।
सिंचाई प्रबंधन को सुदृढ़ करने हेतु प्रधानमंत्री की पर ड्रॉप मोर क्रॉप अवधारणा के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, भूमिगत पाइप लाइन स्कीम के तहत किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़, अधिकतम 60,000 रुपये प्रति किसान अनुदान राशि दी जा रही है। इसके अलावा, 20 साल से अधिक पुराने रजवाहों को दोबारा पक्का करने का काम जारी है और अमृत सरोवर मिशन के तहत 618 अमृत सरोवर बनाये गए हैं और 1116 पर कार्य जारी है।
जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने मेरा पानी - मेरी विरासत योजना शुरू की, इसके तहत, फसल विविधीकरण और जल संरक्षण के लिए के लिए किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता दी जा रही है।
पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना से 1 लाख 57 हजार पशुपालक लाभान्वित
किसानों के साथ साथ पशुपालकों को भी सशक्त व समृद्ध बनाने के प्रयासों के तहत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना शुरूकी। इसके तहत 1 लाख 57 हजार पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। साथ ही, पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुधन सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 8.43 लाख पशुओं का बीमा किया गया है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के माध्यम से 3435 पंजीकृत गौशालाओं को 60 करोड़ रुपये की राशि दी गई। डेयरी के लिए दुधारू पशुओं की खरीद करने हेतु बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा भी दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से निश्चित तौर पर कृषि लागत में कमी आई है और उपज का अच्छा दाम मिलने से किसानों की आमदनी वृद्धि हुई है।
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