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Monday, September 11, 2023

जींद में मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन:खराब फसलों-खराब ट्यूबवेलों पर मांगा मुआवजा; बोले- गन्ने का MSP 4500 रुपए किया जाए

जींद में मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन:खराब फसलों-खराब ट्यूबवेलों पर मांगा मुआवजा; बोले- गन्ने का MSP 4500 रुपए किया जाए


जींद में प्रदर्शन के बाद किसानों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

हरियाणा के जींद में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के बैनर तले किसानों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। इसमें महिलाएं भी शामिल हुई। लघु सचिवालय परिसर में प्रदर्शन करते हुए किसानों ने नायब तहसीलदार अजय कुमार को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने बारिश व अन्य वजह से खराब फसलों के लिए प्रति एकड़ 30 हजार रुपए मुआवजा देने समेत कई मांगे उठाई।


किसान नेत्री पूनम रेढू कंडेला, सतबीर, जयदीप ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित सभी किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जाए। मुआवजे को लेकर लगाई गई पांच एकड़ की तय सीमा को तुरंत हटाया जाए। जिस किसान की जितनी फसल खराब हुई है, पूरी फसल का मुआवजा दिया जाए। फसल खराबा 30 हजार प्रति एकड़ दिया जाए। बाढ़ से प्रभावित नलकूप का दो लाख रुपए प्रति बोरवेल व मोटर खराब होने पर 3 लाख रुपए प्रति नलकूप आर्थिक सहायता दी जाए।


जींद में मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए किसान।

पूनम कंडेला ने कहा कि बाढ़ के कारण जिन किसानों के खेत में रेत चढ़ चुका है, उन्हें रेत बेचने की अनुमति दी जाए। सरकार द्वारा गन्ने व पॉपुलर की फसल का मुआवजा अभी तक घोषित नहीं किया गया है। इस आपदा से गन्ने व पॉपुलर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। गन्ने की फसल साल में एक बार व पॉपुलर की फसल साल में तीन से चार बार तैयार की जाती है। इसलिए इसका अलग-अलग प्रति एकड़ का मुआवजा घोषित किया जाए।
किसान नेताओं ने इस साल गन्ने का रेट 4500 रुपए प्रति क्विंटल तय करने की मांग की गई। धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए और चावल के निर्यात शुल्क वापस लिया जाए। ताकि किसानों को धान की फसल का उचित मूल्य मिल सके। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसल खरीद की गारंटी का कानून बने व किसानों व मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए।
खेती कर्ज में उतनी ही कीमत की जमीन वहन की जाए जितनी रकम का किसानों को लोन दिया जा रहा है। पूरे बरसाती पानी को टैंक व तालाब बनाकर जमा किया जाए, उस पानी को सिंचाई के लिए दिया जाए और बरसाती नदियों व नालों को पक्का किया जाए। तेलंगाना सरकार की तर्ज पर किसानों को 12 हजार रुपए प्रति एकड़ वार्षिक सब्सिडी दी जाए।
जुमला मुश्तरका मालिकाना हक किसानों को दिया जाए। देश में बेरोजगारी को दूर करने के लिए हर बेरोजगार युवा को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

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