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Saturday, March 16, 2024

गुरुग्राम से लीक हुआ था यूपी कांस्टेबल भर्ती का पेपर, जींद का रहने वाला है मास्टरमाइंड

गुरुग्राम से लीक हुआ था यूपी कांस्टेबल भर्ती का पेपर, जींद का रहने वाला है मास्टरमाइंड
गुरुग्राम ; उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती का पेपर लीक करने में हरियाणा कनेक्शन सामने आया है। यह पेपर गुरुग्राम से लीक हुआ था। इसका मास्टर माइंड दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हरियाणा के जींद का रहने वाला एक व्यक्ति था। मानेसर के पास एक रिसोर्ट में जमीन पर बिठाकर कांस्टेबल भर्ती के पेपर की आंसर शीट रटाई गई थी।
*यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती का पेपर गुरुग्राम में हुआ था लीक*

गत माह उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती का पेपर लिया गया था. यह पेपर लीक हो गया था। जिसे लेकर कई तरह के सवाल परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर उठाए गए थे। यूपी एसटीएफ इस पेपर लीक कांड की जांच में जुटी थी। परत-दर-परत एसटीएफ की जांच में खुलासा होता रहा।  एसआईटी की ओर से इस मामले में अब तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

 इन्हीं आरोपियों से पूछताछ में जांच-पड़ताल में सामने आया कि 18 फरवरी को लीक हुए पेपर में गुरुग्राम के मानेसर क्षेत्र में बने एक रिसोर्ट में करीब 400 उम्मीदवारों को बिठाकर अंसर शीट उन्हें रटाई गई थी, ताकि वे परीक्षा को पास कर सकें. जो सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें एक आरोपी महेंद्र शर्मा दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल है। वह जींद जिला का रहने वाला है। 
*आरोपी ने यूपी एसटीएफ के सामने किया खुलासा*

 महेंद्र शर्मा ने यूपी एसटीएफ के समक्ष खुलासा किया है कि हर उम्मीदवार से 7 लाख रुपये पेपर कराने के बदले लिए गए थे । परीक्षा की तारीख 18 फरवरी थी, जबकि 16 फरवरी को ही गुरुग्राम के मानेसर में एक रिसोर्ट में परीक्षार्थियों को आंसर शीट रटाई गई। करीब 400 अभ्यर्थियों को बसों में बिठाकर मानेसर के पास पे्रेम नगर स्थित नेचर वैली रिसॉर्ट में लाया गया था। यहीं से पूरी प्लानिंग के साथ उन्हें आंसर शीट रटाकर परीक्षा के लिए भेज दिया गया। 
यूपी एसटीएफ की जांच में आरोपी महेंद्र शर्मा ने यह भी बताया है कि रिसोर्ट में लाए गए सभी उम्मीदवारों के मोबाइल जमा करा लिए गए थे। यहां पार्क में बिठाकर उनकी कक्षा लगाई गई है। 

इसकी तस्वीरें भी ली गई, जोकि एसटीएफ के हाथ लगी हैं। यूपी एसटीएफ ने बीती दो मार्च को गुरुग्राम के मानेसर के पास बने रिसोर्ट में जांच-पड़ताल की।  वहां से सीसीटीवी फुटेज लिए गए. प्रवेश, निकास के समय के रजिस्टर भी एसटीएफ ने अपने कब्जे में लेकर जांच की। 
जांच में पता चला कि रिसोर्ट के विजिटर रजिस्टर में 14 से फरवरी के बीच किसी भी व्यक्ति का रजिस्टर में पंजीकरण नहीं किया गया। रिजॉर्ट में 15 फरवरी को करीब 400 उम्मीदवार पहुंचे थे। 16 फरवरी को करीब 800 उम्मीदवार यहां पेपर करने पहुंचे थे।  काफी सुबूत यहां से यूपी एसटीएफ को मिले, जिसके आधार पर पूरा मामला साफ हो गया। कई तरह के सुबूत मिलने के बाद यूपी एसटीएफ की ओर से रिसोर्ट के मालिक सतीश धनखड़ को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने को कहा है। सतीश धनखड़ ने ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया गया है।

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