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Sunday, April 7, 2024

सीएम का विरोध करने जा रहे किसान एसपी के आश्वासन पर माने

सीएम का विरोध करने जा रहे किसान एसपी के आश्वासन पर माने
किसानों की कमेटी को सीएम से मिलवाने का दिया एसपी ने आश्वासन
जींद : उचाना उपमंडल कार्यालय के पास चल रहे धरने से जींद सीएम नायब सिंह सैनी का विरोध करने जा रहे किसानों को पुलिस ने जींद जाने से रोका। यहां पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सीएम से किसानों को मिलवाने का एसपी जींद सुमित कुमार द्वारा मोबाइल फोन पर बातचीत करके आश्वासन देने पर किसान माने। उचाना, नरवाना, जींद धरने से दो-दो किसान इस कमेटी में शामिल हुए। कमेटी में नरवाना मा. बलबीर सिंह, शमशेर अंबरसर, उचाना से आजाद पालवां, राममेहर बुडायन, जींद से बारूराम जिला प्रधान बीकेयू टिकैत, छज्जूराम कंडेला को शामिल किया गया जो सीएम से मिलकर मांगों को लेकर मांग पत्र देंगे। शनिवार को उपमंडल कार्यालय के संयुक्त किसान मोर्चा उचाना की अगुवाई में चल रहे धरने पर किसान एकत्रित हुए। यहां पर फैसला लिया गया कि जींद में सीएम नायब सिंह सैनी जनसभा में आ रहे है। जींद जाकर सीएम का किसान विरोध करेंगे। जब स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो पुलिस अमला उपमंडल कार्यालय के पास पहुंचा। यहां किसानों को जींद जाने से पुलिस ने रोका। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में किसान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जींद जाने की मांग पर अड़े रहे लेकिन पुलिस ने किसानों को जींद नहीं जाने दिया। एसपी जींद सुमित कुमार से किसान नेताओं के साथ मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के बाद किसान नेता सीएम से मिलने के लिए जींद रवाना हुए। आजाद पालवां ने बताया कि एसपी जींद से मोबाइल फोन पर बातचीत करके किसानों की कमेटी को सीएम से मिलवाने का आश्वासन दिया। किसानों ने एसपी के आश्वासन पर सीएम के विरोध का फैसला वापिस लिया। सीएम से मिलकर मांग पत्र किसानों की कमेटी देंगी। संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य किसान नेता आजाद पालवां, सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि किसान उचाना में जब 30 मार्च को सीएम नायब सिंह सैनी जनसभा में आए थे तो किसान उनको एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने, खराब हुई फसल का मुआवजा देने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन देने जा रहे थे। पुलिस प्रशासन ने उन्हें सीएम से नहीं मिलने दिया गया बल्कि उचाना के विश्राम गृह में किसानों को रोके रखा। 30 मार्च को शासन, प्रशासन से किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों का मांग पत्र तक नहीं लिया जा रहा है। सीएम को चाहिए कि वो किसानों का मांग पत्र लेकर समस्याओं का समाधान करें। किसान सभा के राज्य प्रधान बलबीर सिंह नौ दिसंबर 2021 को जब दिल्ली के बार्डर से किसान आंदोलन को स्थगित करके आए तो केंद्र सरकार ने एमएसपी पर कानून की गारंटी देंगे, फसल पर आने वाली लागत का डेढ़ गुणा भाव देंगे, पूर्ण किसानों, मजदूरों की कर्जा मुक्ति, बिजली संशोधन बिल वापिस लिए जाने सहित विभिन्न मांगों को माना गया था। किसानों के साथ केंद्र सरकार ने वादा खिलाफी की है। प्रदेश सरकार भी वादा खिलाफी में कम नहीं है। 2020 से लेकर अब तक के फसल खराब होने के मुआवजा किसानों के बाकी है। बीते दिनों ओलावृष्टि से जो फसल खराब हुई थी उसका सर्वे ठीक नहीं हुआ है। किसान को पता नहीं है कि उसकी कितनी फसल खेत में खराब दिखाई गई है।

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