जगन्नाथ विश्वविद्यालय, झज्जर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ शराब के दुष्प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम
कुलपति महोदय ने अपने उद्घाटन संबोधन में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला और छात्रों को प्रेरित किया कि वे शराब और अन्य मादक पदार्थों से बचें। उन्होंने कहा, "छात्र हमारे देश का भविष्य हैं, और हमें उन्हें ऐसे समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जहां स्वास्थ्य और नैतिकता सर्वोपरि हों।" डॉ. प्रसाद ने शराब से होने वाले दीर्घकालिक दुष्प्रभावों और इसके कारण समाज में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की।
प्रोफेसर पूनम मलिक, रजिस्ट्रार, जगन्नाथ विश्वविद्यालय:
प्रोफेसर मलिक ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की ओर से इस पहल को समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सहायक होगा।
हितेश हिंदुस्तानी, प्रदेश अध्यक्ष, HTA हरियाणा:
हितेश हिंदुस्तानी ने अपने संबोधन में हरियाणा में शराब की बढ़ती बिक्री और इससे होने वाली राजस्व वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि "2018-19 में हरियाणा में शराब बिक्री से राज्य को 6042 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो 2021-22 में 7933 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि प्रदेश में शराब की खपत बढ़ रही है, जो सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे रही है।" उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और अपने परिवार व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने युवाओं से कहा, "आपके हाथों में देश का भविष्य है, इसे नशे की बर्बादी से बचाएं।"
आचार्य कुलदीप, योग विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता:
आचार्य कुलदीप ने अपने संबोधन में शराब के शरीर और मन पर होने वाले दुष्प्रभावों पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, शराब का सेवन विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। इससे लीवर, हृदय और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर नुकसान पहुँचता है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ भी हो सकती हैं।" उन्होंने प्राचीन समाज में शराब के प्रति दृष्टिकोण और आज के समाज में इसकी विकृत समझ पर भी चर्चा की। "प्राचीन काल में समाज में औषधीय उपयोग के लिए सोम और सुर आश्व का प्रयोग होता था, लेकिन आज इसे शराब के रूप में विकृत किया गया है," उन्होंने बताया।
हेमंत उपाध्याय, सलाहकार, वॉयस सोसाइटी दिल्ली:
हेमंत उपाध्याय ने शराब के सेवन से सामाजिक छवि और संबंधों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि "शराब की लत व्यक्ति को सामाजिक रूप से अलग-थलग कर देती है। इससे न केवल व्यक्ति की सामाजिक छवि धूमिल होती है, बल्कि परिवार और मित्रों के साथ भी उसके रिश्ते बिगड़ते हैं।" उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज में शराब के प्रति जागरूकता फैलाने और युवाओं को इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
एसआई नरेश, ट्रैफिक इंचार्ज, झज्जर:
एसआई नरेश ने सड़क दुर्घटनाओं और शराब के सेवन के बीच संबंध पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि "शराब पीकर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है, जिससे न केवल चालक बल्कि अन्य निर्दोष लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।" उन्होंने छात्रों को आगाह किया कि शराब पीकर वाहन चलाना कानूनन अपराध है और इससे गंभीर दंड हो सकता है।
डॉ. कुसुम, नोडल अधिकारी, नशा मुक्त समिति:
डॉ. कुसुम, जो इस कार्यक्रम की आयोजक थीं, ने युवाओं के बीच नशा मुक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए समिति की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमें युवाओं को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए, बल्कि मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बनाने की आवश्यकता है।" उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग के लिए सभी अतिथियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।
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