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Monday, January 27, 2025

हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन के कार्यकाल विस्तार के एक सप्ताह बाद भी कानून में संशोधन नहीं

हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन के कार्यकाल विस्तार के एक सप्ताह बाद भी  कानून में संशोधन नहीं 

19 जनवरी 2025 से  रेणु भाटिया के महिला आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर बने रहने पर कानूनी सवाल

18 जनवरी 2025 को  तीन वर्ष का कार्यकाल हुआ पूरा, इससे आगे  कार्यकाल बढ़ाने के लिए  महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 4(1) में संशोधन आवश्यक -- एडवोकेट हेमंत

मई, 2016  में हाईकोर्ट द्वारा दिए एक निर्णय में भी अधिकतम तीन वर्ष कार्यकाल का किया गया था उल्लेख 
चंडीगढ़ – गत  19 जनवरी 2025  से रेणु भाटिया के हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर बने रहने पर गंभीर कानूनी सवाल कायम  है. 18 जनवरी 2025 को  रेणु, जिन्हें तीन वर्ष पूर्व 17 जनवरी 2022 को प्रदेश की  तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर   सरकार द्वारा इस पद पर नामित (नियुक्त) किया गया था, जिसका कार्यभार  उन्होंने  19 जनवरी 2022 को संभाला था, का तीन वर्ष कार्यकाल पूरा हो गया. 

हालांकि गत वर्ष 26 नवम्बर 2024 को हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग  द्वारा जारी एक पत्र  अनुसार   रेणु भाटिया का  आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर  कार्यकाल  18 जनवरी 2025 के बाद आगामी  आदेशो तक बढ़ाने का उल्लेख किया गया था परन्तु इसमें  एक कानूनी पेंच है. 
इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए  पंजाब  एवं हरियाणा हाईकोर्ट  में  एडवोकेट हेमंत कुमार ने  बताया कि हरियाणा राज्य  महिला आयोग कानून, 2012 की मौजूदा  धारा 4 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि आयोग की चेयरपर्सन, वाईस-चेयरपर्सन और मेंबर (सदस्य) का कार्यकाल तीन वर्ष से अधिक नहीं हो सकता. हालांकि तत्कालीन  चौटाला सरकार में शीला भ्याण 5 वर्ष  और भूपेन्द्र हुड्डा शासनकाल में  सुशीला शर्मा 6 वर्ष तक हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रही थी परन्तु ध्यान देने योग्य है कि उन दोनों के  समय प्रदेश महिला आयोग हेतू  प्रदेश विधानसभा से  उपरोक्त कानून नहीं बना था.
अब चूँकि हरियाणा महिला आयोग की मौजूदा  चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने 18 जनवरी 2025 को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर लिए, इसलिए उससे अधिक उन्हे उस पद पर बनाये रखने  के लिए   महिला एवं बाल विकास विभाग से सीधे जारी  सरकारी पत्र मार्फत आदेश पर्याप्त नहीं हैं बल्कि इसके लिए सर्वप्रथम प्रदेश  सरकार को उपरोक्त कानूनी धारा में विधानसभा द्वारा   उपयुक्त  संशोधन करना होगा जोकि तत्काल  तौर पर  राज्यपाल से  इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश प्रख्यापित (जारी) करवाकर ही संभव है क्योंकि फिलहाल अगले माह  फरवरी, 2025 से पूर्व हरियाणा विधानसभा का आगामी सत्र बुलाये जाने की कोई संभावना नहीं है.  सनद रहे कि  इससे पूर्व दिसम्बर, 2017 से दिसम्बर, 2020 तक रेणु भाटिया हरियाणा महिला आयोग में बतौर मेंबर भी रह चुकी थी.  
इस आशय में हेमंत ने मई,2016 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एक डिवीजन बेंच द्वारा दिए  एक  निर्णय का भी  हवाला देते हुए बताया कि उसमें अदालत द्वारा हरियाणा  महिला आयोग अधिनियम, 2012 की मौजूदा  धारा 4 (1) की व्याख्या करते हुए उल्लेख किया गया था की इस कानूनी प्रावधान अनुसार प्रदेश सरकार अधिकतम तीन वर्ष की अवधि  के लिए ही आयोग की चेयरपर्सन और वाईस-चेयरपर्सन को  नियुक्त कर सकती है, उससे अधिक नहीं. यह निर्णय प्रदेश की तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार द्वारा मई, 2014  में  आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर नियुक्त कमलेश पांचाल और   वाईस-चेयरपर्सन तौर पर सुमन दहिया द्वारा दायर  याचिकाओं के सम्बन्ध में दिया गया था जब वर्ष 2015  में मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा उक्त दोनों को उनके तीन वर्ष के  कार्यकाल की अवधि से पहले ही हटाने  का आदेश जारी किया गया था.

हेमंत ने बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3(2) के अनुसार आयोग में चेयरपर्सन के अतिरिक्त  एक वाईस-चेयरपर्सन और अधिकतम पांच सदस्य हो सकते हैं  जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा नॉमिनेट किया जाता है  जिनमें से कम से कम  एक सदस्य  अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से होना चाहिए. उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त वर्ष 2012 कानून अनुसार  आयोग में एक  वरिष्ठ महिला एचसीएस अथवा आईएएस महिला अधिकारी आयोग की सदस्य सचिव होंगी. इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक सचिव आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगी. इसी प्रकार   महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक और प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) आयोग  के पदेन (उनके पद के कारण ) सदस्य होंगे.    
 
हेमंत ने यह बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया के  तीन वर्ष के कार्यकाल दौरान प्रदेश सरकार द्वारा   आयोग में कानूनन प्रस्तावित अधिकतम पांच सदस्यों तो दूर बल्कि  एक भी सदस्य नहीं बनाया गया.  हालांकि गत वर्ष 15 मार्च 2024 को सोनीपत जिले की खरखौदा क्षेत्र निवासी सोनिया अग्रवाल को हरियाणा   महिला  आयोग की वाईस-चेयरपर्सन नामित किया गया था. उसी माह उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया था.   हालांकि सोनिया के महिला आयोग की वाईस- चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के  सम्बन्ध में आधिकारिक नोटिफिकेशन 7 मई  2024 के  हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित की गई थी जिसमें सोनिया का  कार्यकाल एक वर्ष ही  दर्शाया गया था. गत माह दिसम्बर, 2024 में सोनिया  को एंटी करप्शन ब्यूरो‌, हरियाणा द्वारा भ्रष्टाचार के एक कथित मामले‌ में गिरफ्तार भी किया गया था, जिस कारण इसी माह 9  जनवरी 2025 से सोनिया को उनके तय एक वर्ष के कार्यकाल से  समय-पूर्व ही  वाईस-चेयरपर्सन  पद से हटा दिया गया.

बहरहाल,‌  साढ़े  7 वर्ष पूर्व   18 जुलाई, 2017 को  जब प्रतिभा सुमन को हरियाणा राज्य  महिला आयोग की  तत्कालीन चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था, तो उसके कुछ माह बाद ही 12 दिसम्बर, 2017 को  गुरुग्राम से प्रीति भारद्वाज को आयोग की वाईस-चेयरपर्सन, चरखी दादरी से इंदु यादव, अम्बाला  से  नम्रता गौड़, फरीदाबाद से रेणु भाटिया, सोनीपत से सोनिया अग्रवाल और जींद से सुमन बेदी को आयोग में सदस्य बनाया  गया था।

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