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Monday, April 13, 2020

हरियाणा सरकार का फरमान- अभिभावक सक्षम तो फीस ले सकेंगे निजी स्कूल परिवहन शुल्क नहीं


कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन से निजी स्कूल प्रभावित हो रहे हैं,इसलिए सरकार ने फीस वसूली को लेकर नए आदेश जारी किए हैं। स्कूल मासिक तौर पर अब अभिभावकों से फीस ले सकेंगे। परिवहन शुल्क वसूली वे नहीं कर सकते हैं। मासिक तौर पर फीस भी उन्हीं अभिभावकों से ली जाएगी जो वित्तीय रूप से सक्षम हैं। जिन अभिभावकों का रोजगार कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है,उन पर मासिक रूप से फीस जमा कराने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। चूंकि,वे इसमें सामथ्र्य नहीं हैं। स्कूल संचालक ऐसे अभिभावकों के आग्रह पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे और उन्हें बंद खुलने के बाद किश्तों के आधार पर फीस जमा कराने की सुविधा दी जाएगी। तीन महीने का शुल्क जमा कराने का दबाव अभिभावकों पर नहीं बनाया जाएगा। अगर निजी स्कूल शिक्षा निदेशालय के आदेशों का पालन नहीं करते हैं तो अभिभावक मण्डलायुक्तों की अध्यक्षता वाली फीस एवं निधि नियामक समिति के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। नियमानुसार स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ-डीईईओ को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। निदेशालय के संज्ञान में आया है कि निजी स्कूल फीस जमा न कराने वाले विद्यार्थियों का नाम काट रहे हैं और उन्हें ऑनलाइन शिक्षा से भी वंचित रखा जा रहा है। इस पर शिक्षा सचिव ने निर्देश दिए हैं कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई करें। किसी का नाम स्कूल से न कटने दें और न ही कोई ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रहे।

अब 3 की बजाय हर महीने
फीस ले सकेंगे निजी स्कूल
निजी स्कूल की मांगों पर हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को फीस लेने के मामले में नया आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब स्कूल 3 महीने के बजाय हर महीने फीस ले सकेंगे। निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस के कारण बच्चों को पढ़ाने से नहीं रोक सकता है और स्कूलों को अब 3 महीने की एक साथ फीस लेने के बजाय हर महीने फीस लेने को कहा जाए। बता दें कि निजी स्कूलों की ओर से फीस को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर नया आदेश जारी करने की मांग की गई थी।

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