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Wednesday, May 20, 2020

बागवानी विभाग की भावांतर भरपाई योजना मे फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई, 2020 तक बढाई - जय प्रकाश दलाल (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री)

(मनोज)चंडीगढ़, 20 मई- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए, भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत फसल पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मई, 2020 कर दी गई है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।  उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग द्वारा पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है, और किसान स्वयं सर्व सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इन्टरनेट कियोस्क के माध्यम से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर fasalhry.in के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।
        उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी मार्किट कमेटियों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसानों की सब्जियों के उत्पाद का विपणन सुनिििश्चत करें। इस दौरान अगर सब्जियों के भाव सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम रहते हैं तो सरकार द्वारा भावांतर की भरपाई की जाएगी।
        कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खपत में कमी आई है। उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट मार्किटिंग का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 110 किसान उत्पादक संघों के माध्यम से हरियाणा के विभिन्न शहरों में लाइसेंस जारी करवाकर लगभग 8 हजार क्विंटल प्रतिदिन का सीधे उपभोक्ता तक विक्रय किया जा रहा है जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी किसान सीधा विपणन करना चाहें तो उसको लाईसेंस जारी किया जा सकता है।
        उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि हरियाणा के किसानों की सब्जियों को दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिना रूकावट के भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि 5 बॉर्डर-मार्गों द्वारा प्रतिदिन लगभग 150 वाहनों के माध्यम से सब्जी उत्पाद का यातायात किया जा रहा है जोकि किसी भी अन्य राज्य से कई गुणा ज्यादा है, इससे बिक्री में मदद होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा लगभग 3 लाख 70 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना सब्जी का उत्पादन करता है, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत रबी व जायद सीजन के दौरान होता है। इस समय मुख्यत: टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, तौरी, करेला, खीरा, मिर्च, भिंडी  इत्यादि का उत्पादन हो रहा है।
        उन्होंने कहा कि किसान किसी भी समस्या के समाधान  और अधिक जानकारी के लिए अपने जिला स्तर के जिला उद्यान अधिकारी व सब्जी मंडी में जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी, मार्केटिंग बोर्ड से सम्पर्क कर सकते हैं।

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