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Wednesday, May 20, 2020

पांच किलो गेहूं के लिए बेच दिया जमीर, मुफ्तखोरों की कतार में लगे करोड़पति

- जिले में राशन डिस्ट्रेस कूपनों की सूची में शामिल पूर्व पार्षद, बिजनेसमैन, सेवानिवृत्त अधिकारी व हाईप्रोफाइल सोसायटी परिवार 

(पंकज कुमार) रेवाड़ी- आजादी के 73 साल बाद भी अनेकों योजनाएं होते हुए गरीबी आज भी देश में सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। सत्ता के सौदागरों को धर्म व जाति से होने वाली अमीरी-गरीबी की पहचान खूब रास आ रही है। इतना ही नहीं देश में राजनीति के इर्द-गिर्द घूमने वाली व्यवस्था में मुफ्तखोरी की चाह बढ़ती जा रही है। अब तो करोड़पति भी मुफ्त में मिलने वाली पांच किलो गेहूं व एक किलो दाल के लिए अपनाज जमीर बेचने में भी कोई हिचक नहीं दिखा रहे हैं। कोरोना महामारी में प्रदेश सरकार की राशन डिस्ट्रेस कपून योजना के लिए रेवाड़ी में तैयार की गई 16182 परिवारों की सूची में मिले जनप्रतिनिधि, रिटायर्ड ब्यूरो क्रैटर्स व करोड़पतियों के नामों से देश में तेजी से बढ़ रही मुफ्तखोरी की चाहत को उजागर कर दिया है। सूची की पंचायत व वार्ड स्तर पर जांच की जाए तो सूची में शामिल पूंजीपत्तियों व राजनीतिक रसूख वालों को बेनकाब किया जा सकता है। 

क्या है योजना 

सरकारी योजनाओं से अछूते (हरे कार्ड धारक) परिवारों की मदद के लिए  खाद्य आपूर्ति विभाग ने बीपीएल सर्वे व लॉकडाउन में करवाए गए डोर-टू-डोर सर्वे के आधार पर 82333 परिवारों का चयन किया था। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को मई-जून माह में पांच-पांच किलो गेहूं प्रति सदस्य व एक-एक किलो दाल प्रति राशन कार्ड मुफ्त दिया जाना है। जिले में 16182 परिवारों को सूची में स्थान मिला है। 

सबकुछ होते हुए भी चाहिए पांच किलो गेहूं

रेवाड़ी में बनी राशन डिस्ट्रेस कूपन योजना में रेवाड़ी से कूपन नंबर 249965  एक तीन समारोह स्थल के मालिक, 249985 पूर्व पार्षद एवं होंटा सिटी कार का मालिक, 249975 सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, 249972 पर गुरुग्राम की एक कंपनी के एमडी, 249975, 249957 व 249959 को आधार मानकर जांच करवाई जाए तो गरीबों के नाम पर हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है। 

भाजपा नेता सतीश खोला की नेक सलाह

भाजपा नेता सतीश खोला ने कहा कि सभी से सरकार को मांगने का अधिकार है। राशन डिस्ट्रेस कूपन योजना में शामिल बड़े चेहरों की जानकारी मुझे भी मिली है तथा व्यक्तिगत तौर पर मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता, परंतु ऐसे लोगों को सामाजिक संस्थाओं व पत्रकारों की मौजूदगी में मुफ्त राशन बांटा जाए। प्रशासन को मैने यही सलाह दी है।

क्या कहते है डीएफएससी

सूची में किसी कारणवश जो लोग गलत नाम जुड़ने की शिकायतें मिली है। उसे ठीक किया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसी किसी भी व्यक्ति को राशन ना मिले।
-अशोक कुमार रावत, डीएफएससी।

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