(मनोज)चंडीगढ़। हरियाणा सरकार(Haryana Government) ने धान की फसल मामले में यू-टर्न ले लिया है। सरकार ने किसान (Farmer) द्वारा चयनित ब्लॉक में 50 फीसदी धान की जगह अन्य फसल नहीं लगाने पर धान की खरीद नहीं करने के फैसले को वापस ले लिया है। सरकार ने नए जारी आदेशों में कहा कि स्वेच्छानुसार किसान धान की जगह विविधीकरण को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि धान बोने का फैसले को लेकर किसी भी तरह का कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है।
सीएम ने कहा कि यह मात्र एक तरह की एडवाइजरी वाली बात है, ताकि जल संरक्षण के लिए लोग बढ़ चढ़कर अपना योगदान दें। सीएम ने विपक्षी नेताओं की उस बात का भी करारा जवाब दिया कि अफवाहें फैलाने वाले नेताओं को पता होना चाहिए कि किसानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मेरा पानी मेरी योजना जल के संकट को ध्यान में रखते हुए बनाई है किसान हमारे भाई हैं, सरकार किसान हितेषी है।
ऐसी योजना की हर वर्ष चर्चा होती थी, हमने किसानों से अपील की है जहां पानी पीने 40 मीटर नीचे चला गया है। वहां किसान धान बोने से परहेज करें। पहले हमने 50% किसानों को धान न बोलने को कहा था लेकिन बाद में जिनके पास 2 एकड़ जमीन है, उनको राहत दी छोटे किसानों को छूट दी, जहां खेत में जलभराव रहता है, उन किसानों को छूट दी। बाढ़ ग्रस्त एरिया में पानी का लेवल ऊंचा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों का एक भी एकड़ खाली नहीं छोड़ने दिया जाएगा, इस बात का मैं आश्वासन दिलाता हूं। किसानों को वैकल्पिक फसल बोने के लिए उनको सहायता दी जाएगी, सब्सिडी दी जाएगी।
किसानों की फसल का बीमा करवाया जाएगा। उनकी फसल खरीद सुनिश्चित की जाएगी। अगर धान के अलावा कोई फसल नहीं बोई जाती तो उसमें भी किसानों से बैठकर बातचीत करेंगे पानी बचाकर कैसे धान बोया जा सकता है। एक खास एऱिया मेंअगर यह लोग राजनीति करने पहुंच जाएंगे। इसका मतलब यह नहीं कि सारे किसान नाराज हैं। मेरी कई किसानों से बातचीत हुई है। काफी किसानों ने अपनी इच्छा से धान न बोने का फैसला लिया है।
सीएम ने कहा कि यह मात्र एक तरह की एडवाइजरी वाली बात है, ताकि जल संरक्षण के लिए लोग बढ़ चढ़कर अपना योगदान दें। सीएम ने विपक्षी नेताओं की उस बात का भी करारा जवाब दिया कि अफवाहें फैलाने वाले नेताओं को पता होना चाहिए कि किसानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मेरा पानी मेरी योजना जल के संकट को ध्यान में रखते हुए बनाई है किसान हमारे भाई हैं, सरकार किसान हितेषी है।
ऐसी योजना की हर वर्ष चर्चा होती थी, हमने किसानों से अपील की है जहां पानी पीने 40 मीटर नीचे चला गया है। वहां किसान धान बोने से परहेज करें। पहले हमने 50% किसानों को धान न बोलने को कहा था लेकिन बाद में जिनके पास 2 एकड़ जमीन है, उनको राहत दी छोटे किसानों को छूट दी, जहां खेत में जलभराव रहता है, उन किसानों को छूट दी। बाढ़ ग्रस्त एरिया में पानी का लेवल ऊंचा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों का एक भी एकड़ खाली नहीं छोड़ने दिया जाएगा, इस बात का मैं आश्वासन दिलाता हूं। किसानों को वैकल्पिक फसल बोने के लिए उनको सहायता दी जाएगी, सब्सिडी दी जाएगी।
किसानों की फसल का बीमा करवाया जाएगा। उनकी फसल खरीद सुनिश्चित की जाएगी। अगर धान के अलावा कोई फसल नहीं बोई जाती तो उसमें भी किसानों से बैठकर बातचीत करेंगे पानी बचाकर कैसे धान बोया जा सकता है। एक खास एऱिया मेंअगर यह लोग राजनीति करने पहुंच जाएंगे। इसका मतलब यह नहीं कि सारे किसान नाराज हैं। मेरी कई किसानों से बातचीत हुई है। काफी किसानों ने अपनी इच्छा से धान न बोने का फैसला लिया है।
No comments:
Post a Comment