Breaking

Friday, June 26, 2020

हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ के दौरान प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए ‘‘क्या करना है और क्या नहीं करना है’’ आम जनता के लिए जारी की एडवाजरी


चंडीगढ़, 25 जून- आगामी मानसून के दौरान सम्भावित  बाढ़ की स्थिति के मददेनजर भारत सरकार के राष्टï्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों की अनुपालना में हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने भी बाढ़ के दौरान प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए ‘‘क्या करना है और क्या नहीं करना है’’ पर आम जनता के लिए एडवाजरी जारी की है।

आकाशवाणी, दूरदर्शन पर मौसम का पूर्वानुमान सुनें

        प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ की आंशका से पूर्व लोग नालियों में कूड़ा, प्लास्टिक की थैलियां, प्लास्टिक की बोतलें न रखें। यदि ऊंची लहरें और भारी बारिश एक साथ हों तो घर पर रहने की कोशिश करें। आकाशवाणी, दूरदर्शन पर मौसम का पूर्वानुमान सुनें। इसके अलावा, समय-समय पर स्थानीय निकायों द्वारा संदेशों पर अमल करें तथा निचले इलाकों को खाली करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। ऐसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के समय यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक व्यक्ति के पास लालटेन, मशाल, कुछ खाने-पीने का सामान, सूखे कपड़े और आवश्यक दस्तावेज साथ में हों। इसके अलावा, प्रत्येक परिवार के सदस्य के पास पहचान पत्र हो तथा कीमती सामान घर के किसी ऊंचे स्थान पर रखें।

अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाहें फैलाएं

        प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ की स्थिति में सरकार द्वारा आदेशों का पालन करना और सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करें और सुरक्षित स्थान पर रहें तथा वे सही जानकारी प्राप्त करें। बिजली की आपूर्ति का स्विच ऑफ करें और नंगे तारों कों न छुएं। उन्होंने बताया कि अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाहें फैलाएं।

बिजली और गैस उपकरणों को बंद करें

        बाढ़ के दौरान ‘‘क्या करना है’’ इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि बिजली और गैस उपकरणों को बंद करें और मेन स्विच बॉक्स के लिवर को ऑफ कर दें। अपने साथ आपातकालीन किट ले जाएं और अपने दोस्तों और परिवार को बताएं कि आप कहां जा रहे हैं। बाढ़ के पानी के संपर्क से बचें क्योंकि यह मल, तेल, रसायन या अन्य पदार्थों से दूषित हो सकता है। यदि आपको खड़े पानी में चलना है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए एक पोल या छड़ी का उपयोग करें ताकि गहरे पानी, मैनहोल या अन्य पानी निकासी में आपका पैर न जाए। बिजली की लाइनों से दूर रहें क्योंकि विद्युत प्रवाह पानी के माध्यम से हो सकता है और ऐसी स्थिति में बिजली निगमों को रिपोर्ट करें।

अगर बाहर निकलना पड़े तो जमीन और फर्श को अच्छी तरह से जांच लें

उन्होंने बताया कि बाढ़ के बाद अगर बाहर निकलना पड़े तो जमीन और फर्श को अच्छी तरह से जांच लें क्योंकि इसमें टूटी हुई बोतलें, तेज वस्तुएं आदि शामिल हो सकते हैं। मिट्टी और मलबे से ढक़ेहुए फर्श और सीढिय़ां में फिसलन हो सकती है। बाढ़ की स्थिति की पल-पल की जानकारी के लिए रेडियो या टेलीविजन सुनें। उन्होंने बताया कि छत गीली है और सीलिंग फैन के प्वांइट में पानी का रिसाव हो तो उसके नीचे एक बाल्टी रखें और पानी के दबाव को कम करने के लिए छत में एक छोटा छेद करें। इसी प्रकार, पानी के भराव वाले कमरों में जितना संभव हो उतना पानी निकालने के लिए बाल्टी, साफ  तौलिये और मोप का उपयोग करें। फर्नीचर तथा गीले कालीनों के बीच एल्यूमीनियम की चादरें रखें।

बहते पानी में न चलें

        बाढ़ के दौरान ‘‘क्या नहीं करना है’’ इस बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि बहते पानी में न चलें क्योंकि पानी के  बहाव की धाराओं भ्रामक हो सकती हैं और तेज गति से बहता पानी आपके पैरों का संतुलन बिगाड़ सकता है।  तेज बहते पानी में न तैरें और न ही पानी में किसी वस्तु का सहारा लें क्योंकि इससे वस्तु के साथ आप बह सकते हो।

बाढ़ वाले क्षेत्र से ड्राइव न करें

        प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ वाले क्षेत्र से ड्राइव न करें क्योंकि अचानक आने वाले पानी का आपकों अंदाजा नहीं लगेगा और बाढ़ के दौरान तेज बहाव वाला  आधा मीटर पानी भी एक कार को बहाकर ले जा सकता है। बाढ़ के पानी में ड्राईविंग करने से आस-पास की संपत्ति को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाले किसी भी भोजन का सेवन न करें।  अपनी बिजली की आपूर्ति को फिर से कनेक्ट न करें जब तक कि एक योग्य इंजीनियर द्वारा इसकी जांच नहीं की जाती। गैस लीक के लिए सतर्क रहें, धूम्रपान न करें तथा मोमबत्ती, लालटेन या किसी भी तरह खुली लपटों का उपयोग न करें। बाढ़ के दौरान किसी भी तरह का कीचड़, ब्रश इत्यादि को एक स्थान पर एकत्रित न करें क्योंकि इससे और अधिक नुकसान हो सकता है। छत के गीले होने पर कभी भी सीलिंग फैन व अन्य चीजों को चालू न करें और ढहती हुई छत से दूर रहें।

बेसमेंट में खड़े पानी को निकालने की जल्दी न करे

        उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कभी भी टीवी, वीसीआरएस, सीआरटी टर्मिनलों या अन्य बिजली के उपकरणों का उपयोग गीले फर्श, विशेष रूप से कंक्रीट पर खड़े होकर न करें। अपने वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करके खड़े पानी को हटाने का प्रयास न करें। बेसमेंट में खड़े पानी को जल्दी-जल्दी न निकालें क्योंकि यदि पानी का दबाव बहुत जल्द कम हो जाता है तो यह बुनियाद में जाने से दीवारों पर दबाव डाल सकता है।

No comments:

Post a Comment