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Monday, July 20, 2020

सरकारी चावल में घोटाला: करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी

सरकारी चावल में घोटाला:करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी


सरकारी चावल में घोटाला:करनाल में 27 फर्मों के घपले के बाद 21 में और मिली गड़बड़ी,इनके पास सरकारी चावल देने के लिए धान का स्टाक ही नहीं करीब 5 लाख क्विंटल से ज्यादा करोड़ों रुपए का चावल पेंडिंग

करनाल। राइस मिलरों की करीब 27 फर्माें ने पहले जीरी लेकर सरकार काे 5 लाख क्विंटल से ज्यादा करोड़ों रुपए का चावल ले नहीं दिया था। मौजूदा हालात में मिलरों की 21 फर्मों पर और तलवार लटक गई है। इन फर्मों के पास चावल उपलब्ध करवाने के लिए स्टॉक ही नहीं है। इसलिए 16 फर्मों की प्राॅपर्टी अटैच और 5 फर्मों की प्राॅपर्टी नीलाम करने की मंजूरी मांगी गई है। यह फाइल चंडीगढ़ मुख्यालय तक पहुंच गई है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, इनको भी डिफाॅल्टर घोषित कर दिया जाएगा। सरकार को यह नुकसान पूरे सिस्टम की संलिप्तता से हो रहा है। जिले में वर्ष 2013 से 2017 तक डिफाॅल्टर हुए करीब 27 राइस मिलर्स में से आधे से ज्यादा दोबारा से नई फर्में बनाकर राइस मिल चला रहे हैं। नई फर्मों में पार्टनरों की भूमिका आगे-पीछे हो रही है। उन्हीं जगहों पर नई फर्म से राइस मिल चला रहे हैं। जो राइस मिल चलाते नहीं हैं,वह दूसरे मिलों से मिलिंग करवाते हैं।
नियमों के तहत यह गलत है और सरकार को नुकसान हो रहा है। रिकवरी करने के लिए कोई नया कदम नहीं है। प्राॅपर्टी अटैच करने की प्रकिया भी धीमी है। पुलिस एफआईआर करने तक सीमित है। वर्ष 2020 में 15 जुलाई तक अलॉट की गई धान का चावल उपलब्ध हो जाना था। लेकिन 21 राइस मिलें ऐसी मिली हैं, जिनमें स्टॉक कम है। इसकी पूर्ति होना भी मुश्किल है।

एक ही जगह पर दो मिल डिफाॅल्टर
वर्ष 2013-14 में आशीर्वाद फूड राइस मिल को 52 हजार 769 क्विंटल धान अलॉट की गई। इसमें से कुछ चावल उन्हाेंने दे दिया। 21 हजार 881 क्विंटल चावल नहीं दिया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस मिल को डिफाॅल्टर कर दिया। इसी जगह पर अगले साल अन्नपूर्णा राइस मिल चला दी गई। यह भी मिल डिफाॅल्टर हो गई। सेम जगह पर दो फर्म डिफाॅल्टर हो गई।

दो फर्म दिखाकर डबल ले गए धान
सतपाल एंड ब्रदर्स और सतपाल एंड सन्स दो फर्में एक ही राइस मिल पर हैं। इससे यह डबल धान अलॉट करवा जाते हैं। दोनों फर्मों को धान अलॉट किया हुआ है, जो एक ही राइस मिल में जा रहा है।

आढ़ती की दुकान को दिखाया मिल
कुंजपुरा में आढ़ती की दुकान है। इसको भी धान अलॉट की हुई है। ट्रेडर्स ने लिखकर दिया है कि वह राइस मिल में धान की कुटाई करके देंगे। नियमों के तहत जिसके पास मिल है,उसी को धान अलॉट हो सकती है। इनकाे भी धान अलॉट किया हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच चल रही है।

डिफॉल्टर फर्माें पर कराया केस दर्ज 
डिफाॅल्टर हो चुके राइस मिलों को धान अलॉट नहीं कर सकते। यदि किसी डिफाॅल्टर ने सेम जगह पर फर्म का नाम बदलकर राइस मिल चलाई है तो उनको चेक करवा लेते हैं। हाल ही में मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई है। जिन मिलों में स्टॉक कम मिला है,उनकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। जो फर्में डिफाॅल्टर हैं,उन पर केस दर्ज करवाया हुआ है। फर्मों के गारंटर भी इसमें जिम्मेदार है और उन पर भी कार्रवाई की गई है। 
निशांत राठी, डीएफएससी, करनाल।

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