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Monday, April 26, 2021

65 साल पहले बना था हाईकोर्ट, तब से नहीं बना कोई मुस्लिम जज

65 साल पहले बना था हाईकोर्ट, तब से नहीं बना कोई मुस्लिम जज नहीं बना कोई मुस्लिम जज 

चंडीगढ : 65 साल पहले बना था हाईकोर्ट, तब से नहीं बना कोई मुस्लिम जज; कहा-PM को भी लिख चुके हैं, अब दें उचित प्रतिनिधित्व

याचिका में कहा है कि वर्तमान में हाईकोर्ट में 6 लाख से अधिक केसों पर सुनवाई होनी है जो प्रयाप्त जजों के न होने के चलते रुकी हुई है।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है। जिसमें रिक्त पदों को भरने के अलावा मुस्लिम समुदाय से किसी वकील को जज बनाने की मांग की गई है। ये जनहित याचिका ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन काउंसिल के चेयरमैन रंजन लखनपाल ने दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि वर्तमान में हाईकोर्ट में 6 लाख से अधिक केसों पर सुनवाई होनी है जो पर्याप्त जजों के न होने के चलते रुकी हुई है। याचिका में उन्होंने बताया है कि हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों के 85 पदों में से 38 रिक्त हैं।

इसके साथ ही याचिका में ये भी कहा गया आई कि 65 साल पहले 1956 में जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बना था, तब से अब तक मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले किसी भी वकील का नाम जज के लिए नामित नहीं किया गया। याचिका में मुस्लिम वकीलों को जजों के चयन में उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई है।

याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि मुस्लिम माइनॉरिटी कम्युनिटी से जज की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र भी दिया जा चुका है। इसमें भारत के कानून और न्याय मंत्रालय, पंजाब व हरियाणा के गृह सचिव और न्याय विभाग के सचिव, चंड़ीगढ़ के गृह सचिव व रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि भले ही यहां से किसी मुस्लिम वकील को जज न बनाया जाए लेकिन देश के किसी भी राज्य के किसी भी कोर्ट से किसी मुस्लिम जज को यहां नियुक्ति दी जा सकती है।
चंडीगढ : 65 साल पहले बना था हाईकोर्ट, तब से नहीं बना कोई मुस्लिम जज; कहा-PM को भी लिख चुके हैं, अब दें उचित प्रतिनिधित्व

याचिका में कहा है कि वर्तमान में हाईकोर्ट में 6 लाख से अधिक केसों पर सुनवाई होनी है जो प्रयाप्त जजों के न होने के चलते रुकी हुई है।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है। जिसमें रिक्त पदों को भरने के अलावा मुस्लिम समुदाय से किसी वकील को जज बनाने की मांग की गई है। ये जनहित याचिका ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन काउंसिल के चेयरमैन रंजन लखनपाल ने दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि वर्तमान में हाईकोर्ट में 6 लाख से अधिक केसों पर सुनवाई होनी है जो पर्याप्त जजों के न होने के चलते रुकी हुई है। याचिका में उन्होंने बताया है कि हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों के 85 पदों में से 38 रिक्त हैं।
इसके साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि 65 साल पहले 1956 में जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बना था, तब से अब तक मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले किसी भी वकील का नाम जज के लिए नामित नहीं किया गया। याचिका में मुस्लिम वकीलों को जजों के चयन में उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई है।

याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि मुस्लिम माइनॉरिटी कम्युनिटी से जज की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र भी दिया जा चुका है। इसमें भारत के कानून और न्याय मंत्रालय, पंजाब व हरियाणा के गृह सचिव और न्याय विभाग के सचिव, चंड़ीगढ़ के गृह सचिव व रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि भले ही यहां से किसी मुस्लिम वकील को जज न बनाया जाए लेकिन देश के किसी भी राज्य के किसी भी कोर्ट से किसी मुस्लिम जज को यहां नियुक्ति दी जा सकती है।

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