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Monday, May 24, 2021

डिस्ट्रीब्यूटरी में तैरती मिली आयरन फोलिड एसिड की सिरप, अस्पतालों में मरीज धक्का खाने को मजबूर

डिस्ट्रीब्यूटरी में तैरती मिली आयरन फोलिड एसिड की सिरप, अस्पतालों में मरीज धक्का खाने को मजबूर

नारनौल : मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा नोलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी में तैरती आयरन फोलिड एसिड की दवाइयों से लगा सकते हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यशैली की आलोचना करते हुए मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पांच हजार की आबादी पर उप स्वास्थ्य केंद्र खोल दिए। वहां नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को मरीजों की देखभाल, टीकाकरण तथा दवा वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जच्चा-बच्चा मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए विभाग द्वारा स्कूल व गांवों में महिलाओं का चेकअप किया गया था। रिपोर्ट में अधिकतर महिलाएं एनिमिया समस्या से पीडि़त मिली, जिस कारण उन्हें प्रसव के दौरान जानलेवा खतरा हो सकता बीवी है। बचाव के लिए सरकार ने स्कूलों में छात्राओं को आयरन की टेबलेट खिलानी आरंभ कर दी। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा कैंप में महिलाओं की जांच होती है। एनिमिया की पुष्टि होने पर उन्हें आयरन फोलिड एसिड दवाइयां निशुल्क मुहैया कराई जाती हैं। दवाइयां वितरण की जिम्मेदारी एएनएम स्टॉफ को सौंपी गई है।

ग्रामीणों ने बताया कि नीरपुर की तरफ से बहकर आए दवाइयों के पैकेटों को देखकर भ्रूण होने का संदेह था। नहर विभाग के कर्मचारी की मदद से पैकेटों को निकाला गया, जांच में आयरन फोलिड एसिड की सिरप मिली। जिनका कवर अधिक भीगा हुआ नहीं था। जिसके आधार पर ग्रामीणों ने कुछ समय पहले ही फैंकी होने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही। ईधर जीवन रक्षक दवाइयां नहरों में फैंकी जा रही हैं। जिससे सरकार की योजना तथा खर्च किया गया बजट नकारा साबित हो रहा है। एक्सपायरी डेट की नहीं हैं सिरप ग्रामीणों के मुताबिक दवाइयों का उत्पादन फरवरी 2020 में हुआ था। जनवरी 2022 में एक्सपायर होनी थी। अभी करीब 6 महीने तक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो सकता था। सिरप के कवर पर नॉट फॉर सेल तथा सरकार सप्लाई का मार्का है। जिससे ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की करतूत होने का अंदाजा व्यक्त किया है। मामले की जांच कमेटी से कराएंगे सीएचसी के एसएमओ डा. अरुण कालरा ने बताया कि नहर में आयरन फोलिड एसिड दवाइयों को फैंकना गंभीर मामला है। दवाइयों को कब्जे में लेकर मामले की जांच के कमेटी का गठन करेंगे। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को अंजाम देंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों में भी आयरन फोलिड एसिड की सिरप सप्लाई होती हैं। जिनका बीते 17-18 महीने से इस्तेमाल नहीं हो रहा। किस स्तर पर लापरवाही हुई है, जांच के बाद ही बताना संभव होगा।

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