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Monday, May 24, 2021

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला 

जींद :  हिसार कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने के लिए जींद जिले से भी काफी संख्या में किसान जाएंगे। पुलिस प्रशासन ने ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ मीटिंग कर कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए हिसार घेराव में शामिल ना होने के लिए कहा था। लेकिन किसान नेताओं ने अधिकारियों की अपील को मानने से इंकार कर दिया।
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने बताया कि 24 मई को हिसार कमिश्रर ऑफिस का घेराव करने के लिए किसान हिसार पहुंचेंगे। उनका घेराव शांतिपूर्वक होगा। अगर पुलिस उनके साथ ज्यादती करती है, तो वे भी कड़े कदम उठाएंगे। जैसा व्यवहार प्रशासन का होगा, वैसा ही उनका होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपने वायदे से मुकरे हिसार प्रशासन के खिलाफ कमिश्नर ऑफिस का घेराव किसान और मजदूर करेंगे। जो किसानों के साथ बातचीत हुई थी, उस बातचीत में हुए समझौते के बाद भी प्रशासन ने विभिन्न धाराओं के तहत किसानों पर मामले दर्ज किए। अगर सोमवार को कमिश्नर कार्यालय के घेराव के बावजूद भी किसानों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए, तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
किसान घेराव के लिए चंडीगढ़ जा सकते हैं। प्रदेशभर में थानों का घेराव करने व विधायक और सांसदों के आवासों का घेराव करने का भी फैसला लिया जा सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जो फैसला लेंगे, उसी के अनुसार किसान आगे बढ़ेंगे। खटकड़ टोल पर रविवार को किसान नेताओं ने घेराव को लेकर रणनीति बनाई और फैसला लिया गया कि उचाना के हर गांव से किसान गाड़ियों से हिसार जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हिसार में सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम पूरी तरह से किसान, जवान को लड़वाने का षड्यंत्र था। सीएम हिसार से जा चुके थे। लेकिन सीएम के जाने के बाद भी वहां पर बैरिकेडिंग की गई थी, जैसे सीएम अभी गए नहीं हो। प्रशासन किसानों को ये समझाने में फेल रहा कि सीएम जा चुके है। किसानों को सीएम का विरोध करना था। इसलिए किसान हिसार गए थे। प्रशासन ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले फैंके। महिलाओं पर लाठीचार्ज किया।
 

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