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Thursday, March 10, 2022

एक मंच पर आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी बीरेंद्र सिंह

एक मंच पर आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी बीरेंद्र सिंह 
उचाना / जींद : हरियाणा की राजनीति में अब तक कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का छतीस का आंकड़ा नजर आता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह राजनीति मंच से कोई भी मौका भूपेंद्र हुड्डा पर बयॉनबाजी करने का नहीं छोड़ते हैं तो कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इन बयानबाजी का जबाव अपने तरीके से देते हैं। बुधवार को राजीव गांधी महाविद्यालय उचाना में दोनों दिग्गज नेता एक मंच पर नजर आए। यहां पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।  दादा हरद्वारी सिंह श्योकंद और उनका रचना संसार पुस्तक का विमोचन किया गया। हरद्वारी सिंह श्योकंद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सगे नाना एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के रिश्ते में दादा लगते हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार देवदत्त देव पहुंचे। अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के पूर्व कुलपति डॉ. अविनाश कुमार चावला ने की। विशिष्ट अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह रहे तो मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन नरेंद्र सिंह श्योकंद डूमरखां एवं साहित्य सेवी संगठन उचाना ने किया। हुड‍्डा बोले - हम भाई भी हैं और राजनीति विरोधी भी  इस दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हम भाई भी हैं, दोस्त भी हैं और राजनीति विरोधी भी हैं। कईयों को ये बात जचती नहीं है कि हम राजनीति विरोधी भी हो सकते हैं लेकिन परिस्थितियां कुछ भी करवा देती है।
हुड्डा ने कहा कि बांगर के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जो शिक्षण संस्थान यहां पर बनाया गया है उसके लिए बीरेंद्र सिंह बधाई के पात्र हैं। मेरे दादा जी रोहतक की शिक्षण संस्थानों के प्रधान जब थे तो बीरेंद्र सिंह के नाना उन संस्थाओं के सेक्रेटरी थे। जो पुस्तक है उसमें हरियाणा की संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी। उनके लिए गौरव की बात है कि उनके नाना की रचनाओं पर आधारित पुस्तक का विमोचन करने का अवसर मिला। उनके नाना हरद्वारी श्योकंद अनपढ़ थे लेकिन वो शिक्षा पर हमेशा जोर देते थे। जिससे प्रेरित होकर उनके पिता रणबीर सिंह, बीरेंद्र सिंह के नाना सर छोटूराम ने रोहतक के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों को स्थापित करने का काम किया।  बीरेंद्र सिंह बोले- बुजुर्गों का सम्मान करें पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि दादा हरद्वारी साहित्यकार के साथ-साथ वैध भी थे। उनकी रचनाओं पर आधारित पुस्तक का विमोचन करने का अवसर आज मिला। साहित्य के साथ हमें जुड़ना चाहिए। इस पुस्तक में काफी ऐसी रचनाएं है जिनको पढ़ने से प्रेरणा सामाजिक रूप से मिलती है। दादा हरद्वारी सामाजिक तानाबाना हमारा है उसको संजो कर रखते थे। दादा हरद्वारी में अपने भाईयों के लिए त्याग की भावना थी। वो हमेशा बुजुर्गों द्वारा कहीं गई बातों को मानने के साथ-साथ उनसे अधिक उन पर अमल करते थे। हमें भी चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों की बातों को मानें, बुजुर्गों का सम्मान करें।

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