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Monday, March 21, 2022

गेहूं खरीद की तैयारियों को पूरा करने में हरियाणा सरकार नाकाम : सैलजा

गेहूं खरीद की तैयारियों को पूरा करने में हरियाणा सरकार नाकाम : सैलजा

मांग-फसल का मंडियों से उठान बिक्री के 24 घंटे के अंदर सुनिश्चित किया जाए और किसानों को 48 घंटे के अंदर फसल का भुगतान हो
चंडीगढ़ :  हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है। मगर सरकार की तरफ से मंड़ियों में फसल बिक्री के लिए अभी तक भी प्रयाप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। मंडियों में हर वर्ष रहने वाली अव्यवस्थाओं को देखते हुए सरकार सभी तैयारियां तुरंत पूरी करे, जिससे किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। साथ ही फसल का मंडियों से उठान बिक्री के 24 घंटे के अंदर सुनिश्चित किया जाए और किसानों को 48 घंटे के अंदर फसल का भुगतान हो।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल की खरीद प्रदेश सरकार के लिए हर साल का रूटीन प्रोसेस है। इसके बावजूद किसानों को परेशानी में डालने की कोई कमी सरकार की ओर से नहीं छोड़ी जाती। जब पहले से सरकार को पता है कि कितने रकबे पर फसल की बिजाई हुई है तो फिर उसे खरीदने के दौरान किसी तरह की परेशानी खड़ी नहीं होने देनी चाहिए।

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि फसल खरीद के दौरान किसानों को परेशान करने के लिए सरकार व अधिकारी गलत तौर-तरीकों पर उतारू हो जाते हैं। इसकी वजह यह है कि किसानों ने सरकार के खिलाफ एकजुट होकर सफल आंदोलन किया और इसलिए ही सरकार हर मौके पर उनसे बदले की भावना रखने लगी है। 

कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं की फसल की खरीद शुरू होने वाली है। मगर सरकार की तरफ से मंडियों में तैयारियां तक नहीं की गई हैं। सरकार तमाम तैयारियां तुरंत प्रभाव से पूरी करे। अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि मंडी आने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी न होने दी जाए।कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का 48 घंटे में उठान और 72 घंटे में फसल के भुगतान का दावा हर वर्ष खोखला साबित होता है। सरकार साजिशन किसानों को फसल का भुगतान लंबे समय तक नहीं करती है। जिसकी वजह से ऋण लेकर बुवाई करने वाले किसानों के सामने घोर संकट खड़ा हो जाता है, साथ ही किसानों की अगली फसल की बुवाई भी इससे प्रभावित होती है। वह सरकार से मांग करती हैं कि सरकार फसल का भुगतान 48 घंटे के अंदर करना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल के उठान में भी किसी प्रकार की देरी ना हो। फसल के उठान में जानबूझकर देरी की जाती है, जिसके कारण मंडियां फसल से भर जाती हैं और फसलों से लदे किसानों के वाहनों का कई किलोमीटर का जाम लग जाता है। उन्होंने कहा कि गेहूं के उठान में देरी करने पर लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार किसानों के लिए मंडियों में पीने की पानी की व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, चौकीदार, लकड़ी के क्रेट का इंतजाम भी करे। साथ ही बारिश से गेहूं की फसल को बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तिरपाल भी मंडियों में उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही हर वर्ष बारदाने की किल्लत रहती है। इसको देखते हुए सरकार एडवांस में ही आढ़तियों को जरूरत के अनुसार बारदाना उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि मंडी में अपनी फसल लेकर आने वाले किसानों के लिए किसान भवन में ठहरने, खाने-पीने की मुफ्त व्यवस्था की जाए।

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