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Saturday, March 26, 2022

करनाल के जरिए कई निशाने साधेंगे कुलदीप बिश्नोई

करनाल के जरिए कई निशाने साधेंगे कुलदीप बिश्नोई

लंबी खामोशी के बाद असरदार अभियान छेड़ने के मंसूबे

जन जागरण अभियान के पीछे पूरी सोची समझी रणनीति
 करनाल :  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई कल 27 मार्च से करनाल से राज्यव्यापी जन जागरण अभियान का "आगाज" करने जा रहे हैं।
 लंबे समय से खुद को "खामोश" रखे हुए कुलदीप बिश्नोई का बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ मैदान में उतरना और जन जागरण अभियान का आगाज करनाल से करना कई "बड़े" मायने रखता है।
 कुलदीप बिश्नोई का जन जागरण अभियान पर निकलना यहां कांग्रेस के लिए "फायदेमंद" साबित होने जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हरियाणा की सियासत में भी एक "निर्णायक" दौर का की शुरुआत होने जा रही है।
करनाल के जरिए कुलदीप बिश्नोई एक तीर से कई निशाने साधने जा रहे हैं....
सीएम सिटी से आगाज क्यों??

कुलदीप बिश्नोई ने करनाल से जन जागरण अभियान की शुरुआत 2 वजह से की है-
पहल- भजनलाल का कर्म क्षेत्र
 दूसर- सीएम के खिलाफ हुंकार

कुलदीप बिश्नोई बखूबी जानते हैं कि करनाल का इस समय सबसे ज्यादा महत्व है। मुख्यमंत्री का जिला और शहर होने के कारण सरकार के ऊपर "हल्ला" बोलने के लिए करनाल से "बेहतर" दूसरी जगह नहीं हो सकती। जन विरोधी नीतियों पर मुख्यमंत्री को उसी के शहर में घेरने का प्रचार दूर तक जाता है।
 इसके अलावा करनाल भजनलाल परिवार का पुराना कर्म क्षेत्र रहा है। स्वर्गीय भजनलाल यहां से सांसद रहे थे। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई करनाल में "प्रभावशाली" एंट्री करके फिर से अपना प्रभाव क्षेत्र करनाल में जमाने के लिए जन जागरण अभियान का आगाज यहां से कर रहे हैं।
पूरे जीटी रोड पर इफैक्ट

सोनीपत से लेकर अंबाला तक जीटी रोड पर हरियाणा की सत्ता का "निर्धारण" होता है। जो भी पार्टी जीटी रोड पर जीत हासिल करती है उसकी ही सत्ता हरियाणा में आती है।
 जीटी रोड बेल्ट पर गैरजाट वोटरों का की "बहुलता" है। गैर जाट वोटरों का समर्थन अपने साथ "लामबंद" करने के लिए कुलदीप बिश्नोई को करनाल से जन जागरण अभियान शुरू करना सबसे उचित लगा।
 बात यह है कि कुलदीप बिश्नोई का जन जागरण अभियान न सिर्फ उनके "खुद" के सियासी वजूद के लिए "बड़े" मायने रखता है बल्कि इसके साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी बड़ी "अहमियत" रखता है।
कुलदीप बिश्नोई प्रदेश के वोटरों के बीच फिर से अपना बड़ा रसूख बनाने के लिए जन जागरण अभियान पर निकल रहे हैं।
 इस अभियान के जरिए वे अपने पिता के समर्थक वोटबैंक को फिर से अपने साथ "जोड़ने" की मंशा रखते हैं। जन जागरण अभियान की सफलता उनके सियासी भविष्य का "ग्राफ" तय करेगी।
 कांग्रेस के लिए भी कुलदीप बिश्नोई का जन जागरण अभियान पर निकलना "बेहद" फायदेमंद है क्योंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हरियाणा में सियासी माहौल बदला है जिसके चलते अब कांग्रेस के साथ- साथ आम आदमी पार्टी भी सत्ता की दावेदारी में "शामिल" हो गई।
 गैरजाट वोट बैंक पर पहले से ही अधिकांश तौर पर भाजपा "काबिज" हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के साथ खड़े बचे-खुचे गैरजाट वोट बैंक को पर आम आदमी पार्टी से बचाने का काम कुलदीप विश्नोई सबसे ज्यादा कर सकते हैं।
 आम आदमी पार्टी के "बढ़ते" ग्राफ को रोकने का काम भी "सिर्फ" कुलदीप बिश्नोई ही कर सकते हैं।
इस तरह से कुलदीप बिश्नोई का जन जागरण अभियान हरियाणा की सियासत में निर्णायक साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि कुलदीप बिश्नोई के जन जागरण अभियान को कितनी सफलता मिलती है और वह इसका हरियाणा के सियासत पर कितना बड़ा असर पड़ता है।

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