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Thursday, March 24, 2022

सीएम के आश्वासन पर भी पुराने वाहन वैध नहीं

दोहरे आदेशों-निर्देशों का असमंजस:

सीएम के आश्वासन पर भी पुराने वाहन वैध नहीं,

 पुलिस कर रही चालान... क्योंकि सरकार के लिखित आदेश नहीं

जिले में 175 पुराने वाहन जब्त किए जा चुके
रेवाड़ी : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सीएम मनोहर लाल खट्‌टर के आश्वासन के बावजूद वैध नहीं है। रेवाड़ी भी एनसीआर में शामिल हैं। यहां पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों को अवैध मानते हुए कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों का तर्क है कि राज्य सरकार की ओर से इन वाहनों को छूट दिए जाने को लेकर उनके पास किसी तरह की लिखित निर्देश नहीं है। इसलिए ये वाहन इंपाउंड किए जाते रहेंगे। अभी तक करीब 175 वाहन जब्त किए जा चुके हैं। इधर, सरल केंद्र स्थिति रजिस्ट्रेशन ब्रांच से भी वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी की जा रही है।

लोग दूसरे राज्यों में वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए इस एनओसी की डिमांड कर रहे हैं। तमाम बातों पर गौर करें तो अभी तक वाहन मालिकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीएम ने मौखिक बयान तो दिया, मगर इस बारे में परिवहन विभाग की ओर से किसी प्रकार का पत्राचार एनसीआर में शामिल जिलों के साथ नहीं किया गया है।
*कबाड़ हो जाएंगे वाहन, बेचने की सलाह*

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का हवाला देते हुए परिवहन विभाग ने निर्देश दिए थे कि दिल्ली-एनसीआर में शामिल जिलों में पुराने वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जो 10 व 15 साल की अवधि को पूरा कर चुके हैं उन्हें डी-रजिस्टर्ड (वि-पंजीकृत) कर दिया गया है। अब जिन वाहनों की आयु सीमा नजदीक है उनके लिए निर्देश जारी किए कि वे अपने वाहनों को एनसीआर से बाहर के किसी जिले में बेच दें या वहां रजिस्ट्रेशन करा लें।

यदि वाहनों का बाहर पंजीकरण नहीं कराया जाता है तो वे 10 व 15 साल की अवधि पूरी होते ही ऑटोमेटिक ही डी-रजिस्ट्रेशन की श्रेणी में आ जाएंगे। इसके लिए 3 मार्च 2022 तक का समय दिया गया। इस तिथि के बाद ये सभी वाहन डी-रजिस्टर्ड (वि-पंजीकृत) हो जाएंगे। यानी पुराने वाहन खुद ही कबाड़ हो जाएंगे। फिर इन्हें सड़क पर नहीं उतारा जा सकेगा। यदि पुलिस पकड़ती है इन वाहनों को जब्त कर लेगी।

*सिर्फ गुड़गांव में बैन की बात कही, मगर रेवाड़ी में कार्रवाई*

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के चलते दिल्ली-एनसीआर में शामिल जिलों में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। बढ़ते प्रदूषण के चलते ये आदेश जारी किए गए थे। इन आदेशों से 10-15 वर्ष की तय अवधि पार कर चुके हजारों वाहनों के कंडम होने की नौबत आ गई।

इस पर पिछले दिनों सीएम से पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने बयान में कहा कि फिलहाल राज्य में सिर्फ गुड़गांव में ये वाहन प्रतिबंधित होंगे, जबकि एनसीआर में आने वाले बाकी जिलों में फिलहाल छूट रहेगी। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस द्वारा सख्ती की जा रही है।
*एनजीटी के आदेशानुसार कार्रवाई कर रहे : एसएचओ*

ट्रैफिक एसएचओ रामानंद का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन प्रतिबंधित हैं। आदेशों को मानते हुए हम ऐसे वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इन वाहनों के प्रतिबंधित नहीं होने या कार्रवाई नहीं करने के संबंध कोई लिखित आदेश नहीं है।

*लिखित आदेश नहीं आए हैं : एसडीएम*

रेवाड़ी एसडीएम सिद्धार्थ दहिया का कहना है कि राज्य सरकार से इस बारे में कोई लिखित आदेश नहीं आए हैं। जैसे आदेश आएंगे उनकी पालना की जाएगी। फिलहाल वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए एनओसी दी जा रही है।

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