ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने से पहले सरकारी स्कूलों में पहुंच जाएंगी नई पुस्तकें
जींद : गर्मियों की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से स्कूल खुलने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक स्कूलों में किताबें नहीं पहंची हैं। शिक्षा अधिकारियों की मानें तो जून माह के अंत तक स्कूलों में किताबें पहुंच जाएंगी। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से पत्र जारी कर स्कूल शाम पांच बजे तक खुला रखने के आदेश जारी किए हैं। राजकीय स्कूलों में किताबों की आपूर्ति करने के लिए परियोजना परिषद ने योजना बनाई है। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने से पहले हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए नई पुस्तकें पहुंचने की संभावना है। जैसे ही विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचने शुरू होंगे तो किताबें भी बंटनी शुरू हो जाएगी। जो पुस्तकें मार्च और अप्रैल में स्कूलों में पहुंच जानी चाहिए थी वह जून के अंतिम सप्ताह में आ रही हैं। अभी भी पुस्तकें आने व स्कूलों में बांटने में करीब एक सप्ताह से ज्यादा का समय लग जाएगा। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने से पहले हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए नई पुस्तकें पहुंचने की संभावना है। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार अभी कई दिन शेड्यूल बनाने और जारी करने में लग जाएंगे। इसके बाद स्कूलों में पुस्तकें प्रकाशकों के माध्यम से भेजी जाएंगी। हालांकि शिक्षा विभाग के निर्देश पर स्कूल प्रभारियों ने पुस्तकें नहीं पहुंचने पर अपने स्तर पर पढ़ाई पूरी करवाने का प्रयास किया था। अधिकतर स्कूलों में पुरानी बची हुई कुछ पुस्तकें व कक्षा पास कर चुके छात्रों से पुस्तकें लेकर कक्षा में आने वाले नए छात्रों में बांटी गई थी, लेकिन सभी छात्रों को पुस्तकें नहीं बांटी जा सकी थीं। अब स्कूल खुलने पर जुलाई में पुस्तकें बांटी जाएंगी।
*पुरानी पुस्तकों से काम चला रहे थे शिक्षक*
शिक्षकों की मानें तो सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मुफ्त पुस्तकें दी जाती हैं। स्कूलों में पुस्तकें नहीं होने का मुद्दा शिक्षक भी कई बार उठा चुके थेए लेकिन विभाग, प्रकाशक या अन्य कारण से पुस्तकें देरी से पहुंच रही है। अब देरी से पुस्तकें आई हैं तो और मेहनत से ज्यादा पढ़ाई करवाई जाएगी ताकि विद्यार्थियों की पिछली कमी को पूरा किया जा सके। खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार जैन ने बताया कि स्कूलों में एक सप्ताह के अंदर पुस्तकें पहुंचाने की संभावना है। प्रकाशक अपने रूट के अनुसार शेड्यूल बनाकर भेजेंगे। उसके बाद सभी संबंधित खंडों के अनुसार स्कूलों में अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूल शाम पांच बजे तक खुले रखे जाएं क्योंकि किस स्कूल में किताबों की सप्लाई किस समय होगी इसका अंदाजा नहीं है। इसको लेकर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए।
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