हरियाणा में कॉलेज छोड़कर खाली बैठे युवाओं का लगाएंगे पता, सरकार दिलाएगी ट्रेनिंग|
हरियाणा के कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं को समाज सेवा के लिए भी नंबर मिलेंगे। हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग ने ड्रॉपआउट युवाओं का पता लगाने के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स की ड्यूटी लगाई है। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तहत 5 अंक दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स को यह पता लगाना होगा कि राज्य में 18 से 25 साल तक ऐसे कितने युवा हैं जो कॉलेज छोड़कर खाली बैठे हुए हैं।
क्यों लिया गया फैसला
हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग को सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में कॉलेज ड्रॉपआउट युवाओं का डाटा एकत्र किया जाए। दरअसल सरकार चाहती है कि राज्य में कॉलेज छोड़ के घर बैठे युवाओं को वापस उच्च शिक्षा से जोड़ा जाए। इसके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ऐसे राज्य में कितने युवा हैं। इसके बाद सरकार इन युवाओं को उनकी रुचि के आधार पर उन्हें रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिलाने का काम करेगी।
हरियाणा उच्च शिक्षा की ओर से कहा गया है कि स्टूडेंट्स को ये पांच अंक एनएसएस के तहत मिलेंगे। इसको समाज सेवा की श्रेणी में रखा जाएगा। सर्वे के इस काम में तेजी आ सके इसके लिए कॉलेजों, यूनिवर्सिटी को सर्वे स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। हालांकि स्कूल के प्रोफेसर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी।
प्रिंसिपल बनाएंगे डेली रिपोर्ट
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस कार्य के लिए एक वहशीपन ग्रुप बनाया जाए, जिसमें सर्वे से जुड़े सभी लोगों के नंबरों को जोड़ा जाए। इसके अलावा कॉलेज प्रिंसिपल को अपने संबंधित उच्च शिक्षा अधिकारियों को सर्वे की एक डेली रिपोर्ट बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। डीएचई यह रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे।
इस कार्य को बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा अधिकारियों और कॉलेज प्रिंसिपल को नोडल अफसर बनाया गया है। साथ ही कॉलेज में कमेटियां भी बनाई गई हैं। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रोफेसर और छात्र काम सुचारु रूप से कर सकें।
स्टूडेंट्स को मिले हैं टैबलेट
डोर टू डोर सर्वे के काम में स्टूडेंट्स को ड्रॉपआउस स्टूडेंट्स की व्यवसायिक स्थिति के साथ ही शैक्षणिक योग्यता की जानकारी एकत्र करनी होगी। इसके लिए विभाग की ओर से छात्रों और शिक्षकों को टैबलेट दिए गए हैं। इस टैबलेट में सारा डाटा सर्वे के कार्य में लगे लोगों को अपलोड करना होगा, जिसे परिवार पहचान पत्र (PPP) पर टैग किया जाएगा।
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