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Friday, May 26, 2023

*गरीबी की जांच:पीपीपी वेरिफिकेशन के बावजूद सूची में नहीं जुड़ रहा नाम, बीपीएल कार्ड बनवाने को लोग काट रहे चक्कर*

*गरीबी की जांच:पीपीपी वेरिफिकेशन के बावजूद सूची में नहीं जुड़ रहा नाम, बीपीएल कार्ड बनवाने को लोग काट रहे चक्कर*
पीपीपी वेरिफिकेशन के बावजूद सूची में नहीं जुड़ रहा नाम, बीपीएल कार्ड बनवाने को लोग काट रहे चक्कर|
डीआरडीए स्थित क्रीड कार्यालय में फैमिली आईडी की जांच कराते लोग।
परिवार पहचान पत्र में आमदनी कम कराकर अब हर किसी में गरीब बनने की होड़ सी लगी हुई है। पीपीपी वेरिफिकेशन के बावजूद बीपीएल सूची में नाम न आने से परेशान लोग खाद्य आपूर्ति विभाग व डीआरडीए स्थित क्रीड विभाग कार्यालय में पहुंच रहे हैं। हर रोज पहुंचने वाले सैकड़ों लोगों का एक ही सवाल होता है कि हमारा बीपीएल कार्ड कट गया था, जिस पर हमने फैमिली आईडी में भी सुधार करा दिया, लेकिन अब भी लिस्ट में नाम नहीं आया है। ऐसे लोगों को बताया जाता है कि अगली लिस्ट में आ जाएगा, धैर्य रखो, क्रीड आॅपरेटरों द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद लोग नहीं मान रहे हैं।


विशेष बात यह है कि इन लोगों में साधन संपन्न लोग भी शामिल हैं, लेकिन बीपीएल कार्ड बनवाने की फिराक में हैं। दिसंबर से राशन कार्ड को पीपीपी से जोड़ने के बाद जिले में 43 हजार 814 परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड कटे हैं, जबकि चार माह में ही 66 हजार 181 नए कार्ड जुड़ गए हैं।

जिले में अब कुल 1 लाख 72 हजार 314 कार्डधारक हैं, जिसमें से 1 लाख 60 हजार 493 बीपीएल की श्रेणी में शामिल हैं। जनवरी में जिले में कुल 151164, फरवरी में 155252, मार्च में 157253 तथा अप्रैल में 160493 बीपीएल कार्ड का आंकड़ा पहुंचा।

*दिहाड़ी मजदूर की आय ढाई लाख दिखाई , जांच के बाद भी काट रहे चक्कर*
डीआरडीए परिसर स्थित क्रीड विभाग के पास पहुंचे ईक्कस के सतीश, रामनगर काॅलोनी निवासी बीरमती, सतप्रकाश, सोनू व प्रदीप ने बताया कि वे एक माह से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका बीपीएल सूची में नाम नहीं आया है। अमरहेड़ी रोड निवासी महिला पताशो देवी ने बताया कि फैमिली आईडी में पहले उनकी इनकम दो से ढाई लाख तक दिखाई थी।

जबकि वे दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का मुश्किल से पेट पाल रहे हैं। अब इनकम ठीक तो हो गई, लेकिन बीपीएल कार्ड नहीं बना है। खाद्य आपूर्ति विभाग कार्यालय में पहुंचे अमन कुमार व हितेश ने बीपीएल कार्ड बनाने के लिए गुहार लगाई। इस पर विभाग अधिकारियों ने बताया कि बीपीएल की सूची यहां नहीं बनती। अगर फैमिली आईडी के हिसाब से आप पात्र हैं तो स्वत: ही बीपीएल कार्ड बन जाएगा।

ये भी जानना जरूरी... मुफ्त गेहूं मिलने से गरीब परिवार को मिलती है राहत

बीपीएल कार्ड धारक को प्रति कार्ड हर माह एक किलो चीनी 13.50 रुपए प्रति किलो, पांच किलो प्रति सदस्य गेहूं फ्री मिलता है। एएवाई कार्ड धारक को हर माह 35 किलो गेहूं फ्री मिलता है। चीनी प्रति किलो बीपीएल की तर्ज पर 13.50 रुपए प्रति किलो के रेट पर मिलती है।

*पात्राें काे ज्यादा चक्कर काटने की जरूरत नहीं*

बीपीएल कार्ड कटने व नए बनवाने के लिए काफी संख्या में लोग रोजाना आफिस आ रहे हैं। जबकि परिवार पहचान पत्र में जिस भी परिवार की सालाना आमदनी 1.80 लाख से कम है तो ऑटोमैटिक बीपीएल श्रेणी में आ जाएगा। सरकार द्वारा पीपीपी के हिसाब से पात्रों की लिस्ट जारी की जा रही है। पात्र लोगों को ज्यादा चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।

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