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Tuesday, May 30, 2023

*नूंह की DEEO और 2 BEO सस्पेंड:वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी को लेकर ACS ने किया था तलब; न जाने पर हुई कार्रवाई*

*नूंह की DEEO और 2 BEO सस्पेंड:वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी को लेकर ACS ने किया था तलब; न जाने पर हुई कार्रवाई*
वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी को लेकर ACS ने किया था तलब; न जाने पर हुई कार्रवाई|
हरियाणा के शिक्षा विभाग ने नूंह जिले की जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (DEEO) एवं डाइट नगीना की प्रिंसिपल सरोज दहिया, खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) नूंह एवं प्रिंसिपल जेबीटी सेंटर फिरोजपुर नमक अब्दुल मजीद और फिरोजपुर झिरका के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) एवं प्रिंसिपल कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय इंद्रजीत सिंह मजोका को सस्पेंड कर दिया है। एक साथ तीन बड़े अधिकारियों पर गाज गिरने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

*आदेशों को किया अनदेखा*
तीनों शिक्षा अधिकारियों पर सेवा नियम रूल 5 के तहत कार्रवाई हुई है। बताया गया है कि मौलिक मुख्याध्यापक और टीजीटी अध्यापकों की वरिष्ठता को लेकर हाईकोर्ट में केस विचाराधीन है। इस मामले में इन तीनों अधिकारियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन इन्होंने इसे अनदेखा कर दिया था। इसी को लेकर इन पर सस्पेंशन की कार्रवाई हुई है। सस्पेंशन के दौरान ये जिला मुख्यालय में तैनात होंगे।

*वरिष्ठता सूची पर है विवाद*

जानकारी के अनुसार मेवात कैडर की टीजीटी/मौलिक मुख्याध्यापक की वरिष्ठता सूची जोकि 14 सितंबर 2021 में तैयार की गई थी। 1 जून 2022 के आधार पर कुछ अन्य कर्मचारियों को शामिल कर इसे फाइनल कर दिया गया था। मेवात कैडर के टीजीटी/मौलिक मुख्याध्यापक की वरिष्ठता में गड़बड़ होने को लेकर एक मौलिक मुख्याध्यापक ने वरिष्ठता सूची को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।

*हाईकोर्ट में देना है ACS को जवाब*

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से 31 मई तक इसको लेकर जवाब तलब किया था। वही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के एसीएस से यह भी पूछा था कि गलत सूची तैयार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।

*तीनों को किया था तलब*

DEO परमजीत सिंह चहल ने बताया कि हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए एसीएस ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सरोज दहिया, नूंह खंड शिक्षा अधिकारी अब्दुल मजीद और फिरोजपुर झिरका के खंड शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत सिंह मजोका को तलब किया था। एसीएस के आदेश के बाद भी कोई अधिकारी जांच में शामिल होने नहीं पहुंचा। इस पर तीनों अधिकारियों को रूल 5 के तहत सस्पेंड किया गया है।

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