निगम से 131 किलोमीटर केबल डालने की मंजूरी के बाद कंपनी का जीएसटी नंबर बंद|
प्रतिकात्मक छवि
बलदेव नगर में पेयजल लाइनों को तोड़ने के बाद फर्म पर पब्लिक हेल्थ करा चुका केस दर्ज
नगर निगम से 131.699 किलोमीटर एरिया में ऑप्टिकल फाइबर केबल डालने की परमिशन लेने के बाद फर्म का चंडीगढ़ का जीएसटी नंबर 04AAHCA 8010G1Z5 डिएक्टिवेट हो गया। इससे साफ है कि निगम में केबल डालने के लिए 1.72 करोड़ की फीस जमा कराने के बाद फर्म ने 18 प्रतिशत जीएसटी जमा नहीं कराया। अब मेयर ने मामले की जांच कराने को कहा है। एक कंपनी ने वाईफाई के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए टेलिसोनिक नेटवर्क को काम दिया।
इस नेटवर्क को ही नगर निगम ने केबल बिछाने की परमिशन दी है। इसके तहत नेटवर्क ने जब बलदेव नगर में अंडरग्राउंड केबल बिछाने का काम शुरू किया तो कई स्थानों पर पेयजल की पाइप लाइन डैमेज हो गई, जिस कारण लोगों के घरों में दूषित पेयजल की सप्लाई शुरू हो गई। इसके बाद बलदेव नगर के राकेश मेहता ने सीएम विंडो पर शिकायत लगाई तो उसके बाद पब्लिक हेल्थ ने 2 दिन पहले ही नेटवर्क के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
निगम में 1.72 करोड़ की फीस जमा कराने के बाद फर्म ने 18 प्रतिशत जीएसटी जमा नहीं कराया
इन काॅलोनियों में लगेंगे इतने पोल
सिटी की शास्त्री नगर काॅलोनी में नेटवर्क को पोल लगाने के लिए नगर निगम ने 37,579 मीटर में 1,139 पोल लगाने की परमिशन दी है, जबकि ग्रेटर कैलाश काॅलोनी में 30,970 मीटर एरिया मेंें 941 पोल लगाने की परमिशन दी है।
मथुरा चौक, जवाहर नगर, पाॅलीटेक्निक एरिया से सिविल अस्पताल और पालिका विहार के बाहरी इलाके तथा पुलिस लाइन में 18,150 मीटर में 555 पोल व कपड़ा मार्केट तथा बलदेव नगर में 45 हजार मीटर में 900 पोल लगाने की अनुमति दी है।
गैस पाइप लाइन की फाइल अभी तक गुम
सेक्टर्स में गैस पाइप लाइन डालने के लिए कंपनी ने नगर निगम से अनुमति ली थी, लेकिन अनुमति देने के बाद निगम कर्मियों ने उसमें घालमेल कर दिया। इसलिए फाइल गुम हो गई। निगम की तरफ से बाकायदा फाइल गुम होने की शिकायत दर्ज कराई गई। निगम ने कंपनी को 6 इंच तक अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालने के लिए 1.50 लाख रुपए प्रति किलोमीटर की परमिशन दी थी, जबकि 6 इंच से कम डालने के लिए 3 लाख रुपए प्रतिकिलोमीटर की परमिशन दी थी।
निगम ने कंपनी से 10 लाख की बैंक सिक्योरिटी भी ली थी, लेकिन बलदेव नगर में केबल डालने वाले नेटवर्क को निगम की तरफ से जो परमिशन दी गई है, उसमें कहीं भी राशि का जिक्र नहीं है कि कितने किलोमीटर में कितनी राशि वसूल करनी है और न ही बैंक सिक्योरिटी का जिक्र है। न ही रीस्टोरेशन खर्च का कोई जिक्र है। इसके तहत कच्ची सड़क के लिए 6 रुपए स्क्वेयर फीट तथा पक्की सड़क के लिए 10 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से लेने थे।
नदी मोहल्ले में भी लगाए पोल
नेटवर्क को नगर निगम ने कपड़ा मार्केट में पोल लगाने की अनुमति दी हुई है, लेकिन नदी मोहल्ले में भी पोल लगा दिए हैं। ये अलग बात है कि इनकी केबल फिलहाल ऊपर से ही गुजर रही है, लेकिन नगर निगम अधिकारियों ने अभी तक पोल लगाने की कोई चेकिंग नहीं की कि कहां-कहां नेटवर्क ने काम किया है।
नगर निगम ने नेटवर्क को जो परमिशन दी है, उसकी जांच कराई जाएगी कि इसमें कौन-कौन अधिकारी शामिल हैं। जो भी अधिकारी या कर्मचारी शामिल होगा, उसके विरुद्ध निदेशालय को लिखा जाएगा, क्योंकि ये बहुत गंभीर मामला है।
-शक्ति रानी शर्मा, मेयर, नगर निगम, अम्बाला।
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