एक्सपोर्ट में 30% की कमी, केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की ट्रेड एडवाइजर आ रहीं ।
पानीपत के एक्सपोर्टर कारोबार में करीब 30 प्रतिशत की कमी बता रहे हैं। कारपेट और फ्लोर कवरिंग इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति को देखते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की ट्रेड एडवाइजर शुभ्रा 9 जून को पानीपत आ रही हैं। इस दौरान वह एक्सपोर्ट कम होने का कारण और उसका समाधान पूछेंगी। साथ ही केंद्र सरकार का साल 2030 में 3 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट करने के लक्ष्य पर भी चर्चा होगी।
द पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले होने वाली बैठक के बारे में एक्सपोर्टर व इसके चेयरमैन ललित गोयल ने कहा कि कारोबार को लेकर सरकार चिंतित है, क्योंकि 2030 का बड़ा मिशन सामने है। ट्रेड एडवाइजर के सामने हम अपनी समस्याओं के साथ ही समाधान भी रखंेंगे। वहीं, यंग एंटरप्रन्योर सोसायटी के चेयरमैन एक्सपोर्टर रमन छाबड़ा ने कहा कि सरकार को 2030 में 3 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट के लक्ष्य को छूने के लिए बहुत से कदम उठाने होंगे।
समाधान : पीएलआई का लाभ प्रॉडक्ट को मिले
एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने कहा कि अभी सरकार पीएलआई-2 (प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव) स्कीम लाने जा रही है। इसमें पानीपत के प्रॉडक्ट को इनसेंटिव नहीं मिल रही है। ट्रेड एडवाइजर से यहां के प्रॉडक्ट को भी स्कीम में शामिल करने की मांग करेंगे। ताकि इंडस्ट्री को इनसेंटिव मिले।
छोटे टेक्सटाइल पार्क को सहूलियत दे सरकार
एक्सपोर्टर व यस के चेयरमैन रमन छाबड़ा ने कहा कि पानीपत में छोटे टेक्सटाइल पार्क बनाने और उसे सहूलियत देने की सरकार से मांग करेंगे। चीन ने ऐसा करके ही तो इंडस्ट्री में क्रांति की है। छाबड़ा ने कहा कि पार्क बनने से एक ही जगह पर रॉ मटीरियल से लेकर फाइल प्रॉडक्ट बनेगा। इससे इंडस्ट्री में क्रांति आ जाएगी।
अमेरिका में मंदी और यूरोप में युद्ध : रमन छाबड़ा
एक्सपोर्टर रमन छाबड़ा ने कहा कि इसका सीधा सा हिसाब है। पानीपत का 20 हजार करोड़ का जो एक्सपोर्टर है, उसमें 10 हजार करोड़ सीधे अमेरिका से है। वहीं, यूरोपीय देश- जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड, यूक्रेन आदि से 6 करोड़ रुपए कारोबार है। अमेरिका में मंदी और यूरोप में युद्ध के कारण एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है।
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