फसल खराब मुआवजा नहीं दिया; कंज्यूमर कमीशन ने ब्याज समेत लौटाने को कहा|*
जींद में मालसरी खेड़ा गांव के 2 किसानों को खराब फसल का बीमा कंपनी ने मुआवजा नहीं दिया तो कंज्यूमर कमीशन ने 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 4.15 लाख रुपए देने के आदेश दिए। किसानों को केस का खर्च और हर्जाना भी दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, मालसरी खेड़ा गांव के किसान पाले राम ने साल 2018 में अपनी धान की फसल का बीमा करवाया था। इसके लिए उसके खाते से 16 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उसकी धान की फसल के बीमे के लिए 6306 रुपए की प्रीमियम राशि HDFC बैंक के खाते से काटी गई थी। धान की फसल को भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ। कृषि विभाग ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में नुकसान की पुष्टि की थी।
इंश्योरेंस कंपनी ब्याज के साथ हर्जाना भरेगी
अपनी धान की फसल को हुए नुकसान के लिए उसने SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे की मांग की तो मुआवजा देने से मना कर दिया गया। इस पर किसान पाले राम ने जिला कंज्यूमर कमीशन के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाई। कमीशन के चेयरमैन एके सरदाना और दो अन्य सदस्यों ने पाले राम की शिकायत की सुनवाई के लिए सभी पक्षों को बुलाया और अंत में फैसला दिया कि किसान पाले राम ने अपनी फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करवाया।
इसके लिए उसके खाते से प्रीमियम के रूप में 6306 रुपए की राशि काट ली गई। अब SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी पालेराम को 254800 रुपए की राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ देगी।
दूसरे किसान को 1.71 लाख देने के आदेश
कमीशन ने इसी तरह के एक मामले में मालसरी खेड़ा गांव के ही जितेंद्र को साल 2018 में भारी बारिश से लगभग 5 एकड़ जमीन में खड़ी धान की फसल को नुकसान हुआ। इस फसल का उसने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हुआ था । बीमा कंपनी ने किसान जितेंद्र को उसकी खराब हुई फसल के मुआवजे की राशि देने से मना कर दिया। कमीशन ने बीमा कंपनी को आदेश दिए हैं कि जितेंद्र को उसकी धान की खराब हुई फसल के मुआवजे के रूप में 171416 की राशि दे। इस पर 12 प्रतिशत ब्याज भी दिया जाए।
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