हरियाणा में रेवाड़ी के गांव प्रागपुरा में शराब का ठेका खुलने से ग्रामीण परेशान हैं। दशकों से इस गांव में शराब ठेके के विरोध में पंचायत प्रस्ताव पास करके देती आ रही है, लेकिन इस बार पंचायत का चार्ज BDPO के पास होने के कारण प्रस्ताव पास करने में देरी हुई और आबकारी विभाग की सूची में शराब ठेके की लोकेशन प्रागपुरा भी डल गई।
सोमवार को इसके विरोध में सरपंच सहित अन्य ग्रामीण डीसी से मिलने पहुंचे और शराब ठेका न खुलवाने की मांग की।
गांव में बनी हुई है परंपरा
बावल कस्बा में पड़ने वाले गांव प्रागपुरा के ग्रामीण बड़ी संख्या में सरपंच अमरसिंह के नेतृत्व में सोमवार को जिला सचिवालय पहुंचे। यहां डीसी इमरान रजा से मुलाकात करते हुए उन्हें एक मांग पत्र भी सौंपा।
जिसमें बताया कि उनके गांव में शराब का ठेका नहीं खुलने की परंपरा काफी सालों से चली आ रही है। आज तक उनके गांव की सीमा में शराब का ठेका नहीं खुला है। पिछली पंचायतें हर साल पंचायत में एक प्रस्ताव पास कर आबकारी एवं कराधान विभाग को ठेका छूटने से पहले ही पहुंचा देती थी।
बीडीपीओ के पास था चार्ज
ग्रामीण बीर सिंह, जीतू, रामकिशन, ख्यालीराम, सुरेन्द्र सिंह, गंगाराम आदि ने बताया कि पिछले 2 साल से उनकी पंचायत का चार्ज खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के पास था। जिसकी वजह से पंचायत इस बार ठेका नहीं खोलने का प्रस्ताव समय पर विभाग को नहीं दे पाई।
जिसके चलते विभाग ने उनके गांव का नाम उस लिस्ट में डाल दिया है, जिसमें शराब के ठेके खुलने हैं। जैसे ही गांव के लोगों को पता चला कि शराब ठेकेदार गांव में ठेका खोलने वाला है तो वे विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचे। लेकिन लिस्ट में नाम होने की वजह से उनकी वहां सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों द्वारा डीसी को सौंपा गया ज्ञापन।
उसके बाद सोमवार को डीसी से मुलाकात की और उनके गांव में ठेका नहीं खोलने की मांग की गई। साथ ही डीसी को बताया कि उनके गांव की सीमा में शराब ठेका नहीं खोलने की परंपरा है, जिसे बरकरार रखा जाना चाहिए।
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