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Tuesday, June 13, 2023

*टेंडर खत्म होने से स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीनें बंद:5 रुपए में 1 लीटर पानी मिलता था, अब ‌20 रुपए में बाेतल खरीदनी पड़ रही*

*टेंडर खत्म होने से स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीनें बंद:5 रुपए में 1 लीटर पानी मिलता था, अब ‌20 रुपए में बाेतल खरीदनी पड़ रही*
5 रुपए में 1 लीटर पानी मिलता था, अब ‌20 रुपए में बाेतल खरीदनी पड़ रही|
अम्बाला। कैंट रेलवे स्टेशन पर बंद पड़ी वाटर वेंडिंग मशीन।
2015 में शुरू हुई थी याेजना - स्टेशन पर लगी 9 मशीनें 6 माह से धूल फांक रहीं, एक ही कपंनी के पास था पूरे मंडल का टेंडर
7 साल पहले यात्रियाें को सस्ता व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आईआरसीटीसी ने अम्बाला डिवीजन में वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई थी। इन मशीनों के जरिए रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक से यात्रियाें काे शुद्ध जल मिलता था, जिसका केवल कैंट स्टेशन पर ही 30 हजार से अधिक यात्रियों को लाभ होता था।

पिछले साल नवंबर में इसका टेंडर खत्म हो गया, तब से कैंट स्टेशन पर लगी 9 मशीनों के साथ पूरे अम्बाला मंडल की मशीनें धूल फांक रही हैं। एक ही कपंनी के पास टेंडर होने से पूरा मंडल इससे प्रभावित है। यात्री पानी के लिए बोतल लेकर पहुंचते हैं, लेकिन मशीन बंद होने के कारण निराश होकर लौट जाते हैं। वहीं, रेलवे प्रशासन की तरफ से मशीनों का रखरखाव न हाेने से इनकी हालत जर्जर हाे गई है।

सीनियर डीसीएम नवीन ने बताया कि निकट भविष्य में आईआरसीटीसी मंडल को ये मशीनें सौंप सकता है, अगर ऐसा नहीं हाेता तो इन्हें बंद भी किया जा सकता है। यात्री अंशुमन बताते हैं कि यात्रियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मशीनें तो लगा दी, लेकिन चालू एक भी नहीं है।

इस कारण उन्हें 20 रुपए में पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। वाटर वेंडिंग मशीन से यात्रियों को 1 रुपए में 300 मिली लीटर, 3 रुपए में आधा लीटर, 5 रुपए में 1 लीटर और 20 रुपए में 5 लीटर आरओ का पानी मिलता था।

25 दुकानों से रोजाना 3 हजार बोतलें बिक रही
वाटर वेंडिंग मशीन न चलने के कारण यात्रियाें को मजबूरन पानी की बाेतल खरीदनी पड़ रही है। वेंडर पवन के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर 25 दुकानें हैं। एक दुकान से औसतन पानी की 120 बोतलें िबक जाती हैं। यानी 25 दुकानों से रोजाना 3 हजार बोतलें बिक रही हैं, जिन्हें यात्री एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं, जो सीधा कचरे के ढेर में जाती हैं।

ये था मकसद
प्रतिदिन लाखाें निम्न मध्यम वर्ग के लाेग रेलवे से यात्रा करते हैं, जिनके लिए 1 लीटर पानी के 20 रुपए खर्च करना आसान नहीं हाेता। उनकी सहुलियत के लिए सरकार ये याेजना लेकर आई थी, ताकि कम दाम पर लाेगाें काे शुद्ध पेयजल मिल सके।

इधर, रेलवे की आमदनी व अपना टीए बढ़ाने के चक्कर में प्लेटफार्म पर टिकटें काट रहे टीटी

अम्बाला मंडल के डायरेक्टर बोले- अपने स्तर पर जांच कर रहे, हाजिरी भी चेक की जा रही
रेलवे की आमदनी व अपना टीए (ट्रैवलिंग अलाउंस) बढ़ाने के चक्कर में रेलवे के टीटी ट्रेनों में टिकटें काटने की बजाए कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़े होकर टिकटें काटने में लगे हैं। टीए भी एक महीने के वेतन के बराबर इकट्ठा हो रहा है। करीब 50 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पाने वाले टीटी हर महीने रेलवे से करीब 1 लाख रुपए तक ले जाते हैं।

बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर ड्यूटी दी जा रही है। अम्बाला रेल मंडल के डायरेक्टर शिवपाल का कहना है कि कुछ दिन पहले शिकायत आने के बाद से वह स्वयं नजर रख रहे हैं। हालांकि इससे पहले कई बार ऐसी शिकायत आ चुकी हैं।

शिकायत ये भी मिली कि एक ही टीटी अन्य की भी हाजिरी तक लगा रहा है। ट्रेनों पर टीटी न जाकर प्लेटफार्म पर ही टिकटें काट रहे हैं और ट्रैवलिंग अलाउंस ले रहे हैं। बताया कि कुछ दिन पहले इसकी शिकायत मिलने के बाद से वह लगातार नजर रख रहे हैं और हाजिरी रजिस्टर व कंप्यूटर पर जहां हाजिरी लगती है, चेक किया जा रहा है।

हालांकि अभी तक जांच में यही सामने आया कि ट्रेनों में अधिकतर यात्रियों के पास टिकट होती है। ऐसे में टीटी ज्यादा टिकट नहीं काट पाते। जिसके चलते यहां पर खड़े रहकर टिकटें काट रहे हैं।

यूपी-बिहार वाले टारगेट पर
टीटी अधिकतर यूपी-बिहार वालों को ही टारगेट कर रहे हैं। टीटी टिकट विंडो के पास खड़े होकर इन लोगों को विंडों के बाहर लाइन में न लगकर रिजर्वेशन टिकट का लालच देकर उनकी रिजर्वेशन कर रहे हैं, जबकि स्टेशन पर रिजर्वेशन काउंटर अलग से बना है।

शनिवार को भी आम्रपाली एक्सप्रेस में जयनगर के लिए सफर करने वाले रामकुमार, अनिल, राजू व कृष्ण ने बताया कि टिकट विंडो के बाहर खड़ी महिला टीटी ने उनसे 950 रुपए 4 टिकट के रिजर्वेशन के नाम पर लिए।

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